सोमवार, 24 मई 2021

वैक्सीनेशन जागरूकता हेतु गांव-गांव जा रहा है रथ

कटनी-: कोविड-19 (कोरोना वायरस)  से बचाव हेतु वर्तमान में एकमात्र प्रभावी हथियार वैक्सीन है। वैज्ञानिकों एवं शासन-प्रशासन  के द्वारा इस महामारी से बचाव हेतु वैक्सीनेशन की सलाह लगातार दी जा रही है। वहीं  ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीन के जन जागरण हेतु जिला प्रशासन कटनी के द्वारा जिले के समस्त 6 विकास खंडों में आवश्यक चित्र,प्रभावी संदेश के साथ ही साउंड सहित जागरूकता रथ निर्धारित रूट चार्ट अनुसार प्रतिदिन  ग्रामों में चलाया जा रहा है। जिला प्रशासन के निर्देशानुसार ग्राम पंचायत के पदाधिकारी, ग्राम स्तरीय संकट प्रबंधन समूह, आशा एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, स्वच्छता से जुड़े स्वच्छाग्रही एवं अन्य समाजसेवियों सहित रथ का भ्रमण ग्राम में कराते हुए आम जनों को वैक्सीनेशन हेतु प्रेरित किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज  जनपद पंचायत कटनी की ग्राम पंचायत पहाड़ी, भनपुरा 2, बिछुआ, शाहपुर, टेढ़ी एवं गुबराधारी में किया गया। जहां ग्राम पंचायत शाहपुर के जागरूक निवासी श्री संतोष मिश्रा उम्र 50 वर्ष ने आमजन को बतलाया कि, उन्होंने वैक्सीन ली है इसका कोई साइड इफेक्ट या परेशानी नहीं है  और आगे बड़ी परेशानी से बचने के लिए सभी को वैक्सीन आवश्यक रूप से लगवानी चाहिए। वही ग्राम पंचायत के सरपंच श्री अमृत लाल जी ने भी ग्राम में चल रही अफवाहों से दूर रहते हुए वैक्सीन लगवाने की विनम्र अपील की गई। इस अवसर पर ग्राम के अन्य गणमान्य नागरिक सहित ग्राम के संकट प्रबंधन समूह स्वच्छाग्रही आशा एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

"बक्सवाहा का जंगल देश का सबसे बड़ा हीरा भंडार" , हमारे लिए हरियाली ही हीरा है -: कु. डोली दुबे

बुंदेलखंड -: जैसा की आप सभी को पता है की महामारी के इस दौर में ना जाने कितने लोग ऑक्सीजन की कमी से मौत के मुंह में समा गए और हमारे देश की एक व्यापक समस्या चर्चा में है - "बक्सवाहा के जंगल देश का सबसे बड़ा हीरा भंडार"

बक्सवाहा हमारे बुंदेलखंड क्षेत्र का एक छोटा सा कस्बा है जहां के जंगलों में देश का सबसे बड़ा हीरा भंडार खोजा गया मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले स्थित बक्सवाहा के जंगल की जमीन में  3.42 करोड़ कैरेट हीरे दबे होने का अनुमान है और उन्हें निकालने के लिए 382.131 हेक्टेयर का जंगल खत्म किया जाएगा वन विभाग ने इस जंगल के पेड़ों की गिनती की है जो 2,15,875 है यह सरकारी आंकड़ा है वास्तविकता में इससे कहीं अधिक पेड़ इन जंगलों में होंगे l

  और यह जंगल जैव विविधता की दृष्टि से यह जंगल संपन्न है सरकार द्वारा हीरे की खोज में 2.15 लाख से अधिक पेड़ काटे जाएंगे 

   पन्ना में बरसों से हीरा उत्खनन चलता आ रहा लेकिन वह आज भी पिछड़ा हुआ है मतलब वहां के हीरे लोकल जनता के किसी काम ना आए केवल उद्योगपति फायदा लेकर विदेश निकल गए जब बुंदेलखंड से निकले हीरे बुंदेलखंड की विकास में कोई योगदान नहीं दे पाए तो सरकार को कोई हक नहीं की बुंदेलखंड की आत्मा को छलनी किया जाए 

