सरकारी स्कूल में अतिथि शिक्षक के रूप में कार्यरत इंद्रकुमार ने 3 से 10 मई तक ग्राम रिवंझा में आयोजित अनुरुद्धाचार्य महाराज के कथावाचन कार्यक्रम में मंच पर सार्वजनिक रूप से अपनी शादी न हो पाने की पीड़ा साझा की थी। उन्हें विश्वास था कि बाबा के आशीर्वाद से शायद उनके जीवन में भी बहार आ जाएगी।
‘दुल्हन’ के बहाने बुलाया, फिर गायब
कार्यक्रम के कुछ दिन बाद इंद्रकुमार को एक अज्ञात कॉल आया — बताया गया कि “खुशी” नाम की लड़की गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) की रहने वाली है और शादी के लिए तैयार है। उसे लड़की से मिलने और शादी के लिए आमंत्रित किया गया।
2 जून को इंद्रकुमार घर से यह कहकर निकले कि 6 जून को पत्नी के साथ लौटेंगे... लेकिन 25 दिन बीत चुके हैं, उनका कोई पता नहीं है।
परिवार का आरोप – अपहरण हुआ, पुलिस टाल रही
इंद्रकुमार के परिवार ने बताया कि उनका कोई निकट सगा नहीं है। गांव में वह अकेले खेती करते थे और पढ़ाते भी थे। वह घर के 18 एकड़ खेत के अकेले वारिस हैं।
परिजनों और ग्रामीणों ने आशंका जताई है कि यह पूर्व नियोजित अपहरण है — जिसमें शादी का झांसा देकर उन्हें फंसाया गया।
हालांकि मझौली थाना पुलिस ने सिर्फ गुमशुदगी दर्ज की है, लेकिन 25 दिन बाद भी खोजबीन या गंभीर जांच की कोई पहल नहीं की गई।
बाबाओं के मंच पर समस्या बताना बना खतरा?
परिवार की मांग – CBI या SIT से जांच हो
परिवार ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि पुलिस स्थानीय स्तर पर इस केस को गंभीरता से नहीं ले रही। यदि समय रहते कार्रवाई न हुई तो एक मासूम शिक्षक की जिंदगी और न्याय — दोनों अंधेरे में खो जाएंगे।
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