सोमवार, 14 जून 2021

शासकीय कार्य में बाधा डालने एवं बिजली कर्मियों से मारपीट पर, एक दर्जन से अधिक आरोपियों पर एफ.आई.आर. दर्ज

मध्यप्रदेश -:मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा मुरैना वृत्त अंतर्गत नूराबाद वितरण केन्द्र कार्यक्षेत्र में ग्राम मदनबसई (महावीर का पुरा) विचौला रोड के किनारे रखे 25 के.व्ही.ए. के अवैध ट्रांसफार्मर को हटाने के दौरान बिजली कंपनी के अधिकारी/कर्मचारी से मारपीट करने के आरोप में एक दर्जन से अधिक आरोपियों पर एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है।

गौरतलब है कि कंपनी के बानमौर उप संभाग के प्रबंधक श्री राहुल चौधरी एवं नूराबाद वितरण केन्द्र के सहायक प्रबंधक श्री सुभाष धाकड़ द्वारा लाइन कर्मचारियों के साथ ग्राम मदनबसई (महावीर का पुरा) विचौला रोड के किनारे रखा 25 के.व्ही.ए. का अवैध ट्रांसफार्मर हटाया जा रहा था। इस दौरान मदनबसई (महावीर का पुरा) निवासी वीरेन्द्र सिंह गुर्जर, गिर्राज गुर्जर, सूरज गुर्जर, मोतीराम गुर्जर, गब्बर सिंह गुर्जर एवं अज्ञात एक दर्जन से अधिक लोगों द्वारा शासकीय कार्य में बाधा डालने के साथ ही बिजली कंपनी के अधिकारी एवं कर्मचारियों से दुर्व्यवहार एवं मारपीट की गई। कंपनी द्वारा घटना में शामिल एक दर्जन से अधिक आरोपियों पर नूराबाद थाने में शासकीय कार्य में बाधा डालने, अधिकारी/कर्मचारी से मारपीट एवं दुर्व्यवहार करने पर एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है। थाना नूराबाद द्वारा आरोपियों के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता 1860 अधिनियम की धारा 353, 332, 186, 336, 294, 147 एवं 148 में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ कर दी गई है। 

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक गणेश शंकर मिश्रा ने बिजली कंपनी के मैदानी कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ ड्यूटी के दौरान असामाजिक तत्वों द्वारा मारपीट/दुर्व्यवहार की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने तुरन्त एफ.आई.आर. कराने के निर्देश दिए हैं।

 कंपनी ने कहा है कि प्रायः देखने में आ रहा है कि बिजली कर्मियों पर ड्यूटी के दौरान असामाजिक तत्वों द्वारा मारपीट/दुर्व्यवहार किया जा रहा है। चूंकि ऐसी घटनाएं विद्युत अधिकारियों और कर्मचारियों का मनोबल गिराती हैं, इसलिए कंपनी के कार्यक्षेत्र में कार्यरत सभी नियंत्रणकर्ता अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि मैदानी अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ होने वाली दुर्व्यवहार या मारपीट की घटनाओं को पूरी गंभीरता से लिया जाए। 

कंपनी ने मैदानी अधिकारियों/कर्मचारियों से कहा है कि विद्युत आपूर्ति की स्थिति पर लगातार नजर रखें और जिले के कलेक्टर/पुलिस अधीक्षक से संपर्क कर किसी भी अप्रिय स्थिति में उनसे आवश्यक सहयोग प्राप्त करें। इस संबंध में मैदानी महाप्रबंधकों/उपमहाप्रबंधकों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने कार्यक्षेत्र में विगत 5 वर्ष में कंपनी के अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ हुई मारपीट (घातक/अघातक) मामलों में पुलिस थाने में दर्ज/कोर्ट में विचाराधीन मुकदमों की समीक्षा करें।

सार्वजनिक परिवहन, निजी बसें शत्-प्रतिशत क्षमता के होंगी संचालित , नगरीय क्षेत्र में भी 100 प्रतिशत तक दुकानें खोलने की अनुमती

