रविवार, 26 दिसंबर 2021

वास्तुशास्त्र के अनुसार ऐसी कौन कौन सी वस्तुएं है जो घर में रखने से बर्बादी का कारण बन सकती है।

ज्योतिष-:कई बार बहुत अधिक मेहनत के बाद भी घर में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है कहा जाता है की इसके पीछे कई बार वास्तु दोष भी हो सकता है. वास्तु दोष होने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है घर में वास्तु दोष होने के बहुत सारे कारण हो सकते हैं बहुत सी चीजे ऐसी होती है जिन्हें घर में रखने से भी घर में वास्तुदोष उत्पन्न होता है.


 युद्ध और लड़ाई वाली सीनरी 

अपने घर की दीवार में बहुत से लोग लड़ाई या फिर किसी भी युद्ध जैसे महाभारत से सम्बंधित सीनरी लगाना बहुत पसंद करते है वास्तु अनुसार कहा जाता है की इस तरह की कोई भी तस्वीर घर में नहीं लगानी चाहिए. इस तरह की फोटो लगाना बहुत ही अशुभ माना गया है.


 कैक्टस और अन्य कांटेदार पौधे 

घर में पेड़ पौधे लगाने का शौक तो बहुत से लोगो को होता है कहा जाता है की घर में कैक्टस या कोई भी कांटेदार पौधे लगाने स बचना चाहिए. इस तरह के पौधे घर में नेगटिव ऊर्जा विकसित करते है जो घर और घर के सदस्यो के लिए अच्छे नहीं होते है.


 घर में नटराज की स्टेच्यू या मूर्ति 

नटराज की मूर्ति तांडव डांस फॉर्म को दर्शाती है कहा जाता है कि घर में नटराज की मूर्ति नहीं रखनी चाहिए इससे घर के सदस्यों में मन मुटाव होने की स्थिति पैदा हो सकती है. इसे घर में रखना अशुभ माना गया है.


 डूबती हुई नाव या जहाज की तस्वीर 

वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि घर में डूबती हुई नाव या जहाज की तस्वीर कभी नहीं लगानी चाहिए. डूबती हुई नाव बर्बादी और नुकसान की ओर इशारा करती है ऐसी तस्वीर या मूर्ति घर में लगाने से घर के सदस्यो के सम्बन्ध खराब होने की संभावना रहती है. 


 कबाड़ कर देता है जीवन का कबाड़ा 

अक्सर देखा गया है कि लोग घर में अटाला या कबाड़ जमा कर रखते हैं। इसके लिए एक कबाड़खाना अलग से होना चाहिए। पुराने या टूटे हुए जूते-चप्पल आपको आगे बढऩे से रोक देते हैं। इन्हें भी घर से निकाल दें।


 पानी का झरना या झरने की तस्वीर 

बहुत से लोग अपने घरों में वाटर फाउंटेन लगाना बहुत पसंद करते है और इसे अच्छा भी मानते है लेकिन वास्तुशास्त्र में घर में पानी के झरने की तस्वीर या झरना लगाना शुभ नहीं मना गया है. कहा जाता है की इससे घर में अस्थिरता आती है और घर के सदस्यो का स्वास्थ्य और पैसा पानी की तरह ही बह जाता है.


 फटे पुराने वस्त्र

फटे-पुराने कपड़ों या चादरों से भी घर में नकारात्मक मानसिकता और ऊर्जा का निर्माण होता है। इस तरह के वस्त्रों को किसी को दान कर देना चाहिए या इसका किसी और काम में उपयोग करना चाहिए।


 खुली अलमारी 

किताबें रखने या कुछ छोटा-मोटा सामान रखने वाली अलमारियों को बंद करने का दरवाजा नहीं है या उनमें कांच नहीं लगा है तो वह खुली मानी जाएगी। माना जाता है कि ऐसी अलमारी के होने से हर तरह के कार्यों में रुकावट आती है और धन भी पानी की तरह बह जाता है।


 देवी-देवताओं की मूर्ति या चित्र 

देवी-देवताओं की फटी हुईं और पुरानी तस्वीरें अथवा खंडित हुईं मूर्तियों से भी आर्थिक हानि होती है अत: उन्हें किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए।


