शुक्रवार, 11 जुलाई 2025

"‘शिक्षा में भेद नहीं’: शहडोल सांसद का साहसिक निर्णय, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने की तारीफ"

भोपाल / शहडोल,  सरकारी शिक्षा में भरोसा जताते हुए शहडोल से भाजपा सांसद हिमाद्री सिंह ने अपने बेटे का दाखिला एक सरकारी स्कूल में कराया है। यह पहल न केवल समाज में शिक्षा को लेकर सकारात्मक सोच का प्रतीक बन रही है, बल्कि उच्च पदों पर आसीन लोगों के लिए भी एक प्रेरणा बन गई है।

पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने इस निर्णय की जमकर सराहना करते हुए इसे “आदर्श उदाहरण” बताया। उन्होंने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट में लिखा,

"शहडोल की भाजपा की सांसद ने अपने बच्चे को सरकारी स्कूल में पढ़ाना शुरू किया है, यह एक आदर्श उदाहरण है, अभिनंदनीय है।"

https://x.com/umasribharti/status/1943573341492982035?t=hG6pwvAODRvqnoPLFQEsTw&s=08

शासन–प्रशासन के अधिकारियों को भी दिया संदेश

पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि वर्ष 2009 में अपने दिवंगत भाई की मृत्यु के बाद उन्होंने भी भतीजा-भतीजी को संभाला था, जो निजी स्कूलों में पढ़ते थे। वे चाहती थीं कि वे सरकारी शिक्षा से जुड़ें, लेकिन परिस्थितियोंवश ऐसा संभव नहीं हो सका।

उन्होंने सांसद हिमाद्री सिंह की सराहना करते हुए लिखा,

“मैं शासन-प्रशासन के उच्च पदों पर बैठे सभी नवदंपतियों से कहूंगी कि वे भी अपने बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा सरकारी विद्यालयों से ही शुरू करें।”

अन्य उदाहरण भी आए सामने

उमा भारती ने उत्तराखंड के एक कलेक्टर दंपति का उल्लेख भी किया, जिन्होंने अपने बेटे को सरकारी स्कूल में दाखिल कराया। शिक्षा की कमी के कारण उनकी पत्नी ने भी एक सरकारी स्कूल में खुद पढ़ाना शुरू किया था।

हालांकि, उन्होंने दंपति की अनुमति न होने के कारण नाम सार्वजनिक नहीं किया, लेकिन एक्स के एक यूजर ने कमेंट कर बताया कि संभवतः यह अधिकारी मंगेश घिंढियाल हैं, जो वर्तमान में प्रधानमंत्री कार्यालय में कार्यरत हैं।

उमा भारती ने उम्मीद जताई कि इस तरह की पहल से सरकारी शिक्षा संस्थानों की स्थिति में सुधार होगा और आम जनता का भरोसा भी बढ़ेगा।

"ऐसे प्रयासों से सरकारी शिक्षण संस्थानों में अपने आप सुधार शुरू हो जाएगा।" — उमा भारती (पूर्व मुख्यमंत्री मप्र )

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