कटनी -: कलेकटर एवं जिला दण्डाधिकारी प्रियंक मिश्रा ने दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत पूर्व में जारी प्रतिबंधात्मक आदेश में आंशिक संशोधन किया है। इस संबंध में जारी संशोधित आदेश के तहत जिले में प्रतिबंध से मुक्त गतिविधियों के लिये निर्देश जारी किये गये हैं।

            जिला मजिस्ट्रेट मिश्रा द्वारा जारी संशोधित आदेश के तहत सार्वजनिक परिवहननिजी बसों के माध्यम से कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत अनुमति प्रदान की गई है। निजी बसों में यह अनुमति सशर्त जारी की गई हैजिसके तहत निजी बसों में कोविड-19 दिशा-निर्देशों के अनुसार कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन करते हुये शत्-प्रतिशत क्षमता पर संचालित हो सकेंगी।

            इसी प्रकार आदेश के तहत थोक सब्जियांफलफूल के बाजार के लिये जिला प्रशासन द्वारा नियत खुले स्थानों पर चल सकेंगे। इन वस्तुओं की दुकानों के अलावा प्राथमिकता पर सर्विस सेक्टर दुकानें तथा अन्य प्रयोजनों की दुकानें भी खुल सकेंगी। जिले के नगरीय क्षेत्र में पॉजीटिविटी दर 0.5 प्रतिशत से कम हैअतः कुल नगरीय क्षेत्र में 100 प्रतिशत तक दुकानें खुल सकेंगी। नगर निगम कटनी के द्वारा यदि किसी स्थान या बाजार में सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन कराया जाना संभव नहीं है अथवा पालन करना नहीं पाया जाता हैतो एैसे स्थानों पर विशेष निर्देश जारी करने के लिये आयुक्त नगर पालिक निगम को अधिकृत किया गया है।

            इस आदेश के तहत दी गई छूट 30 मई को जारी आदेश की कंडिका (अ) में प्रतिबंध गतिविधियों पर लागू नहीं होगी। जिसमें यह संशोधित आदेश तत्काल प्रभावशील किया गया है।

भाजयुमो के जिलाध्यक्ष पर लगा अर्थदंड तो वही बर्थडे पार्टी में शामिल सभी लोग होंगे होम आइसोलेट

कटनी -: जिस कोरोना से बचने के लिए भाजपा की प्रदेश सरकार ने पूरे प्रदेश को 3 माह के लिए इसलिए बन्द रखा था ताकि कोरोना की चैन टूट सके। इसके लिए प्रशासन व भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से लेकर एक छोटा कार्यकर्ता भी लोगो को सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क लगाने की सलाह देता फिरता था लेकिन जैसे ही जिलों को कुछ नियमो के साथ अनलॉक किया गया वैसे ही भाजपा युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष कटनी ने अपने जन्मदिन पर बीच रोड बर्थडे पार्टी आयोजित कर मानो कोरोना को आमंत्रण भेज दिया। जिस पर एसपी से पूछने पर बताया मामले की जांच के आदेश माधवनगर थाने को दिया गया है जांच दौरान दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी....। 

ये सजा स्टेज इसमे खड़ी भीड़ ओर बज रहे ढोल-धमाल, डीजे आतिशबाजी एक स्टेज इस बात को इशारा करता है कि बीजेपी के लोगो मे प्रशासन का कितना बेख़ौफ़ है।  हालांकि इन बेलगाम नेताओ के ऊपर भी एक प्रशासन है इसका उदाहरण नायब तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव ने बताया और 24 घंटे के अंदर दोषियों पर बिना भेदभाव के कार्यवाही करते दिखे। और बताया कि वीडियो संज्ञान में आते ही माधवनगर थाने ने इसकी जांच की जिस पर  मेरे द्वारा मृदुल द्विवेदी को बुलाया गया। मामले पर पूछताछ की जिस पर उनके द्वारा अपनी गलती स्वीकार कर ली गई। जिसके के बाद मृदुल द्विवेदी पर 10 हजार का अर्थदंड लगाते हुए पैसों को रेडक्रॉस सोसायटी में जमा कराया गया। यही नही पार्टी में शामिल सभी लोगो को 7 दिन के लिए होम आइसोलेट रहने का आदेश दिया। यदि कोई आदेश की अवहेलना करता पाया गया उसके ऊपर फिर कार्यवाही की जाएगी। प्रशासन की निष्पक्ष कार्यवाही में एक संदेश तो जाता है दोषी जो भी कार्यवाही जरूर होती है।