 इसके अलावा देवी-देवताओं के चित्रों से घर को नहीं सजाना चाहिए। उनके चित्र या मूर्ति की संख्या और स्थान निश्चित होते हैं। कुछ लोग ढेर सारी मूर्तियां इकट्ठी कर ले‍ते हैं। एक ही देवी या देवता की 3-3  मूर्तियां और चित्र होते हैं, जो कि वास्तुदोष निर्मित करते हैं। 


 इसके अलावा पूजा में चढ़े हुए और मुरझाए हुए फूल घर में नहीं रखें इनसे अशुभ फल मिलता है। अगर बुरी नजर या ताकत से बचने के लिए नींबू-मिर्च लग रखें है तो हर रविवार को उन्हें हटा दें और नए लगा दें।


 टूटी फूटी  कुर्सी और टेबल  

आपके घर में टूटी हुई चेयर या टेबल पड़ी है तो उसे तुरंत घर से हटा दें। ये आपके पैसों और तरक्की को रोक देती है। बैठक रूप का सोफा भी फटा या टूटा हुआ नहीं होना चाहिए। उस पर बिछाई गई चादर भी गंदी या फटी नहीं होना चाहिए।


 टूटी-फूटी वस्तुएं 

टूटे-फूटे बर्तन, दर्पण, इलेक्ट्रॉनिक सामान, तस्वीर, फर्नीचर, पलंग, घड़ी, दीपक, झाड़ू, मग, कप आदि कोई सा भी सामान घर में नहीं रखना चाहिए। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का निर्माण होता है और व्यक्ति मानसिक परेशानियां झेलता है। यह भी माना जाता है कि इससे वास्तु दोष तो उत्पन्न होता ही है, लक्ष्मी का आगमन भी रुक जाता है।


मकड़ी का जाला : घर में बनने वाले मकड़ी के जाले तुरंत हटा दें इनसे आपके अच्छे दिन बुरे दिनों में बदल सकते हैं। अक्सर लोगों के घर के किसी कोने के उपरी हिस्से में जाले लग जाते हैं।


 कुछ लोग उनको हटाने से डरते हैं क्योंकि इससे किसी के घर को तोड़ने का आभास होता है लेकिन मकड़ी जाला रहने के लिए नहीं शिकारी को फंसाने के लिए बनाती है। अत: माना जाता है कि यह जाला होना तो अनुचित ही है।


 घर की छत : वास्तु के अनुसार घर की छत पर पड़ी गंदगी का भी पैसों की तंगी को बढ़ा सकती है। परिवार की बरकत पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ध्यान रखें कि घर की छत पर कबाड़ा अथवा फालतू सामान हरगिज न रखें। कबाड़ा व फालतू सामान रखने से परिवार के सदस्यों के मन-मस्तिष्क पर दबाव पड़ता है। माना जाता है कि इससे पितृ दोष भी उत्पन्न हो जाता है।


 पर्स या तिजोरी : पर्स फटा न हो और तिजोरी टूटी हुई न हो। पर्स या तिजोरी में धार्मिक और पवित्र वस्तुएं रखें जिनसे सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और जिन्हें देखकर मन प्रसन्न होता है।


 पर्स में चाबियां या किसी भी प्रकार की अपवित्र वस्तुएं न रखें। पर्स में भगवान के चित्र रख सकते हैं। इसी तरह तिजोरी में रुपयों के अलावा आप सोना, चांदी या जेवरात ही रख सकते हैं। चैक बुक, पास बुक, पैसे के लेन-देन संबंधी कागजात, पूंजी निवेश संबंधी कागजात भी रख सकते हैं।  पूजा की सुपारी, श्रीयंत्र, कुबेर यंत्र आदि भी रख सकते हैं।


 प्लास्टिक का सामान : आजकल प्लास्टिक का प्रचलन बढ़ गया है। आटे का डब्बा, रोटी का डब्बा, चम्मच, चाय का डब्बा, पानी की बोतल, मसाले आदि के छोटे-छोटे डब्बे आदि कई सामान प्लास्टिक के आने लगे हैं। प्लास्टिक की थेलियां भी बहुत से घरों में इकट्ठी करके रखी जाती है। 

