शनिवार, 28 जून 2025

🛑 रेलवे विकास कार्य बना लोगों के लिए मुसीबत, झलवारा अंडरपास में जलभराव, ग्रामीणों ने ट्रैक पर दिया धरना 🛤️

कटनी। रेलवे विकास कार्यों के नाम पर हो रही अनदेखी अब आमजन के लिए मुसीबत बनती जा रही है। कटनी से एनकेजे मार्ग होते हुए झलवारा अंडरपास तक स्थिति दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है। बारिश के पहले ही दिन एलएनटी कंपनी के कार्यों के चलते एनकेजे का मुख्य मार्ग जलमग्न हो गया। भारी वाहनों द्वारा लाई गई चिकनी मिट्टी से सड़कों पर फिसलन बढ़ गई है, जिससे कई लोग गिरकर घायल हो चुके हैं।

हालत यह है कि रेलवे और प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी न तो मौके पर पहुंचे, न ही कोई प्रतिक्रिया सामने आई।

❌ बंद निकासी, जलभराव से बिगड़े हालात

झलवारा क्षेत्र में रेलवे द्वारा बनाए जा रहे ग्रेड सेपरेटर पुल की निर्माण प्रक्रिया के चलते निकासी नालों को बंद कर दिया गया है। नतीजतन, पहली ही बारिश में अंडरपास जलमग्न हो गया, जिससे आवागमन पूरी तरह ठप हो गया।

स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि स्कूली बच्चों को 10 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाकर तिलक कॉलेज मार्ग से स्कूल जाना पड़ा। ग्रामीणों के लिए यह ग्रेड सेपरेटर अब किसी अभिशाप से कम नहीं रह गया है।


🚧 ग्रामीण सड़कें बदहाल

रेलवे निर्माण में लगी एलएनटी और इरकॉन जैसी कंपनियों के भारी वाहनों ने ग्रामीण अंचलों की सड़कों को गड्ढों में तब्दील कर दिया है। सिंगरौली-बीना-बिलासपुर रेलखंड पर निर्माण कार्य के चलते आम राहगीरों को प्रतिदिन दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है।

रेलवे द्वारा हिरवारा ग्राम पंचायत के अंतर्गत झलवारा स्टेशन के पास बनाए गए अंडरपास में पहली ही बारिश में कमर तक पानी भर गया। पुराने रेल फाटक को बंद कर दिया गया है, जिससे ग्रामीणों का मुख्य मार्ग पूरी तरह बाधित हो गया है।

✊ आक्रोशित ग्रामीणों ने किया ट्रैक जाम

समस्या के समाधान की दिशा में कोई पहल न होते देख, ग्रामीणों ने झलवारा स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पर बैठकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। उनका स्पष्ट कहना है कि जब तक रेलवे उन्हें सुरक्षित और सुगम रास्ता नहीं देता, विरोध जारी रहेगा।

📌 ग्रामीणों की प्रमुख मांगें:

  • जलभराव से मुक्ति के लिए उचित निकासी व्यवस्था की जाए
  • झलवारा अंडरपास की ऊंचाई और नाला प्रणाली में सुधार किया जाए
  • ग्रामीण सड़कों की मरम्मत और पुनर्निर्माण तत्काल शुरू किया जाए
  • रेलवे और निर्माण एजेंसियों की जवाबदेही तय की जाए

🔍 निष्कर्ष:

कटनी में रेलवे विकास कार्यों के नाम पर आम लोगों की बुनियादी ज़रूरतों को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है। रेलवे जहां अपने हितों को प्राथमिकता दे रहा है, वहीं स्थानीय जनता बुनियादी सुविधाओं से वंचित हो रही है। यदि समय रहते सुधार नहीं हुआ, तो यह समस्या और अधिक गंभीर रूप ले सकती है।


कटनी में भवन निर्माण सामग्री का भरोसेमंद नाम — माँ नर्मदा ट्रेडर्स ,जहां निर्माण की हर ईंट रखी जाती है भरोसे के साथ

