कटनी -: जिले की स्लिमीनाबाद थाना क्षेत्र के ग्राम धरवारा में 6 जनवरी2022 को घर से लापता हुए नाबालिग बालक की दो दिन बाद लाश ही मिली थी कि पुलिस ने तत्परता मामले की जांच करते हुए आरोपियों को भी खोज निकाला । जिसमे 4 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया। हालांकि मामला तब परिजनों व ग्रामीणों के लिए संदेहास्पद हो गया जब पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलवाई और प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पुलिस ने चार आरोपियों में दो आरोपियों पर ipc के तरह 302 व दो आरोपियों पर ipc की धारा 202 के तरह मामला दर्ज करने की बात जारी कर दी। वही जब पुलिस अधीक्षक से मृतक के परिजनों ने बात की एसपी सुनील जैन से मामला स्पष्ट करते हुए बताया कि चारों आरोपियों पर ipc की धारा 363, 302, 202 व 34 के तहत मामला दर्ज हुआ है किसी भी प्रकार अपवाहों पर मत आए जांच भी 90 दिन चलना है अगर कोई और भी दोषी होता है तो उसे भी गिरफ्तार किया जाएगा।
शुक्रवार, 14 जनवरी 2022
जिला न्यायाधीश श्री नोटिया ने किया आंगनबाड़ी केन्द्र का निरीक्षण, कोरोना गाइडलान का पालन करने दिए निर्देश, मास्क का किया वितरण
कटनी -: मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कटनी श्यामाचरण उपाध्याय के मार्गदर्शन में जिला न्यायाधीश, सचिव दिनेश कुमार नोटिया द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्र क्र. 153 महाराणा प्रताप वार्ड कटनी का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान आंगनबाड़ी केन्द्र के कुछ बच्चे बिना मास्क के पाए गए। सचिव द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व उपस्थित बच्चों को कोरोना गाइडलाइन का पालन करने, सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने, मास्क लगाने, सैनेटाईजर या साबुन से एक निश्चित अंतराल पर हाथ धोने और कोरोना संबंधी अन्य महत्वपूर्ण निर्देश प्रदान किए। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा उपस्थित बच्चों और कार्यकर्ताओं को मास्क उपलब्ध कराए गए।इसके साथ ही राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर द्वारा संचालित योजनाओं के संबंध में विधिक साक्षरता शिविर, जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। जिसमें जिला न्यायाधीश व सचिव श्री नोटिया ने उपस्थित महिलाओं को भरण पोषण, विधि, घरेलु हिंसा, किशोर न्याय अधिनियम, अपराध पीडि़त प्रतिकर योजना, मोटर व्हीकल एक्ट, बच्चों के अधिकार एवं कर्तव्य, निःशुल्क विधिक सहायता से संबंधित जानकारी दी गई। इस दौरान पीएलव्ही मनीषा प्यासी, सुनीता केवट, अजय बुरडे, जिला प्राधिकरण के कर्मचारी सहित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मौजूद रहीं।
मकर संक्रांति विशेष - मकर संक्रांति और सूर्य उपासना द्वारा अपना जीवन तेजस्वी बना सकते है,
मकर संक्रांति विशेष
🚩 मकर संक्रांति नैसर्गिक पर्व है । किसी व्यक्ति के आने-जाने से या किसी के अवतार के द्वारा इस पर्व की शुरुआत नहीं हुई है । प्रकृति में होने वाले मूलभूत परिवर्तन से यह पर्व संबंधित है और प्रकृति की हर चेष्टा व्यक्ति के तन और मन से संबंध रखती है । इस काल में भगवान भास्कर की गति उत्तर की तरफ होती है । अंधकार वाली रात्रि छोटी होती जाती है और प्रकाश वाला दिन बड़ा होता जाता है ।
🚩पुराणों का कहना है कि इन दिनों देवता लोग जागृत होते हैं । मानवीय 6 महीने दक्षिणायन के बीतते हैं, तब देवताओं की एक रात होती है । उत्तरायण के दिन से देवताओं की सुबह मानी जाती है ।
🚩ऋग्वेद में आता है कि सूर्य न केवल सम्पूर्ण विश्व के प्रकाशक, प्रवर्त्तक एवं प्रेरक हैं वरन् उनकी किरणों में आरोग्य वर्धन, दोष-निवारण की अभूतपूर्व क्षमता विद्यमान है । सूर्य की उपासना करने एवं सूर्य की किरणों का सेवन करने से कई प्रकार के शारीरिक, बौद्धिक एवं आध्यात्मिक लाभ होते हैं ।
🚩जितने भी सामाजिक एवं नैतिक अपराध हैं वे विशेषरूप से सूर्यास्त के पश्चात अर्थात् रात्रि में ही होते हैं । सूर्य की उपस्थिति मात्र से ही दुष्प्रवृत्तियां नियंत्रित हो जाती हैं । सूर्य के उदय होने से समस्त विश्व में मानव, पशु-पक्षी आदि क्रियाशील होते हैं । यदि सूर्य को विश्व-समुदाय का प्रत्यक्ष देव अथवा विश्व-परिवार का मुखिया कहें तो भी कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी ।
