बुधवार, 9 जुलाई 2025

कटनी के जगन्नाथ मंदिर में ट्रस्ट की 'धार्मिक लूट' का पर्दाफाश! फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों से किया ट्रस्ट पर कब्जा, 7 के खिलाफ एफआईआर

कटनी।  ज़िले के ऐतिहासिक और श्रद्धा के प्रतीक श्री जगन्नाथ स्वामी मंदिर अब एक धार्मिक षड्यंत्र और ट्रस्ट कब्जा कांड का केंद्र बन चुका है। मंदिर ट्रस्ट से जुड़े फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों, जाली हस्ताक्षरों और ट्रस्टी पदों पर अवैध कब्ज़े का सनसनीखेज मामला सामने आया है।

न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने मंदिर के कथित अध्यक्ष, पुजारी और अन्य सदस्यों सहित 7 आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। इस पूरे घटनाक्रम ने न केवल भक्तों की आस्था को झकझोरा है, बल्कि धार्मिक संस्थाओं की पारदर्शिता पर भी गहरा सवाल खड़ा किया है।

    'कूटरचना की साजिश': ट्रस्टियों को हटाकर बनाए गए फर्ज़ी पदाधिकारी!

काफी समय से मंदिर के ट्रस्ट संचालन को लेकर कानाफूसी जारी थी, लेकिन अब आरोपों को दस्तावेजी पुष्टि मिलने लगी है। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि कुछ लोगों ने सुनियोजित तरीके से फर्जी हस्ताक्षर व नामों के सहारे खुद को ट्रस्ट का सदस्य और पदाधिकारी घोषित कर दिया।

असली ट्रस्टियों को दरकिनार कर ट्रस्ट की बागडोर हथिया ली गई, जो सीधे तौर पर एक धार्मिक संस्था की विश्वसनीयता और कानूनी वैधता पर हमला माना जा रहा है।

 कोर्ट का सख्त रुख: पुलिस को दिए एफआईआर दर्ज करने के आदेश

शिकायतों और साक्ष्यों को गंभीरता से लेते हुए स्थानीय न्यायालय ने प्राथमिक तौर पर इसे आपराधिक षड्यंत्र मानते हुए पुलिस को तत्काल एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए।

यह फैसला न्यायपालिका का एक सख्त संदेश है कि धार्मिक संस्थानों में फर्ज़ीवाड़ा और जालसाज़ी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

 इन चेहरों पर FIR: अध्यक्ष से पुजारी तक नामजद आरोपी

कटनी कोतवाली पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर में निम्न 7 व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है:

1. प्रमोद सरावगी (कथित अध्यक्ष)

2. रजनीश पटेल (उपाध्यक्ष)

3. विजय प्रताप सिंह (सचिव)

4. शिशिर टुडहा (कोषाध्यक्ष)

5. नरेश अग्रवाल (सदस्य) 

6.शिवकुमार सोनी (सदस्य)

7. चंद्रिका प्रसाद दुबे (सदस्य)

इन सभी पर IPC की धाराओं — 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाज़ी), 468 (धोखाधड़ी के लिए जालसाज़ी), 471 (फर्ज़ी दस्तावेज़ का उपयोग) और 120-B (आपराधिक साजिश) — के तहत मामला दर्ज किया गया है।

जांच का दायरा बढ़ा: हो सकते हैं और बड़े खुलासे!

पुलिस ने मामले की बारीकी से जांच शुरू कर दी है। दस्तावेज़ों की फोरेंसिक जांच, बैंक खातों, भूमि अभिलेख, और ट्रस्ट की बैठकों के मिनट्स खंगाले जा रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार, यह केवल ट्रस्ट कब्जे की कोशिश नहीं, बल्कि बड़े आर्थिक घोटाले की कड़ी भी हो सकती है। संभावना जताई जा रही है कि जांच के दौरान कुछ और नाम, और भी बड़े धार्मिक और प्रशासनिक चेहरों के उजागर होने की उम्मीद है।

जनता में नाराज़गी, प्रशासन चौकन्ना

इस घटना के सामने आने के बाद स्थानीय श्रद्धालुओं में रोष है, और लोग मंदिर की गरिमा को लेकर चिंतित हैं। प्रशासन भी अब सक्रिय हो गया है और पूरे मामले की गंभीर निगरानी कर रहा है।

 क्या अब मंदिरों के ट्रस्ट भी 'साजिश और सत्ता का अखाड़ा' बनते जा रहे हैं?

