शनिवार, 12 जुलाई 2025

पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सांसद वीडी शर्मा के संसदीय क्षेत्र में बिजली संकट, ग्रामीण बोले – “कटनी में विकास अंधेरे में" सारी रात जुहली सहित ग्रामीण क्षेत्रों में अंधेरा कायम

कटनी।
जहां बरसात का मौसम आम जनजीवन के लिए राहत लेकर आता है, वहीं शहर से सटे ग्राम जुहली के ग्रामीणों के लिए यह परेशानी और खौफ की रातों में तब्दील हो गया है। बिजली विभाग की घोर लापरवाही के चलते गांव में बिजली की आंख मिचौली ने ग्रामीणों की नींद उड़ा दी है। अब हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि गांववाले लगातार 12-12 घंटे तक बिजली से महरूम हैं।

बीती रात भी पूरे गांव में बिजली गुल रही। बरसात में अंधेरा और ऊपर से विषैले जीव-जंतुओं का डर – ग्रामीणों के लिए यह रात किसी यातना से कम नहीं रही। कई लोगों ने तो बच्चों और बुजुर्गों को पूरी रात जगाकर रखा, ताकि किसी अनहोनी से बचा जा सके। ग्रामीणों का साफ आरोप है कि बिजली विभाग सिर्फ बारिश का बहाना बना रहा है, जबकि सच्चाई यह है कि सप्लाई बंद रखना ही इनका ‘नया रूटीन’ बन गया है।

ग्रामीणों में गहरा आक्रोश:

बिजली विभाग के प्रति ग्रामीणों का आक्रोश साफ झलकने लगा है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर हालात जल्द नहीं सुधरे तो वे सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर होंगे। बच्चों, बीमारों और बुजुर्गों की तबीयत पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है, लेकिन विभाग पूरी तरह से बेपरवाह बना हुआ है।


👉 ग्रामीणों की तीन प्रमुख मांगें:

नियमित और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए

बिजली कटौती के कारणों की सार्वजनिक जानकारी दी जाए

जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय हो

प्रशासन से सीधा सवाल:

क्या ग्रामीणों की नींद, सुरक्षा और सम्मान की कोई कीमत नहीं रह गई है? क्या बिजली व्यवस्था सुधारने के लिए सिर्फ बारिश को ढाल बनाकर विभाग आँखें मूंदे रहेगा?

ग्रामीणों का स्थानीय नेतृत्व पर सवाल:

 गांव में नेता तो कई हैं, जो शहरी नेताओं की आवभगत में आगे रहते हैं, लेकिन जब गांव की ज़मीनी समस्याओं की बात आती है, तो वे मौके पर नदारद हो जाते हैं। बीती रात गांव की हालत बेहाल रही, मगर कोई भी जनप्रतिनिधि वहां झांकने तक नहीं आया। ग्रामीणों का कहना है कि अगर उनकी आवाज़ फिर दबाई गई, तो वे अपने हक के लिए सड़क पर उतरने में हिचकिचाएंगे नहीं।

बड़ा सवाल – जब जुहली का ये हाल, तो दूर-दराज़ के गांवों का क्या हाल होगा?

जुहली जैसे गांव, जो शहर से लगे हुए हैं, अगर वहां बिजली की यह बदहाल स्थिति है, तो सोचिए उन दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों का क्या हाल होगा? क्या वहां इंसान नहीं रहते?

और यह सब उस जिले में हो रहा है, जहां पंचायत से लेकर सांसद तक सभी जनप्रतिनिधि भारतीय जनता पार्टी से हैं। यह वही इलाका है जो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान सांसद वीडी शर्मा का संसदीय क्षेत्र है। फिर भी हालात हैं कि सुधरने का नाम नहीं ले रहे। सवाल यह भी है – क्या अब बिजली विभाग पर किसी का बस ही नहीं रह गया?

शुक्रवार, 11 जुलाई 2025

कटनी में भीषण सड़क हादसा: अमराडार मोड पर ट्रक ने बाइक सवार तीन युवकों को कुचला, मौके पर ही दर्दनाक मौत

कटनी, 11 जुलाई (शुक्रवार रात): कटनी जिले के कुठला थाना क्षेत्र अंतर्गत अमराडार मोड़ पर शुक्रवार देर रात एक भयंकर सड़क हादसे ने तीन परिवारों में मातम फैला दिया. करीब 10:30 बजे एक तेज रफ्तार और लापरवाही से चलाए जा रहे ट्रक ने बाइक पर सवार तीन युवकों को बेरहमी से कुचल दिया, जिससे तीनों ने घटनास्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गई.

