शनिवार, 12 जुलाई 2025

स्लीमनाबाद पुलिस की बड़ी कार्रवाई: 10 किलो गांजे के साथ महिला सहित 2 तस्कर गिरफ्तार

कटनी (स्लीमनाबाद): पुलिस अधीक्षक अभिनय विश्वकर्मा के निर्देश पर स्लीमनाबाद थाना पुलिस ने 10 किलोग्राम अवैध गांजा जब्त कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिसकी अनुमानित कीमत ₹1.25 लाख है। गिरफ्तार किए गए लोगों में एक महिला भी शामिल है।

ऐसे हुई गिरफ्तारी

11 जुलाई की रात को, एनएच-30 बाईपास के पास भेड़ा चौराहा पर गश्त के दौरान पुलिस को एक महिला काले ट्रॉली बैग के साथ संदिग्ध हालत में खड़ी मिली। पुलिस को देखकर महिला भागने लगी, जिससे टीम को उस पर संदेह हुआ। पुलिस ने महिला को रोककर पूछताछ की और उसके बैग की तलाशी ली।

तलाशी के दौरान महिला के बैग से 10 किलोग्राम गांजा बरामद हुआ। महिला की पहचान संतोषी लुनिया (37) पत्नी स्व. अनिल लुनिया, निवासी ग्राम छपरा, थाना स्लीमनाबाद के रूप में हुई। पूछताछ में संतोषी ने बताया कि उसके देवर सुनील लुनिया ने उसे 11 जुलाई की रात 9 बजे गांजा दिया था और बेचने के लिए चौराहे पर खड़ा किया था।

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने तुरंत संतोषी लुनिया को मौके पर गिरफ्तार कर लिया। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने सुनील लुनिया को भी ग्राम छपरा से गिरफ्तार किया। दोनों आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/20 के तहत मामला दर्ज कर उन्हें न्यायालय में पेश किया गया।

सराहनीय पुलिस टीम

इस सफल अभियान में थाना प्रभारी अखलेश दाहिया, सउनि मानकी धुर्वे, सउनि सतीश जाटव, प्र.आर. युसुफ शेख, आर. विशाल शिवहरे, म.आर. नेहा सहित विवेक दुर्गा, बृजेश सिंह, सौरभ सिंह और अभिषेक सिंह की टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


दमोह में दरिंदगी: मां के सामने बेटे को कार से कुचलकर मार डाला , सड़क पर तड़पता रहा राकेश, आरोपी अकील खान फरार

दमोह (मध्य प्रदेश)। कोतवाली थाना क्षेत्र के पठानी मोहल्ला में शुक्रवार रात दिल दहला देने वाली वारदात हुई। मामूली विवाद के चलते एक युवक को उसकी ही मां के सामने बार-बार कार से कुचलकर बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया।

मृतक की पहचान राकेश रैकवार (40) के रूप में हुई है। आरोपी अकील खान, जो एक गैस एजेंसी में कार्यरत है, फिलहाल फरार है। घटना के बाद पूरे इलाके में आक्रोश है।

क्या है पूरा मामला?

शुक्रवार शाम राकेश का अकील के पिता से चिकन खरीदने को लेकर कहासुनी हो गई थी। इसके कुछ घंटे बाद रात करीब 9 बजे राकेश अपनी मां को इलाज के लिए बाइक से लेकर जा रहा था, तभी अजमेरी गार्डन के पास आरोपी अकील ने उनकी बाइक को टक्कर मारी।

बाइक गिरते ही मां-बेटा नीचे गिर गए। इसके बाद अकील ने जानबूझकर राकेश को कार से रिवर्स करके कई बार कुचला, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई।

मां का बयान:

पीड़ित की मां नन्ही बाई ने रोते हुए बताया —

> "बेटा मुझे इलाज के लिए ले जा रहा था, रास्ते में अकील ने हमला कर दिया। बाइक गिरने के बाद वह बार-बार कार से मेरे बेटे को कुचलता रहा। मैं चीखती रही, मदद मांगती रही, फिर दौड़कर दूसरे बेटे को बुलाने गई। जब लौटी, तो बेटा खून से लथपथ पड़ा था..."

