ये सजा स्टेज इसमे खड़ी भीड़ ओर बज रहे ढोल-धमाल, डीजे आतिशबाजी एक स्टेज इस बात को इशारा करता है कि बीजेपी के लोगो मे प्रशासन का कितना बेख़ौफ़ है। हालांकि इन बेलगाम नेताओ के ऊपर भी एक प्रशासन है इसका उदाहरण नायब तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव ने बताया और 24 घंटे के अंदर दोषियों पर बिना भेदभाव के कार्यवाही करते दिखे। और बताया कि वीडियो संज्ञान में आते ही माधवनगर थाने ने इसकी जांच की जिस पर मेरे द्वारा मृदुल द्विवेदी को बुलाया गया। मामले पर पूछताछ की जिस पर उनके द्वारा अपनी गलती स्वीकार कर ली गई। जिसके के बाद मृदुल द्विवेदी पर 10 हजार का अर्थदंड लगाते हुए पैसों को रेडक्रॉस सोसायटी में जमा कराया गया। यही नही पार्टी में शामिल सभी लोगो को 7 दिन के लिए होम आइसोलेट रहने का आदेश दिया। यदि कोई आदेश की अवहेलना करता पाया गया उसके ऊपर फिर कार्यवाही की जाएगी। प्रशासन की निष्पक्ष कार्यवाही में एक संदेश तो जाता है दोषी जो भी कार्यवाही जरूर होती है।
सोमवार, 14 जून 2021
भाजयुमो के जिलाध्यक्ष पर लगा अर्थदंड तो वही बर्थडे पार्टी में शामिल सभी लोग होंगे होम आइसोलेट
रविवार, 13 जून 2021
महिला स्वास्थ्य अधिकारी के जज्बे के आगे गम का तूफान भी बौना, सेवा का ऐसा जज्बा कि पिता के अंतिम संस्कार के बाद महिला स्वास्थ्य अधिकारी आ गईं ड्यूटी पर
अनूपपुर -: कोरोना महामारी की दूसरी लहर के खिलाफ लड़ाई में अपनों की मौत के गम के आंसुओं का तूफान भी हमारे वाॅरियर्स का रास्ता नहीं रोक पाया है। इन्हीं में से एक हैं छुलहा उप स्वास्थ्य केन्द्र की जिला अस्पताल के कोविड आइसोलेशन वार्ड में कार्यरत 34 वर्षीया महिला सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी कविता राठौर।
कोविड आइसोलेशन वार्ड में भर्ती गंभीर मरीजों के बीच उनकी सेवा का जुनून लिए कविता लगातार उनको स्वस्थ करने में जुटी हैं। इस चुनौती काल में उनके सामने एक पल वह भी आया, जब उनके पिता कोरोना संक्रमित होकर उसी कोविड आइसोलेशन वार्ड में आ गए, जहां वह कार्यरत हैं। दूसरे मरीजों के साथ-साथ उन्होंने अपने पिता की भी भरपूर सेवा की। मगर वह बच ना सके। पिता की मौत का गम आंसुओं के सैलाब के रूप में फूट पड़ा। पारिवारिक दायित्व निभाने उन्हें पिता के अंतिम संस्कार में जाना पड़ा। किन्तु वहां उनका मन यह सोचकर व्याकुल हो उठा कि कहीं उनके पिता की तरह किसी अन्य मरीज के साथ ऐसा ना हो जाए। इसी उधेड़बुन के चलते वह पिता के अंतिम संस्कार के बाद घर पर रुक नहीं सकीं और सीधे काम पर लौट आईं।
कोरोना के संक्रमण से परिवार को बचाने के लिए कविता घर पर नहीं रहतीं, बल्कि स्टाफ के साथ रेस्ट हाउस में रहती हैं। उनके पति ने भी उन्हें प्रोत्साहित किया कि ईमानदारी से अपनी ड्यूटी करो, घर मैं संभाल लूंगा। कविता ने मरीजों की सेवा को देखते हुए सवा साल से ड्यूटी से कोई अवकाश नहीं लिया। वह जब भी मरीजों को देखती हैं, तो पिता का चेहरा सामने आ जाता है और मरीजों को स्वस्थ करने का उन पर जुनून सवार हो जाता है। मरीजों की सेवा में से वह अपने लिए 24 घंटे में से 4 घंटे निकाल पाती हैं। जब कोई मरीज स्वस्थ होकर अपने घर लौटता है, तो उन्हें इतनी प्रसन्नता होती है जिसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। तब उन्हें लगता है कि मेहनत सफल हो गई।