कुठला थाना प्रभारी राजेंद्र मिश्र ने बताया कि ट्रक क्रमांक MP 21 H 1596 ने बाइक क्रमांक MP 35 MG 3106 को पीछे से जबरदस्त टक्कर मारी. यह टक्कर इतनी भीषण थी कि बाइक पर सवार रोहनिया, शाहनगर निवासी तीनों युवकों की मौके पर ही सांसे थम गईं. मृतकों की पहचान के लिए पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम की कार्रवाई की जा रही है.

हादसे के बाद ट्रक चालक मौके से फरार हो गया, लेकिन पुलिस ने ट्रक को जब्त कर लिया है. सूचना मिलते ही कुठला पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को तुरंत अस्पताल भिजवाया. पुलिस फरार ट्रक चालक की तलाश में जुटी हुई है.

क्षेत्र में पसरा मातम, सुरक्षा नियमों पर उठे सवाल

इस हृदयविदारक घटना के बाद पूरे क्षेत्र में मातम का माहौल है. खबर फैलते ही घटनास्थल पर ग्रामीणों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी, जो इस दुर्घटना से स्तब्ध थी. कुठला पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

यह दुर्घटना एक बार फिर सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक नियमों के पालन की गंभीरता पर गंभीर सवाल खड़े करती है. अक्सर देखने में आता है कि तेज रफ्तार और लापरवाही से वाहन चलाने के कारण कई बेगुनाह जिंदगियां असमय काल का ग्रास बन जाती हैं.

 सावधानी ही सुरक्षा है – यह मंत्र हमें कभी नहीं भूलना चाहिए, क्योंकि तेज रफ्तार और लापरवाही जानलेवा दुर्घटना का कारण बन सकती है।


"‘शिक्षा में भेद नहीं’: शहडोल सांसद का साहसिक निर्णय, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने की तारीफ"

भोपाल / शहडोल,  सरकारी शिक्षा में भरोसा जताते हुए शहडोल से भाजपा सांसद हिमाद्री सिंह ने अपने बेटे का दाखिला एक सरकारी स्कूल में कराया है। यह पहल न केवल समाज में शिक्षा को लेकर सकारात्मक सोच का प्रतीक बन रही है, बल्कि उच्च पदों पर आसीन लोगों के लिए भी एक प्रेरणा बन गई है।

पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने इस निर्णय की जमकर सराहना करते हुए इसे “आदर्श उदाहरण” बताया। उन्होंने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट में लिखा,

"शहडोल की भाजपा की सांसद ने अपने बच्चे को सरकारी स्कूल में पढ़ाना शुरू किया है, यह एक आदर्श उदाहरण है, अभिनंदनीय है।"

https://x.com/umasribharti/status/1943573341492982035?t=hG6pwvAODRvqnoPLFQEsTw&s=08

शासन–प्रशासन के अधिकारियों को भी दिया संदेश

पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि वर्ष 2009 में अपने दिवंगत भाई की मृत्यु के बाद उन्होंने भी भतीजा-भतीजी को संभाला था, जो निजी स्कूलों में पढ़ते थे। वे चाहती थीं कि वे सरकारी शिक्षा से जुड़ें, लेकिन परिस्थितियोंवश ऐसा संभव नहीं हो सका।

उन्होंने सांसद हिमाद्री सिंह की सराहना करते हुए लिखा,

“मैं शासन-प्रशासन के उच्च पदों पर बैठे सभी नवदंपतियों से कहूंगी कि वे भी अपने बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा सरकारी विद्यालयों से ही शुरू करें।”

अन्य उदाहरण भी आए सामने

उमा भारती ने उत्तराखंड के एक कलेक्टर दंपति का उल्लेख भी किया, जिन्होंने अपने बेटे को सरकारी स्कूल में दाखिल कराया। शिक्षा की कमी के कारण उनकी पत्नी ने भी एक सरकारी स्कूल में खुद पढ़ाना शुरू किया था।