पुलिस की कार्रवाई:

नगर पुलिस अधीक्षक एचआर पांडे ने बताया कि हत्या की पुष्टि हो चुकी है। आरोपी अकील खान के खिलाफ  हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है।

घटना में इस्तेमाल कार जब्त कर ली गई है। घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाले जा रहे हैं।

 मामले से जुड़े कुछ अहम तथ्य:

आरोपी और मृतक एक ही मोहल्ले के निवासी हैं और एक-दूसरे को अच्छी तरह जानते थे।

राकेश का परिवार मछली पकड़ने का कार्य कर जीविकोपार्जन करता है।

घटना के बाद मोहल्ले में तनाव का माहौल है।

 सवाल उठता है:

क्या अब मामूली कहासुनी भी जानलेवा हो गई है?

क्या समाज में कानून का डर खत्म हो रहा है?

 इस दिल दहला देने वाली घटना ने एक बार फिर दिखा दिया है कि व्यक्तिगत रंजिश और गुस्से की आग में इंसानियत किस हद तक मर चुकी है।

कटनी विद्युत विभाग की लापरवाही से दर्दनाक हादसा – करंट की चपेट में आईं महिलाएं, एक की मौत, तीन घायल

स्लीमनाबाद (कटनी)। स्लीमनाबाद थाना क्षेत्र के ग्राम संसारपुर में शुक्रवार शाम एक बड़ा हादसा हो गया। विद्युत विभाग की घोर लापरवाही और ठेकेदार की गैर-जिम्मेदाराना कार्यप्रणाली ने एक आदिवासी महिला की जान ले ली, जबकि तीन अन्य महिलाएं गंभीर रूप से झुलस गईं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, 11 जुलाई की शाम लगभग 5:30 बजे, गांव की चार महिलाएं खेत से काम करके लौट रही थीं, तभी वे 33 केवी विद्युत लाइन के कार्य स्थल के पास फैले खुले तारों के संपर्क में आ गईं। तारों में करंट दौड़ रहा था और इसी से सभी महिलाएं झुलस गईं।

 मृतक महिला की पहचान:

मृतका की पहचान 40 वर्षीय मुन्नी बाई आदिवासी पति दशंक भूमिया के रूप में हुई है। गंभीर अवस्था में उन्हें जिला अस्पताल कटनी ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही निवार के पास उनकी मौत हो गई।

घायल महिलाओं के नाम:

  • आगानिया बाई भूमिया (50 वर्ष), पति जौहरलाल

  • रमन बाई भूमिया (36 वर्ष), पति राकेश भूमिया

  • संध्या कुमारी (8 वर्ष), पिता राकेश भूमिया

तीनों घायलों को तत्काल स्लीमनाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।

ठेकेदार की घोर लापरवाही उजागर

स्थानीय लोगों का कहना है कि बिजली का कार्य कर रही एजेंसी द्वारा कार्यस्थल पर कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए थे। काम बंद हो चुका था, लेकिन तारों में करंट दौड़ रहा था, जिससे यह दुर्घटना हुई। बिना चेतावनी, बैरिकेडिंग या सुरक्षा व्यवस्था के यह कार्य किया जा रहा था।

 गांव में मातम, जिम्मेदार कौन?

इस हादसे से पूरे संसारपुर गांव में शोक और आक्रोश का माहौल है। ग्रामीणों ने बिजली विभाग और ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। एक मासूम बच्ची सहित चार महिलाओं की जिंदगी खतरे में डालने वाले इस कृत्य को ग्रामीण प्रशासनिक लापरवाही करार दे रहे हैं।

 क्या कहते हैं ग्रामीण?