🚩वैसे तो सूर्य की रोशनी सभी के लिए समान होती है परन्तु उपासना करके उनकी विशेष कृपा प्राप्त कर व्यक्ति सामान्य लोगों की अपेक्षा अधिक उन्नत हो सकता है तथा समाज में अपना विशिष्ट स्थान बना सकता है ।
🚩सूर्य एक शक्ति है । भारत में तो सदियों से सूर्य की पूजा होती आ रही है । सूर्य तेज और स्वास्थ्य के दाता माने जाते हैं । यही कारण है कि विभिन्न जाति, धर्म एवं सम्प्रदाय के लोग दैवी शक्ति के रूप में सूर्य की उपासना करते हैं ।
🚩सूर्य की किरणों में समस्त रोगों को नष्ट करने की क्षमता विद्यमान है । सूर्य की प्रकाश – रश्मियों के द्वारा हृदय की दुर्बलता एवं हृदय रोग मिटते हैं । स्वास्थ्य, बलिष्ठता, रोगमुक्ति एवं आध्यात्मिक उन्नति के लिए सूर्योपासना करनी ही चाहिए ।
🚩सूर्य नियमितता, तेज एवं प्रकाश के प्रतीक हैं । उनकी किरणें समस्त विश्व में जीवन का संचार करती हैं । भगवान सूर्य नारायण सतत् प्रकाशित रहते हैं । वे अपने कर्त्तव्य पालन में एक क्षण के लिए भी प्रमाद नहीं करते, कभी अपने कर्त्तव्य से विमुख नहीं होते । प्रत्येक मनुष्य में भी इन सदगुणों का विकास होना चाहिए । नियमितता, लगन, परिश्रम एवं दृढ़ निश्चय द्वारा ही मनुष्य जीवन में सफल हो सकता है तथा कठिन परिस्थितियों के बीच भी अपने लक्ष्य तक पहुँच सकता है ।
🚩सूर्य बुद्धि के अधिष्ठाता देव हैं । सभी मनुष्यों को प्रतिदिन स्नानादि से निवृत्त होकर एक लोटा जल सूर्यदेव को अर्घ्य देना चाहिए । अर्घ्य देते समय इस बीजमंत्र का उच्चारण करना चाहिएः ॐ ह्रां ह्रीं सः सूर्याय नमः । इस प्रकार मंत्रोच्चारण के साथ जल देने से तेज एवं बौद्धिक बल की प्राप्ति होती है ।
🚩सूर्योदय के बाद जब सूर्य की लालिमा निवृत्त हो जाय तब सूर्याभिमुख होकर कंबल अथवा किसी विद्युत कुचालक आसन् पर पद्मासन अथवा सुखासन में इस प्रकार बैठें ताकि सूर्य की किरणें नाभि पर पड़े । अब नाभि पर अर्थात् मणिपुर चक्र में सूर्य नारायण का ध्यान करें ।
🚩यह बात अकाट्य सत्य है कि हम जिसका ध्यान, चिन्तन व मनन करते हैं, हमारा जीवन भी वैसा ही हो जाता है । उनके गुण हमारे जीवन में प्रकट होने लगते हैं ।
🚩नाभि पर सूर्यदेव का ध्यान करते हुए यह दृढ़ भावना करें कि उनकी किरणों द्वारा उनके दैवी गुण आप में प्रविष्ट हो रहे हैं । अब बायें नथुने से गहरा श्वास लेते हुए यह भावना करें कि सूर्य किरणों एवं शुद्ध वायु द्वारा दैवीगुण मेरे भीतर प्रविष्ट हो रहे हैं । यथासामर्थ्य श्वास को भीतर ही रोककर रखें । तत्पश्चात् दायें नथुने से श्वास बाहर छोड़ते हुए यह भावना करें कि मेरी श्वास के साथ मेरे भीतर के रोग, विकार एवं दोष बाहर निकल रहे हैं । यहाँ भी यथासामर्थ्य श्वास को बाहर ही रोककर रखें तथा इस बार दायें नथुने से श्वास लेकर बायें नथुने से छोड़ें । इस प्रकार इस प्रयोग को प्रतिदिन दस बार करने से आप स्वयं में चमत्कारिक परिवर्तन महसूस करेंगे । कुछ ही दिनो के सतत् प्रयोग से आपको इसका लाभ दिखने लगेगा । अनेक लोगों को इस प्रयोग से चमत्कारिक लाभ हुआ है ।
🚩सूर्य की रश्मियों में अद्भुत रोगप्रतिकारक शक्ति है । दुनिया का कोई वैद्य अथवा कोई मानवी इलाज उतना दिव्य स्वास्थ्य और बुद्धि की दृढ़ता नहीं दे सकता है, जितना सुबह की कोमल सूर्य-रश्मियों में छुपे ओज-तेज से मिलता है ।
🚩भगवान सूर्य तेजस्वी एवं प्रकाशवान हैं । उनके दर्शन व उपासना करके तेजस्वी व प्रकाशमान बनने का प्रयत्न करें । ऐसे निराशावादी और उत्साहहीन लोग जिनकी आशाएँ, भावनाएँ व आस्थाएँ मर गयी हैं, जिन्हें भविष्य में प्रकाश नहीं, केवल अंधकार एवं निराशा ही दिखती है ऐसे लोग भी सूर्योपासना द्वारा अपनी जीवन में नवचेतन का संचार कर सकते हैं ।
🚩क्या करें मकर संक्रांति को..???
🚩मकर संक्रांति या उत्तरायण दान-पुण्य का पर्व है । इस दिन किया गया दान-पुण्य, जप-तप अनंतगुना फल देता है । इस दिन गरीब को अन्नदान, जैसे तिल व गुड़ का दान देना चाहिए। इसमें तिल या तिल के लड्डू या तिल से बने खाद्य पदार्थों को दान देना चाहिए । कई लोग रुपया-पैसा भी दान करते हैं।
🚩तिल का महत्व :-
🚩विष्णु धर्मसूत्र में उल्लेख है कि मकर संक्रांति के दिन तिल का 6 प्रकार से उपयोग करने पर जातक के जीवन में सुख व समृद्धि आती है ।
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