श्री जगन्नाथ मंदिर का यह मामला एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या धार्मिक आस्था के केंद्र भी अब सत्ता, स्वार्थ और जालसाज़ी का शिकार बनते जा रहे हैं? न्याय और जांच की प्रक्रिया से यह स्पष्ट होगा कि यह सिर्फ़ ट्रस्ट की लड़ाई है या फिर धार्मिक संपत्तियों की बड़ी लूट का सिरा!

विश्वकर्मा पार्क के पास जर्जर मकान का हिस्सा गिरा , नाश्ते की दुकान बंद होने से टली जनहानि, नगर निगम की लापरवाही पर उठे सवाल

कटनी। नगर निगम सीमा क्षेत्र अंतर्गत विश्वकर्मा पार्क के समीप बुधवार सुबह एक जर्जर मकान का ऊपरी हिस्सा भरभराकर गिर गया। हादसे के वक्त मकान के नीचे स्थित नाश्ते की दुकान बंद थी, जिससे एक बड़ी दुर्घटना टल गई। घटना के बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया और स्थानीय लोग सहम गए।

बताया गया कि यह मकान मुख्य सड़क और तिराहे पर स्थित है, जो वर्षों से जर्जर हालत में है। नगर निगम द्वारा इस भवन को लेकर पहले भी तीन से चार बार नोटिस जारी किए जा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

वार्ड पार्षद ने मौके पर पहुंचकर घटना की जानकारी नगर निगम और एमपीईबी को दी। उन्होंने बताया कि यह मकान पूरी तरह से खतरनाक स्थिति में पहुंच चुका है और इसके आसपास की बस्तियों के लिए भी खतरा बना हुआ है।

उल्लेखनीय है कि निगमायुक्त निलेश दुबे ने हाल ही में बारिश के मौसम को देखते हुए जर्जर भवनों की पहचान कर प्राथमिकता से कार्रवाई के निर्देश अधिकारियों को दिए थे। बावजूद इसके, संबंधित विभाग की उदासीनता और कार्रवाई में देरी अब लोगों की सुरक्षा पर भारी पड़ती नजर आ रही है।

स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों ने मांग की है कि नगर निगम तत्काल इस भवन को गिराकर क्षेत्र को सुरक्षित करे, ताकि भविष्य में कोई जान-माल का नुकसान न हो

मध्य प्रदेश पुलिस का बड़ा फैसला: ड्यूटी के दौरान सोशल मीडिया रील्स पर प्रतिबंध , सिविल ड्रेस में भी ड्यूटी के समय किसी भी तरह की रील या प्रमोशनल वीडियो बनाने पर रोक।

भोपाल: मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने ड्यूटी के दौरान सोशल मीडिया पर रील और वीडियो बनाने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। विभाग ने सभी जिलों को निर्देश जारी किए हैं कि वर्दी की गरिमा और विभागीय अनुशासन बनाए रखने के लिए अब कोई भी पुलिसकर्मी ड्यूटी के समय मोबाइल से वीडियो नहीं बनाएगा। इस आदेश का उल्लंघन करने पर कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

क्यों लिया गया यह फैसला? पुलिस मुख्यालय के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में कई पुलिसकर्मी वर्दी में अभिनय करते, डांस करते या डायलॉग बोलते हुए सोशल मीडिया पर रील्स बनाते हुए दिखाई दिए हैं। इन गतिविधियों ने विभाग की छवि को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है और इसे अनुशासनहीनता माना गया है।

मुख्य आदेश बिंदु:

 * ड्यूटी के दौरान वीडियो शूटिंग पर पूर्ण प्रतिबंध।

 * वर्दी में सोशल मीडिया रील बनाना पूरी तरह निषेध।

 * सिविल ड्रेस में भी ड्यूटी के समय किसी भी तरह की रील या प्रमोशनल वीडियो बनाने पर रोक।

 * नियम उल्लंघन पर संबंधित अधिकारी की भी जवाबदेही तय की जाएगी।

 * यह आदेश सभी जिलों के एसपी और थाना प्रभारियों को जारी कर दिया गया है।

                यह प्रतिबंध पुलिस अधिनियम और विभागीय आचरण संहिता के तहत लगाया गया है। इन नियमों के अनुसार, कोई भी अधिकारी या कर्मचारी ऐसा कोई कार्य नहीं कर सकता जिससे सेवा की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचे। वर्दी में वीडियो बनाना और सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार करना इसी श्रेणी में आता है।