हालांकि, उन्होंने दंपति की अनुमति न होने के कारण नाम सार्वजनिक नहीं किया, लेकिन एक्स के एक यूजर ने कमेंट कर बताया कि संभवतः यह अधिकारी मंगेश घिंढियाल हैं, जो वर्तमान में प्रधानमंत्री कार्यालय में कार्यरत हैं।

उमा भारती ने उम्मीद जताई कि इस तरह की पहल से सरकारी शिक्षा संस्थानों की स्थिति में सुधार होगा और आम जनता का भरोसा भी बढ़ेगा।

"ऐसे प्रयासों से सरकारी शिक्षण संस्थानों में अपने आप सुधार शुरू हो जाएगा।" — उमा भारती (पूर्व मुख्यमंत्री मप्र )

कटनी पुलिस की पहल : अपराध की जंजीरों से पारधी समाज को मुक्ति दिलाने का महाअभियान!

कटनी, क्या पुलिस सिर्फ अपराध रोकने और अपराधियों को पकड़ने तक सीमित है? कटनी पुलिस ने इस धारणा को तोड़ते हुए एक ऐसा मानवीय और दूरगामी अभियान छेड़ा है, जो न सिर्फ कानून-व्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि समाज के एक वंचित वर्ग को नई जिंदगी भी देगा। पुलिस अधीक्षक अभिनव विश्वकर्मा के नेतृत्व में, कटनी पुलिस ने पारधी समाज को अपराध के दलदल से निकालकर समाज की मुख्यधारा में जोड़ने का बीड़ा उठाया है। यह सिर्फ एक अभियान नहीं, बल्कि विश्वास, परिवर्तन और बेहतर भविष्य की एक नई गाथा लिखने की शुरुआत है।

डेरों पर पहुँची पुलिस, दिलाई 'अपराध मुक्त' जीवन की शपथ

यह कोई सामान्य पुलिस कार्रवाई नहीं थी, बल्कि एक हृदय परिवर्तन का प्रयास था। पुलिस अधीक्षक विश्वकर्मा के निर्देशों पर गठित तीन विशेष टीमों ने जिले भर में फैले पारधी समुदाय के डेरों पर दस्तक दी। उनका मकसद सिर्फ डेटा इकट्ठा करना या निगरानी करना नहीं था, बल्कि उन्हें अपराध की दुनिया से दूर रहने और एक सम्मानजनक जीवन जीने के लिए प्रेरित करना था।

इस अभियान का सबसे मार्मिक और प्रभावी पल तब आया जब नगर पुलिस अधीक्षक (CSP) नेहा पच्चीसिया खुद पारधी समुदाय के बीच पहुँचीं। उन्होंने हाथ जोड़कर नहीं, बल्कि दिल से दिल की बात करते हुए, समुदाय के लोगों को अपराध न करने की शपथ दिलाई। कल्पना कीजिए, वर्षों से जिस समुदाय को संदेह और भय की दृष्टि से देखा जाता था, आज उसी के बीच पुलिस अधिकारी एक मित्र और मार्गदर्शक के रूप में खड़ा होकर उन्हें बेहतर कल के लिए प्रेरित कर रहा है। सीएस पी पच्चीसिया ने धैर्य से उनकी समस्याओं को सुना, उनके मुद्दों को समझा और उन्हें समझाया कि कैसे सरकारी योजनाएं उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं। उन्होंने उन्हें आर्थिक और सामाजिक रूप से आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया।

"अब समय आ गया है, छवि बदलो और सम्मान से जियो!"

सीएसपी पच्चीसिया ने इस दौरान बेहद स्पष्ट और प्रेरक संदेश दिया। उन्होंने जोर देकर कहा, "अब वह समय आ गया है जब पारधी समाज को अपनी पुरानी आपराधिक छवि को पीछे छोड़कर एक सम्मानजनक और गरिमापूर्ण जीवन की ओर कदम बढ़ाना चाहिए। पुलिस विभाग आपके साथ है, हरसंभव सहायता के लिए तैयार है।" यह सिर्फ बयानबाजी नहीं थी, बल्कि कटनी पुलिस की उस प्रतिबद्धता का प्रतीक थी कि वे सिर्फ डंडे के दम पर नहीं, बल्कि संवाद, विश्वास और सहयोग के माध्यम से समाज में परिवर्तन लाना चाहते हैं।

