शनिवार, 15 जनवरी 2022

कुंडली में भकूट दोष क्या कहलाता है ,भकूट दोष का दाम्पत्य जीवन पर प्रभाव

कुंडली में भकूट दोष क्या कहलाता है 

कुंडली में चंद्रमा 6-8, 9-5 या 2-12 का संयोजन कर रहा हो, तब भकूट दोष बनता है। अगर वर की चंद्र राशि मेष है, और महिला का कन्या है, तब 6-8 का भकूट दोष बनता है, क्योंकि महिला की चंद्र राशि पुरूष की चंद्र राशि से षष्टम और पुरूष की चंद्र राशि महिला की चंद्र राशि से अष्टम पर होती है। इसी तरह का भकूट दोष चंद्र राशि के 9-5 और 2-12 संयोजन के लिए भी माना जाता है। 6-8 का भकूट दोष शादी शुदा जोड़ो के लिए स्वास्थ्य की गंभीर समस्या पैदा कर सकता है, 9-5 का भकूट दोष संतान की समस्या का कारण होता है, और 2-12 का भकूट दोष वित्तीय समस्याएं पैदा करता है।

कुंडली मिलान के क्रम में यदि भकूट दोष बन रहा है तो शादी नहीं करने के लिए सलाह देते हैं।

 हालांकि केवल एक दोष के आधार पर कभी भी शादी न करने की सलाह नहीं देनी चाहिए क्योकि ऐसे अनेक दम्पति है जो मेरे पास आते है जिनके कुंडली में भकूट दोष है फिर भी सुखमय दाम्पत्य जीवन व्यतीत कर रहे है। अतः विवाह आदि के लिए कुंडली मिलान की प्रक्रिया में केवल गुण मिलान कर लेना ही पर्याप्त नहीं है यदि कोई ज्योतिषी ऐसा करते है तो यह उचित नहीं है सॉफ्टवेयर के आधार पर कुण्डली मिलान नही करना चाहिए,और न ही बताना चाहिए ऐसा करने से ही ज्योतिषी के प्रति अविश्वास पैदा होता है। अतः विवाह के सम्बन्ध में कोई निर्णय लेने से पहले लड़का और लड़की की कुंडली में ग्रहो की स्थिति, उच्च, नीच, योग व संतान योग कैसा है इस पर विचार करके ही शादी करने और न करने का सलाह देनी चाहिए।

*भकूट दोष का दाम्पत्य जीवन पर प्रभाव-*

कुंडली मिलान में तीन प्रकार से भकूट दोष बनता है जिसकी चर्चा ऊपर की गई है।

 षडा -अष्टक 6/8 भकूट दोष होने से वर-वधू में से एक की मृत्यु हो जाती है या आपस में लड़ाई झगड़ा होते रहता है।

 नवम-पंचम ( 9/5) भकूट दोष होने से संतान की हानि होती है या संतान के जन्म में मुश्किल आती है या फिर संतान होती ही नहीं।

 द्वी-द्वादश ( 2/12) भकूट दोष होने से वर-वधू को निर्धनता का सामना करना पड़ता या दोनों बहुत ही खर्चीले होते है।

*भकूट दोष का परिहार-*

भकूट मिलान में तीन प्रकार के दोष होते हैं, जैसे षडाष्टक दोष, नव-पंचम दोष और द्वि-द्वादश दोष होता है, इन तीनों ही दोषों का परिहार भी हो जाता है।

 *षडाष्टक दोष का परिहार*

यदि वर-वधु की मेष/वृश्चिक, वृष/तुला, मिथुन/मकर, कर्क/धनु, सिंह/मीन या कन्या/कुंभ राशि है तब यह मित्र षडाष्टक होता है अर्थात इन राशियों के स्वामी ग्रह आपस में मित्र होते हैं. मित्र राशियों का षडाष्टक शुभ माना जाता है।

यदि वर-वधु की चंद्र राशि स्वामियों का षडाष्टक शत्रु वैर का है तब इसका परिहार करना चाहिए।

मेष/कन्या, वृष/धनु, मिथुन/वृश्चिक, कर्क/कुंभ, सिंह/मकर तथा तुला/मीन राशियों का आपस में शत्रु षडाष्टक होता है इनका पूर्ण रुप से त्याग करना चाहिए।

यदि तारा शुद्धि, राशियों की मित्रता हो, एक ही राशि हो या राशि स्वामी ग्रह समान हो तब भी षडाष्टक दोष का परिहार हो जाता है।

 नवम पंचम दोष का परिहार-

नवम पंचम दोष का परिहार भी शास्त्रों में दिया गया है, जब वर-वधु की चंद्र राशि एक-दूसरे से 9/5 पर स्थित होती है तब नवम पंचम दोष माना जाता है, नवम पंचम का परिहार निम्न से हो जाता है-