कटनी।
अगर आप कटनी शहर में घर, दुकान या कोई भी निर्माण कार्य कर रहे हैं और बिल्डिंग मटेरियल की तलाश में हैं — तो अब इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं। क्योंकि कटनी के स्थानीय बाजार में एक नाम वर्षों से लोगों का भरोसा बना हुआ है – "माँ नर्मदा ट्रेडर्स"।

रेत, ईंट, गिट्टी, सीमेंट, सरिया (लोहे की छड़ें), मुरम, डस्ट जैसे सभी निर्माण सामग्रियों की थोक और फुटकर बिक्री यहां की जाती है। चाहे छोटा काम हो या बड़े स्तर पर प्रोजेक्ट, माँ नर्मदा ट्रेडर्स आपके हर जरूरत को समय पर, उचित रेट पर और विश्वसनीयता के साथ पूरा करता है।

हर कोने में सेवा, हर ग्राहक के लिए सुविधा

कटनी शहर के किसी भी कोने में बिल्डिंग मटेरियल की सप्लाई की सुविधा उपलब्ध है। ग्राहक की संतुष्टि ही इनका उद्देश्य है — यही कारण है कि यहाँ गुणवत्ता के साथ-साथ समय की पाबंदी को भी प्राथमिकता दी जाती है।

विश्वास का प्रतीक, सेवा में समर्पित

ग्राहकों की बढ़ती मांग और विश्वसनीयता ने माँ नर्मदा ट्रेडर्स को कटनी क्षेत्र में एक मजबूत ब्रांड के रूप में स्थापित किया है। चाहे निर्माण कार्य प्रारंभ करना हो या मटेरियल का तत्काल ऑर्डर — हर स्थिति में यह प्रतिष्ठान तत्पर रहता है।

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"माँ नर्मदा ट्रेडर्स" — जहां निर्माण की हर ईंट रखी जाती है भरोसे के साथ।


हाईवे पर हादसा: बिहार से लौट रहा परिवार बाल-बाल बचा, नींद का झोंका बना कारण

कटनी - 
शुक्रवार को जबलपुर हाईवे पर मैगी प्वाइंट के सामने एक बड़ा हादसा टल गया। बिहार से अपने परिवार के साथ जबलपुर लौट रहे एक व्यक्ति की कार अचानक अनियंत्रित हो गई और दुर्घटना का शिकार हो गई। राहत की बात यह रही कि कार सवार सभी सदस्य सुरक्षित हैं।

जानकारी के अनुसार, चालक को अचानक नींद का झोंका आ गया, जिससे कार नियंत्रण से बाहर हो गई और हाईवे किनारे जा भिड़ी।

पीड़ित व्यक्ति ऑर्डिनेंस फैक्ट्री, में कर्मचारी हैं और बिहार से लौट रहे थे। दुर्घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय लोगों ने तुरंत सहायता पहुंचाई और पुलिस को सूचित किया।

समय रहते बचाव से टली बड़ी अनहोनी

स्थानीय पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और गाड़ी को हटवाया। परिवार को प्राथमिक चिकित्सकीय जांच के बाद आगे रवाना किया गया।
यह हादसा एक बार फिर यह याद दिलाता है कि लंबी यात्रा के दौरान पर्याप्त आराम और सतर्कता बरतना अत्यंत आवश्यक है।

सांसद ने बेटी का कराया सरकारी स्कूल में दाखिला, कहा - "व्यवस्था पर भरोसा तभी बढ़ेगा जब हम खुद हिस्सा बनेंगे"

शहडोल | शहडोल संसदीय क्षेत्र की भाजपा सांसद हिमाद्री सिंह ने एक मिसाल पेश करते हुए अपनी बेटी गिरीशा नंदिनी का दाखिला अनूपपुर जिले के राजेन्द्रग्राम स्थित शासकीय कन्या प्राथमिक विद्यालय में कक्षा पहली में करवाया। गुरुवार को खुद सांसद अपनी बेटी के साथ स्कूल पहुंचीं और पूरे दाखिला प्रक्रिया को संपन्न कराया।

