शुक्रवार, 11 जुलाई 2025

बिजली का झटका: कटनी में बढ़े बिल और घटी सप्लाई, स्मार्ट मीटर पर उठे सवाल!

कटनी। कटनी में बिजली उपभोक्ताओं की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक, बिजली के बिलों में बेहिसाब बढ़ोतरी देखी जा रही है, वहीं बिजली आपूर्ति में भारी कटौती ने लोगों को त्रस्त कर दिया है।

उपभोक्ताओं का सीधा आरोप है कि जब से स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं, बिजली के बिल दो से तीन गुना तक बढ़ गए हैं। स्थिति यह है कि हल्की बारिश होने पर भी घंटों बिजली गुल रहती है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो रहा है।

मेंटेनेंस के नाम पर दिनभर की कटौती और बारिश में पूरा दिन अंधेरा रहने से बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ व्यापारियों का कामकाज भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। एक स्थानीय नागरिक ने अपनी परेशानी साझा करते हुए कहा, "पहले मीटर के समय जितनी यूनिट खर्च होती थी, उसका बिल आता था। अब तो मीटर तेजी से भाग रहा है, लेकिन बिजली फिर भी पूरी नहीं मिल रही।"

कटनी की जनता ने बिजली विभाग पर लापरवाही और मनमानी का आरोप लगाया है। वे इस गंभीर मुद्दे पर तत्काल सुनवाई और समाधान की मांग कर रहे हैं ताकि उन्हें बिजली के बढ़े हुए बिलों और अनियमित आपूर्ति से राहत मिल सके।

जनता का सवाल: आखिर कहाँ हैं जनप्रतिनिधि और सुनवाई करने वाले?

बिजली की इस गंभीर समस्या से जूझ रही कटनी की जनता अब यह सवाल उठा रही है कि इस विकट स्थिति में उनके चुने हुए जनप्रतिनिधि कहाँ हैं? उपभोक्ता जानना चाहते हैं कि उनकी समस्याओं को सुनने और उनका समाधान करने की जिम्मेदारी निभाने वाले आखिर क्यों चुप्पी साधे हुए हैं? जनता की मांग है कि जनप्रतिनिधि इस मुद्दे को गंभीरता से लें और बिजली विभाग पर जवाबदेही तय करें, ताकि उन्हें इस "बिजली के झटके" से जल्द से जल्द निजात मिल सके।


हत्या कर हाथ-पैर बांधकर फेंका था युवक का शव, मर्ग जांच में खुला राज , हत्या का प्रकरण दर्ज कर केस डायरी माधवनगर थाना को सौंपी

कटनी, 11 जुलाई। निवार रेलवे स्टेशन के पास 12 जून की रात युवक का क्षत-विक्षत शव ट्रैक पर मिला था, जिसे हादसा मानने की आशंका अब पूरी तरह खारिज हो चुकी है। जीआरपी की मर्ग जांच में पुष्टि हुई है कि युवक की बेरहमी से हत्या कर उसके हाथ-पैर बांध दिए गए और फिर शव को रेल ट्रैक पर फेंक दिया गया था।

अब जीआरपी ने हत्या का प्रकरण दर्ज कर केस डायरी माधवनगर थाना को सौंप दी है, जो अब हत्यारों की तलाश में जुटेगी।

एक माह पुरानी है वारदात, हत्या का शक अब साफ

यह सनसनीखेज मामला 12 जून की रात लगभग 2 बजे सामने आया, जब निवार स्टेशन से करीब एक किलोमीटर दूर जबलपुर रेलमार्ग पर एक शव की सूचना पुलिस को मिली। मौके पर पहुंची टीम ने करीब एक घंटे तक ट्रैक पर चलकर क्षत-विक्षत शव को ढूंढा। हाथ-पैर रस्सी से बंधे होने के कारण शुरू से ही हत्या की आशंका जताई जा रही थी।

मृतक की पहचान ग्राम घुघरा निवासी सुनील प्यासी (35) के रूप में हुई।
परिजनों ने बताया कि सुनील 12 जून को शाम करीब 4 बजे ट्रैक्टर लेकर घर से निकला था, लेकिन रातभर कोई संपर्क नहीं हो पाया। देर रात पुलिस ने परिजनों को शव मिलने की सूचना दी।

घटना रेलवे ट्रैक पर नहीं, गांव में शुरू हुआ था विवाद

मर्ग जांच में सामने आया है कि हत्या की नींव रेलवे ट्रैक क्षेत्र से पहले घुघरा गांव में ही रखी गई थी, जहां किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। इसके बाद युवक की हत्या कर उसका शव रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया गया ताकि यह दुर्घटना लगे।

जीआरपी ने मामला गंभीरता से लेते हुए शून्य पर हत्या का प्रकरण दर्ज किया और साक्ष्य संकलित कर अपराध डायरी माधवनगर थाना को सौंप दी है। अब इस मामले की आगे की जांच माधवनगर पुलिस करेगी।


बरही में महिला की हत्या करने वाले को आजीवन कारावास , चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश ने सुनाया फैसला

कटनी - बरही थाना क्षेत्र में एक महिला की हत्या कर शव झाड़ियों में फेंकने वाले आरोपी भैय्यालाल उर्फ नीरज पाल को माननीय चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कटनी ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी को धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास और 1000 रुपये जुर्माना, वहीं धारा 201 में तीन साल सश्रम कारावास व 500 रुपये जुर्माना भी दिया गया। मामले में पैरवी विशेष लोक अभियोजक/सहायक निदेशक अभियोजन श्री रामनरेश गिरि द्वारा की गई।

दिनांक 7 दिसंबर 2021 को बरही क्षेत्र के कब्रिस्तान के पास झाड़ियों में एक अज्ञात महिला का शव मिलने की सूचना मिली थी। शव करीब 22-25 वर्षीया महिला का था और उसके कपड़े थोड़ी दूरी पर पड़े थे। मोहम्मद शकूर द्वारा दी गई सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मर्ग क्रमांक 129/21 दर्ज कर जांच शुरू की गई।

मामले की गहन जांच निरीक्षक संदीप अयाची द्वारा की गई। मृतका की पहचान सीमा पाल के रूप में हुई, जिसकी पुष्टि पिता रामसिया पाल ने की। बाद में आरोपी भैय्यालाल उर्फ नीरज पाल को पुलिस ने गिरफ्तार कर घटना के समय पहने कपड़े, मोबाइल सहित अन्य सामान बरामद किया।

पुलिस ने सीडीआर व मोबाइल लोकेशन, डीएनए रिपोर्ट, और गवाहों के बयान के आधार पर आरोपी के खिलाफ सशक्त साक्ष्य न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किए। वैज्ञानिक व तकनीकी साक्ष्यों से यह सिद्ध हो गया कि आरोपी ने महिला की हत्या कर सबूत मिटाने की कोशिश की थी।

विशेष लोक अभियोजक द्वारा प्रस्तुत तर्कों और साक्ष्यों से सहमत होते हुए माननीय न्यायालय ने आरोपी को दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इस मामले में थाना बरही, विवेचक, पुलिस अधीक्षक और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के समन्वय व तेजी से कार्यवाही करने पर न्यायालय ने भी संतोष व्यक्त किया।


SP कटनी ने दिखाई सख्ती, ड्यूटी में लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त , न्यायालय से फरार आरोपी के मामले में आरक्षक की वेतनवृद्धि रोकी

कटनी, 11 जुलाई। ढीमरखेड़ा न्यायालय परिसर से पेशी के दौरान एक आरोपी के फरार हो जाने की घटना पुलिस विभाग के लिए भारी पड़ गई। मामले में ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर कटनी पुलिस अधीक्षक अभिनय विश्वकर्मा ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए आरक्षक कमोद कोल की एक वर्ष की वेतनवृद्धि रोक दी है।

यह मामला थाना ढीमरखेड़ा के अपराध क्रमांक 155/25 से जुड़ा है। आरोपी बल्लू सिंह पिता श्यामले सिंह, निवासी ढीमरखेड़ा, पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराएं 296, 115(2), 118(1), 118(2), 351(3) व 25 आर्म्स एक्ट के तहत  मामला दर्ज था।आरोपी को 22 जून 2025 को न्यायालय में पेश किया गया था, लेकिन वह आरक्षक को चकमा देकर फरार हो गया।

घटना के बाद मामले की विभागीय जांच करवाई गई, जिसमें आरक्षक कमोद कोल की ड्यूटी में स्पष्ट लापरवाही सामने आई। जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस अधीक्षक ने कड़ी कार्रवाई करते हुए आरक्षक की एक साल की वेतनवृद्धि रोके जाने का आदेश जारी किया है।

“पुलिस विभाग में अनुशासन सर्वोपरि है। ड्यूटी में किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

यह घटना एक बार फिर पुलिस विभाग में जवाबदेही और सतर्कता की आवश्यकता को उजागर करती है, खासकर उन परिस्थितियों में जब न्यायिक प्रक्रियाएं प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होती हैं।


👉 कटनी - "भाजपा का महापौर, भाजपा का पार्षद और भाजपा के आधीन नगर निगम.. फिर भी जलभराव और गंदे नाले के पानी से जाम सड़कों में फंस रहे स्कूली बच्चे!"