यदि वर की राशि से कन्या की राशि पांचवें स्थान पर पड़ रही हो और कन्या की राशि से लड़के की राशि नवम स्थान पार पड़ रही हो तब यह स्थिति नवम पंचम की शुभ मानी गई है।

मीन/कर्क, वृश्चिक/कर्क, मिथुन/कुंभ और कन्या/मकर यह चारों नव-पंचम दोषों का त्याग करना चाहिए।

यदि वर-वधु की कुंडली के चंद्र राशिश या नवांशपति परस्पर मित्र राशि में हो तब नवम-पंचम का परिहार होता है।

 द्वि- द्वादश दोष का परिहार-

लड़के की राशि से लड़की की राशि दूसरे स्थान पर हो तो लड़की धन की हानि करने वाली होती है लेकिन 12वें स्थान पर हो तब धन लाभ कराने वाली होती है।

द्वि-द्वादश दोष में वर-वधु के राशि स्वामी आपस में मित्र हैं तब इस दोष का परिहार हो जाता है।

सिंह और कन्या राशि द्वि-द्वार्दश होने पर भी इस दोष का परिहार हो जाता है परन्तु इसमें कई ज्योतिषियो का मतभेद है।

कुंडली मिलान का सही तरीका सिर्फ सॉफ्टवेयर पर निर्भर न हो यदि रिश्ता अच्छा है तो दोनों की कुंडली का विश्लेषण अलग अलग करवा लेना ज्यादा उचित है आने वाली महादशा किस ग्रह की है संतान योग कैसा है विवाह के सुख की आयु कितनी है नक्षत्र स्वामी कहा विराजित है । लड़की और लड़के वर्ण मिलान भी के जगह काम कर जाता है ऐसे बहुत सी स्थिति बन ही जाती , परन्तु कुंडली मे यदि जीवनसाथी की आयु कम हो तो सामने वाली कुंडली मे आयु देखे संतान सुख का अभाव है तो वो भी देखना अनिवार्य है।

कुंडली की अधिक *जानकारी के लिए संपर्क करें* 

जोतिर्विद वास्तु दैवज्ञ 

पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री 

    9993874848

शुक्रवार, 14 जनवरी 2022

नाबालिग की हत्या मामले में गुमराह परिजनों को पुलिस अधीक्षक की समझाईश ,चारों आरोपियों पर है हत्या का मामला दर्ज

कटनी -: जिले की स्लिमीनाबाद थाना क्षेत्र के ग्राम धरवारा में 6 जनवरी2022 को घर से लापता हुए नाबालिग बालक की दो दिन बाद लाश ही मिली थी कि पुलिस ने तत्परता मामले की जांच करते हुए आरोपियों को भी खोज निकाला । जिसमे 4 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया। हालांकि मामला तब परिजनों व ग्रामीणों के लिए संदेहास्पद हो गया जब पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलवाई और प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पुलिस ने चार आरोपियों में दो आरोपियों पर ipc के तरह 302 व दो आरोपियों पर ipc की धारा 202 के तरह मामला दर्ज करने की बात जारी कर दी। वही जब पुलिस अधीक्षक से मृतक के परिजनों ने बात की एसपी सुनील जैन से मामला स्पष्ट करते हुए बताया कि चारों आरोपियों पर ipc की धारा  363, 302, 202 व 34 के तहत मामला दर्ज हुआ है किसी भी प्रकार अपवाहों पर मत आए जांच भी 90 दिन चलना है अगर कोई और भी दोषी होता है तो उसे भी गिरफ्तार किया जाएगा।

जिला न्यायाधीश श्री नोटिया ने किया आंगनबाड़ी केन्द्र का निरीक्षण, कोरोना गाइडलान का पालन करने दिए निर्देश, मास्क का किया वितरण

कटनी -: मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कटनी श्यामाचरण उपाध्याय के मार्गदर्शन में जिला न्यायाधीश, सचिव दिनेश कुमार नोटिया द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्र क्र. 153 महाराणा प्रताप वार्ड कटनी का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान आंगनबाड़ी केन्द्र के कुछ बच्चे बिना मास्क के पाए गए। सचिव द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व उपस्थित बच्चों को कोरोना गाइडलाइन का पालन करने, सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने, मास्क लगाने, सैनेटाईजर या साबुन से एक निश्चित अंतराल पर हाथ धोने और कोरोना संबंधी अन्य महत्वपूर्ण निर्देश प्रदान किए। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा उपस्थित बच्चों और कार्यकर्ताओं को मास्क उपलब्ध कराए गए।

