गुरुवार, 17 जुलाई 2025

ईओडब्ल्यू की खात्मा रिपोर्ट पर कोर्ट सख्त, भ्रष्ट आरटीओ संतोष पाल सिंह को क्लीनचिट देने की कोशिश बेनकाब, EOW के तत्कालीन SP और IG भी कोर्ट के शक के दायरे में

जबलपुर: पूर्व आरटीओ वर्तमान कटनी RTO संतोष पाल सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के बावजूद आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) द्वारा दी गई खात्मा रिपोर्ट अब कोर्ट की नजर में संदिग्ध हो गई है। कोर्ट ने रिपोर्ट पर उठी आपत्तियों को गंभीर मानते हुए ईओडब्ल्यू से बिंदुवार जवाब मांगा है। रिपोर्ट तैयार करने वाले तत्कालीन ईओडब्ल्यू एसपी आर.डी. भारद्वाज और आईजी सुनील पाटीदार की भूमिका पर भी सवाल उठे हैं।

रिपोर्ट को अधूरी और पक्षपाती बताया गया

अधिवक्ता राजा कुकरेजा व स्वप्निल सराफ द्वारा आपत्तियां दाखिल कर आरोप लगाया गया कि ईओडब्ल्यू ने जानबूझकर अधूरी और पक्षपाती रिपोर्ट तैयार की, जिससे आरोपी को करोड़ों का फायदा हुआ। वकील विजय श्रीवास्तव ने अदालत में दलील दी कि रिपोर्ट में संतोष पाल की करोड़ों की संपत्तियों का सही मूल्यांकन न कर, आंकड़े छिपाकर न्याय प्रक्रिया से छेड़छाड़ की गई है।

ईओडब्ल्यू अधिकारियों पर मिलीभगत के आरोप

शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि तत्कालीन एसपी और आईजी स्तर के अधिकारियों ने जांच को प्रभावित किया। 1.95 करोड़ की इनवेंट्री को छुपाया गया, शताब्दीपुरम के चार भूखंडों में से केवल दो का उल्लेख किया गया, जबकि पांच मंजिला भवन को दो मंजिला बताया गया। फर्जी किरायेदार अनुबंध प्रस्तुत कर आय को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया।

कोर्ट ने खात्मा रिपोर्ट की निरस्तीकरण के आदेश दिए

कोर्ट ने खात्मा रिपोर्ट को निरस्त कर ईओडब्ल्यू को निर्देश दिए हैं कि सभी आपत्तियों पर विस्तृत और बिंदुवार जवाब 29 जुलाई 2025 तक प्रस्तुत करें। साथ ही आवेदकों द्वारा पेश दस्तावेजों की प्रतियां भी ईओडब्ल्यू को सौंपी गई हैं, ताकि वे हर आरोप का जवाब दे सकें।

निष्पक्ष जांच की मांग

शिकायतकर्ता पक्ष ने मांग की है कि मामले की निष्पक्ष व स्वतंत्र जांच दोबारा कराई जाए। वकील विजय श्रीवास्तव ने कहा कि करोड़ों की संपत्तियों का गलत आकलन ईओडब्ल्यू अधिकारियों की मिलीभगत का प्रमाण है। एजेंसी की साख और कार्यप्रणाली पर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं।

अगली सुनवाई 29 जुलाई को

मामले की अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी, जहां ईओडब्ल्यू को अपनी सफाई पेश करनी है। कोर्ट के रुख को देखते हुए मामले के नए मोड़ लेने की संभावना है।

कैलाश-मानसरोवर की मुक्ति और तिब्बत की आजादी हमारा संकल्प : दत्तात्रेय होसबोले, बैठक में कटनी से पूर्व विधायक पोद्दार भी रहे उपस्थित !

नई दिल्ली। तिब्बत की आजादी और कैलाश मानसरोवर की मुक्ति को लेकर देशभर के राष्ट्रवादी संगठनों और सनातन आस्था से जुड़े लोगों को नई ऊर्जा देने वाली बड़ी खबर सामने आई है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरकार्यवाह माननीय दत्तात्रेय होसबोले ने स्पष्ट कहा है कि तिब्बत की चीन के कब्जे से मुक्ति हमारा सर्वकालिक संकल्प है। उन्होंने कहा कि तिब्बत की स्वतंत्रता ही भारत की सुरक्षा की गारंटी है।