कविता का ऐसे मरीजों से भी सामना हुआ, जो अपनी बीमारी को लेकर डरने, घबराने और रोने लगते थे। वह रात-रात भर जाग कर ऐसे मरीजों को समझाकर उनका मनोबल बढ़ाती थीं। कविता मरीजों के प्रति हमेशा चौकस रहती हैं। उन्हें ड्रिप लगाने, ब्लड सेंपल लेने, मेडीकेशन करने, बी.पी. चेक करने, ऑक्सीजन लेवल चेक करने का काम करती थीं और डाॅक्टर का भ्रमण करवाती तथा डाॅक्टर की सुझाई दवाइयां मरीजों को समय पर देतीं थीं। उनके मधुर एवं सहज व्यवहार ने उन्हें लोकप्रिय बना दिया है। कोरोना की विकट स्थिति में मानव सेवा के अपने इस जज्बे को कायम रखते हुए कविता जिस तरह से काम कर रही हैं, वह सराहनीय है।
शनिवार, 12 जून 2021
साइकिल चलाकर प्रदर्शन करने पहुंचे कांग्रेसी, डीजल-पेट्रोल व बढ़ती महंगाई पर केंद्र सरकार से मांगा इस्तीफा।
गुरुवार, 10 जून 2021
ग्राम में सजगता और सतर्कता के साथ आशा कार्यकर्ता कर रही हैं कार्य , आशा कार्यकर्ता श्रीमती जयंती भी अपने ग्राम में कोरोना संक्रमण से बचाव कार्य में जुटी है
कटनी -: जिले में कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिये हर संभव प्रयास शासन-प्रशासन स्तर पर जारी है। वहीं ग्रामीणस्तर पर भी तैनात अमले द्वारा जहां संक्रमण की रोकथाम के लिये प्रयास किये जा रहे हैं। वहीं आमजन को कोविड-19 से के संक्रमण से बचाव, वेक्सीनेशन तथा मास्क, सैनीटाईजर और दो गज की दूरी रखने संबंधी सलाह भी दी जा रही है। इस कार्य में ग्रामस्तर पर आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सहायिका, एएनएम भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
विकासखण्ड कन्हवारा अंतर्गत ग्राम जुहली में कार्यरत आशा कार्यकर्ता भी अपने दायित्वों का सजगता के साथ निर्वहन कर रही हैं। उन्होने बताया कि 27 अप्रैल को ग्राम के ही एक परिवार में लॉकडाउन होने के बाद भी अपनी बेटी की शादी ग्राम में ही हुई। परिवार वाले एवं पड़ोसी इस विवाह में शामिल हुऐ। इसके कुछ दिन बाद जानकारी प्राप्त हुई कि इस शादी में शामिल एक व्यक्ति की मृत्यु कोविड सक्रमण होने के कारण हो गई।
जिसके बाद जैसे ही आशा कार्यकर्ता जयंती तोमर को इसकी जानकारी मिली, उन्होने तत्काल इसकी सुचना अपने आशा सहयोगी एवं विकासखण्ड स्तर पर इसकी जानकारी दी। विकासखण्ड स्तर से आरबीएसके दल (आरआरटी, सेम्पलिग दल) ग्राम में आकर इसके पुरे मोहल्ले के 42 लोगो कर कोविड टेस्ट कराया गया।
आशा के त्वरित प्रयासों से 42 लोगो के सेम्पंिलग में से 09 लोगे सक्रमित पॉजिटिव पाये गये। इस सभी सक्रमितों का होम क्वारटीन किया गया। आशा कार्यकर्ता श्रीमति तोमर की सुझबुझ एवं सक्रियता से पुरे ग्राम मे सक्रमण फैलने से रोकने में काफी मदद मिली। इसके साथ ही आशा कार्यकर्ता सतत् रुप से ग्राम में किल कोरोना अभियान के तहत सर्वे कार्य में भी जुटी हुई है। जिसके तहत सतत निगरानी करते हुऐ लोगो के स्वास्थ्य की जानकारी किल करोना सर्वे मे उनके द्वारा ली जा रही है।
कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने संवाद को बनाया प्रमुख अस्त्र,काउंसलर की भूमिका निभाई मुख्यमंत्री चौहान ने
भोपाल/ऋषभ जैन -:महामारी के दौर में प्रदेश में ही नहीं देश में भी फिजिकल डिस्टेंस संक्रमण की चेन तोड़ने का प्रमुख आधार थी तब मध्यप्रदेश में संवाद के जरिये कोरोना महामारी के संक्रमण की चेन को तोड़ने का कार्य सफलतापूर्वक किया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो गज की दूरी-मास्क है जरूरी, मास्क नहीं-तो सामान नहीं, मेरा मास्क-मेरी सुरक्षा जैसे प्रभावशाली संदेश के साथ कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने सभी वर्गों से संवाद को प्रमुख अस्त्र बनाया।
