गुरुवार, 17 जुलाई 2025

कैलाश-मानसरोवर की मुक्ति और तिब्बत की आजादी हमारा संकल्प : दत्तात्रेय होसबोले, बैठक में कटनी से पूर्व विधायक पोद्दार भी रहे उपस्थित !

नई दिल्ली। तिब्बत की आजादी और कैलाश मानसरोवर की मुक्ति को लेकर देशभर के राष्ट्रवादी संगठनों और सनातन आस्था से जुड़े लोगों को नई ऊर्जा देने वाली बड़ी खबर सामने आई है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरकार्यवाह माननीय दत्तात्रेय होसबोले ने स्पष्ट कहा है कि तिब्बत की चीन के कब्जे से मुक्ति हमारा सर्वकालिक संकल्प है। उन्होंने कहा कि तिब्बत की स्वतंत्रता ही भारत की सुरक्षा की गारंटी है।

श्रावण मास के प्रथम सोमवार 14 जुलाई 2025 को नई दिल्ली स्थित संघ कार्यालय में इस विषय पर पहली बार संघ के शीर्ष नेतृत्व और तिब्बती निर्वासित सरकार के प्रतिनिधियों के बीच मैराथन बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में संघ ने पहली बार औपचारिक रूप से तिब्बत की आजादी के मुद्दे पर प्रत्यक्ष रुचि दिखाई। इस महत्वपूर्ण बैठक को लेकर देशभर में जिज्ञासा और हर्ष का वातावरण है।

बैठक में हुए प्रमुख बिंदु :

  • संघ सरकार्यवाह माननीय दत्तात्रेय होसबोले, सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल, और वरिष्ठ प्रचारक व भारत-तिब्बत सहयोग मंच के मार्गदर्शक डॉ. इंद्रेश कुमार शामिल रहे।
  • तिब्बती निर्वासित सरकार की ओर से गेयरी डोलमा और आचार्य येशी फुंत्सोक ने भाग लिया।
  • कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील को चीन के कब्जे से मुक्त कराने के लिए रणनीतिक, कूटनीतिक, और आध्यात्मिक दृष्टि से समग्र विचार-विमर्श हुआ।
  • भारत-तिब्बत सहयोग मंच के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री पंकज गोयल के मार्गदर्शन में बैठक आगे बढ़ी।

तिब्बती समुदाय में नई उम्मीद :

संघ के इस सक्रिय समर्थन से तिब्बती समुदाय में नया विश्वास जगा है। बैठक को तिब्बतियों ने स्वागत योग्य कदम बताया है। वर्षों से निर्वासन झेल रहे तिब्बती लोगों की उम्मीदें फिर जाग उठी हैं कि दलाई लामा का प्रयास शीघ्र ही फलीभूत होगा।

संघ का स्पष्ट संदेश :

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने प्रत्यक्ष संदेश दिया है कि कैलाश मानसरोवर और तिब्बत की मुक्ति का संघर्ष केवल तिब्बतियों का नहीं, बल्कि हर भारतवासी का कर्तव्य है। संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने इस मुद्दे को सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और सनातन आस्था से जोड़ते हुए इससे जुड़े हर व्यक्ति को योगदान देने का आह्वान किया है।

बैठक में उपस्थित अन्य प्रमुख लोग : पूर्व केंद्रीय मंत्री सी.आर. चौधरी, पूर्व विधायक गिरिराज किशोर पोद्दार, वरिष्ठ अधिवक्ता रविंद्र गुप्ता, कपिल त्यागी, राजेंद्र कामदार, श्वेता सैनी, दीपक शर्मा सहित कई अन्य राष्ट्रीय कार्यकर्ता मौजूद रहे।

संघ का यह कदम आने वाले समय में भारत-तिब्बत-चीन संबंधों को नया आयाम दे सकता है।