श्रावण मास के प्रथम सोमवार 14 जुलाई 2025 को नई दिल्ली स्थित संघ कार्यालय में इस विषय पर पहली बार संघ के शीर्ष नेतृत्व और तिब्बती निर्वासित सरकार के प्रतिनिधियों के बीच मैराथन बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में संघ ने पहली बार औपचारिक रूप से तिब्बत की आजादी के मुद्दे पर प्रत्यक्ष रुचि दिखाई। इस महत्वपूर्ण बैठक को लेकर देशभर में जिज्ञासा और हर्ष का वातावरण है।

बैठक में हुए प्रमुख बिंदु :

  • संघ सरकार्यवाह माननीय दत्तात्रेय होसबोले, सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल, और वरिष्ठ प्रचारक व भारत-तिब्बत सहयोग मंच के मार्गदर्शक डॉ. इंद्रेश कुमार शामिल रहे।
  • तिब्बती निर्वासित सरकार की ओर से गेयरी डोलमा और आचार्य येशी फुंत्सोक ने भाग लिया।
  • कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील को चीन के कब्जे से मुक्त कराने के लिए रणनीतिक, कूटनीतिक, और आध्यात्मिक दृष्टि से समग्र विचार-विमर्श हुआ।
  • भारत-तिब्बत सहयोग मंच के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री पंकज गोयल के मार्गदर्शन में बैठक आगे बढ़ी।

तिब्बती समुदाय में नई उम्मीद :

संघ के इस सक्रिय समर्थन से तिब्बती समुदाय में नया विश्वास जगा है। बैठक को तिब्बतियों ने स्वागत योग्य कदम बताया है। वर्षों से निर्वासन झेल रहे तिब्बती लोगों की उम्मीदें फिर जाग उठी हैं कि दलाई लामा का प्रयास शीघ्र ही फलीभूत होगा।

संघ का स्पष्ट संदेश :

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने प्रत्यक्ष संदेश दिया है कि कैलाश मानसरोवर और तिब्बत की मुक्ति का संघर्ष केवल तिब्बतियों का नहीं, बल्कि हर भारतवासी का कर्तव्य है। संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने इस मुद्दे को सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और सनातन आस्था से जोड़ते हुए इससे जुड़े हर व्यक्ति को योगदान देने का आह्वान किया है।

बैठक में उपस्थित अन्य प्रमुख लोग : पूर्व केंद्रीय मंत्री सी.आर. चौधरी, पूर्व विधायक गिरिराज किशोर पोद्दार, वरिष्ठ अधिवक्ता रविंद्र गुप्ता, कपिल त्यागी, राजेंद्र कामदार, श्वेता सैनी, दीपक शर्मा सहित कई अन्य राष्ट्रीय कार्यकर्ता मौजूद रहे।

संघ का यह कदम आने वाले समय में भारत-तिब्बत-चीन संबंधों को नया आयाम दे सकता है।

बुधवार, 16 जुलाई 2025

वित्तीय अनियमितताओं में फंसे पीएमश्री हाई स्कूल गोपालपुर के प्राचार्य निलंबित , कलेक्टर की अनुशंसा पर संयुक्त संचालक लोक शिक्षण ने की कार्रवाई

कटनी। विकासखंड ढीमरखेड़ा स्थित पीएमश्री हाई स्कूल गोपालपुर के प्रभारी प्राचार्य गणेश यादव को गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के चलते निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई जबलपुर संभाग के संयुक्त संचालक लोक शिक्षण अरुण कुमार इंगले द्वारा, कलेक्टर दिलीप कुमार यादव की अनुशंसा पर की गई है।

ग्रामीणों की शिकायत पर हुई जांच में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों का खुलासा हुआ। एसडीएम ढीमरखेड़ा के निर्देश पर गठित संयुक्त जांच दल द्वारा तैयार प्रतिवेदन के अनुसार प्राचार्य द्वारा बिना टिन नंबर वाले अपूर्ण देयक प्रस्तुत किए गए। स्काउट मद की राशि छात्रों के अनुसार खाते में जमा नहीं कराई गई। परीक्षा शुल्क के देयक भी निर्धारित प्रारूप में नहीं पाए गए।