इसके साथ ही राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर द्वारा संचालित योजनाओं के संबंध में विधिक साक्षरता शिविर, जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। जिसमें जिला न्यायाधीश व सचिव श्री नोटिया ने उपस्थित महिलाओं को भरण पोषण, विधि, घरेलु हिंसा, किशोर न्याय अधिनियम, अपराध पीडि़त प्रतिकर योजना, मोटर व्हीकल एक्ट, बच्चों के अधिकार एवं कर्तव्य, निःशुल्क विधिक सहायता से संबंधित जानकारी दी गई। इस दौरान पीएलव्ही मनीषा प्यासी, सुनीता केवट, अजय बुरडे, जिला प्राधिकरण के कर्मचारी सहित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मौजूद रहीं।

मकर संक्रांति विशेष - मकर संक्रांति और सूर्य उपासना द्वारा अपना जीवन तेजस्वी बना सकते है,

मकर संक्रांति विशेष

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मकर संक्रांति और सूर्य उपासना द्वारा अपना जीवन तेजस्वी बना सकते है,

🚩 मकर संक्रांति नैसर्गिक पर्व है । किसी व्यक्ति के आने-जाने से या किसी के अवतार के द्वारा इस पर्व की शुरुआत नहीं हुई है । प्रकृति में होने वाले मूलभूत परिवर्तन से यह पर्व संबंधित है और प्रकृति की हर चेष्टा व्यक्ति के तन और मन से संबंध रखती है । इस काल में भगवान भास्कर की गति उत्तर की तरफ होती है । अंधकार वाली रात्रि छोटी होती जाती है और प्रकाश वाला दिन बड़ा होता जाता है ।

🚩पुराणों का कहना है कि इन दिनों देवता लोग जागृत होते हैं । मानवीय 6 महीने दक्षिणायन के बीतते हैं, तब देवताओं की एक रात होती है । उत्तरायण के दिन से देवताओं की सुबह मानी जाती है ।

🚩ऋग्वेद में आता है कि सूर्य न केवल सम्पूर्ण विश्व के प्रकाशक, प्रवर्त्तक एवं प्रेरक हैं वरन् उनकी किरणों में आरोग्य वर्धन, दोष-निवारण की अभूतपूर्व क्षमता विद्यमान है । सूर्य की उपासना करने एवं सूर्य की किरणों का सेवन करने से कई प्रकार के शारीरिक, बौद्धिक एवं आध्यात्मिक लाभ होते हैं ।

🚩जितने भी सामाजिक एवं नैतिक अपराध हैं वे विशेषरूप से सूर्यास्त के पश्चात अर्थात् रात्रि में ही होते हैं । सूर्य की उपस्थिति मात्र से ही दुष्प्रवृत्तियां नियंत्रित हो जाती हैं । सूर्य के उदय होने से समस्त विश्व में मानव, पशु-पक्षी आदि क्रियाशील होते हैं । यदि सूर्य को विश्व-समुदाय का प्रत्यक्ष देव अथवा विश्व-परिवार का मुखिया कहें तो भी कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी ।

🚩वैसे तो सूर्य की रोशनी सभी के लिए समान होती है परन्तु उपासना करके उनकी विशेष कृपा प्राप्त कर व्यक्ति सामान्य लोगों की अपेक्षा अधिक उन्नत हो सकता है तथा समाज में अपना विशिष्ट स्थान बना सकता है ।

🚩सूर्य एक शक्ति है । भारत में तो सदियों से सूर्य की पूजा होती आ रही है । सूर्य तेज और स्वास्थ्य के दाता माने जाते हैं । यही कारण है कि विभिन्न जाति, धर्म एवं सम्प्रदाय के लोग दैवी शक्ति के रूप में सूर्य की उपासना करते हैं ।

🚩सूर्य की किरणों में समस्त रोगों को नष्ट करने की क्षमता विद्यमान है । सूर्य की प्रकाश – रश्मियों के द्वारा हृदय की दुर्बलता एवं हृदय रोग मिटते हैं । स्वास्थ्य, बलिष्ठता, रोगमुक्ति एवं आध्यात्मिक उन्नति के लिए सूर्योपासना करनी ही चाहिए ।

🚩सूर्य नियमितता, तेज एवं प्रकाश के प्रतीक हैं । उनकी किरणें समस्त विश्व में जीवन का संचार करती हैं । भगवान सूर्य नारायण सतत् प्रकाशित रहते हैं । वे अपने कर्त्तव्य पालन में एक क्षण के लिए भी प्रमाद नहीं करते, कभी अपने कर्त्तव्य से विमुख नहीं होते । प्रत्येक मनुष्य में भी इन सदगुणों का विकास होना चाहिए । नियमितता, लगन, परिश्रम एवं दृढ़ निश्चय द्वारा ही मनुष्य जीवन में सफल हो सकता है तथा कठिन परिस्थितियों के बीच भी अपने लक्ष्य तक पहुँच सकता है ।