बक्सवाहा के जंगल में रहने वाले हजारों प्राणी मोर, हिरण, नीलगाय, बंदर बहुत से पक्षी आदि अन्य जीव सभी बेघर हो जाएंगे साथ ही बुंदेलखंड की जमीन से एक सुंदर जंगल का नामो निशान मिट जाएगा और आज के समय में ऐसे जंगल को निर्मित कर पाना असंभव है हमें इसे इसलिए बचाना ही होगा जंगल हमारी दुनिया की लाइफ लाइन है इनके बगैर हम पृथ्वी पर जिंदगी का पहिया घूमने का तसव्वुर भी नहीं कर सकते इस ग्रह को पेड़ जो सेवा देते हैं उनकी सेवाएं बहुत लंबी हैं वे इंसानों और दूसरे जानवरों के छोड़े हुए कार्बन को सोखते है जमीन पर मिट्टी की परत को बनाए रखने का काम करते हैं पानी के चक्र के नियमितीकरण में भी इनका अहम योगदान हैl

    इसके साथ कितनी प्रजातियों को भोजन प्रदान करते हैं इसके अलावा ये दुनिया के अनगिनत जीवो को आसरा देते हैं इसलिए बक्सवाहा के जंगल को बचाने के लिए एकजुट होने का समय है वहां लगे वृक्ष हमें इतनी ऑक्सीजन दे रहे हैं और हमारी अगली पीढ़ियों को इतनी ऑक्सीजन देंगे की आप जमीन के अंदर के पूरे हीरे निकालकर भी अपनी पीढ़ियों के लिए ऑक्सीजन नहीं खरीद पाएंगे क्योंकि यह तो निश्चित ही है कि वृक्षों को लगातार काटने के बाद भविष्य में आपको ऑक्सीजन खरीदनी ही पड़ेगी सरकार को सोच समझकर विचार करना चाहिए - की जीने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है हीरे की नहीं और हमें ऑक्सीजन पेड़ों से मिलती है हीरो से नहीं l

मैं बक्सवाहा के जंगल के पेड़ों को काटे जाने का विरोध करती हूं हमें हीरे की खदान नहीं प्रकृति पर्यावरण चाहिए क्योंकि वर्तमान और भविष्य की सरकार आप सभी से सिर्फ एक ही प्रश्न है कि क्या आप इन पेड़ों के काटने से जो हानि पर्यावरण और प्रकृति की होगी उसकी भरपाई कर पाएंगे क्या जनता को आप ऑक्सीजन दे पाएंगे जो कि वर्तमान में आप नहीं दे पा रहे हैं हमारे लिए तो यह बहुमूल्य हीरे हैं मध्य प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार से गुजारिश करती हूं इस प्रोजेक्ट को रद्द कर दे अभी भी समय है सरकार इसे संरक्षित करने का काम करें नहीं तो इसका परिणाम अच्छा नहीं होगा! 

                              कु. डोली दुबे

"फ्रंट लाइन वर्कर की वैक्सीन बनी ढाल ,न करे सवाल" , मिशन संबल की सफलता के साथ-साथ अब वेक्सिनेशन अवेयरनेस अभियान चलाएगी कटनी पुलिस -: मयंक अवस्थी पुलिस अधीक्षक

कटनी -: कोरोना कर्फ्यू के दौरान जहां पुलिस कर्फ्यू का पालन कराने हर संभव प्रयास कर रही है वही पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी ने मिशन संबल की शुरुआत की जिसमे जिले के गरीब परिवार के लोगो तक खाद्यान सामग्री वितरण करना लक्ष्य रखा जिससे कर्फ्यू के दौरान किसी को कोई परेशानी हो और लोग सड़कों पर वेवजह न घूमने निकले। 

   अब जहां कोरोना संक्रमण से राहत नजर आ रही वही वेक्सिनेशन के प्रति लोगो मे तरह तरह की भ्रांतियां फैली हुई है और लोग वेक्सीन लगवाने में परहेज कर रहे है। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में ही नही बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी अपवाहे जोरो पर है जिन्हें खत्म करने का वीणा भी कटनी पुलिस में अपने कंधों पर ले लिया है और लोगो को वैक्सिनेशन के प्रति जागरूक करने भी पुलिस अधीक्षक ने समस्त थाना प्रभारियों को निर्देशित कर दिया है। जिस तरह थाना प्रभारी अपने बल के साथ कोरोना कर्फ्यू का पालन कराने व मिशन संबल के तहत खाद्यान वितरण करने का कार्य कर रही है अब तक कटनी पुलिस ने करीब 5 हजार से ज्यादा गरीब परिवारों तक खाने पीने का सामान पहुँचाया गया है। वही लोगो को अब वेक्सिनेशन के लिए भी जागरूक करेंगी। 

