मंगलवार, 15 जुलाई 2025

औचक निरीक्षण के बाद 5 पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज , एसपी अभिनय विश्वकर्मा ने दिखाया सख्त रुख

कटनी: पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिनय विश्वकर्मा ने माधवनगर थाने के औचक निरीक्षण के दौरान कर्तव्य में लापरवाही बरतने के आरोप में थाना प्रभारी (टीआई) अभिषेक चौबे सहित पाँच पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की है।

एसपी विश्वकर्मा ने 7 जुलाई की शाम माधवनगर थाने का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान पाई गई कमियों के आधार पर उन्होंने निम्नलिखित सजाएँ दीं:

 * थाना प्रभारी अभिषेक चौबे: निंदा की सजा।

 * प्रधान आरक्षक श्रीकांत: निंदा की सजा।

 * प्रधान आरक्षक आशीष श्रीवास: निंदा की सजा।

 * उपनिरीक्षक दीपू कुशवाहा: ₹5,000 का अर्थदंड।

 * एक अन्य प्रधान आरक्षक: एक इंक्रीमेंट डाउन (वार्षिक वेतन वृद्धि रोकना)।

यह कार्रवाई माधवनगर थाना क्षेत्र में बढ़ते अपराधों के मद्देनजर एसपी अभिनय विश्वकर्मा द्वारा की गई है। उन्होंने माधवनगर थाने का दो बार औचक निरीक्षण किया है और जिले के अन्य थाना क्षेत्रों पर भी कड़ी निगरानी रख रहे हैं।


"नशे से दूरी है जरूरी" अभियान का कटनी में शुभारंभ, एसपी ने दिखाई रैली को हरी झंडी

कटनी। मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर प्रदेशव्यापी "नशे से दूरी है जरूरी" जन-जागरूकता अभियान की शुरुआत आज कटनी जिले में भव्य रूप से हुई। यह अभियान 15 से 30 जुलाई तक चलेगा, जिसके तहत युवाओं को नशे के दुष्प्रभावों से बचाने और समाज में नशा मुक्ति का संदेश फैलाने पर जोर रहेगा।

एसपी ने दिखाई रैली को हरी झंडी
जिला स्तरीय शुभारंभ के तहत थाना कोतवाली परिसर से जन-जागरूकता रैली निकाली गई, जिसे पुलिस अधीक्षक अभिनय विश्वकर्मा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली में एनसीसी, स्काउट्स एंड गाइड्स, छात्र-छात्राएं, शिक्षक, सामाजिक संगठन और पुलिस बल के सदस्य शामिल रहे। रैली कोतवाली से शुरू होकर शहर के विभिन्न मुख्य मार्गों से गुजरते हुए मिशन चौक पर सम्पन्न हुई। रास्ते भर बैनर-पोस्टरों और नारों के माध्यम से लोगों को नशा विरोधी संदेश दिया गया।

शपथ लेकर किया नशा मुक्ति का संकल्प
मिशन चौक पर रैली समापन के बाद एसपी विश्वकर्मा ने उपस्थित जनसमूह को नशा न करने और दूसरों को रोकने की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को नशे से दूर रखना हम सभी की जिम्मेदारी है।

सुनिए पुलिस अधीक्षक ने क्या कहा वीडियो में
15 से 30 जुलाई तक होंगे जागरूकता कार्यक्रम
अभियान के तहत जिलेभर में निबंध, स्लोगन, भाषण, पोस्टर प्रतियोगिताएं, विशेषज्ञ संवाद सत्र, नुक्कड़ नाटक और सोशल मीडिया के माध्यम से जन-जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।

इन अधिकारी-कर्मचारियों की रही उपस्थिति
इस मौके पर एएसपी डॉ. संतोष डेहरिया, सीएसपी नेहा पच्चीसिया, प्रोविजनल डीएसपी शिवा पाठक,शहर के थाना प्रभारी और पुलिस बल मौजूद रहे।

कटनी पुलिस ने नागरिकों से इस अभियान में सहभागी बन नशा मुक्त समाज के निर्माण में योगदान देने की अपील की है।