रविवार, 13 जून 2021

महिला स्वास्थ्य अधिकारी के जज्बे के आगे गम का तूफान भी बौना, सेवा का ऐसा जज्बा कि पिता के अंतिम संस्कार के बाद महिला स्वास्थ्य अधिकारी आ गईं ड्यूटी पर

अनूपपुर -: कोरोना महामारी की दूसरी लहर के खिलाफ लड़ाई में अपनों की मौत के गम के आंसुओं का तूफान भी हमारे वाॅरियर्स का रास्ता नहीं रोक पाया है। इन्हीं में से एक हैं छुलहा उप स्वास्थ्य केन्द्र की जिला अस्पताल के कोविड आइसोलेशन वार्ड में कार्यरत 34 वर्षीया महिला सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी कविता राठौर। 

 कोविड आइसोलेशन वार्ड में भर्ती गंभीर मरीजों के बीच उनकी सेवा का जुनून लिए कविता लगातार उनको स्वस्थ करने में जुटी हैं। इस चुनौती काल में उनके सामने एक पल वह भी आया, जब उनके पिता कोरोना संक्रमित होकर उसी कोविड आइसोलेशन वार्ड में आ गए, जहां वह कार्यरत हैं। दूसरे मरीजों के साथ-साथ उन्होंने अपने पिता की भी भरपूर सेवा की। मगर वह बच ना सके। पिता की मौत का गम आंसुओं के सैलाब के रूप में फूट पड़ा। पारिवारिक दायित्व निभाने उन्हें पिता के अंतिम संस्कार में जाना पड़ा। किन्तु वहां उनका मन यह सोचकर व्याकुल हो उठा कि कहीं उनके पिता की तरह किसी अन्य मरीज के साथ ऐसा ना हो जाए। इसी उधेड़बुन के चलते वह पिता के अंतिम संस्कार के बाद घर पर रुक नहीं सकीं और सीधे काम पर लौट आईं। 

 कोरोना के संक्रमण से परिवार को बचाने के लिए कविता घर पर नहीं रहतीं, बल्कि स्टाफ के साथ रेस्ट हाउस में रहती हैं। उनके पति ने भी उन्हें प्रोत्साहित किया कि ईमानदारी से अपनी ड्यूटी करो, घर मैं संभाल लूंगा। कविता ने मरीजों की सेवा को देखते हुए सवा साल से ड्यूटी से कोई अवकाश नहीं लिया। वह जब भी मरीजों को देखती हैं, तो पिता का चेहरा सामने आ जाता है और मरीजों को स्वस्थ करने का उन पर जुनून सवार हो जाता है। मरीजों की सेवा में से वह अपने लिए 24 घंटे में से 4 घंटे निकाल पाती हैं। जब कोई मरीज स्वस्थ होकर अपने घर लौटता है, तो उन्हें इतनी प्रसन्नता होती है जिसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। तब उन्हें लगता है कि मेहनत सफल हो गई। 

     कविता का ऐसे मरीजों से भी सामना हुआ, जो अपनी बीमारी को लेकर डरने, घबराने और रोने लगते थे। वह रात-रात भर जाग कर ऐसे मरीजों को समझाकर उनका मनोबल बढ़ाती थीं। कविता मरीजों के प्रति हमेशा चौकस रहती हैं। उन्हें ड्रिप लगाने, ब्लड सेंपल लेने, मेडीकेशन करने, बी.पी. चेक करने, ऑक्सीजन लेवल चेक करने का काम करती थीं और डाॅक्टर का भ्रमण करवाती तथा डाॅक्टर की सुझाई दवाइयां मरीजों को समय पर देतीं थीं। उनके मधुर एवं सहज व्यवहार ने उन्हें लोकप्रिय बना दिया है। कोरोना की विकट स्थिति में मानव सेवा के अपने इस जज्बे को कायम रखते हुए कविता जिस तरह से काम कर रही हैं, वह सराहनीय है।