ग्रामीणों ने बताया कि ठेकेदार को पहले भी कई बार असुरक्षित काम करने को लेकर टोका गया था, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। अब एक महिला की जान चली गई और तीन की जिंदगी खतरे में है।

मांग: ठेकेदार पर हो गैर इरादतन हत्या का केस, पीड़ितों को मुआवजा

ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने मांग की है कि ठेकेदार पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाए, और पीड़ित परिवार को पर्याप्त मुआवजा तथा घायलों का समुचित इलाज सुनिश्चित किया जाए।

बहुत अच्छा निर्णय कि आपने रिपोर्ट को जनहित और ज़मीनी सच्चाई के साथ पेश करने का रास्ता चुना है। आपके अंतिम वाक्य को जोड़कर, पूरी रिपोर्ट का समापन और भी सशक्त बन सकता है। नीचे आपके ही प्रारूप का संशोधित समापन दिया जा रहा है, जिससे समाचार की धार और भी तीव्र हो:

प्रशासन हरकत में, FIR की तैयारी शुरू

घटना के बाद ग्रामीणों में उबाल है और मौके पर पुलिस बल तैनात किया गया है। ग्रामीणों के आक्रोश और सार्वजनिक दबाव को देखते हुए, पुलिस द्वारा ठेकेदार की भूमिका की जांच शुरू कर दी गई है। प्रारंभिक जांच में लापरवाही के गंभीर संकेत मिले हैं।

सूत्रों के अनुसार, पुलिस द्वारा विद्युत ठेकेदार पर गैर इरादतन हत्या सहित अन्य धाराओं में FIR दर्ज करने की तैयारी की जा रही है। साथ ही प्रशासनिक स्तर पर पीड़ित परिवार को सहायता दिलाने के प्रयास भी शुरू कर दिए गए हैं।

पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सांसद वीडी शर्मा के संसदीय क्षेत्र में बिजली संकट, ग्रामीण बोले – “कटनी में विकास अंधेरे में" सारी रात जुहली सहित ग्रामीण क्षेत्रों में अंधेरा कायम

कटनी।
जहां बरसात का मौसम आम जनजीवन के लिए राहत लेकर आता है, वहीं शहर से सटे ग्राम जुहली के ग्रामीणों के लिए यह परेशानी और खौफ की रातों में तब्दील हो गया है। बिजली विभाग की घोर लापरवाही के चलते गांव में बिजली की आंख मिचौली ने ग्रामीणों की नींद उड़ा दी है। अब हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि गांववाले लगातार 12-12 घंटे तक बिजली से महरूम हैं।

बीती रात भी पूरे गांव में बिजली गुल रही। बरसात में अंधेरा और ऊपर से विषैले जीव-जंतुओं का डर – ग्रामीणों के लिए यह रात किसी यातना से कम नहीं रही। कई लोगों ने तो बच्चों और बुजुर्गों को पूरी रात जगाकर रखा, ताकि किसी अनहोनी से बचा जा सके। ग्रामीणों का साफ आरोप है कि बिजली विभाग सिर्फ बारिश का बहाना बना रहा है, जबकि सच्चाई यह है कि सप्लाई बंद रखना ही इनका ‘नया रूटीन’ बन गया है।

ग्रामीणों में गहरा आक्रोश:

बिजली विभाग के प्रति ग्रामीणों का आक्रोश साफ झलकने लगा है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर हालात जल्द नहीं सुधरे तो वे सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर होंगे। बच्चों, बीमारों और बुजुर्गों की तबीयत पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है, लेकिन विभाग पूरी तरह से बेपरवाह बना हुआ है।


👉 ग्रामीणों की तीन प्रमुख मांगें:

नियमित और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए

बिजली कटौती के कारणों की सार्वजनिक जानकारी दी जाए

जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय हो

प्रशासन से सीधा सवाल:

क्या ग्रामीणों की नींद, सुरक्षा और सम्मान की कोई कीमत नहीं रह गई है? क्या बिजली व्यवस्था सुधारने के लिए सिर्फ बारिश को ढाल बनाकर विभाग आँखें मूंदे रहेगा?