🚩सूर्य बुद्धि के अधिष्ठाता देव हैं । सभी मनुष्यों को प्रतिदिन स्नानादि से निवृत्त होकर एक लोटा जल सूर्यदेव को अर्घ्य देना चाहिए । अर्घ्य देते समय इस बीजमंत्र का उच्चारण करना चाहिएः ॐ ह्रां ह्रीं सः सूर्याय नमः । इस प्रकार मंत्रोच्चारण के साथ जल देने से तेज एवं बौद्धिक बल की प्राप्ति होती है ।

🚩सूर्योदय के बाद जब सूर्य की लालिमा निवृत्त हो जाय तब सूर्याभिमुख होकर कंबल अथवा किसी विद्युत कुचालक आसन् पर पद्मासन अथवा सुखासन में इस प्रकार बैठें ताकि सूर्य की किरणें नाभि पर पड़े । अब नाभि पर अर्थात् मणिपुर चक्र में सूर्य नारायण का ध्यान करें ।

🚩यह बात अकाट्य सत्य है कि हम जिसका ध्यान, चिन्तन व मनन करते हैं, हमारा जीवन भी वैसा ही हो जाता है । उनके गुण हमारे जीवन में प्रकट होने लगते हैं ।

🚩नाभि पर सूर्यदेव का ध्यान करते हुए यह दृढ़ भावना करें कि उनकी किरणों द्वारा उनके दैवी गुण आप में प्रविष्ट हो रहे हैं । अब बायें नथुने से गहरा श्वास लेते हुए यह भावना करें कि सूर्य किरणों एवं शुद्ध वायु द्वारा दैवीगुण मेरे भीतर प्रविष्ट हो रहे हैं । यथासामर्थ्य श्वास को भीतर ही रोककर रखें । तत्पश्चात् दायें नथुने से श्वास बाहर छोड़ते हुए यह भावना करें कि मेरी श्वास के साथ मेरे भीतर के रोग, विकार एवं दोष बाहर निकल रहे हैं । यहाँ भी यथासामर्थ्य श्वास को बाहर ही रोककर रखें तथा इस बार दायें नथुने से श्वास लेकर बायें नथुने से छोड़ें । इस प्रकार इस प्रयोग को प्रतिदिन दस बार करने से आप स्वयं में चमत्कारिक परिवर्तन महसूस करेंगे । कुछ ही दिनो के सतत् प्रयोग से आपको इसका लाभ दिखने लगेगा । अनेक लोगों को इस प्रयोग से चमत्कारिक लाभ हुआ है ।

🚩सूर्य की रश्मियों में अद्भुत रोगप्रतिकारक शक्ति है । दुनिया का कोई वैद्य अथवा कोई मानवी इलाज उतना दिव्य स्वास्थ्य और बुद्धि की दृढ़ता नहीं दे सकता है, जितना सुबह की कोमल सूर्य-रश्मियों में छुपे ओज-तेज से मिलता है ।

🚩भगवान सूर्य तेजस्वी एवं प्रकाशवान हैं । उनके दर्शन व उपासना करके तेजस्वी व प्रकाशमान बनने का प्रयत्न करें । ऐसे निराशावादी और उत्साहहीन लोग जिनकी आशाएँ, भावनाएँ व आस्थाएँ मर गयी हैं, जिन्हें भविष्य में प्रकाश नहीं, केवल अंधकार एवं निराशा ही दिखती है ऐसे लोग भी सूर्योपासना द्वारा अपनी जीवन में नवचेतन का संचार कर सकते हैं ।

🚩क्या करें मकर संक्रांति को..???

🚩मकर संक्रांति या उत्तरायण दान-पुण्य का पर्व है । इस दिन किया गया दान-पुण्य, जप-तप अनंतगुना फल देता है । इस दिन गरीब को अन्नदान, जैसे तिल व गुड़ का दान देना चाहिए। इसमें तिल या तिल के लड्डू या तिल से बने खाद्य पदार्थों को दान देना चाहिए । कई लोग रुपया-पैसा भी दान करते हैं।

🚩तिल का महत्व :-

🚩विष्णु धर्मसूत्र में उल्लेख है कि मकर संक्रांति के दिन तिल का 6 प्रकार से उपयोग करने पर जातक के जीवन में सुख व समृद्धि आती है ।

★ तिल के तेल से स्नान करना ।
★ तिल का उबटन लगाना ।
★ पितरों को तिलयुक्त तेल अर्पण करना।
★ तिल की आहुति देना ।
★ तिल का दान करना ।
★ तिल का सेवन करना।
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जोतिर्विद वास्तु दैवज्ञ
         पंडित
मनोज कृष्ण शास्त्री
    9993874848