कटनी - शहर में एक बार फिर नगर निगम की लापरवाही सामने आई है। बारिश क्या हुई, जोबियल पब्लिक स्कूल के सामने संतनगर कॉलोनी की सड़कें नालों में तब्दील हो गईं। कीचड़, बदबू और गंदे पानी में से होकर स्कूली बच्चों को गुजरना पड़ रहा है।

कटनी नगर निगम पर सत्ताधारी भाजपा का कब्ज़ा है — महापौर भाजपा से, पार्षद भाजपा से... बावजूद इसके नगर निगम की नालों की सफाई व्यवस्था बुरी तरह फेल हो गई है।

जोबियल पब्लिक स्कूल के सामने संतनगर कॉलोनी की सड़कों पर गंदे नालों का पानी बह रहा है। कॉलोनी तालाब बन गई है और स्कूली बच्चे पानी में जूझते हुए स्कूल पहुँचने को मजबूर हैं।

स्थानीय रहवासी बताते हैं कि कई बार शिकायत करने के बाद भी न तो सफाई हुई, न ही कोई जिम्मेदार अधिकारी मौके पर पहुंचा।

लोगों का कहना है कि

> “बच्चे स्कूल से लौटते हैं तो जूते उतारकर पैदल पानी पार करना पड़ता है। कई बार बच्चे गिर भी चुके हैं, पर नगर निगम को कोई फर्क नहीं पड़ता।”

यह दृश्य न सिर्फ असुविधा का प्रतीक है, बल्कि नगर निगम की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।

स्थानीयों की मांग:

रहवासियों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही जलनिकासी की व्यवस्था नहीं की गई और नालों की सफाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन करेंगे।

भाजपा शासित नगर निगम में व्यवस्था की पोल खुल चुकी है। सवाल यह है कि जब हर स्तर पर भाजपा का प्रतिनिधि मौजूद है, फिर शहर की सड़कों पर यह बदहाली क्यों?

गुरुवार, 10 जुलाई 2025

"कांवड़ में भक्ति और दिल में सपना: राहुल की प्रेमिका बने IPS, इसी कामना में उठाया 121 लीटर गंगाजल"

बागपत। सावन में शिवभक्ति और प्रेम का ऐसा संगम बहुत कम देखने को मिलता है। उत्तर प्रदेश के बड़ौत-मुजफ्फरनगर कांवड़ मार्ग पर इस बार एक अनोखी श्रद्धा और प्रेम की कहानी सबका ध्यान खींच रही है। दिल्ली के नरेला निवासी शिवभक्त राहुल कुमार ने हरिद्वार से 121 लीटर गंगाजल की कांवड़ उठाई है — वह भी एक खास संकल्प के साथ।

राहुल खुद इंटर पास हैं, लेकिन उन्होंने संकल्प लिया है कि जब तक उनकी प्रेमिका IPS अधिकारी नहीं बनती, वह हर साल कांवड़ लाते रहेंगे। राहुल की प्रेमिका फिलहाल इंटरमीडिएट पास कर चुकी है और सिविल सेवा की तैयारी कर रही है।

राहुल की यह चौथी कांवड़ यात्रा है। इससे पहले वह 101 लीटर की कांवड़ ला चुके हैं। इस बार उन्होंने प्रेमिका की सफलता की कामना करते हुए 121 लीटर जल उठाया है और करीब 220 किलोमीटर का कठिन सफर तय कर रहे हैं।

“शादी तभी करूंगा जब वह IPS बनेगी” – राहुल

कांवड़ यात्रा के दौरान मंगलवार को बड़ौत पहुंचे राहुल ने कहा,

> "मैं उसी दिन शादी करूंगा, जिस दिन मेरी प्रेमिका IPS बनकर निकलेगी। भोलेनाथ से यही प्रार्थना है कि उसका सपना जरूर पूरा हो।"

साथ निभा रहा है दोस्त

राहुल के इस भावनात्मक और तपस्वी सफर में उनका दोस्त नंदलाल बाइक से साथ चल रहा है। दोनों बोल बम के जयकारों के साथ आगे बढ़ रहे हैं। सावन के महीने में शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ के बीच राहुल की यह यात्रा श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणा बन गई है।

भक्ति में समर्पण और प्रेम की मिसाल

कांवड़ मार्ग पर चल रहे अन्य यात्रियों ने राहुल की भावना को खूब सराहा। उसकी भक्ति, संकल्प और प्रेम का मेल कई लोगों को प्रेरित कर रहा है। राहुल का मानना है,

> "जब मकसद पवित्र हो, तो कठिन रास्ते भी आसान लगते हैं। भोलेनाथ सब देख रहे हैं, वह जरूर कृपा करेंगे।"

बुधवार, 9 जुलाई 2025

कटनी में पासपोर्ट कार्यालय खोलने की माँग पर हाईकोर्ट सख्त , समाजसेवी दिव्यांशु मिश्रा 'अंशु ' की जनहित याचिका पर विदेश मंत्रालय समेत सभी पक्षों को नोटिस जारी

कटनी। जिले में पासपोर्ट कार्यालय खोलने की माँग को लेकर हाईकोर्ट जबलपुर में एक जनहित याचिका दायर की गई है। यह याचिका समाजसेवी दिव्यांशु मिश्रा अंशु द्वारा दाखिल की गई है, जिन्होंने कटनी को एक महत्वपूर्ण रेलवे जंक्शन, व्यापारिक केंद्र और जनसंख्या की दृष्टि से महत्वपूर्ण जिला बताते हुए यह मांग रखी है।

याचिका में कहा गया है कि कटनी सहित आसपास के जिलों के नागरिकों को पासपोर्ट बनवाने के लिए जबलपुर या रीवा जैसे दूरस्थ जिलों की यात्रा करनी पड़ती है, जिससे समय, श्रम और धन की भारी बर्बादी होती है। यह स्थिति आमजन विशेषकर छात्रों, श्रमिकों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए परेशानी का कारण बनती है।

याचिकाकर्ता की ओर से हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के जॉइंट सेक्रेटरी अधिवक्ता योगेश सोनी ने पक्ष रखा। मामले पर सुनवाई करते हुए माननीय कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने भारत सरकार, विदेश मंत्रालय एवं अन्य संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

समाजसेवी दिव्यांशु मिश्रा अंशु ने आशा जताई है कि जल्द ही कटनी को पासपोर्ट कार्यालय की सुविधा प्राप्त होगी, जिससे जिले के लाखों नागरिकों को राहत मिलेगी।

मानव अधिकार आयोग सख्त कलेक्टर से मांगा जवाब , कटनी में अधूरा पुल बना मौत का रास्ता, स्कूली बच्चों की जान रोज़ दांव पर!

कटनी - बरनमहगवा–खितौली मार्ग इन दिनों किसी निर्माण परियोजना से ज़्यादा, जीवन और मृत्यु के बीच की लड़ाई बन चुका है। बरसात के दिनों में इस अधूरे पुल के कारण नन्हे स्कूली बच्चों को हर रोज़ तेज़ बहाव और कीचड़ से भरे रास्ते को पार कर स्कूल जाना पड़ रहा है।

यह गंभीर स्थिति जब स्थानीय मीडिया की सुर्खियों में छाई, तो मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने इस मामले को मानवाधिकार उल्लंघन का प्रथम दृष्टया मामला मानते हुए स्वतः संज्ञान लिया। आयोग के कड़े रुख के बाद अब स्थानीय प्रशासन पर जवाबदेही का दबाव साफ़ दिखने लगा है।

स्थानीय मीडिया में गूंजा बच्चों का दर्द, आयोग ने तत्काल लिया संज्ञान

प्रदेश के कई स्थानीय मीडिया ने  जब यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया , तो आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष राजीव कुमार टंडन ने बच्चों की सुरक्षा और जीवन के अधिकार को गंभीरता से लेते हुए इस पर तत्काल संज्ञान लिया।

आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह मामला सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि संविधान प्रदत्त अधिकारों के उल्लंघन की श्रेणी में आता है।

 "हर रोज़ डर के साए में जीते हैं": अभिभावकों की पीड़ा, तंत्र पर सवाल

स्थानीय अभिभावकों का कहना है कि पुल निर्माण का कार्य वर्षों से अधूरा पड़ा है, और वर्तमान में उसकी रफ्तार इतनी धीमी है कि इसका पूर्ण होना दूर की बात लगती है।

एक ग्रामीण अभिभावक की भावुक प्रतिक्रिया रही,

> “बच्चों को स्कूल भेजते हुए दिल बैठ जाता है... पानी का बहाव तेज होता है, रास्ता दलदली हो चुका है, और कोई सुरक्षा नहीं है।”

यह स्थिति बच्चों के Right to Life and Education के सीधे हनन की श्रेणी में आती है।

 आयोग ने मांगा जवाब: कलेक्टर को एक माह में देना होगा प्रतिवेदन

आयोग ने इस मामले में कटनी कलेक्टर से अगले बत्तीस दिनों के भीतर विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा है। आयोग द्वारा पूछे गए प्रमुख प्रश्नों में शामिल हैं:

पुल निर्माण की वर्तमान प्रगति और तय समयसीमा

अब तक हुए विलंब के तकनीकी या प्रशासनिक कारण

बच्चों व ग्रामीणों की सुरक्षा हेतु की गई वैकल्पिक व्यवस्थाएं

 

- प्रशासन पर बढ़ा दबाव, ग्रामीणों में उबाल

मानवाधिकार आयोग के संज्ञान के बाद, प्रशासन के लिए अब कार्रवाई से बचना कठिन होता जा रहा है। ग्रामीणों में सरकार और ठेकेदार की अनदेखी को लेकर गहरा आक्रोश है।

ग्रामीणों का कहना है कि यदि इसी तरह देरी होती रही तो किसी दिन कोई बड़ा हादसा हो सकता है — और तब ज़िम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं होगा।

इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है:

क्या बच्चों की सुरक्षा की कीमत प्रशासनिक फाइलों में गुम होती रहेगी? या अब सरकार और प्रशासन इस संवेदनशील मुद्दे पर तत्काल व ठोस निर्णय लेकर आने वाली पीढ़ी के लिए सुरक्षित रास्ता और विश्वास का निर्माण करेंगे?