इस मौके पर उन्होंने कहा –

"जब हम अपने बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूलों में कराते हैं, तो न केवल व्यवस्था पर विश्वास जताते हैं, बल्कि सुधार की प्रक्रिया को भी करीब से देख और समझ पाते हैं।"

सांसद ने आगे कहा कि उनकी बेटी उसी स्कूल में पढ़ेगी, जहां आमजन के बच्चे पढ़ते हैं। यह कदम न सिर्फ शिक्षा व्यवस्था में भरोसा जगाने वाला है, बल्कि सरकारी स्कूलों की छवि सुधारने की दिशा में भी एक सकारात्मक संदेश देता है।

जनप्रतिनिधियों को उदाहरण बनना चाहिए – आमजन की राय

हिमाद्री सिंह की इस पहल को क्षेत्र में काफी सराहा जा रहा है। लोगों का कहना है कि सांसद ने जो किया है, वह उदाहरण बन सकता है। अब आमजन की यह भी मांग है कि “सभी जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को अपने बच्चों की पढ़ाई सरकारी स्कूलों में ही करवानी चाहिए, तभी शिक्षा व्यवस्था में वास्तविक सुधार आ सकेगा।”

राजेन्द्रग्राम आदिवासी बहुल इलाका है, जहां परंपरागत रूप से बालिका शिक्षा को लेकर अभिभावकों में रुचि कम देखी जाती रही है। इस पर सांसद ने अभिभावकों से अपील की –

"बेटियों को जरूर स्कूल भेजें, ताकि वे अपने अधिकारों को जान सकें और आत्मनिर्भर बनें।"


शहडोल: सांसद ने बेटी का कराया सरकारी स्कूल में दाखिला, अभिभावकों से बेटियों को शिक्षित करने की अपील

शहडोल। 'बेटियां पढ़ेंगी, तभी देश बढ़ेगा' – इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए शहडोल सांसद हिमाद्री सिंह ने शुक्रवार को अपनी बेटी गिरीश नंदिनी का दाखिला राजेन्द्रग्राम के शासकीय प्राथमिक विद्यालय में कराया। उन्होंने इस अवसर पर अभिभावकों से अपील की कि वे बेटियों को अनिवार्य रूप से विद्यालय भेजें और उन्हें पढ़ने का अवसर दें।

सांसद ने कहा, "बेटियों को आगे बढ़ने से न रोकें। जब बेटियां शिक्षित होंगी, तो पूरा परिवार शिक्षित होगा।"

विद्यालय में दाखिले के दौरान सांसद ने शैक्षणिक गतिविधियों का निरीक्षण भी किया और मौजूद अभिभावकों से संवाद कर उन्हें बालिका शिक्षा के महत्व से अवगत कराया।

राजेन्द्रग्राम बस स्टैंड परिसर स्थित यह स्कूल सांसद के आवास से महज एक किलोमीटर की दूरी पर है। उन्होंने विश्वास जताया कि इस पहल से स्कूल की शैक्षणिक गुणवत्ता भी सुधरेगी और आमजन का भरोसा बढ़ेगा।

उन्होंने कहा, "बेटियां वह सब कुछ कर सकती हैं जो बेटे करते हैं। उन्हें पढ़ाई में आगे बढ़ने का पूरा अवसर मिलना चाहिए और हर परिवार को इसमें सहयोग करना चाहिए।"


🌟 वायरल खबर: थाने से चंद कदमों की दूरी पर कांग्रेस पार्षद की सरेआम पिटाई, वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल 🌟

कटनी | विजयराघवगढ़ - थाने से महज 100 मीटर की दूरी पर खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ती नजर आईं, जब वार्ड क्रमांक 12 में कांग्रेस पार्षद जयशंकर उरमलिया के साथ कुछ युवकों ने सरेआम मारपीट कर दी। पूरी घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।

