शनिवार, 12 जुलाई 2025

दमोह में दरिंदगी: मां के सामने बेटे को कार से कुचलकर मार डाला , सड़क पर तड़पता रहा राकेश, आरोपी अकील खान फरार

दमोह (मध्य प्रदेश)। कोतवाली थाना क्षेत्र के पठानी मोहल्ला में शुक्रवार रात दिल दहला देने वाली वारदात हुई। मामूली विवाद के चलते एक युवक को उसकी ही मां के सामने बार-बार कार से कुचलकर बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया।

मृतक की पहचान राकेश रैकवार (40) के रूप में हुई है। आरोपी अकील खान, जो एक गैस एजेंसी में कार्यरत है, फिलहाल फरार है। घटना के बाद पूरे इलाके में आक्रोश है।

क्या है पूरा मामला?

शुक्रवार शाम राकेश का अकील के पिता से चिकन खरीदने को लेकर कहासुनी हो गई थी। इसके कुछ घंटे बाद रात करीब 9 बजे राकेश अपनी मां को इलाज के लिए बाइक से लेकर जा रहा था, तभी अजमेरी गार्डन के पास आरोपी अकील ने उनकी बाइक को टक्कर मारी।

बाइक गिरते ही मां-बेटा नीचे गिर गए। इसके बाद अकील ने जानबूझकर राकेश को कार से रिवर्स करके कई बार कुचला, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई।

मां का बयान:

पीड़ित की मां नन्ही बाई ने रोते हुए बताया —

> "बेटा मुझे इलाज के लिए ले जा रहा था, रास्ते में अकील ने हमला कर दिया। बाइक गिरने के बाद वह बार-बार कार से मेरे बेटे को कुचलता रहा। मैं चीखती रही, मदद मांगती रही, फिर दौड़कर दूसरे बेटे को बुलाने गई। जब लौटी, तो बेटा खून से लथपथ पड़ा था..."

पुलिस की कार्रवाई:

नगर पुलिस अधीक्षक एचआर पांडे ने बताया कि हत्या की पुष्टि हो चुकी है। आरोपी अकील खान के खिलाफ  हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है।

घटना में इस्तेमाल कार जब्त कर ली गई है। घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाले जा रहे हैं।

 मामले से जुड़े कुछ अहम तथ्य:

आरोपी और मृतक एक ही मोहल्ले के निवासी हैं और एक-दूसरे को अच्छी तरह जानते थे।

राकेश का परिवार मछली पकड़ने का कार्य कर जीविकोपार्जन करता है।

घटना के बाद मोहल्ले में तनाव का माहौल है।

 सवाल उठता है:

क्या अब मामूली कहासुनी भी जानलेवा हो गई है?

क्या समाज में कानून का डर खत्म हो रहा है?

 इस दिल दहला देने वाली घटना ने एक बार फिर दिखा दिया है कि व्यक्तिगत रंजिश और गुस्से की आग में इंसानियत किस हद तक मर चुकी है।

कटनी विद्युत विभाग की लापरवाही से दर्दनाक हादसा – करंट की चपेट में आईं महिलाएं, एक की मौत, तीन घायल

स्लीमनाबाद (कटनी)। स्लीमनाबाद थाना क्षेत्र के ग्राम संसारपुर में शुक्रवार शाम एक बड़ा हादसा हो गया। विद्युत विभाग की घोर लापरवाही और ठेकेदार की गैर-जिम्मेदाराना कार्यप्रणाली ने एक आदिवासी महिला की जान ले ली, जबकि तीन अन्य महिलाएं गंभीर रूप से झुलस गईं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, 11 जुलाई की शाम लगभग 5:30 बजे, गांव की चार महिलाएं खेत से काम करके लौट रही थीं, तभी वे 33 केवी विद्युत लाइन के कार्य स्थल के पास फैले खुले तारों के संपर्क में आ गईं। तारों में करंट दौड़ रहा था और इसी से सभी महिलाएं झुलस गईं।

 मृतक महिला की पहचान:

मृतका की पहचान 40 वर्षीय मुन्नी बाई आदिवासी पति दशंक भूमिया के रूप में हुई है। गंभीर अवस्था में उन्हें जिला अस्पताल कटनी ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही निवार के पास उनकी मौत हो गई।

घायल महिलाओं के नाम:

  • आगानिया बाई भूमिया (50 वर्ष), पति जौहरलाल

  • रमन बाई भूमिया (36 वर्ष), पति राकेश भूमिया

  • संध्या कुमारी (8 वर्ष), पिता राकेश भूमिया

तीनों घायलों को तत्काल स्लीमनाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।

ठेकेदार की घोर लापरवाही उजागर

स्थानीय लोगों का कहना है कि बिजली का कार्य कर रही एजेंसी द्वारा कार्यस्थल पर कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए थे। काम बंद हो चुका था, लेकिन तारों में करंट दौड़ रहा था, जिससे यह दुर्घटना हुई। बिना चेतावनी, बैरिकेडिंग या सुरक्षा व्यवस्था के यह कार्य किया जा रहा था।

 गांव में मातम, जिम्मेदार कौन?

इस हादसे से पूरे संसारपुर गांव में शोक और आक्रोश का माहौल है। ग्रामीणों ने बिजली विभाग और ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। एक मासूम बच्ची सहित चार महिलाओं की जिंदगी खतरे में डालने वाले इस कृत्य को ग्रामीण प्रशासनिक लापरवाही करार दे रहे हैं।

 क्या कहते हैं ग्रामीण?