कटनी के जगन्नाथ मंदिर में ट्रस्ट की 'धार्मिक लूट' का पर्दाफाश! फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों से किया ट्रस्ट पर कब्जा, 7 के खिलाफ एफआईआर

कटनी।  ज़िले के ऐतिहासिक और श्रद्धा के प्रतीक श्री जगन्नाथ स्वामी मंदिर अब एक धार्मिक षड्यंत्र और ट्रस्ट कब्जा कांड का केंद्र बन चुका है। मंदिर ट्रस्ट से जुड़े फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों, जाली हस्ताक्षरों और ट्रस्टी पदों पर अवैध कब्ज़े का सनसनीखेज मामला सामने आया है।

न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने मंदिर के कथित अध्यक्ष, पुजारी और अन्य सदस्यों सहित 7 आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। इस पूरे घटनाक्रम ने न केवल भक्तों की आस्था को झकझोरा है, बल्कि धार्मिक संस्थाओं की पारदर्शिता पर भी गहरा सवाल खड़ा किया है।

    'कूटरचना की साजिश': ट्रस्टियों को हटाकर बनाए गए फर्ज़ी पदाधिकारी!

काफी समय से मंदिर के ट्रस्ट संचालन को लेकर कानाफूसी जारी थी, लेकिन अब आरोपों को दस्तावेजी पुष्टि मिलने लगी है। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि कुछ लोगों ने सुनियोजित तरीके से फर्जी हस्ताक्षर व नामों के सहारे खुद को ट्रस्ट का सदस्य और पदाधिकारी घोषित कर दिया।

असली ट्रस्टियों को दरकिनार कर ट्रस्ट की बागडोर हथिया ली गई, जो सीधे तौर पर एक धार्मिक संस्था की विश्वसनीयता और कानूनी वैधता पर हमला माना जा रहा है।

 कोर्ट का सख्त रुख: पुलिस को दिए एफआईआर दर्ज करने के आदेश

शिकायतों और साक्ष्यों को गंभीरता से लेते हुए स्थानीय न्यायालय ने प्राथमिक तौर पर इसे आपराधिक षड्यंत्र मानते हुए पुलिस को तत्काल एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए।

यह फैसला न्यायपालिका का एक सख्त संदेश है कि धार्मिक संस्थानों में फर्ज़ीवाड़ा और जालसाज़ी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

 इन चेहरों पर FIR: अध्यक्ष से पुजारी तक नामजद आरोपी

कटनी कोतवाली पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर में निम्न 7 व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है:

1. प्रमोद सरावगी (कथित अध्यक्ष)

2. रजनीश पटेल (उपाध्यक्ष)

3. विजय प्रताप सिंह (सचिव)

4. शिशिर टुडहा (कोषाध्यक्ष)

5. नरेश अग्रवाल (सदस्य) 

6.शिवकुमार सोनी (सदस्य)

7. चंद्रिका प्रसाद दुबे (सदस्य)

इन सभी पर IPC की धाराओं — 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाज़ी), 468 (धोखाधड़ी के लिए जालसाज़ी), 471 (फर्ज़ी दस्तावेज़ का उपयोग) और 120-B (आपराधिक साजिश) — के तहत मामला दर्ज किया गया है।

जांच का दायरा बढ़ा: हो सकते हैं और बड़े खुलासे!

पुलिस ने मामले की बारीकी से जांच शुरू कर दी है। दस्तावेज़ों की फोरेंसिक जांच, बैंक खातों, भूमि अभिलेख, और ट्रस्ट की बैठकों के मिनट्स खंगाले जा रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार, यह केवल ट्रस्ट कब्जे की कोशिश नहीं, बल्कि बड़े आर्थिक घोटाले की कड़ी भी हो सकती है। संभावना जताई जा रही है कि जांच के दौरान कुछ और नाम, और भी बड़े धार्मिक और प्रशासनिक चेहरों के उजागर होने की उम्मीद है।

जनता में नाराज़गी, प्रशासन चौकन्ना

इस घटना के सामने आने के बाद स्थानीय श्रद्धालुओं में रोष है, और लोग मंदिर की गरिमा को लेकर चिंतित हैं। प्रशासन भी अब सक्रिय हो गया है और पूरे मामले की गंभीर निगरानी कर रहा है।

 क्या अब मंदिरों के ट्रस्ट भी 'साजिश और सत्ता का अखाड़ा' बनते जा रहे हैं?

श्री जगन्नाथ मंदिर का यह मामला एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या धार्मिक आस्था के केंद्र भी अब सत्ता, स्वार्थ और जालसाज़ी का शिकार बनते जा रहे हैं? न्याय और जांच की प्रक्रिया से यह स्पष्ट होगा कि यह सिर्फ़ ट्रस्ट की लड़ाई है या फिर धार्मिक संपत्तियों की बड़ी लूट का सिरा!

विश्वकर्मा पार्क के पास जर्जर मकान का हिस्सा गिरा , नाश्ते की दुकान बंद होने से टली जनहानि, नगर निगम की लापरवाही पर उठे सवाल

कटनी। नगर निगम सीमा क्षेत्र अंतर्गत विश्वकर्मा पार्क के समीप बुधवार सुबह एक जर्जर मकान का ऊपरी हिस्सा भरभराकर गिर गया। हादसे के वक्त मकान के नीचे स्थित नाश्ते की दुकान बंद थी, जिससे एक बड़ी दुर्घटना टल गई। घटना के बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया और स्थानीय लोग सहम गए।

बताया गया कि यह मकान मुख्य सड़क और तिराहे पर स्थित है, जो वर्षों से जर्जर हालत में है। नगर निगम द्वारा इस भवन को लेकर पहले भी तीन से चार बार नोटिस जारी किए जा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

वार्ड पार्षद ने मौके पर पहुंचकर घटना की जानकारी नगर निगम और एमपीईबी को दी। उन्होंने बताया कि यह मकान पूरी तरह से खतरनाक स्थिति में पहुंच चुका है और इसके आसपास की बस्तियों के लिए भी खतरा बना हुआ है।

उल्लेखनीय है कि निगमायुक्त निलेश दुबे ने हाल ही में बारिश के मौसम को देखते हुए जर्जर भवनों की पहचान कर प्राथमिकता से कार्रवाई के निर्देश अधिकारियों को दिए थे। बावजूद इसके, संबंधित विभाग की उदासीनता और कार्रवाई में देरी अब लोगों की सुरक्षा पर भारी पड़ती नजर आ रही है।

स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों ने मांग की है कि नगर निगम तत्काल इस भवन को गिराकर क्षेत्र को सुरक्षित करे, ताकि भविष्य में कोई जान-माल का नुकसान न हो

मध्य प्रदेश पुलिस का बड़ा फैसला: ड्यूटी के दौरान सोशल मीडिया रील्स पर प्रतिबंध , सिविल ड्रेस में भी ड्यूटी के समय किसी भी तरह की रील या प्रमोशनल वीडियो बनाने पर रोक।

भोपाल: मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने ड्यूटी के दौरान सोशल मीडिया पर रील और वीडियो बनाने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। विभाग ने सभी जिलों को निर्देश जारी किए हैं कि वर्दी की गरिमा और विभागीय अनुशासन बनाए रखने के लिए अब कोई भी पुलिसकर्मी ड्यूटी के समय मोबाइल से वीडियो नहीं बनाएगा। इस आदेश का उल्लंघन करने पर कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

क्यों लिया गया यह फैसला? पुलिस मुख्यालय के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में कई पुलिसकर्मी वर्दी में अभिनय करते, डांस करते या डायलॉग बोलते हुए सोशल मीडिया पर रील्स बनाते हुए दिखाई दिए हैं। इन गतिविधियों ने विभाग की छवि को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है और इसे अनुशासनहीनता माना गया है।

मुख्य आदेश बिंदु:

