भोपाल। सोचिए अगर आपके मोबाइल पर रोजाना मंत्रियों, अफसरों और बड़े नेताओं के फोन आएं — और सब आपको मंत्री समझकर सरकारी काम, शिकायतें या मीटिंग की मांग करें? भोपाल के एक कॉलेज छात्र को इस अजीबोगरीब स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।
हकीकत यह है कि छात्र को हाल ही में जो मोबाइल नंबर मिला, वह पहले मध्यप्रदेश सरकार के एक कैबिनेट मंत्री के पास था। मंत्री ने जब नंबर बंद करवा दिया, तो टेलीकॉम कंपनी ने नियम अनुसार वह नंबर नए ग्राहक को अलॉट कर दिया — और वह ग्राहक बना भोपाल का एक साधारण छात्र।
📞 अब रोज आते हैं VIP कॉल
इस नए नंबर पर अब भी सरकारी अफसर, पार्टी कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक फोन कर रहे हैं। कोई कहता है, "मंत्री जी, आप बंगले पर हैं?" तो कोई कहता है, "फाइल पर साइन चाहिए थे सर।"
छात्र को दिनभर कई ऐसे फोन आते हैं, जिनमें लोग समस्या लेकर पहुंचते हैं या समय मांगते हैं। छात्र ने कई बार समझाया कि वह कोई मंत्री नहीं है, पर कॉलर्स उसकी बात मानने को तैयार नहीं होते — उल्टा उसे मंत्री का स्टाफ समझकर आदेश सुनाने लगते हैं।
📵 नंबर से तंग आकर उठाया ये कदम
लगातार हो रही असुविधा के चलते छात्र ने अब नंबर को रिचार्ज कराना बंद कर दिया है ताकि कॉल न आएं। वह सिर्फ वाई-फाई के जरिए WhatsApp चलाता है।
WhatsApp पर उसने डिस्प्ले पिक्चर और स्टेटस बदलकर साफ-साफ लिख दिया है:
“यह नंबर मंत्री महोदय का नहीं है, कृपया कार्यालय से संपर्क करें और नया नंबर लें।”
🤷♂️ टेलीकॉम कंपनी बोली — ये तो सामान्य प्रक्रिया है
इस पूरे मामले पर जब संबंधित टेलीकॉम कंपनी से बात की गई तो उनका कहना था कि,
“पुराने नंबरों को कुछ समय बाद नए ग्राहकों को अलॉट किया जाता है। यह सामान्य प्रक्रिया है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए कोई विशेष सिस्टम नहीं है।”
😅 शुरुआत में लगा मजेदार, अब बन गई परेशानी
छात्र ने बताया कि शुरू में जब बड़े लोगों के कॉल आते थे तो उसे मज़ा आता था, लेकिन अब यह स्थिति परेशान करने वाली हो गई है। लोगों को बार-बार समझाना, उनकी उम्मीदें और रौब झेलना उसके लिए रोज़ की मुसीबत बन गया है।
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