भोपाल। रतलाम जिले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के काफिले की गाड़ियों में पानी मिला डीजल मिलने की घटना के बाद प्रदेश सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्यभर के पेट्रोल पंपों की गहन जांच के निर्देश दिए हैं।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि उपभोक्ताओं को किसी भी स्थिति में शुद्ध और उच्च गुणवत्ता का ईंधन मिलना चाहिए। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को तेल कंपनियों के साथ आपात बैठक कर तत्काल प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
🔍 पानी मिला डीजल, रतलाम में FIR और पेट्रोल पंप सील
घटना रतलाम के डोसीगांव स्थित बीपीसीएल पेट्रोल पंप 'शक्ति फ्यूल पॉइंट' की है, जहां डीजल भरवाने के बाद कई वाहनों में खराबी की शिकायत सामने आई।
प्रारंभिक जांच में डीजल में पानी की मिलावट की पुष्टि हुई, जिसके बाद खाद्य विभाग ने तत्काल छापा मारकर 5,995 लीटर पेट्रोल और 10,657 लीटर डीजल जब्त कर पंप को सील कर दिया।
बीपीसीएल की मांगलिया (इंदौर) लैब में सैंपलों की जांच के आधार पर आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 377 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
🛠️ अब पूरे प्रदेश में होगी सघन जांच
अपर मुख्य सचिव रश्मि अरुण शमी ने 27 जून को समीक्षा बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए:
इंडियन ऑयल, बीपीसीएल और एचपीसीएल के अधिकारियों को राज्य के सभी पेट्रोल पंपों का चेकलिस्ट के आधार पर निरीक्षण करने को कहा गया।
मानसून के चलते भूमिगत टैंकों में जल रिसाव न हो, यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
अगर रिसाव पाया जाए, तो तत्काल सुधारात्मक कार्यवाही की जाए।
💻 जांच प्रक्रिया होगी ऑनलाइन – सॉफ्टवेयर निर्माण के निर्देश
अब सभी पेट्रोल पंपों पर की जाने वाली नियमित जांच की रिपोर्ट ऑनलाइन दर्ज की जाएगी। इसके लिए एक विशेष सॉफ्टवेयर तैयार करने के निर्देश जारी किए गए हैं। यह पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
👥 जिलों में संयुक्त जांच दल होंगे गठित
राज्य के सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे खाद्य विभाग, मापतौल, राजस्व और ऑयल कंपनियों के अधिकारियों का संयुक्त दल बनाकर निरीक्षण कराएं।
इस दौरान ईंधन की शुद्धता, मिलावट की आशंका और तकनीकी मापदंडों की सघनता से जाँच की जाएगी।
🧼 पेट्रोल पंपों पर नागरिक सुविधाएं हों अनिवार्य
तेल कंपनियों को निर्देशित किया गया है कि: सभी पंपों पर नि:शुल्क हवा, स्वच्छ पेयजल, और पृथक शौचालय की व्यवस्था होनी चाहिए।
इन सुविधाओं की नियमित सफाई और रखरखाव सुनिश्चित किया जाए।
📌 बैठक में कौन-कौन रहे उपस्थित?
इस महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक में खाद्य आयुक्त कर्मवीर शर्मा सहित वरिष्ठ विभागीय अधिकारी मौजूद थे।
✍️ निष्कर्ष
रतलाम प्रकरण ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मिलावटखोरी और गुणवत्ता से समझौते पर अब सरकार बेहद सख्त है। यह कदम उपभोक्ताओं को सुरक्षित और गुणवत्ता युक्त ईंधन देने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।