 * ड्यूटी के दौरान वीडियो शूटिंग पर पूर्ण प्रतिबंध।

 * वर्दी में सोशल मीडिया रील बनाना पूरी तरह निषेध।

 * सिविल ड्रेस में भी ड्यूटी के समय किसी भी तरह की रील या प्रमोशनल वीडियो बनाने पर रोक।

 * नियम उल्लंघन पर संबंधित अधिकारी की भी जवाबदेही तय की जाएगी।

 * यह आदेश सभी जिलों के एसपी और थाना प्रभारियों को जारी कर दिया गया है।

                यह प्रतिबंध पुलिस अधिनियम और विभागीय आचरण संहिता के तहत लगाया गया है। इन नियमों के अनुसार, कोई भी अधिकारी या कर्मचारी ऐसा कोई कार्य नहीं कर सकता जिससे सेवा की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचे। वर्दी में वीडियो बनाना और सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार करना इसी श्रेणी में आता है।

               हाल ही में, महिला और पुरुष पुलिसकर्मियों के कई ऐसे वायरल वीडियो सामने आए थे, जिनमें वे हथियारों के साथ म्यूजिक पर परफॉर्म करते या वर्दी की पृष्ठभूमि में ट्रेंडिंग ऑडियो का इस्तेमाल करते दिख रहे थे। इन वीडियो को जनता ने भी अनुचित बताया था, जिससे विभाग की आलोचना हुई।

                पुलिस मुख्यालय का यह कदम वर्दी के सम्मान और जिम्मेदारी को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय है। सोशल मीडिया पर लोकप्रियता हासिल करने की होड़ में विभागीय अनुशासन और गरिमा को बनाए रखना बेहद ज़रूरी है, ताकि पुलिस बल की छवि और विश्वसनीयता प्रभावित न हो।


मंगलवार, 8 जुलाई 2025

"पुलिस-जन संवाद का नया अध्याय – ‘स्कैन करें-फीडबैक भरें’ से तय होगी थानों की रेटिंग"

कटनी - जिले में पुलिस व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी, उत्तरदायी तथा जनहितैषी बनाने के उद्देश्य से पुलिस अधीक्षक श्री अभिनय विश्वकर्मा (भा.पु.से.) द्वारा “स्कैन करें - फीडबैक भरें” नामक एक अभिनव पहल का शुभारंभ किया गया है।

🔹 इस पहल के तहत जिले के सभी थानों, चौकियों एवं कार्यालयों में "क्यूआर कोड" लगाए जाएंगे, जिन्हें फरियादी एवं आगंतुक अपने मोबाइल से स्कैन कर पुलिस कार्यवाही एवं व्यवहार पर फीडबैक दर्ज कर सकेंगे।

🔹 पुलिस अधीक्षक द्वारा सभी थानों एवं इकाइयों को विशेष रूप से तैयार किए गए क्यूआर कोड वितरित किए गए हैं।

🔹 इस सिस्टम के माध्यम से एक केंद्रीकृत डाटाबेस तैयार किया जाएगा, जिसमें फरियादियों की शिकायतों पर की गई कार्यवाही एवं पुलिस के व्यवहार का रिकॉर्ड सुरक्षित रहेगा।

🔹 जिला कंट्रोल रूम में स्थापित सर्वर रूम से समस्त थानों की कार्यवाहियों की सीधी मॉनिटरिंग की जाएगी।


फीडबैक हेतु निर्धारित प्रमुख बिंदु –

  1. क्या शिकायत को सुना गया?
  2. पुलिस का व्यवहार कैसा रहा?
  3. शिकायत दर्ज करने में कितना समय लगा?
  4. शिकायत पर कार्यवाही हुई या नहीं?
  5. कार्यवाही के दौरान कोई अवैध मांग तो नहीं की गई?

इन बिंदुओं पर आधारित थानों की रेटिंग प्रणाली तैयार की जाएगी।


उत्कृष्ट कार्य का होगा सम्मान –

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि
श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले शीर्ष तीन थाना प्रभारियों को सम्मानित किया जाएगा,
जबकि निचले स्थान पर रहने वालों को सुधार हेतु निर्देशित किया जाएगा।

जनसंवाद को नई ऊंचाई देगा यह नवाचार –

पुलिस अधीक्षक अभिनय विश्वकर्मा (भा.पु.से.) ने विश्वास जताया कि —

“स्कैन करें - फीडबैक भरें” प्रणाली कटनी पुलिस को एक आदर्श पुलिसिंग मॉडल की ओर अग्रसर करेगी, जहां सेवा, पारदर्शिता और जनविश्वास सर्वोपरि रहेंगे। यह पहल निश्चित रूप से पुलिस-जन संवाद को सशक्त बनाएगी और जिले में बेहतर कानून-व्यवस्था की स्थापना में सहायक सिद्ध होगी।”


रविवार, 6 जुलाई 2025

कफ सिरप तस्करी कांड: - एनडीपीएस कोर्ट ने सुनाया कड़ा फैसला, चार आरोपियों को 12-12 साल की सजा

रीवा। मऊगंज में वर्ष 2022 में सामने आए कफ सिरप तस्करी कांड में विशेष एनडीपीएस अधिनियम (NDPS Act) अदालत ने बड़ा और कड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने चारों आरोपियों को 12-12 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाते हुए, प्रत्येक पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि जुर्माना न अदा करने पर एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

❖ मामला क्या था?

यह प्रकरण 17 नवंबर 2022 का है, जब हनुमना पुलिस ने गश्त के दौरान डीपी होटल के पास एक संदिग्ध बोलेरो वाहन को रोका था। वाहन की तलाशी लेने पर उसमें से 7 पेटी नशीली कफ सिरप बरामद की गई। मौके पर ही पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया था।

❖ गिरफ्तार आरोपियों की पहचान:

  1. अरमान मोहम्मद (निवासी देवरा, थाना शाहपुर)
  2. सैफ अली (निवासी देवरा, थाना शाहपुर)
  3. सरफराज अंसारी (निवासी देवरा, थाना शाहपुर)
  4. आरिफ मोहम्मद (निवासी घुरेहटा, थाना मऊगंज)

चारों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था।

❖ पुलिस और अदालत की कार्यवाही:

मामले की विवेचना सहायक उप निरीक्षक पुष्पराज सिंह द्वारा की गई। चार वर्षों तक चली न्यायिक प्रक्रिया के दौरान अदालत में ठोस साक्ष्य और गवाहों के आधार पर आरोप सिद्ध हुए। विशेष न्यायालय ने इसे गंभीर सामाजिक अपराध मानते हुए दोषियों को कड़ी सजा सुनाई।

जिले में भारी वर्षा के चलते 7 जुलाई को सभी स्कूलों में अवकाश घोषित

कटनी। लगातार हो रही भारी बारिश और आगामी दिनों में मौसम विभाग द्वारा अत्यधिक वर्षा की संभावना जताए जाने के चलते, कलेक्टर दिलीप कुमार यादव ने जिले के समस्त शैक्षणिक संस्थानों में 7 जुलाई, सोमवार को विद्यार्थियों के लिए अवकाश घोषित किया है।

जारी आदेश के अनुसार, यह अवकाश जिले की सभी शासकीय, अशासकीय, सभी विद्यालयों पर लागू होगा। निर्णय विद्यार्थियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

कलेक्टर यादव ने आमजन से अपील की है कि:

बारिश के दौरान अनावश्यक यात्रा से बचें,

जलमग्न सड़कों, पुल-पुलियों और रिपटो पर चलने या वाहन चलाने से परहेज़ करें,

सुरक्षित स्थानों पर रहें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।

प्रशासन का उद्देश्य है कि किसी भी प्रकार की दुर्घटना या अनहोनी को रोका जा सके और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

शनिवार, 5 जुलाई 2025

रिश्तों की मिसाल: घायल बालसखा ASI से मिलने पहुंचे DGP कैलाश मकवाना

विशेष संवाददाता

“पद चाहे कितना भी बड़ा हो, रिश्ते और दोस्ती हमेशा सबसे ऊपर होते हैं।”

इस कहावत को प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) श्री कैलाश मकवाना ने उस समय जीवंत कर दिखाया जब वे सड़क दुर्घटना में घायल अपने बालसखा एवं वर्तमान में एएसआई के पद पर पदस्थ सुरेश उर्फ हनुमान से मिलने पहुंचे।

दोनों अधिकारी केवल विभागीय सहयोगी नहीं, बल्कि बचपन के स्कूल के साथी भी हैं। जैसे ही श्री मकवाना को अपने मित्र की दुर्घटना की जानकारी मिली, वे बिना किसी औपचारिकता के सीधे अस्पताल पहुंचे और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। उन्होंने सुरेश उर्फ हनुमान का हाथ थामकर उन्हें शीघ्र स्वस्थ होने की शुभकामनाएं दीं।

इस मुलाकात के गवाह बने अस्पताल स्टाफ और पुलिसकर्मी भावुक हो उठे। यह दृश्य दर्शाता है कि जब इंसान ऊँचाई पर पहुँचता है, तब भी अगर वह अपने पुराने रिश्तों और मित्रता को नहीं भूलता, तो समाज के लिए एक सशक्त संदेश जाता है।