शनिवार, 12 जून 2021

साइकिल चलाकर प्रदर्शन करने पहुंचे कांग्रेसी, डीजल-पेट्रोल व बढ़ती महंगाई पर केंद्र सरकार से मांगा इस्तीफा।

कटनी -: एक सरकार बनाने में हर उस शख्स की भूमिका होती हैं जो अपना वोट देश को समृद्ध बनाने के लिए डालता है ओर एक जनप्रतिधि चुनकर सोचता है ये हमारा भला करेंगे। लेकिन उनकी ये सोच शासन में बैठी सरकारे सत्ता के नशे में कब का भुला चुकी हैं शायद इसलिये उन्हें महंगाई के नीचे दबी जनता अब नजर आना बंद हो गई। ये हम नही बढ़ती महंगाई पर कांग्रेस का कहना है देखा जाए तो उनकी ये हर एक बात सही बैठ रही हैं डीजल पेट्रोल से लेकर रसोई गैस व तेल लोगो के घरों का बजट बिगड़ रही है। हालांकि विपक्ष में बैठी कांग्रेस समेत अन्य पार्टियां महंगाई का विरोध करने लगी है कुछ ऐसा ही मध्यप्रदेश के कटनी जिले में आज देखने मिला जहां डीजल पेट्रोल के बढ़ते दामो पर कांग्रेस के राष्ट्रीय समन्वयक सदस्य दिव्यंशु मिश्रा, कांग्रेस जिला अध्यक्ष मिथलेश जैन समेत कई कांग्रेस नेता साइकल चलाकर प्रदर्शन करने पहुंचे। और कोतवाली स्थित पेट्रोल पंप पर अनेको स्लोगन से भरी तख्तियां के माध्यम से अपना विरोध दर्ज कराया। किसी मे पीएम मोदी से इस्तीफा मांगा तो किसी मे महंगाई कम करने की मांग। जिला कांग्रेस अध्यक्ष मिथलेश जैन ने बताया कि बढ़ते डीजल पेट्रोल के दामो के चलते हमारे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने घरों से साइकल चलाकर यहां तक पहुंचे है और अपना विरोध दर्ज कराया है कांग्रेस सरकार में पेट्रोल 60 तो डीजल 40 था यही नही खाने का तेल भी 80 रुपए लीटर था लेकिन भाजपा की सरकार आते ही इनके दाम बढ़ते जा रहे हैं। हम ऐसी सरकार का विरोध करते है और जब तक ये महंगाई कम होती हम अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे। मांग यही मानने पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करने से भी नही चूकेंगे। आपको बता दे कटनी में पेट्रोल के दाम जनवरी में 93 रुपए थे और अब 106 दर्ज हुए है। 13 रूपए उन दिनों में बढ़े जब देश लॉक डाउन व आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। फिलहाल अब देखना ये है मौजूदा सरकार जनता को राहत देने के मूड़ में है भी या मुश्किलें बढ़ते में।

गुरुवार, 10 जून 2021

ग्राम में सजगता और सतर्कता के साथ आशा कार्यकर्ता कर रही हैं कार्य , आशा कार्यकर्ता श्रीमती जयंती भी अपने ग्राम में कोरोना संक्रमण से बचाव कार्य में जुटी है

कटनी -: जिले में कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिये हर संभव प्रयास शासन-प्रशासन स्तर पर जारी है। वहीं ग्रामीणस्तर पर भी तैनात अमले द्वारा जहां संक्रमण की रोकथाम के लिये प्रयास किये जा रहे हैं। वहीं आमजन को कोविड-19 से के संक्रमण से बचाव, वेक्सीनेशन तथा मास्क, सैनीटाईजर और दो गज की दूरी रखने संबंधी सलाह भी दी जा रही है। इस कार्य में ग्रामस्तर पर आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सहायिका, एएनएम भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