ग्रामीणों का स्थानीय नेतृत्व पर सवाल:

 गांव में नेता तो कई हैं, जो शहरी नेताओं की आवभगत में आगे रहते हैं, लेकिन जब गांव की ज़मीनी समस्याओं की बात आती है, तो वे मौके पर नदारद हो जाते हैं। बीती रात गांव की हालत बेहाल रही, मगर कोई भी जनप्रतिनिधि वहां झांकने तक नहीं आया। ग्रामीणों का कहना है कि अगर उनकी आवाज़ फिर दबाई गई, तो वे अपने हक के लिए सड़क पर उतरने में हिचकिचाएंगे नहीं।

बड़ा सवाल – जब जुहली का ये हाल, तो दूर-दराज़ के गांवों का क्या हाल होगा?

जुहली जैसे गांव, जो शहर से लगे हुए हैं, अगर वहां बिजली की यह बदहाल स्थिति है, तो सोचिए उन दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों का क्या हाल होगा? क्या वहां इंसान नहीं रहते?

और यह सब उस जिले में हो रहा है, जहां पंचायत से लेकर सांसद तक सभी जनप्रतिनिधि भारतीय जनता पार्टी से हैं। यह वही इलाका है जो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान सांसद वीडी शर्मा का संसदीय क्षेत्र है। फिर भी हालात हैं कि सुधरने का नाम नहीं ले रहे। सवाल यह भी है – क्या अब बिजली विभाग पर किसी का बस ही नहीं रह गया?

शुक्रवार, 11 जुलाई 2025

कटनी में भीषण सड़क हादसा: अमराडार मोड पर ट्रक ने बाइक सवार तीन युवकों को कुचला, मौके पर ही दर्दनाक मौत

कटनी, 11 जुलाई (शुक्रवार रात): कटनी जिले के कुठला थाना क्षेत्र अंतर्गत अमराडार मोड़ पर शुक्रवार देर रात एक भयंकर सड़क हादसे ने तीन परिवारों में मातम फैला दिया. करीब 10:30 बजे एक तेज रफ्तार और लापरवाही से चलाए जा रहे ट्रक ने बाइक पर सवार तीन युवकों को बेरहमी से कुचल दिया, जिससे तीनों ने घटनास्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गई.

कुठला थाना प्रभारी राजेंद्र मिश्र ने बताया कि ट्रक क्रमांक MP 21 H 1596 ने बाइक क्रमांक MP 35 MG 3106 को पीछे से जबरदस्त टक्कर मारी. यह टक्कर इतनी भीषण थी कि बाइक पर सवार रोहनिया, शाहनगर निवासी तीनों युवकों की मौके पर ही सांसे थम गईं. मृतकों की पहचान के लिए पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम की कार्रवाई की जा रही है.

हादसे के बाद ट्रक चालक मौके से फरार हो गया, लेकिन पुलिस ने ट्रक को जब्त कर लिया है. सूचना मिलते ही कुठला पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को तुरंत अस्पताल भिजवाया. पुलिस फरार ट्रक चालक की तलाश में जुटी हुई है.

क्षेत्र में पसरा मातम, सुरक्षा नियमों पर उठे सवाल

इस हृदयविदारक घटना के बाद पूरे क्षेत्र में मातम का माहौल है. खबर फैलते ही घटनास्थल पर ग्रामीणों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी, जो इस दुर्घटना से स्तब्ध थी. कुठला पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

यह दुर्घटना एक बार फिर सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक नियमों के पालन की गंभीरता पर गंभीर सवाल खड़े करती है. अक्सर देखने में आता है कि तेज रफ्तार और लापरवाही से वाहन चलाने के कारण कई बेगुनाह जिंदगियां असमय काल का ग्रास बन जाती हैं.