DGP कैलाश मकवाना की यह आत्मीयता और मानवीय संवेदनशीलता पुलिस विभाग के भीतर भी एक प्रेरणा बनकर उभरी है।

शुक्रवार, 4 जुलाई 2025

प्रदेशाध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल के नेतृत्व में भाजपा संगठन और कार्यकर्ताओं में होगा नई ऊर्जा का संचारः दिलराज अमर सिंह , नवनिर्वाचित प्रदेशाध्यक्ष श्री हेमंत खण्डेलवाल को बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित की।

कटनी! भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में हेमंत खंडेलवाल निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। अब भाजपा संगठन की कमान उनके हाथों में सौपी गई है। हेमंत खंडेलवाल के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध नवनिर्वाचित होने पर भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य दिलराज अमर सिंह ने प्रदेशाध्यक्ष से मिलकर बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित की है। श्री हेमंत खंडेलवाल को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचित होने पर भाजपा भाजपा युवा मोर्चा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य दिलराज अमर सिंह ने कहा कि हेमंत खंडेलवाल की संगठनात्मक यात्रा में वर्षों की तपस्या, अनुशासन

और सेवा की भावना ने ही आपको एक कर्मनिष्ठ, जनसंपर्क में दक्ष और नेतृत्व क्षमता के रूप में स्थापित किया है। आपको भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के रूप में उत्तरदायित्व निश्चित ही संगठन और प्रत्येक कार्यकर्ता को नई ऊर्जा, नई दिशा और सशक्त भविष्य की ओर अग्रसर करेगा।

दिलराज सिंह ने बताया कि हेमंत खंडेलवाल संघ पृष्ठभूमि से आते हैं। उनकी संघ के अलावा पार्टी संगठन में भी मजबूत पकड़ है। वह बैतूल के पूर्व सांसद एवं दो बार के विधायक हैं।

उनके पिता विजय कुमार खंडेलवाल बैतूल लोकसभा से तीन बार सांसद रह चुके हैं, तब से ही वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा से जुड़े हुए हैं। पिता के निधन के बाद हेमंत ने बैतूल लोकसभा से उपचुनाव लड़ा और निर्वाचित होकर सांसद बने। इसके बाद वह बैतूल विधानसभा से दूसरी बार के विधायक हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री हेमंत खंडेलवाल का जन्म 2 सितंबर 1964 को उत्तरप्रदेश के मथुरा में हुआ। वे पूर्व सांसद विजय कुमार खंडेलवाल के बेटे है। हेमंत खंडेलवाल ने बी.कॉम, एलएलबी, जेएच गवर्नमेंट कॉलेज, बैतूल से शिक्षा हासिल की है। वे संघ पृष्ठभूमि से आते हैं। उनकी संघ के अलावा पार्टी संगठन में भी मजबूत पकड़ है।

अब हर थानों में लगेगा क्यूआर कोड, जनता दे सकेगी पुलिस के व्यवहार का फीडबैक , DGP मकवाना की सराहनीय पहल

भोपाल  | डीजीपी मकरंद देउस्कर मकवाना ने पुलिस थानों में फीडबैक क्यूआर कोड योजना का लोकार्पण किया। इसके तहत आम जनता अब थानों में लगे QR कोड को स्कैन कर पुलिसकर्मियों के व्यवहार, सहायता और कामकाज पर फीडबैक दे सकेगी।

यह पहल जनसुनवाई को पारदर्शी और जनउपयोगी बनाने की दिशा में उठाया गया कदम है।

बेहतर कार्य करने वाले 2 थानों को सम्मान

राजेंद्र नगर थाना और जुनी इंदौर थाना को अब तक के सबसे बेहतर फीडबैक के लिए प्रशंसा प्रमाण पत्र दिया गया।

यह फीडबैक सीधे पुलिस मुख्यालय तक पहुंचेगा, जिससे थानों के प्रदर्शन की निगरानी हो सकेगी।

डीजीपी मकवाना ने कहा:

> “जनता की संतुष्टि पुलिस की कार्यशैली का दर्पण है। हमारा प्रयास है कि हर थाना उत्तरदायी और संवेदनशील बने।”

यह पहल न सिर्फ पुलिसिंग में सुधार लाएगी, बल्कि आम लोगों को सीधे फीडबैक देने का मंच भी प्रदान करेगी।

ओबीसी महासभा अध्यक्ष के पिता ने किया था 2 करोड़ की सरकारी जमीन पर कब्जा , कलेक्टर के निर्देश पर प्रशासन की सख्त कार्रवाई, हटवाया गया कब्जा

कटनी | कटनी जिले में रसूखदारों द्वारा शासकीय जमीन पर अवैध कब्जा किए जाने की घटनाएं अब प्रशासन की नजरों से बच नहीं पा रही हैं। ताजा मामला ग्राम गेतरा का है, जहां ओबीसी महासभा अध्यक्ष बी.के. पटेल के पिता प्रीतमलाल पटेल द्वारा कब्जाई गई शासकीय भूमि को प्रशासन ने मुक्त कराया है।

जानकारी के अनुसार, ग्राम गेतरा स्थित खसरा नंबर 378/1, रकबा 26.44 हेक्टेयर में से 0.60 हेक्टेयर भूमि पर कब्जा कर फेंसिंग की गई थी। इस संबंध में शिकायत प्राप्त होने पर कलेक्टर दिलीप यादव ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए।

कलेक्टर के निर्देश के बाद शुक्रवार को एसडीएम प्रदीप मिश्रा के नेतृत्व में तहसील कटनी ग्रामीण की टीम मौके पर पहुंची और अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। इस दौरान तहसीलदार अजीत तिवारी, नायब तहसीलदार अतुलेश सिंह, पटवारी बालकृष्ण पांडे, अवध मिश्रा, आतिश राजपूत, अंजलि जैन सहित राजस्व व पुलिस अमला मौजूद रहा।

कार्यवाही के दौरान मौके पर झिंझरी चौकी से पर्याप्त पुलिस बल भी तैनात रहा ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।

✔️ प्रशासन का सख्त संदेश

प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जिले में शासकीय संपत्ति पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस कार्यवाही को भविष्य में होने वाले अवैध कब्जों पर रोक लगाने की दिशा में एक “चेतावनी” के रूप में भी देखा जा रहा है।

स्कूल प्रबंधन की लापरवाही से जाम, बच्चों ने खुद हटाया बंद ऑटो: सागर पुलिया से तारा मोटर्स तक जाम में फंसा शहर

कटनी | शहर के व्यस्ततम इलाके मिशन चौक से लेकर तारा मोटर्स शोरूम तक शुक्रवार को दोपहर में एक बार फिर लंबे ट्रैफिक जाम ने लोगों की रफ्तार थाम दी। सागर पुलिया के नीचे एक स्कूली ऑटो अचानक बंद हो गया। लेकिन सबसे बड़ी बात ये रही कि जाम में फंसे स्कूली बच्चे खुद ऑटो से उतर आए और मिलकर धक्का लगाकर उसे किनारे किया — ताकि ट्रैफिक फिर से शुरू हो सके।

स्कूल के बाहर ही खड़े होते हैं वाहन, रोज लगता है जाम

स्थानीय लोगों के मुताबिक, मिशन चौक स्थित बार्डस्ले स्कूल के बाहर न तो किसी तरह की पार्किंग व्यवस्था है और न ही ऑटो चालकों के लिए कोई निश्चित जगह। स्कूल की छुट्टी के समय बच्चों को लेने आए परिजन व ऑटोचालक सड़क पर ही वाहन खड़े कर देते हैं। यही वजह है कि मिशन चौक से लेकर सागर पुलिया और बरगवां मार्ग तक हर रोज जाम लग रहा है।

प्रबंधन की अनदेखी, शहर भुगत रहा है

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि स्कूल प्रबंधन की यह लगातार लापरवाही अब पूरे शहर के लिए मुसीबत बन गई है। वाहन सड़क पर खड़े करने की प्रवृत्ति न सिर्फ ट्रैफिक जाम का कारण बन रही है, बल्कि बच्चों की सुरक्षा पर भी प्रश्नचिह्न खड़े कर रही है।

     शहरवासियों द्वारा जिम्मेदारों से मांग की जा रही है कि स्कूल के बाहर समुचित पार्किंग व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि हर दिन लगने वाले इस जाम से शहर को राहत मिल सके।

कटनी के उद्योगपति परिवार में मातम: मनीष गेई के बड़े भाई अजय गेई ने खुद को मारी गोली

कटनी |कटनी शहर के प्रतिष्ठित उद्योगपति मनीष गेई के बड़े भाई अजय गेई ने बीती रात अपने ही निजी बंगले में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। यह हृदय विदारक घटना मध्यरात्रि करीब 1:30 बजे की बताई जा रही है, जो माधवनगर स्थित उनके निजी बंगले में घटी।

मौके पर ही हो गई मौत

पुलिस सूत्रों के अनुसार, अजय गेई ने रेस्ट हाउस के एक कमरे में खुद को सिर में गोली मारी, जिससे अत्यधिक रक्तस्राव के कारण मौके पर ही उनकी मृत्यु हो गई। घटना के समय घर में परिवार के अन्य सदस्य सो रहे थे।