यह भी सही है कि परिवार का मुखिया हो या प्रदेश का मुखिया वह अपने आचरण से ही दूसरों को प्रेरित कर सकता है। मुख्यमंत्री चौहान ने इस कसौटी पर भी अपने को खरा उतारा। समाज का शायद ही ऐसा कोई वर्ग छूटा हो जिनसे मुख्यमंत्री चौहान ने संवाद न किया हो। उन्होंने सर्वप्रथम स्वास्थ्य आग्रह के माध्यम से प्रदेश की जनता को यह संदेश दिया कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये शासन-प्रशासन के साथ आमजन की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। इसी क्रम में उन्होंने शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर जनता को जागरूक करने के लिये सीधा संवाद कर कोरोना संक्रमण से बचाव के उपाय भी बताये। संचार की आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और सोशल मीडिया के द्वारा वर्चुअली कार्यक्रम आयोजित कर अधिकांश वर्गों से संवाद का क्रम बनाये रखा।
मुख्यमंत्री चौहान ने संवाद का जो क्रम अप्रैल माह से शुरू किया उसमें सांसद, विधायक, शहरी क्षेत्र में महापौर, अध्यक्ष और पार्षद, ग्रामीण क्षेत्र में जिला पंचायत, जनपद पंचायत और ग्राम पंचायतों के जन-प्रतिनिधियों, चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टॉफ, महिला स्व-सहायता समूह के सदस्यों, धर्म गुरूओं, समाज के प्रतिष्ठित नागरिकों, व्यापारियों, शहरी एवं ग्रामीण स्ट्रीट वेंडर्स, किसान भाइयों, संबल योजना के हितग्राहियों, तेंदूपत्ता संग्राहक, विशेष पिछड़ी जनजाति सहरिया, बैगा और भारिया की महिलाओं, जिला-तहसील और ग्राम स्तरीय क्राइसिस मैनेजमेंट के समूहों, म.प्र. जन-अभियान परिषद के जिला समन्वयकों और मैदानी अमले के साथ शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वेच्छा से कोरोना वॉलेंटियर्स बने कार्यकर्ताओं से संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिये प्रभावी और प्रेरक संवाद किया।
मुख्यमंत्री चौहान की इस मुहिम की खूबी यह भी रही कि उन्होंने न केवल संवाद के दौरान कोरोना की दूसरी लहर की विभीषिका से अवगत करवाया, बल्कि एक सजग अभिभावक और परिवार के बड़े बुजुर्ग के रूप में महामारी से बचाव के लिये प्रेरित भी किया। इस तरह से उन्होंने महामारी से लोगों को डराया नहीं। उन्होंने बचाव के लिये न केवल लोगों को तैयार किया बल्कि उन्हें बचाव के तरीके भी उन्हीं की उनकी भाषा में समझाये। इसी का नतीजा था कि मध्यप्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर पर उम्मीद से काफी पहले काबू पाने में सरकार सफल रही। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अपने राजनैतिक कार्यक्रमों को तो स्थगित किया ही साथ ही अधिकांश प्रशासनिक कवायद भी उन्होंने वर्चुअली ही की।
इस तरह कोविड एप्रोपिएट बिहेवियर का पालन करने के उद्देश्य से वर्चुअली काम काज को प्रमुखता देने की प्रेरणा भी मुख्यमंत्री चौहान अपने कार्यों के जरिये प्रदेशवासियों खासतौर से शासन-प्रशासन के लोगों और समाज के विभिन्न वर्गों को देने में सफल रहे हैं।
अप्रैल और मई 2021 की पूरी अवधि इस बात की गवाह है कि प्रदेश में सारे प्रशासनिक काम बदस्तूर सीमित अमले के साथ जारी रहे। टोटल लॉकडाउन की जगह पर कोरोना कर्फ्यू जैसी नई और कारगर व्यवस्था मध्यप्रदेश में लागू रही। इस व्यवस्था का उजला पहलू यह रहा कि यह कर्फ्यू सरकार द्वारा थोपा हुआ नहीं होकर जन-स्फूर्त या यूं कहें कि स्व-स्फूर्त था। यहीं कारण रहा कि लॉकडाउन की तुलना में कोरोना कर्फ्यू महामारी की लड़ाई में ज्यादा उपयोगी और परिणामकारी रहा। कोरोना कर्फ्यू ने महामारी से प्रदेश की लड़ाई में लोगों को अपनी भूमिका अदा करने का मौका भी दिया। राज्य, जिला, गाँव और छोटे नगरों में वार्ड स्तर पर बनी क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियाँ और उनके द्वारा कोरोना की दूसरी लहर के नियंत्रण में निभाई गई भूमिका और बढ़-चढ़ कर किये