गुरुवार, 6 मई 2021

रेमडेसीविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों को किया गिरफ्तार, हॉस्पिटल का कर्मचारी गिरफ्तार

जबलपुर -:पुलिस अधीक्षक महोदय जबलपुर सिद्धार्थ बहुगुणा के निर्देशन में एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर रोहित कासवानी के मार्गदर्शन में, सी एस पी अखिलेश गौर की टीम द्वारा की गई कार्रवाई । CSP अखिलेश गौर ने बताया गया है कि थाना गोहलपुर में दिनांक 5 मई 2021 को मुखबिर द्वारा सूचना प्राप्त हुई थी कोविड-19 के मरीजों को उनके जीवन के बचाने हेतु जो रेम डिसीवर वैक्सीन इंजेक्शन लगाया जाता है दो व्यक्ति सीडी डीलक्स मोटरसाइकिल मैं बेचने हेतु न्यू लाइफ ट्रामा हॉस्पिटल के सामने चंडाल भाटा शराब दुकान के पास खड़े हैं इस सूचना पर क्राइम ब्रांच की टीम और थाना गोहलपुर टीआई आरके गौतम एवं उनकी टीम के  उप निरीक्षक पीएस धुर्वे तथा अन्य स्टाफ के द्वारा मोटरसाइकिल चालक शाहनवाज पिता हैदर खान उम्र 30 साल निवासी मौलाना वार्ड छोटी मस्जिद के पास पनागर एवं उसका सहयोगी विवेक पिता राजेश चौधरी उम्र 27 साल निवासी सी एम एस कंपाउंड थाना घमापुर क्षेत्र का मिला जिनकी जामा तलाशी ली गई तो इनके पास से 1-1 रेमडिसीवर इंजेक्शन, और मोबाइल फोन भी मिले जिन्हें जब किया गया । दोनों आरोपियों के विरुद्ध अपराध क्रमांक 441 /2021 धारा 3/7 ईसी एक्ट, एवं 188 269 270 भारतीय दंड विधान 5357 आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005, 5/13 ड्रग कंट्रोल एक्ट 1949 और महामारी अधिनियम 1897 की धारा तीन के तहत दोनों आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है।प्रकरण में जप्त शुदा   रैम रिसीवर इंजेक्शन कहां से खरीदा है अथवा अस्पताल से प्राप्त किया है इस संबंध में विवेचना की जा रही है आज आरोपी गणों को माननीय न्यायालय में पेश किया जा कर पुलिस रिमांड लिया जाएगा।

कलेक्टर के आदेश पर 4 अस्पतालों पर कार्रवाई की, दो बड़े हॉस्पिटल्स के रजिस्ट्रेशन रद्द करने की कार्यवाही ,

भोपाल -: कलेक्टर अविनाश लवानिया के निर्देश पर एसडीएम कोलार ने 4 अस्पतालों पर कार्रवाई करते हुए सभी दस्तावेज जप्त किए और 2 अस्पतालों में गड़बड़ी पाए जाने पर सीएमएचओ को अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की कर्रवाई करने लिए लिखा है। 

कलेक्टर अवनीश लवानिया को  कुछ अस्पतालों से अधिक बिलिंग करने और इलाज में ज्यादा राशि  वसूलने की शिकायतें मिल रही थी।

 इस पर कलेक्टर ने सभी संबंधित एसडीएम को अस्पताल का औचक निरीक्षण करने और शिकायत के आधार पर बिल जांचने के निर्देश दिए थे।

 कोलार एसडीएम क्षितिज शर्मा  कोलार स्थित रुद्राक्ष मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में मरीजों से अधिक राशि वसूल किए जाने की शिकायतें प्राप्त होने पर तहसीलदार कोलार संतोष मुद्गल और नायब तहसीलदार दिलीप द्विवेदी के साथ अस्पतालो की जांच की । बिलो की जांच में प्रथम दृष्टया जांच के दौरान अस्पताल के द्वारा भर्ती मरीजों से शासन के द्वारा निर्धारित  दर से 40 प्रतिशत  से अधिक राशि लिया जाना पाया गया। 

      जिन मरीजों के परिजनों से अधिक राशि वसूल की गई थी  उक्त राशि अस्पताल द्वारा वापस कराए जाने की कार्यवाही करते हुए। पीयूष अग्रवाल को 8 हजार , प्रभा पांडे 12 हजार , एसपी दीक्षित 24 हजार और एसआर तानपुरे 12 हजार  रुपए की राशि वापस दिलाई गई। इस प्रकार कुल 52 हजार रुपए की राशि रुद्राक्ष अस्पताल प्रबंधन  से वापस दिलाई गई है। अस्पताल प्रबंधन ने अधिक राशि जोड़े जाने में अपनी गलती स्वीकार की  एवं उक्त राशि वापस किए जाने हेतु लिखित में दिया गया। 

