विशेष संवाददाता
“पद चाहे कितना भी बड़ा हो, रिश्ते और दोस्ती हमेशा सबसे ऊपर होते हैं।”
इस कहावत को प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) श्री कैलाश मकवाना ने उस समय जीवंत कर दिखाया जब वे सड़क दुर्घटना में घायल अपने बालसखा एवं वर्तमान में एएसआई के पद पर पदस्थ सुरेश उर्फ हनुमान से मिलने पहुंचे।
दोनों अधिकारी केवल विभागीय सहयोगी नहीं, बल्कि बचपन के स्कूल के साथी भी हैं। जैसे ही श्री मकवाना को अपने मित्र की दुर्घटना की जानकारी मिली, वे बिना किसी औपचारिकता के सीधे अस्पताल पहुंचे और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। उन्होंने सुरेश उर्फ हनुमान का हाथ थामकर उन्हें शीघ्र स्वस्थ होने की शुभकामनाएं दीं।
इस मुलाकात के गवाह बने अस्पताल स्टाफ और पुलिसकर्मी भावुक हो उठे। यह दृश्य दर्शाता है कि जब इंसान ऊँचाई पर पहुँचता है, तब भी अगर वह अपने पुराने रिश्तों और मित्रता को नहीं भूलता, तो समाज के लिए एक सशक्त संदेश जाता है।
DGP कैलाश मकवाना की यह आत्मीयता और मानवीय संवेदनशीलता पुलिस विभाग के भीतर भी एक प्रेरणा बनकर उभरी है।
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