विकासखण्ड कन्हवारा अंतर्गत ग्राम जुहली में कार्यरत आशा कार्यकर्ता भी अपने दायित्वों का सजगता के साथ निर्वहन कर रही हैं। उन्होने बताया कि 27 अप्रैल को ग्राम के ही एक परिवार में लॉकडाउन होने के बाद भी अपनी बेटी की शादी ग्राम में ही हुई। परिवार वाले एवं पड़ोसी इस विवाह में शामिल हुऐ। इसके कुछ दिन बाद जानकारी प्राप्त हुई कि इस शादी में शामिल एक व्यक्ति की मृत्यु कोविड सक्रमण होने के कारण हो गई।

        जिसके बाद जैसे ही आशा कार्यकर्ता जयंती तोमर को इसकी जानकारी मिलीउन्होने तत्काल इसकी सुचना अपने आशा सहयोगी एवं विकासखण्ड स्तर पर इसकी जानकारी दी। विकासखण्ड स्तर से आरबीएसके दल (आरआरटीसेम्पलिग दल) ग्राम में आकर इसके पुरे मोहल्ले के 42 लोगो कर कोविड टेस्ट कराया गया।

       आशा के त्वरित प्रयासों से 42 लोगो के सेम्पंिलग में से 09 लोगे सक्रमित पॉजिटिव पाये गये। इस सभी सक्रमितों का होम क्वारटीन किया गया। आशा कार्यकर्ता श्रीमति तोमर की सुझबुझ एवं सक्रियता से पुरे ग्राम मे सक्रमण फैलने से रोकने में काफी मदद मिली। इसके साथ ही आशा कार्यकर्ता सतत् रुप से ग्राम में किल कोरोना अभियान के तहत सर्वे कार्य में भी जुटी हुई है। जिसके तहत सतत निगरानी करते हुऐ लोगो के स्वास्थ्य की जानकारी किल करोना सर्वे मे उनके द्वारा ली जा रही है।

कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने संवाद को बनाया प्रमुख अस्त्र,काउंसलर की भूमिका निभाई मुख्यमंत्री चौहान ने

भोपाल/ऋषभ जैन -:महामारी के दौर में प्रदेश में ही नहीं देश में भी फिजिकल डिस्टेंस संक्रमण की चेन तोड़ने का प्रमुख आधार थी तब मध्यप्रदेश में संवाद के जरिये कोरोना महामारी के संक्रमण की चेन को तोड़ने का कार्य सफलतापूर्वक किया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो गज की दूरी-मास्क है जरूरी, मास्क नहीं-तो सामान नहीं, मेरा मास्क-मेरी सुरक्षा जैसे प्रभावशाली संदेश के साथ कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने सभी वर्गों से संवाद को प्रमुख अस्त्र बनाया।

यह भी सही है कि परिवार का मुखिया हो या प्रदेश का मुखिया वह अपने आचरण से ही दूसरों को प्रेरित कर सकता है। मुख्यमंत्री चौहान ने इस कसौटी पर भी अपने को खरा उतारा। समाज का शायद ही ऐसा कोई वर्ग छूटा हो जिनसे मुख्यमंत्री चौहान ने संवाद न किया हो। उन्होंने सर्वप्रथम स्वास्थ्य आग्रह के माध्यम से प्रदेश की जनता को यह संदेश दिया कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये शासन-प्रशासन के साथ आमजन की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। इसी क्रम में उन्होंने शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर जनता को जागरूक करने के लिये सीधा संवाद कर कोरोना संक्रमण से बचाव के उपाय भी बताये। संचार की आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और सोशल मीडिया के द्वारा वर्चुअली कार्यक्रम आयोजित कर अधिकांश वर्गों से संवाद का क्रम बनाये रखा।

