मंगलवार, 20 जुलाई 2021

चिटफंड कंपनियों के खिलाफ जिला प्रशासन की बड़ी कार्यवाही, कलेक्टर ने 4 चिटफंड कंपनियों की संपत्तियों की कुर्की के दिए आदेश, कंपनियों से 3 करोड़ 61 लाख रुपए की राशि होगी वसूल

होशंगाबाद -: वित्तीय लेनदेन में गड़बड़ी करने वाली चिटफंड कंपनियों के खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा बड़ी कार्रवाई की गई है। कलेक्टर धनजंय सिंह ने पीड़ितो की शिकायतों पर कार्यवाही कर इटारसी शहर में संचालित ऐसी 4 चिटफंड कंपनियों की विभिन्न जिलों एवं प्रदेश में स्थित संपत्तियों की कुर्की करने और कंपनियों के संचालकों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण (एफआईआर) दर्ज करने के आदेश पारित किए है। न्यायालय कलेक्टर होशंगाबाद द्वारा मध्यप्रदेश में निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 के तहत चिटफंड कंपनियों के विरूद्ध कार्रवाई की गई है। इन चिटफंड कंपनियों से कुल 3 करोड़ 61 लाख 14 हजार 921 रुपए की राशि मय ब्याज 12 प्रतिशत से वसूली की जाएगी।

चिटफंड कंपनियों व संचालकों के विरूद्ध की गई कार्यवाही

इटारसी शहर में संचालित चिटफंड कंपनी मालवांचल लिमिटेड नई दिल्ली की विभिन्न जिलों व प्रदेशों में स्थित संपत्तियों की कुर्की करने तथा कंपनी के डायरेक्टर अमित कुमार रत्नाकर, नंदन रत्नाकर, दिलीप सेन के विरुद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। इसी तरह इटारसी शहर में ही संचालित यू एस के इंडिया लिमिटेड इंदौर तथा इनके डायरेक्टर विश्वराम सिंह तोमर, उमेश नरवरिया संजय वर्मा, पप्पू पटेल, कंपनी एम जे लैंड डेवलपर्स लिमिटेड ग्वालियर तथा इनके संचालक संतोष लाल राठौर, कंचन रजावत कुशवाहा, निर्मला राठौर, मधुरा भाई राठौर, गोपाल प्रसाद गुप्ता, दिलीप जैन, सुनील सिंह, सुनील सिंह कुशवाह तथा साईं दीप फ्यूचर स्टेट डेवलपर्स इंडिया लिमिटेड झारखंड वाइन व कंपनी के संचालक सीएमडी भूपेंद्र कुमार साहू, एमडी दिलीप कुमार साहू, जीएम विपुलकुमार, विजय प्रकाश श्रीवास्तव, घनश्याम प्रसाद जोशी, भागीरथ प्रसाद आदि के विरुद्ध के निक्षेपकों हितों के संरक्षण अधिनियम 2000 के तहत कार्रवाई की गई है। प्रत्येक अनावेदक कंपनी पर 1-1 हजार रुपए के जुर्माना के साथ ही प्रत्येक डायरेक्टर को तीन-तीन माह की सजा एवं पूर्व तथा वर्तमान डायरेक्टर के विरुद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए है।

3 करोड़ 61 लाख रुपए की होगी वसूली

चिटफंड कंपनी मालवांचल लिमिटेड नई दिल्ली से 39 लाख 96 हजार 900, यूएस के इंडिया लिमिटेड इंदौर से 1 करोड़ 88 लाख 55 हजार 856 एमजे लैंड डेवलपर्स लिमिटेड ग्वालियर से 1 करोड़ 8 लाख 72 हजार 900, साईं दीप फ्यूचर स्टेट डेवलपर्स इंडिया लिमिटेड झारखंड 23 लाख 89 हजार 265 इस प्रकार कुल 3 करोड़ 61 लाख 14 हजार 921 रुपए की राशि मय ब्याज 12 प्रतिशत से वसूली जाएगी।

सोमवार, 19 जुलाई 2021

वन्य-जीव अधिनियम में 13 आरोपियों को 7-7 वर्ष का कठोर कारावास, विशेष न्यायालय का फैसला