 घटना के वक्त मनीष गेई नहीं थे मौजूद

बताया जा रहा है कि अजय गेई के छोटे भाई मनीष गेई किसी कार्यवश नागपुर गए हुए थे और घटना की सूचना मिलते ही वे तत्काल कटनी लौटने के लिए रवाना हो गए हैं।

🕵️‍♀️ पारिवारिक विवाद की आशंका

फिलहाल आत्महत्या के पीछे के कारण स्पष्ट नहीं हो सके हैं। पुलिस ने शुरुआती जांच में इसे पारिवारिक विवाद से जोड़कर देखा है। घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए गए हैं और जांच प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।

शहर में शोक की लहर

इस घटना से कटनी के व्यवसायिक और सामाजिक जगत में गहरा शोक व्याप्त है। अजय गेई शहर में एक शांत और सौम्य व्यक्तित्व के रूप में जाने जाते थे।

गुरुवार, 3 जुलाई 2025

मुख्यालय के साये में 'हुक्के' का धंधा! NH-7 और ऑलिव रेस्टोरेंट में छापा, भारी मात्रा में सामग्री जब्त

कटनी | जिला मुख्यालय से महज़ चंद कदमों की दूरी पर स्थित दो रेस्टोरेंट्स में अवैध रूप से संचालित हो रहे हुक्का बारों पर जिला प्रशासन, आबकारी और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। इस कार्रवाई से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है।

कलेक्टर कार्यालय गेट के सामने संचालित NH 7अवैध हुक्का बार 

प्राप्त जानकारी के अनुसार, बरगवां इलाके के ऑलिव रेस्टोरेंट एंड कैफे तथा मधनगर थाना क्षेत्र स्थित होटल एंड रेस्टोरेंट NH-07 में लंबे समय से अवैध रूप से हुक्का बार संचालित किए जाने की शिकायतें मिल रही थीं। इस पर कलेक्टर दिलीप कुमार यादव के निर्देश पर संयुक्त टीम ने छापा मारा।

🔍 क्या-क्या जब्त हुआ?

कार्रवाई के दौरान अधिकारियों ने अधिक मात्रा  हुक्का सेट,  फ्लेवर, कोयला, पाइप और अन्य हुक्का उपकरण को ज़ब्त किया है।

रेस्टोरेंट ऑलिव के संचालक योगेश रावलानी और NH-07 के संचालक अभिषेक बगड़िया के खिलाफ प्रासंगिक धाराओं में प्रकरण दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

👮‍♂️ प्रशासन का सख्त संदेश

अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि इस तरह के अवैध कारोबार पर सख्ती से अंकुश लगाया जाएगा, विशेष रूप से जहां सार्वजनिक स्वास्थ्य और कानून व्यवस्था को चुनौती दी जा रही हो।

📝 नगर में अवैध रूप से संचालित अन्य हुक्का बारों की भी अब जांच की जा रही है। प्रशासन ने यह संकेत दे दिया है कि अगली कार्रवाइयाँ और भी कड़ी होंगी।

ऑलिव कैफे एंड रेस्टोरेंट पर एक साथ तीन विभागों द्वारा कार्यवाही कर अवैध तरीके से हुक्का बार संचालन का खुलासा

कटनी | रंगनाथ थाना क्षेत्र स्थित ऑलिव कैफे एंड रेस्टोरेंट में आज उस समय हड़कंप मच गया, जब पुलिस, राजस्व विभाग और आबकारी विभाग की संयुक्त टीम ने छापा मार कार्रवाई की। यह कार्रवाई अवैध रूप से हुक्का बार संचालित किए जाने की सूचना पर की गई।

जांच के दौरान टीम ने मौके से दो हुक्का सेट और कई प्रकार के फ्लेवर बरामद किए हैं। अधिकारियों का कहना है कि कैफे में बिना अनुमति के हुक्का सर्व किया जा रहा था, जो कानूनन प्रतिबंधित है।

अधिकारियों ने बताया कि—

> "कैफे संचालक के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। यह स्पष्ट रूप से अवैध हुक्का बार का संचालन प्रतीत होता है। आबकारी कानून और सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े नियमों का उल्लंघन किया गया है।"

कार्यवाही के चलते क्षेत्र में कुछ समय के लिए अफरा-तफरी की स्थिति बन गई थी, लेकिन बाद में स्थिति सामान्य हो गई। प्रशासन ने साफ किया है कि ऐसे अवैध संचालन पर सख्त कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।

मंगलवार, 1 जुलाई 2025

गलत इंजेक्शन बना मौत का कारण! अपेक्स अस्पताल में भर्ती युवक की इलाज के दौरान गई जान, जबलपुर में तोड़ा दम – आक्रोशित भीड़ ने घेरा अस्पताल

कटनी - बरगवां स्थित अपेक्स अस्पताल एक बार फिर सवालों के घेरे में है। इलाज के नाम पर लापरवाही के चलते 19 वर्षीय युवक अरुण वंशकार की मौत हो गई। आरोप है कि ऑपरेशन के बाद उसे गलत इंजेक्शन लगाया गया जिससे उसकी हालत बिगड़ गई और अंततः जबलपुर रेफर किए जाने के बाद उसकी मौत हो गई।

घटना की जानकारी जैसे ही कटनी पहुंची, लोगों में आक्रोश फैल गया। बड़ी संख्या में स्थानीय लोग अस्पताल के बाहर जमा हो गए और जबरदस्त हंगामा शुरू हो गया। तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए रंगनाथ नगर थाना प्रभारी सहित भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और स्थिति को संभालने की कोशिश की।

ऑपरेशन के बाद बिगड़ी हालत

अरुण वंशकार, निवासी भट्टा मोहल्ला रंगनाथ नगर, को आंत की परेशानी के चलते अपेक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। परिजनों के अनुसार, ऑपरेशन के बाद उसे कई इंजेक्शन लगाए गए, जिसके बाद उसकी तबीयत तेजी से बिगड़ती चली गई। हालत गंभीर होने पर उसे जबलपुर रेफर किया गया, जहां उसने देर शाम अंतिम सांस ली

लापरवाही का आरोप

मृतक के परिजनों और स्थानीय लोगों ने अस्पताल पर इलाज में लापरवाही और गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाया है। भीड़ ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

प्रशासन सख्त, जांच के आदेश

मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और जांच शुरू कर दी गई है। संबंधित मेडिकल स्टाफ से भी पूछताछ की जा रही है।


हेमंत खंडेलवाल निर्विरोध मध्य प्रदेश बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष चुने गए

भोपाल - बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल को सोमवार को मध्य प्रदेश बीजेपी का प्रदेशाध्यक्ष निर्विरोध चुन लिया गया है। उन्होंने इस पद के लिए अकेले नामांकन दाखिल किया था। खंडेलवाल को सत्ता और संगठन के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने की क्षमता के लिए जाना जाता है।


हेमंत खंडेलवाल का राजनीतिक सफर

हेमंत खंडेलवाल ने राजनीति की शुरुआत अपने पिता और बीजेपी के वरिष्ठ नेता विजय कुमार खंडेलवाल के मार्गदर्शन में की। बीकॉम और एलएलबी की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह अपने पिता के साथ सक्रिय रूप से राजनीति में जुड़ गए। उनके पिता, विजय कुमार खंडेलवाल, 1996 से 2004 तक लगातार चार बार बैतूल से सांसद रहे थे।

2007 में विजय कुमार खंडेलवाल के निधन के बाद हुए लोकसभा उपचुनाव में हेमंत खंडेलवाल ने पहली बार चुनाव लड़ा और कांग्रेस के सुखदेव पांसे को हराकर सांसद बने।

संगठन में लंबा अनुभव

2008 में परिसीमन के बाद बैतूल लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हो गई। इसके बाद, पार्टी ने हेमंत खंडेलवाल की क्षमताओं को देखते हुए उन्हें 2010 में बैतूल बीजेपी का जिलाध्यक्ष नियुक्त किया। उन्होंने 2013 में अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचे। शिवराज सिंह चौहान की तत्कालीन सरकार में उन्हें कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां मिलीं, जिन्हें उन्होंने सफलतापूर्वक निभाया।

हेमंत खंडेलवाल भाजपा की कुशाभाऊ ठाकरे भवन निर्माण समिति के प्रमुख भी रहे हैं। उनके मार्गदर्शन में प्रदेश के कई जिलों में भाजपा के भव्य कार्यालय भवन बनकर तैयार हुए। हालांकि, उन्हें 2018 के विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन उन्होंने पार्टी और संगठन के साथ अपना जुड़ाव बनाए रखा।

2023 के विधानसभा चुनाव में, हेमंत खंडेलवाल ने शानदार वापसी करते हुए कांग्रेस के निलय डागा को बड़े अंतर से हराया और दूसरी बार विधानसभा पहुंचे। हेमंत खंडेलवाल विभिन्न राज्यों में हुए चुनावों में भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा चुके हैं, जहां उन्होंने भोपाल से लेकर दिल्ली तक अपनी छाप छोड़ी है। संघ परिवार के कई प्रमुख नेताओं की "गुड लिस्ट" में उनका नाम शामिल होना भी उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में अव्वल स्थान पर लाने में सहायक रहा।


🚔 स्लीमनाबाद पुलिस ने किया बड़ी लूट का पर्दाफाश: पारधी गिरोह के सदस्य गिरफ्तार, नगदी सहित लाखों का सोना बरामद

कटनी | 
कटनी जिले के स्लीमनाबाद थाना क्षेत्र में 18 जून की रात एनएच-30 पर छपरा बायपास के पास हुई सनसनीखेज लूट की वारदात का खुलासा हो गया है। इस लूट की साजिश को कुख्यात पारधी गिरोह ने अंजाम दिया था। पुलिस ने इस मामले में तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि गिरोह के तीन सदस्य अब भी फरार हैं। इस कार्रवाई में पुलिस ने करीब 43.710 ग्राम सोना और 2 हजार रुपये नकद, जिसकी बाजार कीमत लगभग 4.5 लाख रुपये है, बरामद किए हैं।


🧍🏻‍♂️ क्या है पूरा मामला?