गुरुवार, 13 जनवरी 2022

जानिए किन विशेष ग्रहयोग के कारण होता हैं वैवाहिक जीवन में संघर्ष––


जानिए किन विशेष ग्रहयोग के कारण होता हैं वैवाहिक जीवन में संघर्ष*––


यदि कुंडली के सप्तम भाव में कोई पाप योग *(गुरु–चांडाल योग, ग्रहण योग अंगारक योग आदि)* बना हुआ हो तो वैवाहिक जीवन में तनाव और बाधाएं उपस्थित होती हैं।

यदि सप्तम भाव में कोई पाप ग्रह नीच राशि में बैठा हो तो वैवाहिक जीवन में संघर्ष की स्थिति बनती है।

राहु–केतु का सप्तम भाव में शत्रु राशि में होना भी वैवाहिक जीवन में तनाव का कारण बनता है।

यदि सप्तम भाव के आगे और पीछे दोनों और और पाप ग्रह हो तो यह भी वैवाहिक जीवन में बाधायें उत्पन्न करता है।

सप्तमेश का पाप भाव (6,8,12) में बैठना या नीच राशि में होना भी वैवाहिक जीवन में उतार चढ़ाव का कारण बनता है।

पुरुष की कुंडली में शुक्र नीच राशि (कन्या) में हो, केतु के साथ हो, सूर्य से अस्त हो, अष्टम भाव में हो या अन्य किसी प्रकार पीड़ित हो तो वैवाहिक जीवन में तनाव और संघर्ष उत्पन्न होता है।

स्त्री की कुंडली में मंगल नीच राशि (कर्क) में हो, राहु शनि से पीड़ित हो बृहस्पति नीचस्थ हो राहु से पीड़ित हो तो वैवाहिक जीवन में बाधायें और वाद विवाद उत्पन्न होते हैं।

पाप भाव (6,8,12) के स्वामी यदि सप्तम भाव में हो तो भी वैवाहिक जीवन में विलम्ब और बाधाएं आती हैं।

सप्तम में शत्रु राशि या नीच राशि (तुला) में बैठा सूर्य भी वैवाहिक जीवन में बाधायें और संघर्ष देता है।


*विशेष* – यदि पीड़ित सप्तमेश, सप्तम भाव, शुक्र और मंगल पर बृहस्पति की शुभ दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसे में वैवाहिक जीवन की समस्याएं अधिक बड़ा रूप नहीं लेती और उनका कोई ना कोई समाधान व्यक्ति को मिल जाता है, वैवाहिक जीवन की समस्यायें अधिक नकारात्मक स्थिति में तभी होती हैं जब कुंडली में वैवाहिक जीवन के सभी घटक पीड़ित और कमजोर हो और शुभ प्रभाव से वंछित हो तो सुख का अभाव बना रहता है 

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*जोतिर्विद वास्तु दैवज्ञ* 

       *पंडित* 

*मनोज कृष्ण शास्त्री*

     *9993874848*

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इस जिले में 14 जनवरी के दिन 356 क्रांतिकारियों ने दी थी शहादत, जलियांवालाबाग की तरह ही बरबर्तापूर्ण थी यह घटना

सीहोर -:ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ 1857 की क्रांति को भारतीय इतिहास में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के रूप में देखा जाता है। मेरठ से 10 मई 1857 को सैनिक विद्रोह के रूप में शुरू हुई इस क्रांति ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंका। ब्रिटिश शासन के खिलाफ लोगों में असंतोष फैलता गया और धीरे धीरे इस आन्दोलन ने उग्र रूप ले लिया। पूरे देश के साथ ही मध्य भारत में भी अंग्रेजी हुकूमत ने इस विद्रोह को दबाने के लिए अनेक क्रांतिकारियों को गोली से भून दिया। 

           अंग्रेजी शासन के खिलाफ मध्य भारत  में चल रहे विद्रोह में सीहोर की बरबर्तापूर्ण घटना को जलियांवालाबाग हत्याकांड की तरह माना जाता है। दस मई 1857 को मेरठ की क्रांति से पहले ही सीहोर में क्रांति की ज्वाला सुलग गईं थी। मेवाड़, उत्तर भारत से होती हुई क्रांतिकारी चपातियां 13 जून 1857 को सीहोर और ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच गयी थी। एक अगस्त 1857 को छावनी के सैनिकों को नए कारतूस दिए गए। इन कारतूसों में सूअर और गाय की चर्बी लगी हुई थी। जांच में सुअर और गाय की चर्बी के उपयोग की बात सामने आने पर सैनिकों में आक्रोश और बढ़ गया। सीहोर छावनी के सैनिकों ने सीहोर कॉन्टिनेंट पर लगा अंग्रेजों का झंडा उतार कर जला दिया और महावीर कोठ और वलीशाह के संयुक्त नेतृत्व में स्वतंत्र सिपाही बहादुर सरकार का ऐलान किया। जनरल ह्यूरोज को जब सीहोर की क्रांतिकारी गतिविधियों के बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने इसे बलपूर्वक कुचलने के आदेश दिए।

