रविवार, 9 मई 2021

आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिये निःशुल्क कोविड उपचार, आयुष्मान कार्ड नहीं बना फिर भी हो सकेगा उपचार

कटनी -: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश के समस्त आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को निःशुल्क कोविड उपचार उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार संकल्पबद्ध है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना लागू की गई है। इस योजना में आयुष्मान कार्डधारी परिवारों का निःशुल्क कोविड उपचार करने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय भी लिये गये हैं।

कलेक्टर मिश्रा ने बताया कि योजना के तहत आयुष्मान पैकेज की दरों में 40 प्रतिशत की वृद्धि कर उनको वर्तमान में उपचार के लिये प्रायवेट अस्पतालों की दरों के समकक्ष लाया गया है। इसमें विशेष जाँचों जैसे सीटी स्केन, एमआरआई आदि की अधिकतम सीमा जो पूर्व में 5 हजार रूपये प्रति परिवार प्रतिवर्ष थी, इसे संशोधित कर वर्ष 2021-22 में कोविड-19 के उपचार हेतु भर्ती कार्डधारियों के लिए 5 हजार रुपये प्रति कार्डधारी कर दिया गया है।

वर्तमान में प्रदेश के कोविड उपचार हेतु चिन्हित अस्पतालों की संख्या 579 के विरुद्ध मेडिसिन विशेषज्ञता वाले 288 अस्पताल ही आयुष्मान योजना के इम्पेनल्ड है। अतः जिला स्वास्थ्य समिति को जिला स्तर पर कोविड-19 के इलाज के लिए सार्थक पोर्टल पर पंजीकृत निजी अस्पताल को आयुष्मान भारत योजना में तीन माह के लिए अस्थायी सबद्धता प्रदान करने के लिए अधिकृत किया गया है।

मेडिसिन विशेषज्ञता रखने वाले अस्पतालों को तीन माह की अस्थाई संबद्धता

कलेक्टर मिश्रा ने बताया कि इस योजना से आर्थिक रूप से कमजोर आयुष्मान कार्डधारी परिवारों का निःशुल्क कोविड उपचार कराया जा सकेगा, जो राज्य शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता भी है। शासन द्वारा निर्देश दिये गये हैं कि जिले के समस्त ऐसे निजी अस्पताल जो मेडिसिन विशेषज्ञता रखते हुए कोविड उपचार कर रहे हैं और सार्थक पोर्टल पर पंजीबद्ध हैं। उनकी आयुष्मान योजना के अन्तर्गत तीन माह के लिए अस्थायी संबद्धता शीघ्र दी जाये ताकि उन सभी अस्पताल में आयुष्मान योजना के नवीन पैकेज के अन्तर्गत आयुष्मान कार्डधारियों का निःशुल्क कोविड उपचार सुनिश्चित किया जा सके। बहुत छोटे अस्पतालों को यह संबद्धता न दी जाये।

पात्र परिवार के प्रत्येक सदस्य का बने आयुष्मान कार्ड

राज्य शासन प्रतिबद्धता है कि आयुष्मान भारत योजना में पात्र परिवार के प्रत्येक सदस्य को कार्ड उपलब्ध कराया जाये। यह कार्य एक अभियान के रूप में चलाया जाये। कोविड-19 के निःशुल्क उपचार के लिये विशेष अभियान चलाकर सुनिश्चित करें कि आयुष्मान पात्र परिवारों के प्रत्येक सदस्य को पृथक कार्ड मिल सके और उनका निःशुल्क कोविड उपचार किया जा सके। कोई भी आयुष्मान कार्ड की पात्रता रखने वाले परिवार के पास यदि आयुष्मान कार्ड नहीं है और उसे कोविड होने के कारण उपचार की आवश्यकता है, तो भी इनका निःशुल्क इलाज सुनिश्चित किया जाना है।

कार्ड नहीं बना, फिर भी हो सकेगा उपचार

कलेक्टर मिश्रा ने बताया कि यदि आयुष्मान कार्डधारक के परिवार का कोई सदस्य जिसका आयुष्मान कार्ड नहीं बना है और वह कोविड पॉजीटिव होकर उपचार के लिये अस्पताल में पहुँचता है तो वह तीन तरह से अस्पताल में प्रवेश पा सकेगा