इसी प्रकार  होशंगाबाद रोड स्थित उबंटू अस्पताल में भी मोंटू सिन्हा की शिकायत पर जांच की गई,  शिकायत सही पाए जाने पर अस्पताल से शिकायतकर्ता को 71हजार रूपए की राशि वापिस दिलाए  गई है। इस प्रकार कुल 1 लाख 20 हजार की राशि वापस दिलाई गई। 

 अधिक बिलिंग और  शिकायत में  सही पाए  जाने पर रुद्राक्ष और उबंटू अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने के लिए सीएमएचओ को निर्देश दिए गए है।

कोलार स्थित अन्य अस्पताल भगवती गौतम एवं निर्माणा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भी शिकायतों की जांच किए जाने हेतु  एसडीएम क्षितिज शर्मा के नेतृत्व में अस्पताल से दस्तावेज जब्त किए गए। 

 एसडीएम शर्मा ने बताया कि कई अस्पतालों की जांच में पाया गया कि मरीज को विभिन्न प्रकार के टेस्ट कराए जाने एवं ऑक्सीजन उपलब्ध कराए जाने के नाम पर अनाप-शनाप राशि वसूली जा रही थी और इसके संबंध में मरीजों के परिजनों और अटेंडेंट को जानकारी भीं नही दी जा रही थी। इस संबंध में कोलार क्षेत्र के सभी अस्पतालों को भी निर्देश दिए गए है कि जो भी बिल का चार्ज किया गया है उसके संबंध में समस्त जानकारी दी जाए ।

कलेक्टर पर आरोप लगा मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने दिया त्यागपत्र , वही दूसरे वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने SDM पर अभद्रता का आरोप लगा दिया त्यागपत्र

इंदौर -: मध्यप्रदेश के  इंदौर जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) कार्यालय में जिला स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर पदस्थ डॉक्टर पूर्णिमा गाडरिया और मानपुर के चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आर एस तोमर ने अपना-अपना त्यागपत्र सौंप दिया है। जानकारी के अनुसार डॉ गाडरिया ने स्वास्थ्य आयुक्त, संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें मध्यप्रदेश को अपना इस्तीफा अग्रेषित किया है।

इसी तरह डॉक्टर आर एस तोमर ने सीएमएचओ इंदौर को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।

डॉ गाडरिया द्वारा प्रेषित इस्तीफा में इस्तीफा के कारणों का जिक्र नहीं किया गया है।

उन्होंने बेहद संक्षिप्त पत्र में 5 मई 2021 को शासकीय सेवा से त्यागपत्र देने का उल्लेख किया है। उधर डॉ. डागरिया ने त्यागपत्र की वजह बताते हुए कहा कि वे जिला कलेक्टर के व्यव्हार से आहत है। 

उधर मानपुर के चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर तोमर ने अपना त्यागपत्र सीएमएचओ इंदौर को सौंप दिया है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार उन्होंने अपने इस्तीफे में (एसडीएम) पर अभद्रता, अशिष्टता और आरोप लगाए है। डॉ बी एस सैत्या ने डॉ तोमर का त्यागपत्र पत्र की पुष्टि की है।

दोनों अधिकारीयों के त्यागपत्र के संबंध जिले के उच्च अधिकारियों ने फ़िलहाल प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया है।

बुधवार, 5 मई 2021

कलेक्टर ने कसा कोविड अस्पतालों पर शिकंजा, पीड़ित को करीब 18 लाख की राशि वापस करवाया, मनमाफिक बिल वसूलने वाले अस्पतालों में हड़कंप

भोपाल -:कलेक्टर अविनाश लवानिया के निर्देश पर सभी एसडीएम ने आज अपने क्षेत्रों में कोविड अस्पतालों पर शिंकजा कसते हुए  बढ़ी कर्रवाई की और 10 से अधिक परिवारों को  उनके मरीजों के इलाज में ली गई अधिक  राशि को वापस कराया है।  आज भोपाल में मरीजों के परिवारों को लगभग 18 लाख रुपए की राशि वापस कराई गई है। कलेक्टर श्री लवानिया के निर्देश है की यह कार्रवाई लगातार जारी रहे।

