कटनी। रेलवे विकास कार्यों के नाम पर हो रही अनदेखी अब आमजन के लिए मुसीबत बनती जा रही है। कटनी से एनकेजे मार्ग होते हुए झलवारा अंडरपास तक स्थिति दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है। बारिश के पहले ही दिन एलएनटी कंपनी के कार्यों के चलते एनकेजे का मुख्य मार्ग जलमग्न हो गया। भारी वाहनों द्वारा लाई गई चिकनी मिट्टी से सड़कों पर फिसलन बढ़ गई है, जिससे कई लोग गिरकर घायल हो चुके हैं।
हालत यह है कि रेलवे और प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी न तो मौके पर पहुंचे, न ही कोई प्रतिक्रिया सामने आई।
❌ बंद निकासी, जलभराव से बिगड़े हालात
झलवारा क्षेत्र में रेलवे द्वारा बनाए जा रहे ग्रेड सेपरेटर पुल की निर्माण प्रक्रिया के चलते निकासी नालों को बंद कर दिया गया है। नतीजतन, पहली ही बारिश में अंडरपास जलमग्न हो गया, जिससे आवागमन पूरी तरह ठप हो गया।
स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि स्कूली बच्चों को 10 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाकर तिलक कॉलेज मार्ग से स्कूल जाना पड़ा। ग्रामीणों के लिए यह ग्रेड सेपरेटर अब किसी अभिशाप से कम नहीं रह गया है।
🚧 ग्रामीण सड़कें बदहाल
रेलवे निर्माण में लगी एलएनटी और इरकॉन जैसी कंपनियों के भारी वाहनों ने ग्रामीण अंचलों की सड़कों को गड्ढों में तब्दील कर दिया है। सिंगरौली-बीना-बिलासपुर रेलखंड पर निर्माण कार्य के चलते आम राहगीरों को प्रतिदिन दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है।
रेलवे द्वारा हिरवारा ग्राम पंचायत के अंतर्गत झलवारा स्टेशन के पास बनाए गए अंडरपास में पहली ही बारिश में कमर तक पानी भर गया। पुराने रेल फाटक को बंद कर दिया गया है, जिससे ग्रामीणों का मुख्य मार्ग पूरी तरह बाधित हो गया है।
✊ आक्रोशित ग्रामीणों ने किया ट्रैक जाम
समस्या के समाधान की दिशा में कोई पहल न होते देख, ग्रामीणों ने झलवारा स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पर बैठकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। उनका स्पष्ट कहना है कि जब तक रेलवे उन्हें सुरक्षित और सुगम रास्ता नहीं देता, विरोध जारी रहेगा।
📌 ग्रामीणों की प्रमुख मांगें:
- जलभराव से मुक्ति के लिए उचित निकासी व्यवस्था की जाए
- झलवारा अंडरपास की ऊंचाई और नाला प्रणाली में सुधार किया जाए
- ग्रामीण सड़कों की मरम्मत और पुनर्निर्माण तत्काल शुरू किया जाए
- रेलवे और निर्माण एजेंसियों की जवाबदेही तय की जाए
🔍 निष्कर्ष:
कटनी में रेलवे विकास कार्यों के नाम पर आम लोगों की बुनियादी ज़रूरतों को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है। रेलवे जहां अपने हितों को प्राथमिकता दे रहा है, वहीं स्थानीय जनता बुनियादी सुविधाओं से वंचित हो रही है। यदि समय रहते सुधार नहीं हुआ, तो यह समस्या और अधिक गंभीर रूप ले सकती है।