 

 प्लास्टिक की अधिकता से घर में नकारात्मक ऊर्जा का निर्माण तो होता ही है यह स्वास्थ के लिए भी हानिकारक है। लगातार प्लास्टिक की बोतल में पानी पीना या प्लास्टिक की प्लेट में भोजन करने से हमारे स्वास्थ्‍य पर प्रतिकूल असर पड़ता है। जिस तरह पितल या तांबे के ग्लास से पानी पीने से उसके तत्व हमारे शरीर में जाते हैं उसी तरह प्लास्टिक की बोतल से पानी पीने से उसमें मौजूद विशाक्त तत्व हमारे शरीर में पहुंचते हैं। वैज्ञानिक कहते हैं कि प्लास्टिक कैंसर का भी कारण बन सकता है।

 

 प्लास्टिक मूल रूप से विषैला या हानिप्रद नहीं होता। परन्तु प्लास्टिक के थैले या अन्य वस्तुओं को रंग और रंजक, धातुओं और अन्य तमाम प्रकार के अकार्बनिक रसायनों को मिलाकर बनाया जाता है। 


 हानिकारक वस्तुएं : इसके अलावा घर में ऐसी कई हानिकारक वस्तुएं होती है जिसके घर में रखें होने से घर का वातावरण ‍विशैला बन जाता है। यह स्थूल रूप से दिखाई नहीं देता लेकिन हवा का गुण धर्म इससे बदल जाता है। 

 


 ऐसे कई वस्तुएं हैं जो हमारे आसपास रहती है जैसे यहां वहां ‍घर में बिखरी ढेर सारी दवाइयां, एसिड की बोतल, टाइलेट क्लिनर शोप, फिनॉयल, जहरीले रसायन, कीटनाशक, मच्छर मारने की दवा, एंटीबॉयोटिक दवा, अधिक बल्ब, एयर फ्रेशनर, अग्निशामक, नॉन स्टिक पॉट आदि।

 

 सभी तरह की हानिकारक वस्तुओं के लिए एक स्थान नियुक्त होना चाहिए और वह भी ऐसा जहां वे सुरक्षित रखी हों। ऐसी वस्तुओं के लिए अलग से लकड़ी या लोहे का एक बॉक्स बनवाएं और उसमें रखें जो किचन और बेडरूम से दूर हो।


पत्थर, नग या नगिना : कई लोग अपने घर में अनावश्यक पत्थर, नग, अंगुठी, ताबिज या अन्य इसी तरह के सामान घर में कहीं रख छोड़ते हैं। यह मालूम नहीं रहता है कि कौन-सा नग फायदा पहुंचा रहा है और कौन-सा नग नुकसान पहुंचा रहा है। इसलिए इस तरह के सामान को घर से बाहर निकाल दें। 


 बहुत बड़ी और भयानक मुर्तिया 

घर में कभी भी बहुत अधिक बड़ी और डरावनी मुर्तिया नहीं रखनी चाहिए इस तरह की मूर्तियों से घर में नेगेटिविटी आती है और घर के वातावरण में बुरी शक्तियों की वाइब्रेशन महसूस होने लगती है.


👉 चील, कौए, उल्लू, शेर – चीता और गिद्ध की तस्वीर 

वास्तुशास्त्र के अनुसार घर में चील ,कोवे, उल्लू, शेर – *चीता और गिद्ध जैसे पक्षियों और जानवरों की तस्वीर घर में भूलकर भी नहीं लगानी चाहिए. ऐसी तस्वीर घर में लगे से घर से सदस्यो का व्यवहार भी इन्ही की तरह ही वॉयलेंट अर्थात गुस्से वाला हो जाता है।*


*अंत में कुछ खास वास्तु टिप्स....*

 


*घर की खिड़की या दरवाजे से नकारात्मक वस्तुएं दिखाई देती हैं, जैसे सूखा पेड़, फैक्टरी की चिमनी से निकलता हुआ धुआं आदि। ऐसे दृश्यों से बचने के लिए खिड़कियों पर पर्दा डाल दें।*