लो भैया! अब शुरू हुई असल कहानी… नेता जी की ऑडियो वायरल करना पड़ रहा भारी, या वाकई भ्रष्ट है बरही का पटवारी? कलेक्टर दरबार पहुंची शिकायतें।

कटनी। जिले की बरही तहसील में पदस्थ पटवारी यादवेन्द्र सिंह की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. दो दिन पहले ही अपनी ही विधानसभा के विधायक संजय पाठक से बातचीत की ऑडियो वायरल होने के बाद से पटवारी पहले से ही उनके "चहेतो" और समर्थकों के घेरे में आ गए थे. उस ऑडियो के एक दिन बाद ही, पटवारी का रिश्वत मांगते हुए एक और ऑडियो वायरल हुआ था, जिसने आरोपों को और पुख्ता कर दिया. अब मंगलवार को जनसुनवाई में कलेक्टर दिलीप कुमार यादव के समक्ष पटवारी पर भ्रष्टाचार के दो और गंभीर आरोप लगे हैं. दोनों शिकायतकर्ताओं ने पटवारी की जांच कर सख्त कार्रवाई की मांग की है.

पहले से ही विवादों में था पटवारी

पटवारी यादवेन्द्र सिंह पर भ्रष्टाचार के आरोप कोई नए नहीं हैं. हाल ही में विधायक और उनके गनमैन की वायरल ऑडियो के बाद से ही पटवारी चर्चा में थे. इस ऑडियो के अगले ही दिन, पटवारी का एक और ऑडियो सामने आया था, जिसमें वह कथित तौर पर काम के बदले रिश्वत की मांग कर रहा था ,इन ऑडियो के वायरल होने के बाद से ही पटवारी की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे थे.

                                         शिकायतकर्ता 

आज फिर दो नई शिकायतें, लगे कई गंभीर आरोप

इसी पृष्ठभूमि में आज फिर दो शिकायतकर्ता कलेक्ट्रेट पहुंचे और पटवारी पर कई गंभीर आरोप लगाए:

पहला मामला: सीमांकन के लिए मांगे 10 हजार रुपए, धमकी भी दी

ग्राम केवलारी निवासी दो सगे भाइयों सत्येन्द्र सिंह और योगेन्द्र सिंह ने अपनी जमीन के सीमांकन के लिए 20 अप्रैल 2025 को आवेदन दिया था. 2 मई को जब दोनों पटवारी से मिले तो उसने साफ कहा – "काम कराना है तो 10 हजार देना पड़ेगा, फ्री में कराना है तो समझ लो 10 आरे जमीन कम नाप दूंगा। नेतागिरी करोगे तो भूल जाओ कि नाप होगा।"

पटवारी ने यह भी कहा कि "ना मैं तहसीलदार, एसडीएम या कलेक्टर की सुनता हूं। मैं अपनी मर्जी का मालिक हूं।"

11 जून 2025 को तय तारीख पर सीमांकन भी नहीं किया गया. किसान भाइयों ने कलेक्टर से इस पूरे मामले की जांच और कार्रवाई की मांग की है.

दूसरा मामला: नामांतरण के लिए 10 हजार की डिमांड, 5 हजार वसूल लिए

एक अन्य शिकायत में केवलारी निवासी राजू यादव ने आरोप लगाया कि जमीन खरीदी के बाद जब वह नामांतरण कराने गया, तो पटवारी ने उससे भी 10 हजार रुपए मांगे. बाद में 5 हजार रुपए लेकर काम अटका दिया. पटवारी बार-बार पैसों के लिए दबाव बनाता रहा.

कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश, पर चुप्पी क्यों?

दोनों मामलों में कलेक्टर दिलीप कुमार यादव ने जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि इन आरोपों पर वरिष्ठ अधिकारी क्या एक्शन लेते हैं. गौरतलब है कि विधायक की तरफ से वायरल ऑडियो पर कोई कानूनी कार्यवाही नहीं की गई है, और न ही पटवारी की तरफ से अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी हुआ है. पटवारी की कथित 'मैं ही कानून हूं' वाली कार्यशैली और इस पूरे 'ऑडियो कांड' के बाद भी चुप्पी कई सवाल खड़े करती है.