गये कार्य, सरकार के साथ समाज के खड़े होने के आने वाले कई वर्षो तक उदाहरण बने रहेंगे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जन-भागीदारी रणनीति ने मध्यप्रदेश को कोरोना संक्रमण से मुक्ति दिलाने में अहम रोल अदा किया है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जिस तरह से लोगों ने कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने में भागीदारी सुनिश्चित की वह पूरे देश में सुर्खियों में रही। यहाँ तक कि कई प्रान्तों ने इसे अपनाया भी है और केन्द्र सरकार ने सराहना भी की है।
पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी ने जारी किया मिशन "अपराध सूचना सेवा कटनी" व्हाट्सएप नम्बर ,जिले में कही भी हो जुआ सट्टा सहित कोई अपराध तो दे जानकारी
कटनी -:पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी द्वारा मादक पदार्थों एवं घरेलू हिंसा सम्बन्धी अपराधों में अंकुश लगाने के लिए "अपराध सूचना सेवा कटनी" अभियान चलाकर व्हाट्सएप नंबर जारी किया गया है। अभियान को सफल बनाने के लिए सभी नागरिकों से अनुरोध है कि कटनी जिला अंतर्गत जुआ-सट्टा, अवैध शराब, अन्य गैर कानूनी गतिविधियां संचालित होने एवं घरेलू हिंसा/महिलाओं के विरुद्ध घटित अपराधों की जानकारी तत्काल व्हाट्सएप नंबर (7587633268) पर सूचित करें, सूचना पर प्राथमिकता के आधार पर तत्काल कार्यवाही कराई जाएगी, साथ ही सूचनाकर्ता का नाम, पहचान पूर्णतः गोपनीय रखा जाएगा।
मंगलवार, 8 जून 2021
प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएँगे , 22 हजार 627 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पुनः प्रारंभ -मुख्यमंत्री चौहान
मध्यप्रदेश -: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा है कि कोरोना काल में सबसे ज्यादा रोजगार प्रभावित हुआ है। दूसरी लहर में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा स्ट्रीट वेंडर्स, कर्मकार मंडल के श्रमिकों, किसानों के खाते में सहायता राशि डाली गई है। मध्य प्रदेश सरकार रोजगार के अधिक से अधिक अवसर बढ़ाने का प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि स्व-रोजगार योजनाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। शहरी एवं ग्रामीण स्ट्रीट वेंडर योजना के अंतर्गत छोटे व्यवसायियों को बिना ब्याज का 10 हज़ार रुपए का ऋण सरकार अपनी गारंटी पर उपलब्ध कराती रहेगी।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सरकारी नौकरियों में भर्ती की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। प्रदेश में 22 हजार 670 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया जो रुक गई थी, उसे पुनः प्रारंभ कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ तथा पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती की जा रही है।
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कटनी, 11 जुलाई (शुक्रवार रात): कटनी जिले के कुठला थाना क्षेत्र अंतर्गत अमराडार मोड़ पर शुक्रवार देर रात एक भयंकर सड़क हादसे ने तीन परिवारों ...
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कटनी, 11 जुलाई। ढीमरखेड़ा न्यायालय परिसर से पेशी के दौरान एक आरोपी के फरार हो जाने की घटना पुलिस विभाग के लिए भारी पड़ गई। मामले में ड्यूटी...
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कटनी : सुर्खियों में रहने वाले आईपीएस कटनी जिले के पुलिस कप्तान एक बार फिर चर्चा में हैं। हालिया मामला होली से जुड़ा हुआ है ,कटनी पुलिस विभ...
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