 *घर के मुख्य द्वार के सामने या पास में बिजली का खंभा या ट्रांसफॉर्मर लगा है तो इससे नकारात्मक ऊर्जा का निर्माण होगा। इससे घर के सदस्यों को अपने कार्यों में हर जगह रुकावट और असफलता का सामना करना पड़ेगा। घर के आसपास यदि कोई सूखा पेड़ या ठूंठ है, तो उसे तुरंत हटा देना चाहिए। घर के आस-पास कोई गंदा नाला, गंदा तालाब, श्मशान घाट या कब्रिस्तान नहीं होना चाहिए। इससे भी वातावरण में बहुत अधिक फर्क पड़ता है।*

 

*घर के प्रवेश द्वार पर हमेशा पर्याप्त रोशनी होनी चाहिए और प्रवेश द्वार सदैव साफ रखना चाहिए। ऐसा करने पर घर में सदैव सकारात्मक ऊर्जा आती है। यदि संभव हो तो प्रवेश द्वार पर लकड़ी की थोड़ी ऊंची दहलीज बनवाएं जिससे कि बाहर का कचरा अंदर न आ सके। कचरा भी वास्तु दोष बढ़ाता है।*

 

*पुराने भवन के भीतर कमरों की दीवारों पर सीलन पैदा होने से बनी भद्दी आकृतियां भी नकारात्मक ऊर्जा का सूचक होती हैं। घर का प्लास्टर उखड़ा हुआ न हो। यदि कहीं से थोड़ा-सा भी प्लास्टर उखड़ जाए, तो तुरंत उसे दुरुस्त करवाएं। घर को कलर करवाते समय इस बात का ध्यान रखें कि पेंट एक-सा हो। शेड एक से अधिक हो सकते हैं लेकिन शेड्स का तालमेल ठीक होना चाहिए।*

 

*घर के नैऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र) में अंधेरा न रखें तथा वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम क्षेत्र) में तेज रोशनी का बल्ब न लगाएं। घर में तुलसी का पौधा रहता है, तो कई प्रकार के वास्तु दोष दूर रहते हैं। तुलसी के पौधे के पास रोज शाम को दीपक भी लगाना चाहिए।*

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*अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें* 

जोतिर्विद वास्तु दैवज्ञ 

        पंडित 

मनोज कृष्ण शास्त्री 

       9993874848

आज का संदेश पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री

      अगर आप से कोई गलती हो जाए तो बहुत देर तक उस का रोना रोते न रहिए, उस का कारण जान लीजिए और फिर आगे की फ़िक्र कीजिए। धीरज से कमजोर आदमी को भी बल मिलता है, बेसब्री से शक्ति बरबाद होती है।

          जैसे कि बर्तन आवाज से जाना जाता है कि कटा हुआ है या नहीं, उसी तरह आदमी अपनी बातों से साबित कर देते है कि वे अकलमन्द हैं या बेवकूफ। दूसरों की खूबसूरती, उनकी तरक्की को देख हीन भावना से ग्रस्त न हों। अपना आत्मविश्वास बनाए रखें, अपनी खूबी पहचानें, उसे विकसित करें।

             धैर्य महान बनने की पहली सीढ़ी है। अगर जीवन में सफलता प्राप्त करनी है तो मेहनत पर विश्वास करें। किस्मत की आजमाईश तो जुए में होती है,,,,,✍️