               हाल ही में, महिला और पुरुष पुलिसकर्मियों के कई ऐसे वायरल वीडियो सामने आए थे, जिनमें वे हथियारों के साथ म्यूजिक पर परफॉर्म करते या वर्दी की पृष्ठभूमि में ट्रेंडिंग ऑडियो का इस्तेमाल करते दिख रहे थे। इन वीडियो को जनता ने भी अनुचित बताया था, जिससे विभाग की आलोचना हुई।

                पुलिस मुख्यालय का यह कदम वर्दी के सम्मान और जिम्मेदारी को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय है। सोशल मीडिया पर लोकप्रियता हासिल करने की होड़ में विभागीय अनुशासन और गरिमा को बनाए रखना बेहद ज़रूरी है, ताकि पुलिस बल की छवि और विश्वसनीयता प्रभावित न हो।


मंगलवार, 8 जुलाई 2025

"पुलिस-जन संवाद का नया अध्याय – ‘स्कैन करें-फीडबैक भरें’ से तय होगी थानों की रेटिंग"

कटनी - जिले में पुलिस व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी, उत्तरदायी तथा जनहितैषी बनाने के उद्देश्य से पुलिस अधीक्षक श्री अभिनय विश्वकर्मा (भा.पु.से.) द्वारा “स्कैन करें - फीडबैक भरें” नामक एक अभिनव पहल का शुभारंभ किया गया है।

🔹 इस पहल के तहत जिले के सभी थानों, चौकियों एवं कार्यालयों में "क्यूआर कोड" लगाए जाएंगे, जिन्हें फरियादी एवं आगंतुक अपने मोबाइल से स्कैन कर पुलिस कार्यवाही एवं व्यवहार पर फीडबैक दर्ज कर सकेंगे।

🔹 पुलिस अधीक्षक द्वारा सभी थानों एवं इकाइयों को विशेष रूप से तैयार किए गए क्यूआर कोड वितरित किए गए हैं।

🔹 इस सिस्टम के माध्यम से एक केंद्रीकृत डाटाबेस तैयार किया जाएगा, जिसमें फरियादियों की शिकायतों पर की गई कार्यवाही एवं पुलिस के व्यवहार का रिकॉर्ड सुरक्षित रहेगा।

🔹 जिला कंट्रोल रूम में स्थापित सर्वर रूम से समस्त थानों की कार्यवाहियों की सीधी मॉनिटरिंग की जाएगी।


फीडबैक हेतु निर्धारित प्रमुख बिंदु –

  1. क्या शिकायत को सुना गया?
  2. पुलिस का व्यवहार कैसा रहा?
  3. शिकायत दर्ज करने में कितना समय लगा?
  4. शिकायत पर कार्यवाही हुई या नहीं?
  5. कार्यवाही के दौरान कोई अवैध मांग तो नहीं की गई?

इन बिंदुओं पर आधारित थानों की रेटिंग प्रणाली तैयार की जाएगी।


उत्कृष्ट कार्य का होगा सम्मान –

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि
श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले शीर्ष तीन थाना प्रभारियों को सम्मानित किया जाएगा,
जबकि निचले स्थान पर रहने वालों को सुधार हेतु निर्देशित किया जाएगा।

जनसंवाद को नई ऊंचाई देगा यह नवाचार –

पुलिस अधीक्षक अभिनय विश्वकर्मा (भा.पु.से.) ने विश्वास जताया कि —

“स्कैन करें - फीडबैक भरें” प्रणाली कटनी पुलिस को एक आदर्श पुलिसिंग मॉडल की ओर अग्रसर करेगी, जहां सेवा, पारदर्शिता और जनविश्वास सर्वोपरि रहेंगे। यह पहल निश्चित रूप से पुलिस-जन संवाद को सशक्त बनाएगी और जिले में बेहतर कानून-व्यवस्था की स्थापना में सहायक सिद्ध होगी।”


रविवार, 6 जुलाई 2025

कफ सिरप तस्करी कांड: - एनडीपीएस कोर्ट ने सुनाया कड़ा फैसला, चार आरोपियों को 12-12 साल की सजा

रीवा। मऊगंज में वर्ष 2022 में सामने आए कफ सिरप तस्करी कांड में विशेष एनडीपीएस अधिनियम (NDPS Act) अदालत ने बड़ा और कड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने चारों आरोपियों को 12-12 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाते हुए, प्रत्येक पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि जुर्माना न अदा करने पर एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

❖ मामला क्या था?