     सीहोर में जनरल ह्यूरोज के आदेश पर 14 जनवरी 1858 को सभी 356 क्रांतिकारियों को जेल से निकालकर सीवन नदी किनारे सैकड़ाखेड़ी चांदमारी मैदान में लाया गया। इन सभी क्रांतिकारियों को एक साथ गोलियों से भून दिया गया था। जनरल ह्यूरोज इन क्रांतिकारियों के शव पेड़ों पर लटकाने के आदेश दिए और शवों को पेड़ों पर लटकाकर छोड़ दिया गया था। दो दिन बाद आसपास के ग्रामवासियों ने इन क्रांतिकारियों के शवों को पेड़ से उतारकर इसी मैदान में दफनाया था। मकर संक्रांति के अवसर पर 14 जनवरी को बड़ी संख्या में नागरिक सैकड़ाखेड़ी मार्ग पर स्थित शहीदों के समाधि स्थल पहुंचकर पुष्पांजलि अर्पित करते हैं।

आज का राशि फल व पंचांग जाने पं,मनोज कृष्ण शास्त्री जी से, आज का राशि फल एवं पंचांग, 13 जनवरी 2022गुरुवार

आज का राशि फल व पंचांग जाने पं,मनोज कृष्ण शास्त्री जी से, आज का राशि फल एवं पंचांग, 13 जनवरी 2022गुरुवार 

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1---मेष  --राशि

आज का दिन आपके लिए खर्चा वाला रहेगा, जो लोग किसी विदेशी कंपनी में कार्यरत हैं, उनको आज कंपनी की ओर से कोई तोहफा मिल सकता है। कुछ लोगों को आज अपने खराब स्वास्थ्य के कारण अस्पतालों के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं, जिसके कारण परिवार का माहौल भी थोड़ा परेशानी वाला रहेगा, जो लोग आयात-निर्यात का व्यवसाय करते हैं, उनको आज अपने व्यवसाय में तेजी देखने को मिलेगी। आज आप अपने परिवार के सदस्यों के साथ छोटी दूरी की यात्रा पर भी जा सकते हैं। आज आप आध्यात्मिक क्षेत्र में भी प्रगति करते नजर आएंगे। यदि आज आप कहीं अपने धन का निवेश करने की सोच रहे हैं, तो दिल खोलकर करें

2--वृष --राशि

आज आपको अपने घर के लोगों से बातचीत करते समय ध्यान देना होगा कि आपका कोई ऐसा राज ना खुल जाए, जो आपने अभी तक किसी को नहीं बताया था। आज आप किसी भूमि व वाहन खरीदने की भी तैयारी कर सकते हैं, जो आपके लिए उत्तम रहेगा। जीवनसाथी की तरक्की देख आप प्रसन्न रहेंगे। सायंकाल के समय आज आपके यहां अतिथि आगमन हो सकता है, जिसमें आप व आपके परिवार के सदस्य व्यस्त रहेंगे। आज माता पिता जी से कोई वाद विवाद हो, तो आपको उसमें चुप रहना ही बेहतर रहेगा। 

3--मिथुन  --राशि

आज आप धीमी गति से चल रहे अपने कारोबार को लेकर थोड़ा परेशान रहेंगे, जिसके लिए आप किसी से सलाह मशवरा भी कर सकते हैं, लेकिन यदि आप अपने पिताजी से भी सलाह मशवरा करेंगे, तो वह भी काफी हद तक आपकी परेशानियों से आपको मुक्ति दिलवा सकते हैं। नौकरी कर रहे जातकों को ध्यान से कार्य करना होगा, नहीं तो आपको किसी कार्य को पूरा करने में देर हो सकती हैं, जिसके कारण उन्हें अपने पिताजी से डांट खानी पड़ सकती है। आज आपको भाग्य का भरपूर साथ मिलने के कारण आप अपनी समस्याओं से बाहर निकलने में सफल रहेंगे। संतान को यदि कोई कोर्स करवाना चाहते हैं, तो उसके लिए आवेदन कर सकते हैं।

4----कर्क -- राशि

आज का दिन आपके लिए उत्तम रूप से फलदायक रहेगा। अविवाहित जातकों के लिए उत्तम विवाह के प्रस्ताव आएंगे। प्रेम जीवन जी रहे लोगों को आज अपने प्रिय से कोई खुशखबरी सुनने को मिल सकती है। परिवार में आज किसी सदस्य को सरकारी नौकरी मिलने से भी परिवार के सदस्यों में प्रसन्नता बनी रहेगी और त्यौहार जैसा माहौल रहेगा। विद्यार्थियों को शिक्षा में आ रही परेशानियों का हल ढूंढने के लिए अपने गुरुजनों से मदद लेनी होगी। आज आपको अपने खर्चे को अपनी आय को ध्यान में रखकर ही करना बेहतर रहेगा, नहीं तो बाद में उनकी धन कोष में कमी आ सकती है, जिसके कारण की आर्थिक स्थिति भी डगमगा सकती है, इसलिए आपको सावधान रहना होगा।