जोतिर्विद वास्तु दैवज्ञ 

पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री 

      9993874848

आज का राशिफल एवं पंचांग, 26दिसंबर 2021रविवार

आज का राशिफल एवं पंचांग*

26दिसंबर 2021रविवार 


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मेष (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज के दिन आपकी वैचारिक शक्ति प्रबल रहेगी लेकिन फिर भी अंतर्द्वन्द में ही फंसे रह जाएंगे जिस कार्य को करना आरम्भ करेंगे उसे मनमाने तरीके से ही करेंगे किसी का कार्य मे दखल देना अखरेगा बेवजह की बहस के लिये तुरंत तैयार रहेंगे। कार्य क्षेत्र पर मध्यान तक उदासीनता रहेगी इसके बाद भी मेहनत करने पर ही आय के स्तोत्र बनेंगे लाभ आज सीमित साधनों से होगा लेकिन मेहनत आगे अवश्य धन लाभ के मार्ग बनाएगी। मन कुछ समय के लिये अनैतिक कार्यो मौज शौक की ओर भटकेगा लेकिन इसमें भी कुछ ना कुछ व्यवधान आने से इच्छा पूर्ति नही कर पाएंगे। पति/स्त्री संतान सुख मिलेगा साथ ही कोई नई समस्या भी बनेगी।


वृष (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज आपके अंदर तेज की कमी रहेगी मन मे कुछ ना कुछ भय बना रहेगा आस पास का वातावरण भी विपरीत रहेगा छोटी मोटी बातो अथवा हास्य परिहास में भी कलह होने की संभावना है। आज विशेषकर विपरीत लिंगीय से सीमित व्यवहार रखें अन्यथा मान भंग हो सकता है। आज आप भाई बंधुओ के लिये लाभकारी सिद्ध होंगे लेकिन आपके द्वारा दी गई आर्थिक अथवा अन्य प्रकार की सहायता का दुरुपयोग होने की संभावना अधिक है। शत्रु पक्ष को कमजोर ना आकेँ अंदर ही अंदर हानि पहुचायेंगे। धन लाभ आज मुश्किल से ही होगा।


मिथुन (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज के दिन आर्थिक उन्नति के योग बन रहे है लेकिन साथ ही सामाजिक क्षेत्र पर बदनामी अथवा किसी मामूली बात का बतंगड़ बनने से सम्मान हानि की भी सम्भवना है। भाई बंधु अथवा मित्र मंडली में कम बैठे कुछ ना कुछ गड़बड़ ही होगी। कार्य व्यवसाय से पहके से तय आय निश्चित होगी इसके अतिरिक्त भी जोखिम वाले कार्य शेयर लॉटरी आदि से अकस्मात लाभ की संभावना है। व्यवसायी वर्ग आर्थिक रूप से समृद्ध रहने पर भी असंतोषी ही रहेंगे। गृहस्थी में जिस बात को छुपाने के प्रयास करेंगे वही तकरार का कारण बनेगी। संतान से संबंध में चंचलता आएगी।


कर्क (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज आपका मन संतोषी रहने पर भी अन्य लोगो से स्वयं की तुलना करने पर बेचैन रहेगा। कार्य व्यवसाय से भी कोई सकारात्मक परिणाम नही मिलेगा। धन की आमद कम और खर्च अधिक रहने के कारण आर्थिक संतुलन गड़बड़ायेगा।  परिवार की महिलाए मानसिक विकार से ग्रस्त रहेंगी मामूली बातो को प्रतिष्ठा से जोड़ने पर घर का वातावरण खराब कर सकती है। पिता अथवा पैतृक संपत्ति से संबंधित कार्यो से लाभ की उम्मीद अंत समय मे उलझन में बदलेगी।  व्यवहार में मिठास बनाये रहने से कई पारिवारिक एवं कानूनी लफड़ो से बच सकते है। सेहत में थोड़े बहुत विकार लगे रहेंगे।


सिंह (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज का दिन शुभ फलदायक रहने पर भी आप इसका पूर्ण लाभ नही उठा पाएंगे। आपका स्वभाव अन्य लोगो के प्रति लापरवाह और रूखा रहेगा केवल स्वार्थ पूर्ति हेतु ही व्यवहार रखेंगे। जिसे अपना हितैषी समझेंगे वही दुख का कारण बनेगा। कार्य व्यवसाय में लाभ के अवसर मिलेंगे परन्तु अनुभव की कमी के कारण हाथ से निकलने की सम्भवना है लाभ पाने के लिये अहम की भावना त्याग किसी अनुभवी की सलाह अवश्य लें। धर्म कर्म में निष्ठा होने पर भी पाप कर्म के प्रति ज्यादा आकर्षण रहेगा। परिजन आपकी बातों का जल्दी से विश्वास नही करेंगे केवल मित्र लोग ही स्वार्थ वश आपकी हाँ में हाँ मिलाएंगे। सेहत संध्या बाद प्रतिकूल होगी।


