बुधवार, 16 जुलाई 2025

ARTO पाल को नहीं अवैध वसूली से संतोष , भ्रष्ट अफसर पर मेहरबान परिवहन मंत्री ,पैसों की मांग कर ट्रक चालक को जड़ा थप्पड़, नाराज ड्राइवर ने लगाया हाईवे जाम


भ्रष्ट धनकुबेर पर आखिर मेहरबान क्यों परिवहन मंत्री , एआरटीओ संतोष पाल सिंह का भ्रष्टाचार चरम पर ,पैसों की मांग कर ट्रक चालक को जड़ा थप्पड़, नाराज ड्राइवर ने लगाया हाईवे किया जाम ,  ईओडब्ल्यू के छापे के बाद भी नहीं सुधरे ARTO साहब, कटनी में भी जारी जबलपुर वाला वसूली खेल

कटनी। करोड़ों की अवैध संपत्ति के बावजूद आरटीओ संतोष पाल सिंह का भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर उस समय बड़ा हंगामा हो गया, जब RTO वालो ने  एक ट्रक ड्राइवर से 5 हजार रुपये की मांग की गई और पैसे न देने पर उसे थप्पड़ मार दिया गया। इससे गुस्साए ट्रक चालक ने हाइवे पर ट्रक खड़ा कर सड़क जाम कर दी। देखते ही देखते कई अन्य वाहन चालक और ग्रामीण भी जुट गए और चक्का जाम कर दिया।

सूत्रों के अनुसार ट्रक चालक ने अपने सभी दस्तावेज सही होने के बावजूद अवैध वसूली की शिकायत की। जब उसने पैसा देने से इंकार किया तो आरटीओ के गुंडों ने उसे थप्पड़ मारकर गाली-गलौज कर दी। इसके बाद चालक ने सड़क पर ट्रक खड़ा कर दिया और घंटों तक दोनों ओर यातायात पूरी तरह ठप रहा।

आरटीओ संतोष पाल सिंह और उनकी टीम अवैध वसूली के लिए पहले से कुख्यात है। जबलपुर में 2022 में ईओडब्ल्यू द्वारा मारे गए छापे में 650 गुना आय से अधिक संपत्ति का खुलासा होने के बावजूद, कार्रवाई न होने से साहब के हौसले बुलंद हैं। आलीशान बंगला, निजी थियेटर, और वसूली एजेंटों की फौज से लैस संतोष पाल सिंह अब कटनी में जबलपुर जैसी वसूली का खेल दोहरा रहे हैं।

हाइवे पर खुलेआम अवैध वसूली के इस खेल में मंत्री से नजदीकियों के चलते कोई अधिकारी कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। वहीं बुधवार की घटना ने पूरे प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है। पुलिस के हस्तक्षेप और आरटीओ के माफी मांगने के बाद जाम खुलवाया जा सका।

सरकार-प्रशासन पर उठे सवाल
ग्रामीणों और वाहन चालकों का सवाल है कि आखिर सत्ता संरक्षण में पल रहे ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई कब होगी? ईओडब्ल्यू जांच के बावजूद साहब की मनमानी जारी रहना शासन-प्रशासन की मंशा पर भी सवाल खड़े करता है।

क्या कटनी में भी होगी जबलपुर जैसी छापेमारी, या चलती रहेगी वसूली?
आम जनता की नजर अब सरकार और प्रशासन पर टिक गई है कि क्या संतोष पाल सिंह पर अब भी कोई ठोस कार्रवाई होगी, या फिर सबकुछ नजरअंदाज कर दिया जाएगा।

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