यह प्रकरण 17 नवंबर 2022 का है, जब हनुमना पुलिस ने गश्त के दौरान डीपी होटल के पास एक संदिग्ध बोलेरो वाहन को रोका था। वाहन की तलाशी लेने पर उसमें से 7 पेटी नशीली कफ सिरप बरामद की गई। मौके पर ही पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया था।

❖ गिरफ्तार आरोपियों की पहचान:

  1. अरमान मोहम्मद (निवासी देवरा, थाना शाहपुर)
  2. सैफ अली (निवासी देवरा, थाना शाहपुर)
  3. सरफराज अंसारी (निवासी देवरा, थाना शाहपुर)
  4. आरिफ मोहम्मद (निवासी घुरेहटा, थाना मऊगंज)

चारों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था।

❖ पुलिस और अदालत की कार्यवाही:

मामले की विवेचना सहायक उप निरीक्षक पुष्पराज सिंह द्वारा की गई। चार वर्षों तक चली न्यायिक प्रक्रिया के दौरान अदालत में ठोस साक्ष्य और गवाहों के आधार पर आरोप सिद्ध हुए। विशेष न्यायालय ने इसे गंभीर सामाजिक अपराध मानते हुए दोषियों को कड़ी सजा सुनाई।

जिले में भारी वर्षा के चलते 7 जुलाई को सभी स्कूलों में अवकाश घोषित

कटनी। लगातार हो रही भारी बारिश और आगामी दिनों में मौसम विभाग द्वारा अत्यधिक वर्षा की संभावना जताए जाने के चलते, कलेक्टर दिलीप कुमार यादव ने जिले के समस्त शैक्षणिक संस्थानों में 7 जुलाई, सोमवार को विद्यार्थियों के लिए अवकाश घोषित किया है।

जारी आदेश के अनुसार, यह अवकाश जिले की सभी शासकीय, अशासकीय, सभी विद्यालयों पर लागू होगा। निर्णय विद्यार्थियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

कलेक्टर यादव ने आमजन से अपील की है कि:

बारिश के दौरान अनावश्यक यात्रा से बचें,

जलमग्न सड़कों, पुल-पुलियों और रिपटो पर चलने या वाहन चलाने से परहेज़ करें,

सुरक्षित स्थानों पर रहें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।

प्रशासन का उद्देश्य है कि किसी भी प्रकार की दुर्घटना या अनहोनी को रोका जा सके और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

शनिवार, 5 जुलाई 2025

रिश्तों की मिसाल: घायल बालसखा ASI से मिलने पहुंचे DGP कैलाश मकवाना

विशेष संवाददाता

“पद चाहे कितना भी बड़ा हो, रिश्ते और दोस्ती हमेशा सबसे ऊपर होते हैं।”

इस कहावत को प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) श्री कैलाश मकवाना ने उस समय जीवंत कर दिखाया जब वे सड़क दुर्घटना में घायल अपने बालसखा एवं वर्तमान में एएसआई के पद पर पदस्थ सुरेश उर्फ हनुमान से मिलने पहुंचे।

दोनों अधिकारी केवल विभागीय सहयोगी नहीं, बल्कि बचपन के स्कूल के साथी भी हैं। जैसे ही श्री मकवाना को अपने मित्र की दुर्घटना की जानकारी मिली, वे बिना किसी औपचारिकता के सीधे अस्पताल पहुंचे और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। उन्होंने सुरेश उर्फ हनुमान का हाथ थामकर उन्हें शीघ्र स्वस्थ होने की शुभकामनाएं दीं।

इस मुलाकात के गवाह बने अस्पताल स्टाफ और पुलिसकर्मी भावुक हो उठे। यह दृश्य दर्शाता है कि जब इंसान ऊँचाई पर पहुँचता है, तब भी अगर वह अपने पुराने रिश्तों और मित्रता को नहीं भूलता, तो समाज के लिए एक सशक्त संदेश जाता है।

DGP कैलाश मकवाना की यह आत्मीयता और मानवीय संवेदनशीलता पुलिस विभाग के भीतर भी एक प्रेरणा बनकर उभरी है।