कन्या (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज का दिन उतार चढ़ाव वाला रहेगा आपका ध्यान आज कम समय मे ज्यादा लाभ कमाने पर रहेगा लेकिन इसमें सफलता नही मिल सकेगी। धन लाभ के लिये दिन भर संघर्ष करना पडेगा लेकिन होगा अकस्मात ही। संतान अथवा पैतृक मामलो को लेकर कई दिनों से लगी कोई उम्मीद टूटने की संभावना है। विद्यार्थी वर्ग का अध्ययन में मन नही लगेगा प्रतियोगी परीक्षा में असफलता मिलेगी। 

संध्या तक धैर्य से काम लें इसके बाद स्थिति अनुकूल बनने लगेगी जो लोग आपको बोझ समझ रहे थे वही आपका महत्त्व समझेंगे। आध्यात्म एवं परोपकार का सहारा लें निकट भविष्य में अवश्य काम आएगा। सेहत संध्या बाद थकान होने पर भी अनुकूल लगेगी।


तुला (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज का दिन सार्वजनिक क्षेत्र से सम्मान दिलाएगा दिन के आरंभ में किसीकी बेतुकी बात को लेकर क्रोध में रहेगें थोड़ा बहुत गुस्सा दिन भर बना ही रहेगा। मध्यान के समय जिस कार्य से लाभ की उम्मीद लागये बैठे है उसके टलने से मन निराश होगा। कार्य व्यवसाय में आज दिनचार्य संभावनाओ पर केंद्रित रहेगी लाभ के कई अवसर निकट आते आते निरस्त होंगे फिर भी किसी ना किसी का सहयोग मिलने से धन लाभ हो ही जायेगा। पारिवारिक वातावरण धर्य की कमी से खराब हो सकता है घर की अपेक्षा आज बाहर समय बिताने से सहज अनुभव करेंगे। सेहत मानसिक विकार को छोड़ सामान्य रहेगी।


वृश्चिक (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज का दिन भी सफलता वाला है लेकिन अपनी वाणी एवं व्यवहार को संतुलित रखना जरूरी है कम लाभ से संतोष करने से ही दिन का फायदा उठाया जा सकता है अन्यथा लाभ के अवसर गरमा गरमी में हाथ से निकल सकते है। भाई बंधुओ से आज सीमित व्यवहार रखना ही बेहतर रहेगा अन्यथा कुछ न कुछ मानसिक क्लेश ही बनेगा। कार्य क्षेत्र पर स्थिति मेहनत के बाद लाभदायक बनेगी प्रतिस्पर्धी हावी रहेंगे फिर भी अगर दृढ़ रहे तो सफलता अवश्य मिलेगी। पारिवारिक वातावरण सामान्य रहेगा पल में खुशी पल में उदासी बनेगी। सेहत में थोड़ी बहुत नरमी बनी रहेगी।


धनु (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज का दिन दौड़धूप वाला रहेगा दैनिक कार्यो की भागमभाग में शरीर की अवहेलना बाद में भारी पड़ेगी। व्यावसायिक कार्य मे परिश्रम अधिक करना पड़ेगा फिर भी लाभ आशाजनक नही होगा। आपके हिस्से का लाभ किसी अन्य के हिस्से में भी जा सकता है लापरवाही से बचें। आज की गई मेहनत का सकारत्मक परिणाम संध्या बाद से देखने को मिलेगा कई दिनों से चल रही आर्थिक तंगी में कमी आएगी लेकिन धन लाभ आज आंशिक लेकिन निकट भविष्य में आशाजनक रहेगा। परिवार ने संतानों का मनमाना व्यवहार मन दुख का कारण बनेगा पारिवारिक सुख में कमी आएगी। शरीर मे कोई नया रोग होने की संभावना भी है।