 कलेक्टर लवानिया ने सभी अस्पताल संचालकों को कड़े निर्देश दिए है यदि अधिक बिल लेने की शिकायते लगातार मिलती है तो अस्पताल संचालकों और अस्पताल प्रबंधक के विरुद्ध करवाई को जाएगी।  अभी आपदा का समय है सभी अस्पताल तार्किक बिल ही मरीजों  से ले अन्यथा उनके विरुद्ध कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। 

 कलेक्टर लवानिया के निर्देश पर एमपी नगर एसडीएम विनीत तिवारी ने शोभा मालवीय मरीज के परिजनों की शिकायत पर की उनकी पेशेंट 15 अप्रैल से गौतम नगर स्थित सिटी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में कोराना से पीड़ित होकर भर्ती  है । मरीज लंबे समय से आइसीयू में भर्ती रहा एवं उसे आक्सीजन सर्पोट पर भी रखा गया । मरीज के परिजनों का अरोप था कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा उनके द्वारा स्वयं ऑक्सीजन की व्यवस्था करने पर भी मरीज से 4.50 लााख आक्सीजन की मांग के साथ कुल 12 लाख रूपए की मांग की जा रही है । जबकि सही राशि मात्र 6.00 लाख ही है । 

जिला कलेक्टर अविनाश लवानिया द्वारा शिकायत पर त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिये जिस पर एस.डी. एम .व , तहसीलदार एवं चिकित्सक डॉ .राजेन्द्र अहिरवार ने राजस्व अमले के साथ अस्पताल में त्वरित कार्यवाही कर उभय पक्षों को सुना एवं उनके द्वारा प्रस्तुत बिल के अवलोकन के बाद मरीज से वसूल की जा रही 6.00 लाख रूपये की राशि कम करवाई । जिला प्रशासन की उक्त कार्यवाही से मरीज के परिजनों में संतोष है । 

एसडीएम द्वारा अस्पताल प्रबंधन एवं डॉ . गुप्ता को भविष्य में कोरोना की महामारी की इस विपरीत परिस्थिति में निर्धारित विधिसंगत एवं न्यायोचित राशि ही लेने अन्यथा कठोर कार्यवाही के लिये तैयार रहने को कहा है । 

कोलार एसडीएम क्षितिज शर्मा ने मरीज धर्मेंद्र चौहान  पिता होशियारसिंह अस्पताल निर्मल प्रेम मिसरोद बिल की राशि 1 लाख 28 हजार 265 रुपए थी जिसे शिकायत प्राप्त होने पर 75 हजार रुपए कम करवाया गया । मरीज शांति सोहित अस्पताल निरामय हॉस्पिटल मिसरोद का 95 हजार रुपए का बिल माफ करवाया गया  

सोनू बैरागी अस्पताल निरामय हॉस्पिटल मिसरोद

शिकायत प्राप्त होने पर 2.5 लॉक रुपए का बिल माफ करवाया गया और बॉडी परिजनों को सुपुर्द करवाई गई ।

बन्ने सिंह यादव अस्पताल रुद्राक्ष हॉस्पिटल कोलार

शिकायत प्राप्त होने पर 65 हजार रुपए का बिल कम करवाया गया और नॉन कोविड डेड बॉडी परिजनों के सुपुर्द करवाई गई ।

रूद्राक्ष हॉस्पिटल द्वारा अधिक बिल जारी करने के कारण

विशाल दिक्षित को 24 हजार रुपए, रवीश अग्रवाल को 8 हजार रुपए, पुरेंद्र पांडे 12 हजार रुपए, यश तानपुरे 12 हजार रुपए की राशि वापस कराई गई।

मुकेश तनवानी को आरकेडीएफ हॉस्पिटल द्वारा 1 लाख 67 हजार 500 का बिल दिए जाने की शिकायत मिलने पर अस्पताल प्रबंधन से 50 हजार रुपए वापस दिलवाए गए ।

 हुज़ूर एसडीएम आकाश श्रीवास्तव और टीम द्वारा नीलबड़ में संचालित कोविड हॉस्पिटल हक मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में मरीजों से जाकर पूछताछ की गई एवं पूर्व में डिस्चार्ज किए गए मरीजों के बिलों की जांच की गई, जिसमें मरीज श्री अश्विनी पुरोहित 20 अप्रैल को एडमिट होकर 03 मई 2021 को डिस्चार्ज हुआ था जिससे हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा 3 लाख 47 हजार  का बिल बनाया गया जिसमें से मरीज को 47 हजार की छूट देकर 3 लाख जमा    कराये गये थे लेकिन  बिल में अनियमितता होने के कारण 40 हजार राशि वापस कराई  । मरीज के भाई श्री अवधेश पुरोहित को वापस कराया गया एवं हॉस्पिटल प्रबंधन को हिदायत दी गई कि भविष्य में इस प्रकार की अनियमितताओं की पुनरावृति ना की जाए। 