5--सिंह  ---राशि

आज आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना होगा ,क्योंकि आज खानपान की वजह से आपको कोई पेट संबंधित समस्या परेशान कर सकती है, इसलिए यदि आज घर में पकवान, मिठाई आदि बने, तो उन पर विशेष ध्यान रखें, नहीं तो आपको परेशान होना पड़ सकता है। सायंकाल का समय बच्चे आपके साथ घूमने जाने की फरमाइश कर सकते हैं, आप उन्हे मूवी माल आदिलेकर जा सकते हैं। यदि आज कहीं जाए, तो बहुत ही सावधानी से जाएं क्योंकि आपको कोई चोट लगने की संभावना बनती दिख रही है। नौकरी कर रहे जातकों को आज मन मुताबिक कार्य सौंपा जा सकता है।

6--कन्या ---राशि

आज का दिन आपके लिए और दिनों से बेहतर रहने वाला है, क्योंकि आज आपका यदि कोई कानूनी संबंधित मामला चल रहा था, तो उसमें दोपहर बाद आज आपका फैसला आपके पक्ष में आ सकता है, जिसकी प्रतिक्षा भी लंबे समय से कर रहे थे जिसके कारण आप और आपके परिवार के सदस्य प्रसन्न चित्त हो उठेंगे व आज आप किसी छोटे-मोटे पार्टी का आयोजन भी कर सकते हैं। आज आप अपने बातों पर ध्यान नहीं दे पाएंगे, जिसके कारण आपके जरूरी कार्य आगे के लिए टाल सकते हैं। शाम के समय आज आपकी माता जी को कुछ स्वास्थ्य समस्या हो सकती है। यदि उनके कष्टों में वृद्धि हो, तो आज डॉक्टरी परामर्श अवश्य लें।

7---तुला --राशि

आज का दिन आपके लिए सामान्य रहने वाला है। आज आपको कोई पुराना मित्र मिलने से आपका मन प्रसन्न रहेगा, लेकिन आपको उनसे बात करते समय ध्यान देना होगा व थोड़ा संभलकर करनी होगी, क्योंकि उन्हें आपकी कोई बात बुरी लग सकती है। किसी सामाजिक समारोह में भी आज आप हिस्सा ले सकते हैं।आज आप कुछ धन भी व्यय करेंगे, जिससे आपकी यश व कीर्ति में वृद्धि होगी। आज आपको अपने पारिवारिक जीवन में तालमेल बनाए रखने होगे, नहीं तो परिवार के सदस्यों में कोई आपसी घमासान छिड़ सकता है। आज आप अपनी शान शौकत के लिए भी कुछ धन व्यय करने की सोचेंगे, जिसमें आप सफल भी होंगे।

8--वृश्चिक  --राशि

आज का दिन विद्यार्थियों के लिए बेहतर रहने वाला है, क्योंकि विद्यार्थियों को शिक्षा में अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। यदि विद्यार्थी किसी नए कोर्स को करना चाहते हैं, तो उसमें भी उन्हें एडमिशन मिल सकता है। प्रेम जीवन जी रहे लोग आज अपने जीवनसाथी के साथ कहीं घूमने फिरने जा सकते हैं, लेकिन यदि आप अपने परिवार के सदस्यों से को बताकर जाए, तो बेहतर रहेगा। आज आपके व्यवसाय में यदि कुछ परेशानी आ रही थी, तो उन्हें आप अपने बड़े भाई अथवा बड़ी बहन की मदद से काफी हद तक दूर करने में सफल रहेंगे। ससुराल पक्ष से आज आपको किसी भी व्यक्ति से धन का लेनदेन करने से पहले सोच विचार करना होगा, नहीं तो बाद में यह आपके रिश्तो में दरार डलवा सकता है।

9----धनु ---राशि

आज का दिन आपके लिए मध्यम रूप से फलदायक रहेगा। यदि घर परिवार के किसी सदस्य से आपका कोई मनमुटाव चल रहा था, तो वह भी आज समाप्त होगा और उसे दूर कर आप एक दूसरे के गले मिलेंगे। यदि आप और आपके जीवनसाथी के बीच आज कोई बात बने, तो उसमें एक दूसरे से लड़ने से बेहतर होगा कि आप परिवार के सदस्यों के साथ बैठकर बातचीत करे, नहीं तो वह लंबा खिंच सकता है। छोटे बच्चे आज आपसे घूमने की फरमाइशे कर सकते हैं और आप उन्हे पूरी करते नजर आएंगे। आज आपको किसी पर भी भरोसा करने से पहले ध्यान देना होगा कि यह व्यक्ति भरोसे के लायक है या नहीं तो बाद में आपको धोखा मिल सकता है।