मकर (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज का दिन अशुभ फलदायी रहेगा आज किसी ना किसी कारण से मानसिक संताप होगा। पूर्व में की किसी गलती का आभास होगा लेकिन विपरीत परिस्थिति के कारण सुधार भी नही कर सकेंगे। सेहत मध्यान तक नरम रहेगी हाथ पैर एवं अन्य शारीरिक अंगों में शितिलता के कारण कार्य बेमन से करने पड़ेंगे। कार्य व्यवसाय की स्थिति भी दयनीय ही रहेगी अन्य लोगो के ऊपर आश्रित रहना पड़ेगा। धन लाभ होगा लेकिन व्यर्थ के खर्चो में लग जायेगा। माता अथवा घर की महिलाओं की सेहत भी नरम रहने के कारण वातावरण अस्त व्यस्त रहेगा। उधारी के लेन देन से बचे वरना आगे आर्थिक समस्या गहरा सकती है।


कुंभ(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज का दिन प्रत्येक कार्यो में विजय दिलाने वाला रहेगा लेकिन इसके लिये समय का सदुपयोग करना पड़ेगा परिवार में भाई बंधुओ से ईर्ष्या युक्त संबंध रहेंगे अन्य लोगो आपकी प्रगति देख वैरभाव रखेंगे आप भी आज किसी कारण से हीन भावना से ग्रस्त रहेंगे। आज अपने काम से काम रखें अन्यथा अनुकूल दिन का उचित लाभ नही मिल सकेगा। अतिआवश्यक कार्य संध्या से पहले पूर्ण कर लें इसके बाद शारीरिक अथवा अन्य कारणों से बाधा आने लगेगी। कार्य क्षेत्र पर अथवा आस पडोस में नए शत्रु पनपेंगे सतर्क रहें। स्त्री संतानों से भी किसी बात पर मतभेद हो सकता है।


मीन (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज का दिन लाभदायक बना है इसका लाभ उठायें स्वभाव में थोड़ी उग्रता एवं जल्दबाजी रहेगी प्रत्येक कार्य को बिना सोचे समझे करेंगे जिससे बाद में पछताना पड़ेगा। कार्य व्यवसाय आज अन्य प्रतिस्पर्धियों को तुलना में बेहतर चलेगा धन लाभ भी थोड़ी देर अबेर आशाजनक होगा लेकिन धन व्यर्थ के कार्यो में खर्च हो सकता है। मौज शौक की प्रवृति से दूर रहें अन्यथा घर मे विशेष कर महिला वर्ग से विवाद की संभावना है। संध्या के आस पास किसी से ध न संबंधित व्यवहार को लेकर विवाद हो सकता है गुस्से को काबू में रखें वरना कल पछताना पड़ेगा

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*आज  पंचांग* 

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 *दिनांक - 26 दिसम्बर  2021*

 *दिन - रविवार*

 *विक्रम संवत - 2078*

 *शक संवत -1943*

*अयन - दक्षिणायन*

 *ऋतु - शिशिर* 

 *मास -  पौस*

 *पक्ष -  कृष्ण* 

 *तिथि - सप्तमी रात्रि 08:09 तक तत्पश्चात अष्टमी*

 *नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी  27 दिसम्बर प्रातः 05:26 तक तत्पश्चात हस्त*

 *योग - आयुष्मान सुबह 10:24 तक तत्पश्चात सौभाग्य*

  *राहुकाल - शाम 04:43 से शाम  06:05 तक*

 *सूर्योदय - 07:15*

*सूर्यास्त - 18:03*

 *दिशाशूल - पश्चिम दिशा में*

 *व्रत पर्व विवरण -  रविवारी सप्तमी (सूर्योदय से रात्रि 08:09 तक*


    

 *कर्ज हो तो* 

 *किसी के सिर पर कर्जा है तो एक सफेद कपड़ा ले लिया और पाँच फूल गुलाब के ले लिए |एक फूल हाथ में लिया और गायत्री मंत्र बोल देना :*