     परिवार के किसी सदस्य का आयुष्मान कार्ड एवं खाद्यान्न की पर्ची, जिसके माध्यम से यह पता चलता है कि वह आयुष्मान कार्डधारक के परिवार का सदस्य है।

     आयुष्मान कार्डधारी परिवार के एक सदस्य का आयुष्मान कार्ड एवं उसके साथ समग्र आई.डी का प्रस्तुतीकरण, जिसके माध्यम से यह पता चलता हो कि वह आयुष्मान कार्डधारक परिवार का सदस्य है।

       परिवार के एक सदस्य का आयुष्मान कार्ड एवं साथ में किसी भी शासकीय विभाग के राजपत्रित अधिकारी का इस बावत प्रमाणीकरण कि वह आयुष्मान कार्डधारक के परिवार का सदस्य है। शासकीय अधिकारी इस हेतु समग्र पोर्टल के माध्यम से सत्यापित कर सकते हैं कि वह आयुष्मान कार्डधारी के समग्र आई.डी. परिवार का सदस्य है।

शासकीय चिकित्सालयों में होगी कार्ड बनाने की स्थाई व्यवस्था 

इस विषय में स्वास्थ्य सचिव आकाश त्रिपाठी ने बताया है कि कोविड उपचार के लिये भर्ती होने के पश्चात तीन दिवस के भीतर मरीज के परिवारजन को मरीज का आयुष्मान कार्ड बनवाकर अस्पताल में प्रस्तुत करना होगा। उसे यह कार्ड बनाने के लिए एक सुगमता पूर्वक व्यवस्था जिला कलेक्टर एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सुनिश्चित करेंगे और इस हेतु शासकीय चिकित्सालयों में आयुष्मान कार्ड बनाने की स्थायी व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।

कुठला थाना क्षेत्र में जमकर हो रही अवैध शराब की तस्करी, पत्रकार की सूचना पर मौके पर पहुँची पुलिस, कुछ दिन पूर्व ही अवैध शराब की खबर चलाने पर थाना प्रभारी ने दी थी फोन पर धमकी।

कटनी -: यूं तो कहने को पूरे जिले में कोरोना कर्फ्यू के कारण आवश्यक वस्तुओं को छोड़ सब कुछ बन्द कर दिया गया है । मगर कर्फ्यू लगने की भनक लगते ही कालाबाजारी करने वाले सक्रिय हो जाते हैं। और इनके उदाहरण आये दिन देखने को मिल जाते है। 

हालांकि कर्फ्यू का पालन कराने प्रशासन भी सख्ती से जुट जाता है। मगर कुछ एक ऐसे कालाबाजारी करने वाले होते है जो प्रशासन की भी आँखों मे धूल झोककर अपना काम जारी रखते है या शटर के नीचे से या फिर घूमते फिरते ही। जिसकी खबरे भी आये दिन चैंनल व अखबारों में दिखाई देती रहती है। 

ऐसा ही मामला कटनी जिले के कुठला थाना क्षेत्र का है जहां कुछ दिन पूर्व एक पत्रकार द्वारा अवैध शराब बिक्री की वीडियो सहित खबर पब्लिस कर दी थी जिसके कुछ देर बाद ही  संबंधित थाने के थानेदार ने उक्त पत्रकार को कॉल करके खबरे की सत्यता पर सवाल जबाब किये और तो और FIR तक कि धमकी दे दी जिसका ऑडियो भी स्थानीय व्हाट्सएप ग्रुपों में वायरल हुई थी। 

उक्त मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी से की मगर हफ्ते बीत जाने के बाद आखिर क्या जांच हुई पता नही चला। 

            एक बार फिर पत्रकारो को कुठला थाना क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री की जानकारी लगी। अब क्या था पत्रकारों ने पहले तो थाने  में कॉल किया और शराब माफिया को रंगेहाथ पकड़वा दिया। और प्रशासन को बता दिया कि अवैध शराब की तस्करी किस तरह इनकी मौन स्वीकृति से जोरो पर है। 

अब देखते हैं पुलिस अधीक्षक धमकी देने वाले थानेदार पर क्या कार्यवाही करते हैं । या फिर पहले की तरह ही मौन धारण कर ऐसे ही चलते रहने देंगे कोई भी पत्रकारों को खबर चलाने पर धमकियां देता रहेगा और माफिया मौज उड़ाते रहेंगे।।