-: फ्रंट लाइन वर्कर की वैक्सीन बनी ढाल ,न करे सवाल

पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी ने बताया कि हमारे जिले के स्टाप व मैने स्वयं भी फ्रंट लाइन वर्कर होने के नाते सबसे पहले वैक्सीन लगवाई है अब हम स्वस्थ हैं और हमें कोई तकलीफ भी नही हुई बल्कि वैक्सिनेशन के बाद हम  निश्चित होकर नई ऊर्जा के अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे है। वेक्सिनेशन करवाना हमारे लिए जरूरी और सुरक्षित भी है। अब समस्त थाना प्रभारी भी अपने बल के साथ लोगो को जागरूक करने का काम करेंगे।

रविवार, 23 मई 2021

24 मई से इन जिलों में कोरोना कर्फ्यू से कुछ शर्तों में छूट

मध्यप्रदेश -:
प्रदेश के 5 जिले झाबुआ, अलीराजपुर, खंडवा, बुरहानपुर और भिण्ड में कोरोना कर्फ्यू में कुछ प्रतिबंधों के साथ छूट प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री श्री Shivraj Singh Chouhan के निर्देश थे कि जिन जिलों में कोरोना संक्रमण की पॉजिटिविटी दर 5 प्रतिशत से कम रहेगी उन जिलों में कोरोना कर्फ्यू में कुछ प्रतिबंधों के साथ धीरे-धीरे छूट प्रदान की जायेगी।

इसी क्रम में आज प्रदेश के इन 5 जिलों की जिला आपदा प्रबंधन समितियों द्वारा निर्णय लिया गया है कि उनके जिले में पॉजिटिविटी दर कम हैं। अत: 24 से 31 मई तक के लिये कोरोना कर्फ्यू में कुछ प्रतिबंधों के साथ छूट प्रदान की जाये। इस संबंध में आदेश जारी किये गये हैं।

इन जिलों के अनुभव के आधार पर एक जून से अन्य जिलों में भी पॉजिटिविटी दर कम होने पर विभिन्न गतिविधियों पर प्रतिबंध को कम किया जा सकेगा और कोरोना कर्फ्यू को धीरे-धीरे हटाने की रणनीति पर विचार किया जायेगा।


दुल्हन लेने जा रहा था दूल्हा बारात जाने को थी तैयार , प्रशासन ने मौके पर पंहुचकर बाल विवाह रुकवाया

दमोह -: कोरोना संक्रमण के एहतियातन प्रशासन द्वारा कर्फ्यू घोषित किया गया जिसमें शादियां और वैवाहिक समारोहों पर पूर्णतः प्रतिबंध है, बाबजूद इसके ग्रामीण अंचलों में बाल विवाह होने के मामले सामने आ रहे है, बाल विवाहों को रोकने महिला वाल विकास और बाल संरक्षण विभाग की टीमें ग्रामीण अंचलों में सतत निगरानी भी रख रही है। आज मड़ियादो गांव में भी महिला बाल विकास की टीम ने एक घर मे पंहुचकर बाल विवाह होने से रोका गया है।

            विभाग को सूचना मिली थी कि मड़ियादो गांव के हरदौल मुहल्ले के जग्गू रजक के नाबालिग लड़के की बारात जाना है, वरिष्ठ अधिकारियों को जैसे ही इसकी जानकारी दी गई परियोजना अधिकारी हटा शिव राय के निर्देश पर सेक्टर पर्यवेक्षक मिनी अर्पिता नाथन ने तत्काल मड़ियादो में दल का गठन किया और मौके पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओ को भेजा इनके साथ मड़ियादो थाना पुलिस ए एस आई विनोद करोलिया और स्टाफ ने पंहुचकर जब शादी वाले घर मे पंहुचकर परिजनों से पूछताछ की तो दस्तावेजों से पता चला कि लड़के की उम्र 20 वर्ष है जिसकी बारात हटा के विजोरी गांव रवाना हो रही है। नाबालिग की शादी रोकने गए अमले को यंहा काफी मशक्कत करनी पड़ी पहले तो यह परिवार तैयार नही हुआ,बाद में समझाइस के बाद जग्गू रजक शादी न करने को राजी हुए, जिसका पंचनामा भी मौके पर तैयार किया गया।

            इसी प्रकार बिजौरी पाठक ग्राम बाल विवाह रोका गया, बच्ची के माता पिता को समझाया गया। 18, वर्ष पूर्ण होने के बाद शादी करे। सेक्टर लुहारी कार्मा कर्ता रितु गौतम सहा० की सहायिता से विवाह रोका गया।