वीडियो में देखा जा सकता है कि पार्षद एक घर के बाहर खड़े होकर बातचीत कर रहे थे, तभी कुछ युवक आए और उनसे मारपीट करने लगे। पार्षद को जमीन पर गिराकर बेरहमी से पीटा गया। हालांकि, हम वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करते।

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि पिटाई का शिकार हुए पार्षद पर ही एफआईआर दर्ज की गई है।
पुलिस का कहना है कि पार्षद जयशंकर उरमलिया ने अब तक स्वयं कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है। वहीं, राजनीतिक दबाव की चर्चाएं भी जोर पकड़ रही हैं। 

जानकारी के अनुसार, मारपीट की यह घटना 25 जून की बताई जा रही है। पुलिस ने इसी दिन जयकुमार खरे की शिकायत पर पार्षद जयशंकर उरमलिया व पप्पू अवस्थी के खिलाफ गाली-गलौज, मारपीट और जान से मारने की धमकी देने के आरोप में मामला दर्ज किया था।



अनुरुद्धाचार्य के मंच से लगाई थी शादी की गुहार, 25 दिन से लापता शिक्षक की कहानी



जबलपुर - 
"बाबा से आशीर्वाद की आस थी... लेकिन आज तक घर नहीं लौटा" — ये कहानी है जबलपुर जिले के मझौली थाना क्षेत्र के ग्राम पड़वार निवासी इंद्रकुमार तिवारी (49 वर्ष) की, जो 2 जून से रहस्यमय ढंग से लापता है।

सरकारी स्कूल में अतिथि शिक्षक के रूप में कार्यरत इंद्रकुमार ने 3 से 10 मई तक ग्राम रिवंझा में आयोजित अनुरुद्धाचार्य महाराज के कथावाचन कार्यक्रम में मंच पर सार्वजनिक रूप से अपनी शादी न हो पाने की पीड़ा साझा की थी। उन्हें विश्वास था कि बाबा के आशीर्वाद से शायद उनके जीवन में भी बहार आ जाएगी।

‘दुल्हन’ के बहाने बुलाया, फिर गायब

कार्यक्रम के कुछ दिन बाद इंद्रकुमार को एक अज्ञात कॉल आया — बताया गया कि “खुशी” नाम की लड़की गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) की रहने वाली है और शादी के लिए तैयार है। उसे लड़की से मिलने और शादी के लिए आमंत्रित किया गया।

2 जून को इंद्रकुमार घर से यह कहकर निकले कि 6 जून को पत्नी के साथ लौटेंगे... लेकिन 25 दिन बीत चुके हैं, उनका कोई पता नहीं है।

परिवार का आरोप – अपहरण हुआ, पुलिस टाल रही

इंद्रकुमार के परिवार ने बताया कि उनका कोई निकट सगा नहीं है। गांव में वह अकेले खेती करते थे और पढ़ाते भी थे। वह घर के 18 एकड़ खेत के अकेले वारिस हैं।

परिजनों और ग्रामीणों ने आशंका जताई है कि यह पूर्व नियोजित अपहरण है — जिसमें शादी का झांसा देकर उन्हें फंसाया गया।

हालांकि मझौली थाना पुलिस ने सिर्फ गुमशुदगी दर्ज की है, लेकिन 25 दिन बाद भी खोजबीन या गंभीर जांच की कोई पहल नहीं की गई।

बाबाओं के मंच पर समस्या बताना बना खतरा?

यह मामला यह भी सोचने पर मजबूर करता है कि क्या धार्मिक मंचों पर अपनी निजी समस्याएं बताना आज के दौर में सुरक्षित है?
अनुरुद्धाचार्य जैसे प्रसिद्ध कथावाचक के मंच से सार्वजनिक गुहार लगाने वाले इंद्रकुमार के साथ यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े करती है।

परिवार की मांग – CBI या SIT से जांच हो

परिवार ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि पुलिस स्थानीय स्तर पर इस केस को गंभीरता से नहीं ले रही। यदि समय रहते कार्रवाई न हुई तो एक मासूम शिक्षक की जिंदगी और न्याय — दोनों अंधेरे में खो जाएंगे।