साल 2021-22 में खेलकूद मद की ₹24,695 की राशि परीक्षा मद में स्थानांतरित कर खर्च की गई, जिसका कोई वैध व्हाउचर नहीं मिला। वहीं, वर्ष 2022-23 की कैशबुक में गलत प्रविष्टियां, बिना सील-हस्ताक्षर के पन्ने और बगैर अनुमोदन के भुगतान दर्ज मिले। विज्ञान सामग्री मद में राशि खर्च करने की जगह अन्य सामग्री की खरीदी दर्शाई गई। बोर्ड परीक्षा शुल्क के बिल भी निर्धारित प्रारूप में प्रस्तुत नहीं किए गए।

सबसे गंभीर मामला मार्च 2022 में स्कूल खाते में जमा शासन की ₹4.39 लाख की राशि का है, जिसमें से ₹4.37 लाख तत्कालीन प्राचार्य द्वारा निकाल लिए गए, लेकिन उनके खर्च का कोई रिकॉर्ड, कैशबुक या व्हाउचर नहीं सौंपे गए।

अटल लैब और अतिरिक्त कक्ष निर्माण के नाम पर 20 लाख रुपये खर्च होने का दावा भी जांच में संदिग्ध पाया गया, क्योंकि प्राचार्य द्वारा इस कार्य में प्राप्त और खर्च की गई राशि का कोई अभिलेख प्रस्तुत नहीं किया गया।

प्राप्त जांच रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर श्री यादव ने अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की, जिस पर संयुक्त संचालक लोक शिक्षण जबलपुर संभाग ने तत्काल प्रभाव से प्रभारी प्राचार्य यादव को निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता देय रहेगा। उनका मुख्यालय अब विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय रीठी निर्धारित किया गया है।

ARTO पाल को नहीं अवैध वसूली से संतोष , भ्रष्ट अफसर पर मेहरबान परिवहन मंत्री ,पैसों की मांग कर ट्रक चालक को जड़ा थप्पड़, नाराज ड्राइवर ने लगाया हाईवे जाम


भ्रष्ट धनकुबेर पर आखिर मेहरबान क्यों परिवहन मंत्री , एआरटीओ संतोष पाल सिंह का भ्रष्टाचार चरम पर ,पैसों की मांग कर ट्रक चालक को जड़ा थप्पड़, नाराज ड्राइवर ने लगाया हाईवे किया जाम ,  ईओडब्ल्यू के छापे के बाद भी नहीं सुधरे ARTO साहब, कटनी में भी जारी जबलपुर वाला वसूली खेल

कटनी। करोड़ों की अवैध संपत्ति के बावजूद आरटीओ संतोष पाल सिंह का भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर उस समय बड़ा हंगामा हो गया, जब RTO वालो ने  एक ट्रक ड्राइवर से 5 हजार रुपये की मांग की गई और पैसे न देने पर उसे थप्पड़ मार दिया गया। इससे गुस्साए ट्रक चालक ने हाइवे पर ट्रक खड़ा कर सड़क जाम कर दी। देखते ही देखते कई अन्य वाहन चालक और ग्रामीण भी जुट गए और चक्का जाम कर दिया।

सूत्रों के अनुसार ट्रक चालक ने अपने सभी दस्तावेज सही होने के बावजूद अवैध वसूली की शिकायत की। जब उसने पैसा देने से इंकार किया तो आरटीओ के गुंडों ने उसे थप्पड़ मारकर गाली-गलौज कर दी। इसके बाद चालक ने सड़क पर ट्रक खड़ा कर दिया और घंटों तक दोनों ओर यातायात पूरी तरह ठप रहा।

आरटीओ संतोष पाल सिंह और उनकी टीम अवैध वसूली के लिए पहले से कुख्यात है। जबलपुर में 2022 में ईओडब्ल्यू द्वारा मारे गए छापे में 650 गुना आय से अधिक संपत्ति का खुलासा होने के बावजूद, कार्रवाई न होने से साहब के हौसले बुलंद हैं। आलीशान बंगला, निजी थियेटर, और वसूली एजेंटों की फौज से लैस संतोष पाल सिंह अब कटनी में जबलपुर जैसी वसूली का खेल दोहरा रहे हैं।

हाइवे पर खुलेआम अवैध वसूली के इस खेल में मंत्री से नजदीकियों के चलते कोई अधिकारी कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। वहीं बुधवार की घटना ने पूरे प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है। पुलिस के हस्तक्षेप और आरटीओ के माफी मांगने के बाद जाम खुलवाया जा सका।