डेटा, निगरानी और सामुदायिक विकास: एक समग्र दृष्टिकोण

यह अभियान सिर्फ शपथ दिलाने तक सीमित नहीं था। तीनों टीमों ने डेरों का गहन निरीक्षण किया, पारधियों की गतिविधियों का बारीकी से जायजा लिया और महत्वपूर्ण आंकड़े एकत्र किए। यह जानकारी भविष्य में उनके पुनर्वास और सामाजिक एकीकरण के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। कटनी पुलिस की यह पहल दर्शाती है कि उनका दृष्टिकोण केवल तात्कालिक अपराध नियंत्रण तक सीमित नहीं है, बल्कि वे समाज के पिछड़े और वंचित वर्गों को सुधार, सशक्तिकरण और सम्मान के रास्ते पर लाने के लिए भी दृढ़ संकल्पित हैं।

विश्वास का पुल: एक उज्जवल भविष्य की ओर

कटनी पुलिस की यह मानवीय और दूरगामी पहल वास्तव में सराहनीय है। यह न केवल पारधी समाज में एक सकारात्मक बदलाव की उम्मीद जगाती है, बल्कि पुलिस और समुदाय के बीच विश्वास का एक मजबूत पुल भी बनाती है। जब पुलिस डराने की बजाय सहारा बनती है, तो समाज में असली परिवर्तन आता है। उम्मीद है कि यह अभियान एक मिसाल कायम करेगा और पारधी समाज एक उज्ज्वल और अपराध-मुक्त भविष्य की ओर अग्रसर होगा। यह कटनी के लिए एक गौरवपूर्ण अध्याय है, जहां खाकी सिर्फ कानून का नहीं, बल्कि परिवर्तन और मानवता का प्रतीक बन रही है।


🇮🇳 मध्यप्रदेश पुलिस की गौरवपुत्री रीना गुर्जर ने रचा इतिहास, अमेरिका में दिलाए दो रजत पदक

भोपाल। 
मध्यप्रदेश पुलिस की आरक्षक रीना गुर्जर ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश और देश का नाम रोशन किया है। अमेरिका के अलबामा, विनीपेग में आयोजित वर्ल्ड पुलिस एंड फायर गेम्स 2025 में उन्होंने कराते और काता स्पर्धाओं में शानदार प्रदर्शन करते हुए दो रजत पदक अर्जित किए हैं।

राजगढ़ जिले की निवासी रीना गुर्जर मप्र पुलिस की पहली महिला आरक्षक बनी हैं, जिन्होंने इस वैश्विक प्रतियोगिता में भाग लेकर यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। उनके इस प्रदर्शन ने न केवल मध्यप्रदेश पुलिस बल को गौरवान्वित किया है, बल्कि देशभर की महिलाओं के लिए एक प्रेरणास्त्रोत भी प्रस्तुत किया है।

रीना की यह उपलब्धि महिला सशक्तिकरण, आत्मअनुशासन और कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक मानी जा रही है। प्रतियोगिता में दुनियाभर की पुलिस और फायर सर्विसेज से जुड़े प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जहां रीना ने भारतीय दल का प्रतिनिधित्व करते हुए कराते और काता जैसी चुनौतीपूर्ण विधाओं में उत्कृष्टता दिखाई।

मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय में डीजीपी मकवाना ने रीना गुर्जर की इस उपलब्धि पर उन्हें बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि बल की नारी शक्ति का प्रतीक है और आने वाली पीढ़ी को नई दिशा देगी।

बिजली का झटका: कटनी में बढ़े बिल और घटी सप्लाई, स्मार्ट मीटर पर उठे सवाल!