10---मकर  राशि

आज आप अपने पारिवारिक जीवन में संतुलन बनाए रखने में कामयाब रहेंगे। यदि आज आपने जीवन के किसी भी फैसले को जोश में लिया, तो बाद में आपको उसके लिए पछताना पड़ सकता है, इसलिए सावधान रहे। आपके जो कार्य लंबे समय से अटके हुए थे,तो आज आप उन्हे अपने मित्रों के सगे संबंधियों से बातचीत करके आज आप उन्हें पूरा करने की पूरी कोशिश कर सकते हैं। आज सायंकाल का समय आप अपने जीवनसाथी के साथ कुछ आवश्यकताओं की खरीदारी की वस्तुओं की शॉपिंग भी कर सकते हैं, जिसमें आपको एक बजट बनाकर चलना होगा। यदि आपने ऐसा नहीं किया, तो बाद में आपको धन के लिए परेशान होना पड़ सकता है।

11----कुंभ  राशि

आज आपकी वाणी की मिठास आपके चारों ओर के लोगों को आपका अपना बनाएंगी, जिसके कारण आपके मित्रों की संख्या में भी इजाफा होगा, जिसका बहुत बड़ा लाभ सामाजिक क्षेत्र में कार्यरत लोगों को होने वाला है। आपके पास जरूरी कार्य ज्यादा ना होने के कारण आप अपने परिवार के सदस्यों के साथ भी कुछ समय व्यतीत करेंगे, लेकिन आप अपने माता पिता के खराब स्वास्थ्य के कारण कुछ लोगों से भी मिलजुल सकते हैं। यदि आपने कुछ समय पहले शेयर बाजार अथवा लॉटरी में निवेश किया था, तो आज आपको वह धन लाभ दे सकता है।

12---मीन  राशि

आज का दिन आपके सुखों में वृद्धि का दिन रहेगा। आज आप अपने परिवार के किसी वजह सदस्य की सलाह को मानकर किसी नए व्यवसाय को भी कर सकते हैं, जिसमें आपको तरक्की मिलेगी व आपको धन लाभ भरपूर मात्रा में मिलेगा, जिसके कारण आप प्रसन्न रहेंगे व आपका मानसिक बोझ भी कम होगा। यदि आज आप किसी यात्रा पर जाने की तैयारी में है, तो परिवार के लोगों से बात करके व सलाह मशवरा करके की यात्रा आपके लिए सुखद व लाभदायक रहेगी, लेकिन रास्ते में आपको अपने जरूरी वह कीमती सामानों की सुरक्षा रखनी होगी, नहीं तो आपकी कोई प्रिय वस्तु चोरी हो सकती है।

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*आज का पंचांग* 

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 *दिनांक - 13 जनवरी 2022*

 *दिन - गुरुवार*

 *विक्रम संवत - 2078*

 *शक संवत -1943*

 *अयन - दक्षिणायन*

 *ऋतु - शिशिर* 

 *मास -  पौस*

 *पक्ष -  शुक्ल* 

 *तिथि - एकादशी शाम 07:32 तक तत्पश्चात द्वादशी*

 *नक्षत्र - कृत्तिका शाम 05:07 तक तत्पश्चात रोहिणी*

 *योग - शुभ दोपहर 12:35 तक तत्पश्चात शुक्ल*

  *राहुकाल -  दोपहर 02:10 से शाम 03:32 तक*

 *सूर्योदय - 07:19*

 *सूर्यास्त - 18:15*

 *दिशाशूल - दक्षिण दिशा में*

 *व्रत पर्व विवरण - पुत्रदा एकादशी, तैलंग स्वामी जयंती, लोहड़ी पर्व (पंजाब हिमाचल प्रदेश, जम्मू- कश्मीर)*

 *विशेष - हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l  (संपूर्ण विष्णु सहस्त्रनाम पाठ  राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।*

 *आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*

 *एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।*

 *एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।*

 *जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते है 


 *पुत्रदा एकादशी* 

 *पुत्रदा एकादशी ( पुत्र की इच्छा से व्रत करनेवाला पुत्र पाकर स्वर्ग का अधिकारी हो जाता है | सब पापों को हरनेवाले इस व्रत का माहात्म्य पढ़ने व सुनने से अग्निष्टोम यज्ञ का फल मिलता है | 


 *14 जनवरी 2022 शुक्रवार को (पुण्यकाल दोपहर 02:30 से सूर्यास्त तक) मकर संक्रान्‍ति (उत्तरायण) है।*===============

     जोतिर्विद वास्तु दैवज्ञ 

              पंडित

      मनोज कृष्ण शास्त्री 

           9993874848

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