शनिवार, 22 मई 2021

किशोर की तरह जागरुक बनें,कोरोना के लक्षण दिखते ही सैम्पलिंग करायें, याद रखें, कहीं देर ना हो जाये

कटनी -: कोरोना से इस लड़ाई में सावधानी, सर्तकता और जागरुकता ही आपके हथियार हैं। इनका उपयोग करके आप अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य की सुरक्षा कर सकते हैं। एैसे ही एक उदाहरण हैं बहोरीबंद विकासखण्ड की ग्राम पंचायत ककरहटा के ग्राम बम्हौरी में रहने वाले किशोर सिंह।

            किशोर सिंह को जब पहली बार प्रारंभिक तौर पर कुछ लक्षण आयेजिससे उन्हें लगा कि कोरोना हो सकता हैतो बिना किसी विलंब के उन्होने कोरोना की जांच कराई। उनकी रिपोर्ट पॉजीटिव आई। जिला कमाण्ड कन्ट्रोल रुम से उन्हें फोन आया। उन्हें मेडिकल किट उपलब्ध कराई गई। होम आईसोलेशन के सारे नियमों का पालन करते हुये किशोर ने कोरोना से जंग जीती।

            अपना अनुभव साझा करते हुये किशोर ने बताया कि स्वयं के पॉजीटिव आने के बाद उन्होने अपने परिजनों को भी कोरोना की जांच कराने के लिये स्वास्थ्य केन्द्र भेजा। उनके भाई और बहु की रिपोर्ट भी पॉजीटिव आई है। दोनों स्वास्थ्य विभाग के अमले के मार्गदर्शन में होम आईसोलेशन में रहकर अपना उपचार कर रहे हैं। किसी की भी स्थिति खराब नहीं हुई है। शीघ्र ही उनका भी होम आईसोलेशन पूरा हो जायेगा।

            किशोर सिंह की जागरुकता के कारण आज उनका पूरा परिवार इस भयावह कोरोना बीमारी से सुरक्षित रह पाया है। किशोर ने आमजन को संदेश देते हुये कहा कि कोरोना की लड़ाई में जागरुकता जरुरी है। जैसे ही कोरोना के लक्षण दिखेंतो लेट ना करें। तुरंत जाकर जांच करायें। लेट लतीफी हमारे और हमारे परिवार के लिये भारी पड़ सकती है।

पौधा लगाएँ, फोटो अपलोड करें और मुख्यमंत्री से अवार्ड पाएँ , पर्यावरण को स्वच्छ और प्राणवायु से समृद्ध बनाना है कार्यक्रम का उद्देश्य

कटनी-: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जन-जन के सहयोग से प्रदेश के हरित क्षेत्र में वृद्धि कर  पर्यावरण को स्वच्छ और प्रकृति को प्राणवायु से समृद्ध करने के उद्देश्य से अंकुर कार्यक्रम आरंभ किया गया है। कार्यक्रम के अंतर्गत वृक्षारोपण के लिए जन-सामान्य को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से पौधा लगाने वाले चयनित विजेताओं को प्राणवायु अवार्ड से सम्मानित किया जायेगा।

कार्यक्रम में भाग लेने की प्रक्रिया

            कार्यक्रम में भाग लेने के लिए गूगल प्ले-स्टोर्स से ‘‘वायुदूत एप’’ डाउनलोड कर पंजीयन करना होगा। कार्यक्रम में भाग लेने वाले व्यक्ति को स्वयं के संसाधन से कम से कम एक पौधा लगाकरपौधे की फोटो एप के माध्यम से लेकर अपलोड करनी होगी। पौधा लगाने के तीस दिन बाद फिर से पौधे की नई फोटो एप पर अपलोड कर सहभागिता प्रमाण-पत्र डाउन लोड किया जा सकेगा। जिलेवार चयनित विजेताओं को प्राणवायु अवार्ड से सम्मानित किया जायेगाजिसके अंतर्गत मुख्यमंत्री द्वारा प्रमाण-पत्र प्रदान किया जायेगा।

सभी जिलों में होंगे नोडल अधिकारी और वेरिफायर

अंकुर कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए राज्य शासन द्वारा पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन (एपको) नोडल एजेंसी बनाया गया है। जिला कलेक्टर इस कार्य के लिए जिले के वरिष्ठ अधिकारी को जिला नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे। जिला नोडल अधिकारी द्वारा आवश्यकतानुसार स्थानीय वेरिफायर का नामांकन कर ‘‘वायुदूत एप’’ में उनकी प्रवृष्टि की जायेगी।