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📰 कटनी में 143वीं श्री जगन्नाथ रथ यात्रा धूमधाम से निकली, केरल के ढोल और छत्तीसगढ़ के नृत्य ने मोहा मन, लेकिन ट्रैफिक जाम बना परेशानी

कटनी। श्री जगन्नाथ स्वामी जी के प्राचीन मंदिर से शनिवार को 143वीं रथ यात्रा धार्मिक उल्लास और सांस्कृतिक रंगों के साथ निकाली गई। इस ऐतिहासिक यात्रा में हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी, जिन्होंने भगवान श्रीजगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा की पूजा-अर्चना कर देश-प्रदेश की खुशहाली की कामना की।

यात्रा का आकर्षण इस बार दक्षिण और पूर्व भारत की सांस्कृतिक छटा रही। केरल से आई 20 सदस्यीय 'शक्ति ढोल' टीम की गूंजती थापों और छत्तीसगढ़ के चंदा मेलम, आदिवासी नृत्य और पारंपरिक लोटा नृत्य ने रथ यात्रा में चार चांद लगा दिए। जगह-जगह श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर रथ का स्वागत किया और प्रसाद वितरण किया गया।

भक्त "जगन्नाथ का भात, जगत पसारे हाथ" जैसे जयघोषों से पूरे मार्ग को गूंजायमान करते रहे। लगभग 2 किलोमीटर लंबी इस शोभायात्रा में सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों की भी भागीदारी रही।

🚧 लेकिन व्यवस्था रही ढीली, ट्रैफिक जाम बनी मुसीबत

जहां एक ओर यात्रा भव्यता में बेमिसाल रही, वहीं दूसरी ओर नगर प्रशासन की लापरवाही सामने आई। यात्रा मार्ग पर वैकल्पिक रूट न बनाए जाने के चलते कटनी शहर के सुभाष चौक से लेकर मिशन चौक, बरगवां और जगन्नाथ चौक तक लगभग 3 किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया।

जाम में फंसे आमजन ही नहीं, दो एंबुलेंस और आपातकालीन सेवा से जुड़े वाहन भी फंस गए। स्थानीय लोगों ने बताया, "हर साल यह यात्रा निकलती है, लेकिन नगर निगम की तैयारी हमेशा अधूरी रहती है।"

🚨 पुलिस ने संभाली स्थिति 

जानकारी मिलने पर यातायात  स्टाफ मौके पर पहुंचे जिसमें करीब 8 होमगार्ड व 4 ट्रैफिक जवानों की मदद से जाम में फंसे वाहनों को साइड कराया गया, प्राथमिकता से एंबुलेंस को निकाला गया। ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक, भीड़ की तीव्रता के चलते अचानक हालात बिगड़े, जिन्हें समय रहते नियंत्रित कर लिया गया।

📝 विशेष टिप्पणी:

शहर में धार्मिक आयोजनों की भव्यता और श्रद्धा जितनी जरूरी है, उतनी ही जरूरी है नगर प्रशासन की समय रहते की गई योजना। ऐसे आयोजनों में यदि पहले से वैकल्पिक मार्ग और ट्रैफिक कंट्रोल की व्यवस्था हो तो आमजन को परेशानी से बचाया जा सकता है।

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