 सावधानी ही सुरक्षा है – यह मंत्र हमें कभी नहीं भूलना चाहिए, क्योंकि तेज रफ्तार और लापरवाही जानलेवा दुर्घटना का कारण बन सकती है।


"‘शिक्षा में भेद नहीं’: शहडोल सांसद का साहसिक निर्णय, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने की तारीफ"

भोपाल / शहडोल,  सरकारी शिक्षा में भरोसा जताते हुए शहडोल से भाजपा सांसद हिमाद्री सिंह ने अपने बेटे का दाखिला एक सरकारी स्कूल में कराया है। यह पहल न केवल समाज में शिक्षा को लेकर सकारात्मक सोच का प्रतीक बन रही है, बल्कि उच्च पदों पर आसीन लोगों के लिए भी एक प्रेरणा बन गई है।

पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने इस निर्णय की जमकर सराहना करते हुए इसे “आदर्श उदाहरण” बताया। उन्होंने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट में लिखा,

"शहडोल की भाजपा की सांसद ने अपने बच्चे को सरकारी स्कूल में पढ़ाना शुरू किया है, यह एक आदर्श उदाहरण है, अभिनंदनीय है।"

https://x.com/umasribharti/status/1943573341492982035?t=hG6pwvAODRvqnoPLFQEsTw&s=08

शासन–प्रशासन के अधिकारियों को भी दिया संदेश

पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि वर्ष 2009 में अपने दिवंगत भाई की मृत्यु के बाद उन्होंने भी भतीजा-भतीजी को संभाला था, जो निजी स्कूलों में पढ़ते थे। वे चाहती थीं कि वे सरकारी शिक्षा से जुड़ें, लेकिन परिस्थितियोंवश ऐसा संभव नहीं हो सका।

उन्होंने सांसद हिमाद्री सिंह की सराहना करते हुए लिखा,

“मैं शासन-प्रशासन के उच्च पदों पर बैठे सभी नवदंपतियों से कहूंगी कि वे भी अपने बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा सरकारी विद्यालयों से ही शुरू करें।”

अन्य उदाहरण भी आए सामने

उमा भारती ने उत्तराखंड के एक कलेक्टर दंपति का उल्लेख भी किया, जिन्होंने अपने बेटे को सरकारी स्कूल में दाखिल कराया। शिक्षा की कमी के कारण उनकी पत्नी ने भी एक सरकारी स्कूल में खुद पढ़ाना शुरू किया था।

हालांकि, उन्होंने दंपति की अनुमति न होने के कारण नाम सार्वजनिक नहीं किया, लेकिन एक्स के एक यूजर ने कमेंट कर बताया कि संभवतः यह अधिकारी मंगेश घिंढियाल हैं, जो वर्तमान में प्रधानमंत्री कार्यालय में कार्यरत हैं।

उमा भारती ने उम्मीद जताई कि इस तरह की पहल से सरकारी शिक्षा संस्थानों की स्थिति में सुधार होगा और आम जनता का भरोसा भी बढ़ेगा।

"ऐसे प्रयासों से सरकारी शिक्षण संस्थानों में अपने आप सुधार शुरू हो जाएगा।" — उमा भारती (पूर्व मुख्यमंत्री मप्र )

कटनी पुलिस की पहल : अपराध की जंजीरों से पारधी समाज को मुक्ति दिलाने का महाअभियान!

कटनी, क्या पुलिस सिर्फ अपराध रोकने और अपराधियों को पकड़ने तक सीमित है? कटनी पुलिस ने इस धारणा को तोड़ते हुए एक ऐसा मानवीय और दूरगामी अभियान छेड़ा है, जो न सिर्फ कानून-व्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि समाज के एक वंचित वर्ग को नई जिंदगी भी देगा। पुलिस अधीक्षक अभिनव विश्वकर्मा के नेतृत्व में, कटनी पुलिस ने पारधी समाज को अपराध के दलदल से निकालकर समाज की मुख्यधारा में जोड़ने का बीड़ा उठाया है। यह सिर्फ एक अभियान नहीं, बल्कि विश्वास, परिवर्तन और बेहतर भविष्य की एक नई गाथा लिखने की शुरुआत है।