 *ॐ भू र्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात् |*

 *और कपड़े पर रख दिया | ऐसे पाँचो फूल गायत्री मंत्र जपते हुये कपडे पर रख दिये और कपड़े को गठान लगाईं और प्रार्थना पूर्वक कि मेरे सिर पर जो भार है.. हे भगवान, हे भागीरथी गंगा !! वो भार भी बह जाये, दूर हो जाये, नष्ट हो जाये ऐसा करके जो कपड़ा बाँधा है फूल रखकर वो बहते हुए पानी में (नदी में) बहा दे |*



 *पौष मास* 

 *पौष हिन्दू धर्म का दसवाँ महीना है। इस वर्ष 20 दिसम्बर 2021 (उत्तर भारत हिन्दू पंचांग के अनुसार) से पौष का आरम्भ हो गया है। पौष मास की पूर्णिमा को अधिकांशतः चंद्र पुष्य नक्षत्र में होते हैं। तैत्तिरीय संहिता में पौष का नाम सहस्य बताया गया है। यह मास दक्षिणायनांत है। पौष मास में अधिकांशतः सूर्य धनु राशि में होते हैं। पौष मास को खर मास बहुत से लोग मानते हैं और इसमें कोई शुभ कार्य नहीं करते विशेषतः जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर जाएँ।*

 *महाभारत अनुशासन पर्व* *अध्याय 106 के अनुसार “पौषमासं तु कौन्तेय भक्तेनैकेन यः क्षिपेत्। सुभगो दर्शनीयश्च यशोभागी च जायते।।” जो पौष मास को एक वक्त भोजन करके बिताता है वह सौभाग्यशाली, दर्शनीय और यश का भागी होता है ।*

 *शिवपुराण के अनुसार पौषमास में पूरे महिनेभर जितेन्द्रिय और निराहार रहकर द्विज प्रात:कालसे मध्यांन्ह कालतक वेदमाता गायत्रीका जप करें | तत्पश्चात रातको सोने के समयतक पंचाक्षर आदि मन्त्रों का जप करें | ऐसा करनेवाला ब्राह्मण ज्ञान पाकर शरीर छूटने के बाद मोक्ष प्राप्त कर लेता हैं |* 

 *पौषमास में शतभिषा नक्षत्र के आने पर गणेश जी की पूजा करनी चाहिए*

🌷 *महाभारत अनुशासन पर्व में ब्रह्मा जी कहते हैं*

*पौषमासस्य शुक्ले वै यदा युज्येत रोहिणी। तेन नक्षत्रयोगेन आकाशशयनो भवेत्॥*

*एकवस्त्रः शुचिः स्नातः श्रद्दधानः समाहितः। सोमस्य रश्मयः पीत्वा महायज्ञफलं लभेत्॥*

🙏🏻 *पौषमास के शुक्ल पक्ष में जिस दिन रोहिणी नक्षत्र का योग हो, उस दिन की रात में मनुष्य स्नान आदि से शुद्ध हो एक वस्त्र धारण करके श्रद्धा और एकाग्रता के साथ खुले मैदान में आकाश के नीचे शयन करे और चन्द्रमा की किरणों का ही पान करता रहे । ऐसा करने से उसको महान यज्ञ का फल मिलता है।*

🙏🏻 *ब्रह्मवैवर्तपुराण, प्रकृतिखण्ड  के अनुसार चैत्र, पौष तथा भाद्रपद मास के पवित्र मंगलवार को भगवान विष्णु ने भक्ति पूर्वक तीनों लोकों में लक्ष्मी पूजा का महोत्सव चालू किया। वर्ष के अन्त में पौष की संक्रान्ति के दिन मनु ने अपने प्रांगण में इनकी प्रतिमा का आवाहन करके इनकी पूजा की। तत्पश्चात तीनों लोकों में वह पूजा प्रचलित हो गयी।*

🙏🏻 *शिवपुराण के अनुसार धनु की संक्रांति से युक्त पौषमास में उष:काल में शिव आदि समस्त देवताओं का पूजन क्रमश: समस्त सिद्धियों की प्राप्ति करानेवाला होता हैं | पौषमास में नाना प्रकार के अन्नका नैवेद्य विशेष महत्त्व रखता हैं 

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जोतिर्विद वास्तु दैवज्ञ 

पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री 

       9993874848