बुधवार, 16 जुलाई 2025

कावड़ पर सजी आस्था, कंधों पर उठा विश्वास... 51 फीट कावड़ बनी आस्था की मिसाल, बोल बम के नारों संग कटनी से निकला शिवभक्तों का जत्था

कटनी : सावन मास के पावन अवसर पर कटनी में आस्था और भक्ति का एक विहंगम दृश्य देखने को मिला, जब मां जालपा 64 योगिनी शिवशक्ति कांवड़िया संघ के तत्वावधान में लगभग 200 श्रद्धालुओं का विशाल जत्था, एक भव्य 51 फीट लंबी कावड़ के साथ झारखंड स्थित प्रसिद्ध बैजनाथधाम के लिए रवाना हुआ। इस जत्थे में हर आयु वर्ग के लोग, जिनमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हैं, पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ इस पवित्र और चुनौतीपूर्ण यात्रा पर निकले हैं।

दशकों पुरानी परंपरा का निर्वाह:

यह कांवड़िया संघ पिछले करीब 35 वर्षों से इस गौरवशाली परंपरा का निर्वाह कर रहा है। संघ के सदस्य पहले ट्रेन द्वारा सुल्तानगंज पहुँचते हैं, और फिर वहां से पैदल यात्रा कर बैजनाथधाम तक पहुँचते हैं। यह यात्रा केवल शारीरिक बल का प्रदर्शन नहीं, बल्कि अटूट आस्था और समर्पण का प्रतीक है।

      सुनिए क्या कहा कांवड़िए शिवभक्त ने - विकाश पंडा 

51 फीट की आकर्षक कावड़ बनी आकर्षण का केंद्र:

इस वर्ष, भक्तों ने विशेष रूप से 51 फीट लंबी एक अत्यंत आकर्षक कावड़ तैयार की है। इसे रंग-बिरंगे वस्त्रों और मनमोहक रोशनी से सजाया गया है, जो देखते ही बनती है। यह विशाल कावड़ न केवल श्रद्धालुओं की सामूहिक भक्ति का प्रतीक है, बल्कि उनकी एकता और भोलेनाथ के प्रति उनके अगाध प्रेम को भी दर्शाती है। यह कावड़ यात्रा के दौरान सभी का ध्यान अपनी ओर खींच रही है।

'भोलेनाथ सब संभालेंगे': अटूट विश्वास से भरी यात्रा:

यात्रा के दौरान भोजन, स्वास्थ्य सुविधाओं और सुरक्षा जैसी बुनियादी आवश्यकताओं को लेकर जब श्रद्धालुओं से पूछा गया, तो उनका जवाब था, "भोलेनाथ सब व्यवस्था स्वयं संभालेंगे।" यह प्रतिक्रिया उनके गहरे विश्वास और प्रभु पर पूर्ण भरोसे को दर्शाती है। उनका यही अटूट विश्वास उनकी सबसे बड़ी ताकत बना हुआ है, जो उन्हें कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।

बोल बम के जयकारों से गूँज रहा मार्ग:

गर्मी और लंबी, कठिन राह के बावजूद, भक्तों का जोश कम नहीं हुआ है। वे निरंतर "बोल बम" के जयकारों के साथ आगे बढ़ रहे हैं, जिससे पूरा मार्ग भक्तिमय हो उठा है। रास्ते में स्थानीय लोग भी जगह-जगह रुककर इन श्रद्धालुओं का गर्मजोशी से स्वागत कर रहे हैं, जलपान करा रहे हैं और उनकी सेवा कर रहे हैं, जो भारतीय संस्कृति में अतिथि देवो भवः की भावना को दर्शाता है।

यह यात्रा न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह सामूहिक भावना, त्याग और अटूट विश्वास का एक अनुपम उदाहरण भी प्रस्तुत करती है। शिवभक्तों का यह जत्था बैजनाथधाम पहुँचकर भोलेनाथ का जलाभिषेक करेगा, जिससे उनकी सदियों पुरानी मनोकामना पूर्ण होगी।

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