     ग्राम ईटखेड़ी में स्थित आयुष्मान भारत अस्पताल प्रबंधन से श्री अजय गुप्ता मरीज को 1लाख 40 हजार की राशि वापस कराई गई।

     एसडीएम बैरागढ़ मनोज उपाध्याय द्वारा  इसी तरह मरीज श्री कपिल आहूजा पिछले 20 दिनों से एवीएम हॉस्पिटल के आईसीयू में है मरोज के परिवार जन हॉस्पिटल द्वारा की जा रही बिलिंग से संतुष्ट नहीं होने के कारण उनके मौखिक अनुरोध पर एसडीएम बैरागढ़ मनोज उपाध्याय के द्वारा एबीएम हॉस्पिटल के संचालक से बात की गई। हॉस्पिटल संचालक द्वारा हॉस्पिटल का प्रतिदिन का चार्ज वेंटिलेटर सहित 15 हजार निर्धारित किया गया। हॉस्पिटल के द्वारा मेडिसन चार्ज एवं प्लाज्मा आदि तथा अन्य खर्चा की लॉजिकल बिलिंग करने की सहमति दी गई।  मरीज अभी भी हॉस्पिटल में उपचार है। मरीज के पिता हॉस्पिटल के द्वारा किए गए कंसीडरेशन से सहमत हैं। तथा उनके द्वारा संतुष्टि व्यक्त की गई।


निजी अस्पतालों की शिकायतें मिली तो सख्ती से निपटेगी सरकार ,जाँच के लिए तीन आईएएस अधिकारियों की समिति गठित

मध्यप्रदेश -: गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि निजी अस्पतालों की शिकायतों के निराकरण और एंबुलेंस संचालन की दरों के संबंध में मुख्यमंत्री Shivraj Singh Chouhan की अध्यक्षता में क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि निजी अस्पतालों के संबंध में निरंतर प्राप्त हो रही शिकायतों की जाँच के लिए प्रमुख सचिव स्तर के तीन आईएएस अधिकारियों की समिति गठित कर दी गई है। डॉ. मिश्रा ने बताया कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में एंबुलेंस संचालन की दरें भी निर्धारित कर दी गई है। शासन द्वारा आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।

डॉ. मिश्रा ने बताया कि सभी मरीजों को समुचित उपचार उपलब्ध कराया जाएगा। बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि उपचार के अभाव में असामयिक मृत्यु नहीं होना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि बैठक में निर्णय लिया गया है कि आयुष्मान कार्डधारी हितग्राहियों को समुचित उपचार की सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। डॉ. मिश्रा ने कहा कि आयुष्मान कार्ड धारी हितग्राहियों के उपचार के लिए अस्पतालों की सूचीं भी शीघ्र ही जारी की जा रही है।

डॉ. मिश्रा ने बताया कि उपचार के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं। माननीय मुख्यमंत्री जी चिंता करके और भी प्रबंध निरंतर कर रहे हैं। बैठक में आला अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि गाँव पर विशेष ध्यान दिया जाए। जनता का सहयोग लिया जाए। हर हाल में बेहतर परिणाम चाहिए।

कोरोना से अनाथ हुए बच्चों के भरण-पोषण की जिम्मेदारी का लिया निर्णय इस विभाग ने , सभी कर रहे इस काम की सराहना

मध्यप्रदेश-:महिला-बाल विकास विभाग द्वारा इस कोरोना काल में सकारात्मक पहल की गई है। विभाग द्वारा ऐसे बच्चे, जिनके माता-पिता का निधन कोरोना के कारण हो गया है अथवा जिनके माता-पिता इस बीमारी की वजह से अस्पताल में भर्ती हैं, उनके भरण-पोषण की जिम्मेदारी लेने का निर्णय लिया गया है। ऐसे बच्चों के लिए स्पॉन्सरशिप योजना शुरू की जा रही है। ग्वालियर जिले में इसके तहत फिट फेसिलिटी केन्‍द्र की शुरुआत की जा रही है। जिले में संचालित शासकीय विद्यालय और छात्रावासों को ऐसे बच्चों की देखरेख एवं संरक्षण के लिए फिट फेसिलिटी केन्‍द्र घोषित कर बच्चों की उचित देखभाल तथा संरक्षण प्रदान किया जाएगा। साथ ही स्वयंसेवी संस्था, सामाजिक कार्यकर्ता आदि को जोड़कर बच्चों को आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जायेंगी।