प्राथी अखिलेश श्रीवास्तव, निवासी एमआईजी-175, मानसरोवर कॉलोनी थाना माधवनगर, कटनी ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 18 जून को रात करीब 2 बजे वे अपने दो मित्रों ओमप्रकाश शुक्ला और रामसुजान वंशकार के साथ जबलपुर से लौट रहे थे। रास्ते में छपरा स्थित टाटा कमर्शियल के पास उन्होंने बाथरूम के लिए गाड़ी रोकी, तभी अज्ञात युवकों ने चाकू अड़ाकर उनसे और उनके साथियों से लूटपाट कर दी।

लूट में आरोपियों ने अखिलेश से सोने की चेन, दो सोने की अंगूठियां, एक अष्टधातु की अंगूठी, पर्स से नकदी सहित कुल ₹2,50,000, ओमप्रकाश से ₹15,000, रामसुजान से ₹7,000 और एक लावा मोबाइल छीन लिया था।


🕵🏻‍♀️ ऐसे हुआ खुलासा

घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक अभिनय विश्वकर्मा (भा.पु.से.) ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. संतोष डेहरिया और एसडीओपी स्लीमनाबाद आकांक्षा चतुर्वेदी के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम गठित की। इस टीम में स्लीमनाबाद थाना प्रभारी निरीक्षक अखलेश दाहिया, उनि सिद्धार्थ राय, अश्विनी यादव, रूपेन्द्र राजपूत (सायबर सेल), सउनि अंजनी मिश्रा, सउनि सतीश जाटव सहित तकनीकी टीम शामिल रही।

👮 गिरफ्तार आरोपी

  1. रूआ पारधी, निवासी हरदुआ मदार टेकरी, थाना कुठला
  2. संजय उर्फ संजू सोनी, निवासी चडिकानगर, थाना कुठला
  3. अंकित उर्फ अखिलेश सोनी, निवासी बालाजीनगर, कैलवारा रोड, थाना कोतवाली

इनके साथ ही तीन आरोपी राज पारधी, उजाला पारधी और टीच पारधी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है।

📿 बरामद माल:

  • गला हुआ सोना – 19.600 ग्राम
  • सोने की चेन – 19.280 ग्राम
  • अंगूठी – 2.650 ग्राम
  • सोने की बाली – 2.00 ग्राम
  • सोने की खुटिया – 0.180 ग्राम
  • नकद – ₹2,000
    कुल मूल्य – ₹4,50,000 लगभग

🛍️ सराफा व्यापारियों की संलिप्तता

गिरफ्तार आरोपी रूआ पारधी ने पूछताछ में स्वीकार किया कि लूट के गहने संजय सोनी और अंकित सोनी को बेचे थे। पुलिस ने इन दोनों व्यापारियों को भी आरोपी बनाते हुए गिरफ्तार कर लिया है। मामले में बीएनएस की धारा 317(2)(A) के तहत संगठित अपराध के तहत कार्रवाई की जा रही है।

🔎 आरोपियों पर दर्ज अन्य मामले:

  • थाना सिहोरा (जबलपुर) – अपराध क्रमांक 378/25
  • थाना खितौला (जबलपुर) – अपराध क्रमांक 192/25
  • थाना मैहर (सतना) – अपराध क्रमांक 512/25
  • थाना कोतवाली (कटनी) – अपराध क्रमांक 529/25
  • थाना स्लीमनाबाद – अपराध क्रमांक 368/25

👏 पुलिस टीम की भूमिका सराहनीय

इस मामले की सफलता में निरीक्षक अखलेश दाहिया, उनि काशीराम झारिया, सउनि सतीश जाटव, आर विशाल शिवहरे, आर अभिषेक सिंह, आर बृजेश सिंह, सायबर सेल से प्र.आर. प्रशांत विश्वकर्मा की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

सोमवार, 30 जून 2025

🚛 हफ्तों बाद भी हवा में जांच, कोतवाली थाना क्षेत्र में ट्रक से नगदी लाखों की चोरी में चोर अब तक फरार

कटनी | कोतवाली थाना क्षेत्र के घंटाघर स्थित दौलती देवी धर्मशाला के पास कैलाश ट्रांसपोर्ट में खड़े ट्रक से हुई लाखों रुपये की चोरी के मामले में अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं। घटना को हुए एक सप्ताह से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन चोरों का कोई सुराग नहीं लग पाया है।

गौरतलब है कि यह घटना 23 जून की रात करीब 9 बजे की है। ट्रक चालक शिवपाल सिंह राजपूत, उम्र 37 वर्ष, निवासी ग्राम अमानगंज, जिला पन्ना, ट्रक में माल लोड कराने के लिए कैलाश ट्रांसपोर्ट पहुंचे थे। ट्रक को खड़ा कर वह कुछ दूरी पर गए थे, और जब लौटे तो पाया कि ट्रक में रखे ₹4,36,000 नगद गायब थे।

चोरी की सूचना ड्राइवर ने तत्काल ट्रक मालिक को दी और फिर कोतवाली थाना जाकर अज्ञात चोरों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामला तो दर्ज कर लिया लेकिन अब तक न तो चोरों की पहचान हो सकी है और न ही चोरी का माल बरामद किया गया है।

स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों में इस मामले को लेकर गहरी नाराज़गी है। उनका कहना है कि सार्वजनिक और भीड़भाड़ वाले इलाके में हुई चोरी के बाद भी पुलिस अब तक खाली हाथ है, जो पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है।

🔍 पुलिस का पक्ष

एफआईआर दर्ज कर ली गई है। टीम गठित कर सीसीटीवी कैमरों की जांच की जा रही है।
संतोष डेहरिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक

अब देखना यह है कि पुलिस कब तक इस मामले को सुलझा पाती है और चोरी की गई रकम की बरामदगी तथा अपराधियों की गिरफ्तारी कर पाती है।


🗳️ हाईकमान की पसंद या कार्यकर्ताओं की आवाज़? भाजपा का नया प्रदेशाध्यक्ष तय करेंगे 379 प्रतिनिधि

भोपाल | भारतीय जनता पार्टी, मध्यप्रदेश ने प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए आधिकारिक चुनावी प्रक्रिया का ऐलान कर दिया है। यह पूरी प्रक्रिया पार्टी के संविधान और केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के निर्देशों के अनुसार संपन्न होगी।









राज्य निर्वाचन अधिकारी विवेक नारायण शेजवलकर
द्वारा सोमवार को अधिसूचना जारी की गई, जिसमें 1 जुलाई और 2 जुलाई को चुनाव की विस्तृत रूपरेखा तय की गई है।

📋 चुनाव कार्यक्रम इस प्रकार रहेगा:

  • नामांकन पत्र जमा करना: 1 जुलाई 2025 | शाम 4:30 से 6:30 बजे
  • नामांकन पत्रों की जांच: 1 जुलाई | शाम 6:30 से 7:30 बजे
  • नाम वापसी: 1 जुलाई | शाम 7:30 से 8:00 बजे
  • अंतिम सूची जारी: 1 जुलाई | रात 8:30 बजे
  • (यदि आवश्यक हुआ तो) मतदान: 2 जुलाई | प्रातः 11:00 से दोपहर 2:00 बजे
  • मतगणना व परिणाम घोषणा: 2 जुलाई | दोपहर 2:00 बजे

🔸 379 प्रतिनिधि चुनेंगे नया अध्यक्ष

प्रदेश संगठन पर्व के तहत यह चुनाव कराया जा रहा है, जिसमें प्रदेश भाजपा के कुल 379 निर्वाचित प्रतिनिधि अपने मताधिकार का प्रयोग कर पार्टी का अगला प्रदेश अध्यक्ष तय करेंगे।
इसके साथ ही राष्ट्रीय परिषद के 44 सदस्यों का भी निर्वाचन इसी प्रक्रिया के अंतर्गत पूर्ण किया जाएगा।

राज्य निर्वाचन अधिकारी शेजवलकर ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी पद के लिए एक से अधिक नामांकन जमा होते हैं, तभी मतदान कराया जाएगा। अन्यथा निर्विरोध निर्वाचन की घोषणा की जा सकती है।


🗣️ राजनीतिक विश्लेषण:

“प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव संगठन की दिशा और आगामी चुनावी रणनीतियों को आकार देगा। हाईकमान की पसंद और कार्यकर्ताओं की अपेक्षाएं—दोनों के बीच संतुलन बनाना इस चुनाव की सबसे बड़ी चुनौती है।”


भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पर दिल्ली की मुहर तय: सबकी पसंद या सिर्फ 'मोहन' की पसंद?