डेरों पर पहुँची पुलिस, दिलाई 'अपराध मुक्त' जीवन की शपथ

यह कोई सामान्य पुलिस कार्रवाई नहीं थी, बल्कि एक हृदय परिवर्तन का प्रयास था। पुलिस अधीक्षक विश्वकर्मा के निर्देशों पर गठित तीन विशेष टीमों ने जिले भर में फैले पारधी समुदाय के डेरों पर दस्तक दी। उनका मकसद सिर्फ डेटा इकट्ठा करना या निगरानी करना नहीं था, बल्कि उन्हें अपराध की दुनिया से दूर रहने और एक सम्मानजनक जीवन जीने के लिए प्रेरित करना था।

इस अभियान का सबसे मार्मिक और प्रभावी पल तब आया जब नगर पुलिस अधीक्षक (CSP) नेहा पच्चीसिया खुद पारधी समुदाय के बीच पहुँचीं। उन्होंने हाथ जोड़कर नहीं, बल्कि दिल से दिल की बात करते हुए, समुदाय के लोगों को अपराध न करने की शपथ दिलाई। कल्पना कीजिए, वर्षों से जिस समुदाय को संदेह और भय की दृष्टि से देखा जाता था, आज उसी के बीच पुलिस अधिकारी एक मित्र और मार्गदर्शक के रूप में खड़ा होकर उन्हें बेहतर कल के लिए प्रेरित कर रहा है। सीएस पी पच्चीसिया ने धैर्य से उनकी समस्याओं को सुना, उनके मुद्दों को समझा और उन्हें समझाया कि कैसे सरकारी योजनाएं उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं। उन्होंने उन्हें आर्थिक और सामाजिक रूप से आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया।

"अब समय आ गया है, छवि बदलो और सम्मान से जियो!"

सीएसपी पच्चीसिया ने इस दौरान बेहद स्पष्ट और प्रेरक संदेश दिया। उन्होंने जोर देकर कहा, "अब वह समय आ गया है जब पारधी समाज को अपनी पुरानी आपराधिक छवि को पीछे छोड़कर एक सम्मानजनक और गरिमापूर्ण जीवन की ओर कदम बढ़ाना चाहिए। पुलिस विभाग आपके साथ है, हरसंभव सहायता के लिए तैयार है।" यह सिर्फ बयानबाजी नहीं थी, बल्कि कटनी पुलिस की उस प्रतिबद्धता का प्रतीक थी कि वे सिर्फ डंडे के दम पर नहीं, बल्कि संवाद, विश्वास और सहयोग के माध्यम से समाज में परिवर्तन लाना चाहते हैं।

डेटा, निगरानी और सामुदायिक विकास: एक समग्र दृष्टिकोण

यह अभियान सिर्फ शपथ दिलाने तक सीमित नहीं था। तीनों टीमों ने डेरों का गहन निरीक्षण किया, पारधियों की गतिविधियों का बारीकी से जायजा लिया और महत्वपूर्ण आंकड़े एकत्र किए। यह जानकारी भविष्य में उनके पुनर्वास और सामाजिक एकीकरण के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। कटनी पुलिस की यह पहल दर्शाती है कि उनका दृष्टिकोण केवल तात्कालिक अपराध नियंत्रण तक सीमित नहीं है, बल्कि वे समाज के पिछड़े और वंचित वर्गों को सुधार, सशक्तिकरण और सम्मान के रास्ते पर लाने के लिए भी दृढ़ संकल्पित हैं।

विश्वास का पुल: एक उज्जवल भविष्य की ओर

कटनी पुलिस की यह मानवीय और दूरगामी पहल वास्तव में सराहनीय है। यह न केवल पारधी समाज में एक सकारात्मक बदलाव की उम्मीद जगाती है, बल्कि पुलिस और समुदाय के बीच विश्वास का एक मजबूत पुल भी बनाती है। जब पुलिस डराने की बजाय सहारा बनती है, तो समाज में असली परिवर्तन आता है। उम्मीद है कि यह अभियान एक मिसाल कायम करेगा और पारधी समाज एक उज्ज्वल और अपराध-मुक्त भविष्य की ओर अग्रसर होगा। यह कटनी के लिए एक गौरवपूर्ण अध्याय है, जहां खाकी सिर्फ कानून का नहीं, बल्कि परिवर्तन और मानवता का प्रतीक बन रही है।