उल्लेखनीय है कि इस योजना के अंतर्गत बच्चों को शासकीय एवं निजी प्रायोजन सहायता का मुख्य उद्देश्य उनके जैविक परिवार से अलग होने से रोकना है। साथ ही बाल देखरेख संस्था में रहने वाले बच्चे, मुक्त कराये गये बच्चों को उनके जैविक परिवार में भेजकर पुनर्वास स्थित करना एवं उनका समग्र विकास करना तथा सामाजिक रूप से सक्षम परिवारों द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर परिवार का बाल देखरेख संस्था में रहने वाले बच्चों के विकास में सहयोग के लिये जोड़ना है।

सार्वजनिक वितरण प्रणाली की व्यवस्थाएँ परफेक्ट हों, कोविड़ 19 के दौरान इन नियमों का रखे विशेष ध्यान - मुख्यमंत्री

मध्यप्रदेश -: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोविड संकटकाल में कोई भी गरीब बिना राशन के नहीं रहेगा। उन्होंने सहकारिता और खाद्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि नियम शिथिल कर इस संबंध में व्यवस्थाएँ की जायें। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा मुख्यमंत्री निवास से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत पात्र परिवारों को नि:शुल्क खाद्यान्न वितरण व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। वीडियो कॉन्फ्रेंस में खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री बिसाहू लाल सिंह और सहकारिता, लोक सेवा प्रबंधन मंत्री श्री अरविंद भदौरिया भी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि गरीब व्यक्ति को खाद्यान्न प्राप्त करने में दिक्कत नहीं हो। पात्रता पर्ची, आधार कार्ड एवं अन्य दस्तावेज नहीं होने पर भी उनको अनाज का वितरण किया जाये। उन्होंने खाद्य एवं सहकारिता विभाग के मंत्रियों को इस संबंध में प्रभावी व्यवस्था करने के निर्देश दिये।

वितरण के समय भीड़ नहीं हो

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राशन वितरण के समय उचित मूल्य दुकान पर भीड़ नहीं लगे। कोरोना गाइड लाइन का प्रभावी पालन हो। इसकी प्रभावी व्यवस्था के साथ ही उसकी निगरानी भी की जाये। राशन वितरण के समय सक्षम शासकीय अधिकारी अथवा कर्मचारी को तैनात किया जाये।

हितग्राहियों को एस.एम.एस. से सूचित करें

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हितग्राहियों को एस.एम.एस. द्वारा नि:शुल्क खाद्यान्न वितरण व्यवस्था की सूचना दी जाये। उन्होंने कहा कि कोविड संकट काल में नि:शुल्क राशन वितरण के उठाव, परिवहन और वितरण चुनौती पूर्ण कार्य है। खाद्यान्न के परिवहन और वितरण पर कड़ी निगरानी रखी जाये। इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता और कम्युनिकेशन गैप नहीं होना चाहिए। सहकारिता और खाद्य विभाग समन्वय और सामंजस्य के साथ कार्य करें।

 पी.ओ.एस. मशीन से पावती

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि नि:शुल्क खाद्यान्न वितरण के साथ ही हितग्राही को पी.ओ.एस. मशीन से पावती उपलब्ध कराई जाये। उन्होंने कहा कि वितरण कार्य में गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

राशि भुगतान कर लेने वालों को भी मिलेगा नि:शुल्क खाद्यान्न

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जिन गरीब परिवारों द्वारा अप्रैल एवं मई माह का खाद्यान्न राशि का भुगतान कर प्राप्त किया है, उन्हें भी आगामी माह में नि:शुल्क खाद्यान्न प्रदान किया जाये। उनको बताया गया कि ऐसे हितग्राहियों को जुलाई और अगस्त माह में नि:शुल्क अनाज वितरण किया जायेगा।

शेष रहे परिवारों को 5 माह का खाद्यान्न एकमुश्त मिलेगा

मुख्यमंत्री चौहान को बैठक में बताया गया कि 15 मई के पश्चात खाद्यान्न प्राप्त करने से शेष रहे परिवारों को 5 माह का खाद्यान्न एकमुश्त वितरित होगा। प्रदेश के कुल एक करोड़ 11 लाख 29 हजार 273 परिवारों में से 91 लाख 25 हजार 513 ने अप्रैल माह का राशन प्राप्त कर लिया है। मई माह का राशन प्राप्त करने वाले परिवारों की संख्या 56 लाख 38 हजार 678 और जून माह का राशन प्राप्त करने वाले परिवारों की संख्या 20 लाख 45 हजार 719 है।