भोपाल: मध्यप्रदेश भाजपा के अगले अध्यक्ष का फैसला अब दिल्ली के हाथों में है। सबकी निगाहें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की जोड़ी पर टिकी हैं, जो इस बार नए प्रदेश अध्यक्ष का भाग्य तय करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का इस बार सीधा दखल नहीं होगा और अंतिम नाम 'डाकिया' यानी धर्मेंद्र प्रधान के जरिए भोपाल पहुंचेगा।

रेस में कई पुराने चेहरे शामिल हैं, जिनमें मौजूदा अध्यक्ष वी.डी. शर्मा, प्रह्लाद पटेल, नरेंद्र सिंह तोमर प्रमुख हैं। धर्मेंद्र प्रधान को भी दिल्ली से निर्देश लाने वाले चेहरे के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि, यदि विभिन्न खेमों के बीच सहमति नहीं बन पाई, तो पार्टी एक अप्रत्याशित नाम सामने ला सकती है, जिसे कार्यकर्ता "लॉटरी लगना" कहते हैं। इससे मौजूदा अध्यक्ष वी.डी. शर्मा की वापसी की संभावना भी बनी हुई है।

जातीय संतुलन के लिहाज से यह पद महत्वपूर्ण है। "बामन" (ब्राह्मण) और "बनिया" (वैश्य) वर्ग के बीच हमेशा से खींचतान रही है, लेकिन इस बार सिंधी समुदाय से भी एक नाम उभरने की चर्चा है।

यह फैसला केवल संगठन का चेहरा तय नहीं करेगा, बल्कि आगामी चुनावों में मुख्यमंत्री पद के चेहरे की राह भी तय करेगा। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह नियुक्ति 2028 विधानसभा और 2029 लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी की पिच तैयार करेगी। पार्टी के लिए जमीनी पकड़, हाईकमान से नजदीकी और जातीय संतुलन तीनों का संतुलन साधना एक बड़ी चुनौती होगी।


"हैलो, मंत्री जी आप बंगले पर हैं?" — छात्र को मिल रहे हैं रोज VVIP कॉल, जानिए क्यों

भोपाल। सोचिए अगर आपके मोबाइल पर रोजाना मंत्रियों, अफसरों और बड़े नेताओं के फोन आएं — और सब आपको मंत्री समझकर सरकारी काम, शिकायतें या मीटिंग की मांग करें? भोपाल के एक कॉलेज छात्र को इस अजीबोगरीब स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।

हकीकत यह है कि छात्र को हाल ही में जो मोबाइल नंबर मिला, वह पहले मध्यप्रदेश सरकार के एक कैबिनेट मंत्री के पास था। मंत्री ने जब नंबर बंद करवा दिया, तो टेलीकॉम कंपनी ने नियम अनुसार वह नंबर नए ग्राहक को अलॉट कर दिया — और वह ग्राहक बना भोपाल का एक साधारण छात्र।

📞 अब रोज आते हैं VIP कॉल

इस नए नंबर पर अब भी सरकारी अफसर, पार्टी कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक फोन कर रहे हैं। कोई कहता है, "मंत्री जी, आप बंगले पर हैं?" तो कोई कहता है, "फाइल पर साइन चाहिए थे सर।"

छात्र को दिनभर कई ऐसे फोन आते हैं, जिनमें लोग समस्या लेकर पहुंचते हैं या समय मांगते हैं। छात्र ने कई बार समझाया कि वह कोई मंत्री नहीं है, पर कॉलर्स उसकी बात मानने को तैयार नहीं होते — उल्टा उसे मंत्री का स्टाफ समझकर आदेश सुनाने लगते हैं।

📵 नंबर से तंग आकर उठाया ये कदम

लगातार हो रही असुविधा के चलते छात्र ने अब नंबर को रिचार्ज कराना बंद कर दिया है ताकि कॉल न आएं। वह सिर्फ वाई-फाई के जरिए WhatsApp चलाता है।
WhatsApp पर उसने डिस्प्ले पिक्चर और स्टेटस बदलकर साफ-साफ लिख दिया है:

“यह नंबर मंत्री महोदय का नहीं है, कृपया कार्यालय से संपर्क करें और नया नंबर लें।”

🤷‍♂️ टेलीकॉम कंपनी बोली — ये तो सामान्य प्रक्रिया है

इस पूरे मामले पर जब संबंधित टेलीकॉम कंपनी से बात की गई तो उनका कहना था कि,

“पुराने नंबरों को कुछ समय बाद नए ग्राहकों को अलॉट किया जाता है। यह सामान्य प्रक्रिया है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए कोई विशेष सिस्टम नहीं है।”

😅 शुरुआत में लगा मजेदार, अब बन गई परेशानी

छात्र ने बताया कि शुरू में जब बड़े लोगों के कॉल आते थे तो उसे मज़ा आता था, लेकिन अब यह स्थिति परेशान करने वाली हो गई है। लोगों को बार-बार समझाना, उनकी उम्मीदें और रौब झेलना उसके लिए रोज़ की मुसीबत बन गया है।


लाखों बच्चों का भविष्य संवारने वाले शिक्षक राजेश दुबे सेवानिवृत्त , शिक्षा जगत को नम आंखों से कहा विदा

विजयराघवगढ़ (कटनी)। धार्मिक नगरी विजयराघवगढ़ निवासी और अपने मधुर स्वभाव, अनुशासनप्रियता और ज्ञानवृत्ति के लिए पहचाने जाने वाले शासकीय शिक्षक राजेश दुवे आज 30 जून 2025 को अपनी शासकीय सेवा से सेवानिवृत्त हो गए। अपने सेवाकाल के अंतिम दिन वे भावुक तो हुए, परंतु संतोष भी था कि उन्होंने अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी ईमानदारी, निष्ठा और समर्पण से किया।

श्री दुवे ने अपने जीवन के अमूल्य वर्ष शिक्षा और समाज सेवा को समर्पित कर लाखों विद्यार्थियों के जीवन को सवांरा। वे न केवल एक शिक्षक रहे, बल्कि सांस्कृतिक मंचों के प्रभावशाली वक्ता, रामभक्त, और धार्मिक संस्कारों से ओतप्रोत परिवार के प्रेरणास्त्रोत भी माने जाते हैं।

शिक्षा से सेवा तक का एक अनुकरणीय सफर

राजेश दुवे के संपूर्ण सेवाकाल की खास बात रही कि उन्होंने कभी भी संसाधनों, पद, या धन की लालसा नहीं रखी, बल्कि सादगी, अनुशासन और शिक्षा के मूल्यों को आत्मसात किया। वे मानते रहे कि शिक्षक का धर्म केवल पढ़ाना नहीं, बल्कि छात्रों के चरित्र, सोच और जीवन मूल्यों का निर्माण करना होता है।

विदाई के भावुक क्षण

सेवानिवृत्ति के अवसर पर आयोजित विदाई समारोह में उनके सहयोगियों, वरिष्ठजनों और छात्रों ने अपने अनुभव साझा करते हुए उन्हें “जीवन गंगा का स्रोत” बताया। मंच पर जब श्री दुवे ने भावुक होकर कहा—

"शासन ने मुझे शिक्षा का दायित्व दिया, परिवार पालने के लिए नहीं, बल्कि छात्रों का भविष्य बनाने के लिए… यदि कहीं कोई त्रुटि रही हो, तो क्षमा चाहता हूँ" — तो हर आंख नम हो गई।

उन्होंने यह भी वादा किया कि ईश्वर की कृपा रही तो वे आगे भी समाज और छात्रों के लिए समय निकालते रहेंगे

समाज को मिला एक आदर्श शिक्षक

राजेश दुवे जैसे शिक्षक समाज को डॉक्टर, इंजीनियर, सैनिक और अच्छे नागरिक देने वाले मौलिक स्तंभ होते हैं। उन्होंने समय-समय पर अनुशासन का प्रयोग कर, विद्यार्थियों को कठोरता के बाद स्नेह और मार्गदर्शन से गढ़ा, जो आज एक समृद्ध शिक्षित समाज के रूप में हमारे सामने है।

आज जब श्री राजेश दुवे सेवानिवृत्त हो रहे हैं, तो ऐसा लगता है जैसे शिक्षा जगत का एक चमकता सितारा विदा हो रहा है। परंतु यह विदाई स्थायी नहीं, बल्कि नई भूमिका की शुरुआत है — अब वे समाज को अपने अनुभवों से आलोकित करते रहेंगे।

शिक्षा जगत उन्हें हमेशा याद करेगा।