ग्रामीणों ने बताया कि ठेकेदार को पहले भी कई बार असुरक्षित काम करने को लेकर टोका गया था, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। अब एक महिला की जान चली गई और तीन की जिंदगी खतरे में है।

मांग: ठेकेदार पर हो गैर इरादतन हत्या का केस, पीड़ितों को मुआवजा

ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने मांग की है कि ठेकेदार पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाए, और पीड़ित परिवार को पर्याप्त मुआवजा तथा घायलों का समुचित इलाज सुनिश्चित किया जाए।

बहुत अच्छा निर्णय कि आपने रिपोर्ट को जनहित और ज़मीनी सच्चाई के साथ पेश करने का रास्ता चुना है। आपके अंतिम वाक्य को जोड़कर, पूरी रिपोर्ट का समापन और भी सशक्त बन सकता है। नीचे आपके ही प्रारूप का संशोधित समापन दिया जा रहा है, जिससे समाचार की धार और भी तीव्र हो:

प्रशासन हरकत में, FIR की तैयारी शुरू

घटना के बाद ग्रामीणों में उबाल है और मौके पर पुलिस बल तैनात किया गया है। ग्रामीणों के आक्रोश और सार्वजनिक दबाव को देखते हुए, पुलिस द्वारा ठेकेदार की भूमिका की जांच शुरू कर दी गई है। प्रारंभिक जांच में लापरवाही के गंभीर संकेत मिले हैं।

सूत्रों के अनुसार, पुलिस द्वारा विद्युत ठेकेदार पर गैर इरादतन हत्या सहित अन्य धाराओं में FIR दर्ज करने की तैयारी की जा रही है। साथ ही प्रशासनिक स्तर पर पीड़ित परिवार को सहायता दिलाने के प्रयास भी शुरू कर दिए गए हैं।

पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सांसद वीडी शर्मा के संसदीय क्षेत्र में बिजली संकट, ग्रामीण बोले – “कटनी में विकास अंधेरे में" सारी रात जुहली सहित ग्रामीण क्षेत्रों में अंधेरा कायम

कटनी।
जहां बरसात का मौसम आम जनजीवन के लिए राहत लेकर आता है, वहीं शहर से सटे ग्राम जुहली के ग्रामीणों के लिए यह परेशानी और खौफ की रातों में तब्दील हो गया है। बिजली विभाग की घोर लापरवाही के चलते गांव में बिजली की आंख मिचौली ने ग्रामीणों की नींद उड़ा दी है। अब हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि गांववाले लगातार 12-12 घंटे तक बिजली से महरूम हैं।

बीती रात भी पूरे गांव में बिजली गुल रही। बरसात में अंधेरा और ऊपर से विषैले जीव-जंतुओं का डर – ग्रामीणों के लिए यह रात किसी यातना से कम नहीं रही। कई लोगों ने तो बच्चों और बुजुर्गों को पूरी रात जगाकर रखा, ताकि किसी अनहोनी से बचा जा सके। ग्रामीणों का साफ आरोप है कि बिजली विभाग सिर्फ बारिश का बहाना बना रहा है, जबकि सच्चाई यह है कि सप्लाई बंद रखना ही इनका ‘नया रूटीन’ बन गया है।

ग्रामीणों में गहरा आक्रोश:

बिजली विभाग के प्रति ग्रामीणों का आक्रोश साफ झलकने लगा है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर हालात जल्द नहीं सुधरे तो वे सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर होंगे। बच्चों, बीमारों और बुजुर्गों की तबीयत पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है, लेकिन विभाग पूरी तरह से बेपरवाह बना हुआ है।


👉 ग्रामीणों की तीन प्रमुख मांगें:

नियमित और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए

बिजली कटौती के कारणों की सार्वजनिक जानकारी दी जाए

जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय हो

प्रशासन से सीधा सवाल:

क्या ग्रामीणों की नींद, सुरक्षा और सम्मान की कोई कीमत नहीं रह गई है? क्या बिजली व्यवस्था सुधारने के लिए सिर्फ बारिश को ढाल बनाकर विभाग आँखें मूंदे रहेगा?

ग्रामीणों का स्थानीय नेतृत्व पर सवाल:

 गांव में नेता तो कई हैं, जो शहरी नेताओं की आवभगत में आगे रहते हैं, लेकिन जब गांव की ज़मीनी समस्याओं की बात आती है, तो वे मौके पर नदारद हो जाते हैं। बीती रात गांव की हालत बेहाल रही, मगर कोई भी जनप्रतिनिधि वहां झांकने तक नहीं आया। ग्रामीणों का कहना है कि अगर उनकी आवाज़ फिर दबाई गई, तो वे अपने हक के लिए सड़क पर उतरने में हिचकिचाएंगे नहीं।

बड़ा सवाल – जब जुहली का ये हाल, तो दूर-दराज़ के गांवों का क्या हाल होगा?

जुहली जैसे गांव, जो शहर से लगे हुए हैं, अगर वहां बिजली की यह बदहाल स्थिति है, तो सोचिए उन दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों का क्या हाल होगा? क्या वहां इंसान नहीं रहते?

और यह सब उस जिले में हो रहा है, जहां पंचायत से लेकर सांसद तक सभी जनप्रतिनिधि भारतीय जनता पार्टी से हैं। यह वही इलाका है जो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान सांसद वीडी शर्मा का संसदीय क्षेत्र है। फिर भी हालात हैं कि सुधरने का नाम नहीं ले रहे। सवाल यह भी है – क्या अब बिजली विभाग पर किसी का बस ही नहीं रह गया?