भोपाल: मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने ड्यूटी के दौरान सोशल मीडिया पर रील और वीडियो बनाने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। विभाग ने सभी जिलों को निर्देश जारी किए हैं कि वर्दी की गरिमा और विभागीय अनुशासन बनाए रखने के लिए अब कोई भी पुलिसकर्मी ड्यूटी के समय मोबाइल से वीडियो नहीं बनाएगा। इस आदेश का उल्लंघन करने पर कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
क्यों लिया गया यह फैसला? पुलिस मुख्यालय के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में कई पुलिसकर्मी वर्दी में अभिनय करते, डांस करते या डायलॉग बोलते हुए सोशल मीडिया पर रील्स बनाते हुए दिखाई दिए हैं। इन गतिविधियों ने विभाग की छवि को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है और इसे अनुशासनहीनता माना गया है।
मुख्य आदेश बिंदु:
* ड्यूटी के दौरान वीडियो शूटिंग पर पूर्ण प्रतिबंध।
* वर्दी में सोशल मीडिया रील बनाना पूरी तरह निषेध।
* सिविल ड्रेस में भी ड्यूटी के समय किसी भी तरह की रील या प्रमोशनल वीडियो बनाने पर रोक।
* नियम उल्लंघन पर संबंधित अधिकारी की भी जवाबदेही तय की जाएगी।
* यह आदेश सभी जिलों के एसपी और थाना प्रभारियों को जारी कर दिया गया है।
यह प्रतिबंध पुलिस अधिनियम और विभागीय आचरण संहिता के तहत लगाया गया है। इन नियमों के अनुसार, कोई भी अधिकारी या कर्मचारी ऐसा कोई कार्य नहीं कर सकता जिससे सेवा की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचे। वर्दी में वीडियो बनाना और सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार करना इसी श्रेणी में आता है।
हाल ही में, महिला और पुरुष पुलिसकर्मियों के कई ऐसे वायरल वीडियो सामने आए थे, जिनमें वे हथियारों के साथ म्यूजिक पर परफॉर्म करते या वर्दी की पृष्ठभूमि में ट्रेंडिंग ऑडियो का इस्तेमाल करते दिख रहे थे। इन वीडियो को जनता ने भी अनुचित बताया था, जिससे विभाग की आलोचना हुई।
पुलिस मुख्यालय का यह कदम वर्दी के सम्मान और जिम्मेदारी को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय है। सोशल मीडिया पर लोकप्रियता हासिल करने की होड़ में विभागीय अनुशासन और गरिमा को बनाए रखना बेहद ज़रूरी है, ताकि पुलिस बल की छवि और विश्वसनीयता प्रभावित न हो।
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