सरकार-प्रशासन पर उठे सवाल
ग्रामीणों और वाहन चालकों का सवाल है कि आखिर सत्ता संरक्षण में पल रहे ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई कब होगी? ईओडब्ल्यू जांच के बावजूद साहब की मनमानी जारी रहना शासन-प्रशासन की मंशा पर भी सवाल खड़े करता है।

क्या कटनी में भी होगी जबलपुर जैसी छापेमारी, या चलती रहेगी वसूली?
आम जनता की नजर अब सरकार और प्रशासन पर टिक गई है कि क्या संतोष पाल सिंह पर अब भी कोई ठोस कार्रवाई होगी, या फिर सबकुछ नजरअंदाज कर दिया जाएगा।

इंसानियत शर्मसार: मृत बच्चे का 22 दिन तक 'इलाज' कर हॉस्पिटल प्रबंधन ने लाखों वसूले !

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले से एक ऐसी दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने इंसानियत पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक निजी अस्पताल पर संगीन आरोप लगा है कि उन्होंने एक दुधमुंहे बच्चे की मौत के बाद भी उसे 22 दिनों तक आईसीयू में रखकर फर्जी इलाज किया और परिजनों से लाखों रुपये का बिल वसूल लिया। इस घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं में व्याप्त घोर संवेदनहीनता और भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है।

यह कोई फिल्मी कहानी नहीं, बल्कि बस्ती जिले की कड़वी हकीकत है।

पीड़ित परिवार के मुताबिक, उनका मासूम बच्चा कई दिनों से आईसीयू में भर्ती था। आरोप है कि बच्चे की मौत छिपा ली गई और अस्पताल प्रबंधन ने पैसे ऐंठने की नीयत से मृत बच्चे को भी आईसीयू में रखा। परिवार ने अपने कलेजे के टुकड़े को बचाने की उम्मीद में गहने बेचे और खेत तक गिरवी रख दिए, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि वे एक मृत बच्चे के 'इलाज' के नाम पर लूटे जा रहे हैं।

चौंकाने वाली बात यह है कि बच्चे का इलाज आयुष्मान कार्ड के तहत शुरू हुआ था, बावजूद इसके अस्पताल ने परिवार से लगभग दो लाख रुपये नकद वसूल लिए। यह सीधा-सीधा आयुष्मान योजना का दुरुपयोग और धोखाधड़ी का मामला है।

क्या ये डॉक्टर हैं या वसूली करने वाले दलाल? क्या ये अस्पताल है या किसी क्रूर व्यापार का अड्डा?

इस घटना ने समूचे चिकित्सा जगत पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक मासूम की लाश को 22 दिन तक मुनाफे की मशीन बनाए रखना, यह बताता है कि मानवीय संवेदनाएं किस हद तक गिर चुकी हैं।

अब सवाल सीधा सरकार और सिस्टम से है:

 * क्या ऐसे अस्पतालों की गहन जांच होगी?

 * क्या लापरवाह डॉक्टरों पर हत्या का मुकदमा चलेगा?

 * क्या स्वास्थ्य मंत्रालय इस गंभीर मुद्दे पर भी सोता रहेगा?

बस्ती की इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है और हर इंसान के मन में यह सवाल पैदा कर दिया है कि "क्या अब इंसानियत वाकई मर चुकी है?" प्रशासन से इस मामले की उच्च स्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की मांग की जा रही है ताकि भविष्य में ऐसी अमानवीय घटनाएं दोबारा न हों।


कावड़ पर सजी आस्था, कंधों पर उठा विश्वास... 51 फीट कावड़ बनी आस्था की मिसाल, बोल बम के नारों संग कटनी से निकला शिवभक्तों का जत्था

कटनी : सावन मास के पावन अवसर पर कटनी में आस्था और भक्ति का एक विहंगम दृश्य देखने को मिला, जब मां जालपा 64 योगिनी शिवशक्ति कांवड़िया संघ के तत्वावधान में लगभग 200 श्रद्धालुओं का विशाल जत्था, एक भव्य 51 फीट लंबी कावड़ के साथ झारखंड स्थित प्रसिद्ध बैजनाथधाम के लिए रवाना हुआ। इस जत्थे में हर आयु वर्ग के लोग, जिनमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हैं, पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ इस पवित्र और चुनौतीपूर्ण यात्रा पर निकले हैं।

दशकों पुरानी परंपरा का निर्वाह:

यह कांवड़िया संघ पिछले करीब 35 वर्षों से इस गौरवशाली परंपरा का निर्वाह कर रहा है। संघ के सदस्य पहले ट्रेन द्वारा सुल्तानगंज पहुँचते हैं, और फिर वहां से पैदल यात्रा कर बैजनाथधाम तक पहुँचते हैं। यह यात्रा केवल शारीरिक बल का प्रदर्शन नहीं, बल्कि अटूट आस्था और समर्पण का प्रतीक है।

      सुनिए क्या कहा कांवड़िए शिवभक्त ने - विकाश पंडा 

51 फीट की आकर्षक कावड़ बनी आकर्षण का केंद्र:

इस वर्ष, भक्तों ने विशेष रूप से 51 फीट लंबी एक अत्यंत आकर्षक कावड़ तैयार की है। इसे रंग-बिरंगे वस्त्रों और मनमोहक रोशनी से सजाया गया है, जो देखते ही बनती है। यह विशाल कावड़ न केवल श्रद्धालुओं की सामूहिक भक्ति का प्रतीक है, बल्कि उनकी एकता और भोलेनाथ के प्रति उनके अगाध प्रेम को भी दर्शाती है। यह कावड़ यात्रा के दौरान सभी का ध्यान अपनी ओर खींच रही है।

'भोलेनाथ सब संभालेंगे': अटूट विश्वास से भरी यात्रा:

यात्रा के दौरान भोजन, स्वास्थ्य सुविधाओं और सुरक्षा जैसी बुनियादी आवश्यकताओं को लेकर जब श्रद्धालुओं से पूछा गया, तो उनका जवाब था, "भोलेनाथ सब व्यवस्था स्वयं संभालेंगे।" यह प्रतिक्रिया उनके गहरे विश्वास और प्रभु पर पूर्ण भरोसे को दर्शाती है। उनका यही अटूट विश्वास उनकी सबसे बड़ी ताकत बना हुआ है, जो उन्हें कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।

बोल बम के जयकारों से गूँज रहा मार्ग:

गर्मी और लंबी, कठिन राह के बावजूद, भक्तों का जोश कम नहीं हुआ है। वे निरंतर "बोल बम" के जयकारों के साथ आगे बढ़ रहे हैं, जिससे पूरा मार्ग भक्तिमय हो उठा है। रास्ते में स्थानीय लोग भी जगह-जगह रुककर इन श्रद्धालुओं का गर्मजोशी से स्वागत कर रहे हैं, जलपान करा रहे हैं और उनकी सेवा कर रहे हैं, जो भारतीय संस्कृति में अतिथि देवो भवः की भावना को दर्शाता है।

यह यात्रा न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह सामूहिक भावना, त्याग और अटूट विश्वास का एक अनुपम उदाहरण भी प्रस्तुत करती है। शिवभक्तों का यह जत्था बैजनाथधाम पहुँचकर भोलेनाथ का जलाभिषेक करेगा, जिससे उनकी सदियों पुरानी मनोकामना पूर्ण होगी।

मंगलवार, 15 जुलाई 2025

औचक निरीक्षण के बाद 5 पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज , एसपी अभिनय विश्वकर्मा ने दिखाया सख्त रुख

कटनी: पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिनय विश्वकर्मा ने माधवनगर थाने के औचक निरीक्षण के दौरान कर्तव्य में लापरवाही बरतने के आरोप में थाना प्रभारी (टीआई) अभिषेक चौबे सहित पाँच पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की है।

एसपी विश्वकर्मा ने 7 जुलाई की शाम माधवनगर थाने का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान पाई गई कमियों के आधार पर उन्होंने निम्नलिखित सजाएँ दीं:

 * थाना प्रभारी अभिषेक चौबे: निंदा की सजा।

 * प्रधान आरक्षक श्रीकांत: निंदा की सजा।

 * प्रधान आरक्षक आशीष श्रीवास: निंदा की सजा।

 * उपनिरीक्षक दीपू कुशवाहा: ₹5,000 का अर्थदंड।

 * एक अन्य प्रधान आरक्षक: एक इंक्रीमेंट डाउन (वार्षिक वेतन वृद्धि रोकना)।

यह कार्रवाई माधवनगर थाना क्षेत्र में बढ़ते अपराधों के मद्देनजर एसपी अभिनय विश्वकर्मा द्वारा की गई है। उन्होंने माधवनगर थाने का दो बार औचक निरीक्षण किया है और जिले के अन्य थाना क्षेत्रों पर भी कड़ी निगरानी रख रहे हैं।