मुख्यमंत्री चौहान ने संवाद का जो क्रम अप्रैल माह से शुरू किया उसमें सांसद, विधायक, शहरी क्षेत्र में महापौर, अध्यक्ष और पार्षद, ग्रामीण क्षेत्र में जिला पंचायत, जनपद पंचायत और ग्राम पंचायतों के जन-प्रतिनिधियों, चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टॉफ, महिला स्व-सहायता समूह के सदस्यों, धर्म गुरूओं, समाज के प्रतिष्ठित नागरिकों, व्यापारियों, शहरी एवं ग्रामीण स्ट्रीट वेंडर्स, किसान भाइयों, संबल योजना के हितग्राहियों, तेंदूपत्ता संग्राहक, विशेष पिछड़ी जनजाति सहरिया, बैगा और भारिया की महिलाओं, जिला-तहसील और ग्राम स्तरीय क्राइसिस मैनेजमेंट के समूहों, म.प्र. जन-अभियान परिषद के जिला समन्वयकों और मैदानी अमले के साथ शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वेच्छा से कोरोना वॉलेंटियर्स बने कार्यकर्ताओं से संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिये प्रभावी और प्रेरक संवाद किया।

मुख्यमंत्री चौहान की इस मुहिम की खूबी यह भी रही कि उन्होंने न केवल संवाद के दौरान कोरोना की दूसरी लहर की विभीषिका से अवगत करवाया, बल्कि एक सजग अभिभावक और परिवार के बड़े बुजुर्ग के रूप में महामारी से बचाव के लिये प्रेरित भी किया। इस तरह से उन्होंने महामारी से लोगों को डराया नहीं। उन्होंने बचाव के लिये न केवल लोगों को तैयार किया बल्कि उन्हें बचाव के तरीके भी उन्हीं की उनकी भाषा में समझाये। इसी का नतीजा था कि मध्यप्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर पर उम्मीद से काफी पहले काबू पाने में सरकार सफल रही। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अपने राजनैतिक कार्यक्रमों को तो स्थगित किया ही साथ ही अधिकांश प्रशासनिक कवायद भी उन्होंने वर्चुअली ही की।

इस तरह कोविड एप्रोपिएट बिहेवियर का पालन करने के उद्देश्य से वर्चुअली काम काज को प्रमुखता देने की प्रेरणा भी मुख्यमंत्री चौहान अपने कार्यों के जरिये प्रदेशवासियों खासतौर से शासन-प्रशासन के लोगों और समाज के विभिन्न वर्गों को देने में सफल रहे हैं।

अप्रैल और मई 2021 की पूरी अवधि इस बात की गवाह है कि प्रदेश में सारे प्रशासनिक काम बदस्तूर सीमित अमले के साथ जारी रहे। टोटल लॉकडाउन की जगह पर कोरोना कर्फ्यू जैसी नई और कारगर व्यवस्था मध्यप्रदेश में लागू रही। इस व्यवस्था का उजला पहलू यह रहा कि यह कर्फ्यू सरकार द्वारा थोपा हुआ नहीं होकर जन-स्फूर्त या यूं कहें कि स्व-स्फूर्त था। यहीं कारण रहा कि लॉकडाउन की तुलना में कोरोना कर्फ्यू महामारी की लड़ाई में ज्यादा उपयोगी और परिणामकारी रहा। कोरोना कर्फ्यू ने महामारी से प्रदेश की लड़ाई में लोगों को अपनी भूमिका अदा करने का मौका भी दिया। राज्य, जिला, गाँव और छोटे नगरों में वार्ड स्तर पर बनी क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियाँ और उनके द्वारा कोरोना की दूसरी लहर के नियंत्रण में निभाई गई भूमिका और बढ़-चढ़ कर किये गये कार्य, सरकार के साथ समाज के खड़े होने के आने वाले कई वर्षो तक उदाहरण बने रहेंगे।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जन-भागीदारी रणनीति ने मध्यप्रदेश को कोरोना संक्रमण से मुक्ति दिलाने में अहम रोल अदा किया है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जिस तरह से लोगों ने कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने में भागीदारी सुनिश्चित की वह पूरे देश में सुर्खियों में रही। यहाँ तक कि कई प्रान्तों ने इसे अपनाया भी है और केन्द्र सरकार ने सराहना भी की है।