कटनी। कटनी में बिजली उपभोक्ताओं की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक, बिजली के बिलों में बेहिसाब बढ़ोतरी देखी जा रही है, वहीं बिजली आपूर्ति में भारी कटौती ने लोगों को त्रस्त कर दिया है।

उपभोक्ताओं का सीधा आरोप है कि जब से स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं, बिजली के बिल दो से तीन गुना तक बढ़ गए हैं। स्थिति यह है कि हल्की बारिश होने पर भी घंटों बिजली गुल रहती है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो रहा है।

मेंटेनेंस के नाम पर दिनभर की कटौती और बारिश में पूरा दिन अंधेरा रहने से बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ व्यापारियों का कामकाज भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। एक स्थानीय नागरिक ने अपनी परेशानी साझा करते हुए कहा, "पहले मीटर के समय जितनी यूनिट खर्च होती थी, उसका बिल आता था। अब तो मीटर तेजी से भाग रहा है, लेकिन बिजली फिर भी पूरी नहीं मिल रही।"

कटनी की जनता ने बिजली विभाग पर लापरवाही और मनमानी का आरोप लगाया है। वे इस गंभीर मुद्दे पर तत्काल सुनवाई और समाधान की मांग कर रहे हैं ताकि उन्हें बिजली के बढ़े हुए बिलों और अनियमित आपूर्ति से राहत मिल सके।

जनता का सवाल: आखिर कहाँ हैं जनप्रतिनिधि और सुनवाई करने वाले?

बिजली की इस गंभीर समस्या से जूझ रही कटनी की जनता अब यह सवाल उठा रही है कि इस विकट स्थिति में उनके चुने हुए जनप्रतिनिधि कहाँ हैं? उपभोक्ता जानना चाहते हैं कि उनकी समस्याओं को सुनने और उनका समाधान करने की जिम्मेदारी निभाने वाले आखिर क्यों चुप्पी साधे हुए हैं? जनता की मांग है कि जनप्रतिनिधि इस मुद्दे को गंभीरता से लें और बिजली विभाग पर जवाबदेही तय करें, ताकि उन्हें इस "बिजली के झटके" से जल्द से जल्द निजात मिल सके।


हत्या कर हाथ-पैर बांधकर फेंका था युवक का शव, मर्ग जांच में खुला राज , हत्या का प्रकरण दर्ज कर केस डायरी माधवनगर थाना को सौंपी

कटनी, 11 जुलाई। निवार रेलवे स्टेशन के पास 12 जून की रात युवक का क्षत-विक्षत शव ट्रैक पर मिला था, जिसे हादसा मानने की आशंका अब पूरी तरह खारिज हो चुकी है। जीआरपी की मर्ग जांच में पुष्टि हुई है कि युवक की बेरहमी से हत्या कर उसके हाथ-पैर बांध दिए गए और फिर शव को रेल ट्रैक पर फेंक दिया गया था।

अब जीआरपी ने हत्या का प्रकरण दर्ज कर केस डायरी माधवनगर थाना को सौंप दी है, जो अब हत्यारों की तलाश में जुटेगी।

एक माह पुरानी है वारदात, हत्या का शक अब साफ

यह सनसनीखेज मामला 12 जून की रात लगभग 2 बजे सामने आया, जब निवार स्टेशन से करीब एक किलोमीटर दूर जबलपुर रेलमार्ग पर एक शव की सूचना पुलिस को मिली। मौके पर पहुंची टीम ने करीब एक घंटे तक ट्रैक पर चलकर क्षत-विक्षत शव को ढूंढा। हाथ-पैर रस्सी से बंधे होने के कारण शुरू से ही हत्या की आशंका जताई जा रही थी।

मृतक की पहचान ग्राम घुघरा निवासी सुनील प्यासी (35) के रूप में हुई।
परिजनों ने बताया कि सुनील 12 जून को शाम करीब 4 बजे ट्रैक्टर लेकर घर से निकला था, लेकिन रातभर कोई संपर्क नहीं हो पाया। देर रात पुलिस ने परिजनों को शव मिलने की सूचना दी।

घटना रेलवे ट्रैक पर नहीं, गांव में शुरू हुआ था विवाद

मर्ग जांच में सामने आया है कि हत्या की नींव रेलवे ट्रैक क्षेत्र से पहले घुघरा गांव में ही रखी गई थी, जहां किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। इसके बाद युवक की हत्या कर उसका शव रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया गया ताकि यह दुर्घटना लगे।

जीआरपी ने मामला गंभीरता से लेते हुए शून्य पर हत्या का प्रकरण दर्ज किया और साक्ष्य संकलित कर अपराध डायरी माधवनगर थाना को सौंप दी है। अब इस मामले की आगे की जांच माधवनगर पुलिस करेगी।