सागर-:विशेष न्यायालय सागर द्वारा वन्य-जीव संरक्षण के तहत 13 आरोपियों को वन्य-जीव संरक्षण अधिनियम-1972 की विभिन्न धाराओं में दोषी मानते हुए 7-7 वर्ष का कठोर कारावास और अधिकतम 5 लाख रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। यह आदेश विशेष न्यायालय सागर द्वारा लम्बी सुनवाई के बाद सोमवार 19 जुलाई को निर्णय सुनाया गया।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य-प्राणी) आलोक कुमार ने बताया कि स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स (एसटीएसएफ) की सागर इकाई द्वारा अंतर्राष्ट्रीय वन्य-प्राणी तस्करी में लिप्त चार राज्य से आरोपियों को वर्ष 2017 में गिरफ्तार किया गया था। इन आरोपियों द्वारा दुर्लभ विलुप्तप्राय वन्य-प्राणी पेंगोलिन एवं तिलकधारी कछुआ और उनके अवयवों की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चीन, थाईलैण्ड, हांगकांग, बांग्लादेश, श्रीलंका, मेडागास्कर आदि देशों में अवैध व्यापार पिछले एक दशक से किया जा रहा था।

आलोक कुमार ने बताया कि STF द्वारा की गई जाँच में यह पाया गया कि इन आरोपियों द्वारा इस अवैध व्यापार से तकरीबन 4 करोड़ की राशि के लेन-देन के साथ ही लगभग 91 हजार प्रतिबंधित प्रजाति के वन्य-प्राणी कछुओं का अवैध व्यापार किया जाना पाया गया।

एसटीएसएफ द्वारा अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए गिरोह के मुख्य सरगना को चैन्नई से जनवरी-2018 में गिरफ्तार किया गया था।

उल्लेखरनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय की सतत निगरानी में पिछले 2 वर्ष से सुनवाई की जा रही है। वन्य-प्राणियों के अवैध व्यापार का देश में पहला मामला है, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय के सतत निगरानी में प्रकरण की सुनवाई की गई। वन्य-प्राणियों की तस्करी में उपयोग किये गये वाहन मर्सडीज बेन्ज (लगभग 50 लाख) महंगे एप्पल कम्पनी के मोबाइल भी जप्त किये गये थे।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य-प्राणी) आलोक कुमार ने इस प्रकरण में विभाग को मिली सफलता में वन विभाग का पक्ष रखने वाले वनाधिकारियों और अभियोजन अधिकारियों को पुरस्कृत किया जायेगा।


26 जुलाई से 11वीं एवं 12वीं कक्षाएँ तथा 5 अगस्त से 9वीं एवं 10 वीं की कक्षाएँ आरंभ होंगी ,50 प्रतिशत क्षमता के साथ लगेंगे स्कूल

मध्यप्रदेश-:मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोविड अनुकूल व्यवहार का सख्ती से पालन सुनिश्चित करते हुए आगामी 26 जुलाई से स्कूलों में 11वीं एवं 12वीं की कक्षाएँ एवं छात्रावास आरंभ किये जायेंगे। कक्षा 9वीं एवं 10वीं की कक्षाएँ 5 अगस्त से प्रारंभ की जाएंगी।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सभी स्कूल 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ प्रारंभ होंगे। जुलाई महीने में सप्ताह में 2 दिन तथा अगस्त माह में विद्यार्थी सप्ताह में 4 दिन विद्यालय आ सकेंगे। कक्षाएँ खोली जाने के संबंध में क्राइसिस मैनेजमेंट समूह स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार निर्णय ले सकेंगे। स्कूलों और छात्रावास में कोविड-19 अनुकूल व्यवहार अपनाने के लिये पृथक से एसओपी जारी की जा रही है।

मुख्यमंत्री चौहान आज मंत्रालय में स्कूल शिक्षा एवं उच्च शिक्षा विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा अनुपम राजन, आयुक्त लोक शिक्षण जयश्री कियावत आदि उपस्थित थे।

कक्षा 12वीं के लिये कोचिंग सेन्टर 5 अगस्त से खुलेंगे

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कक्षा 12वीं के लिये कोचिंग सेन्टर 5 अगस्त से 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खुल सकेंगे। क्राइसिस मैनेजमेंट समूहऔर स्थानीय प्रशासन द्वारासतत् मॉनिटरिंग की जायेगी।सभी कोचिंग सेन्टर को कोविड-19 गाइड लाइन का पालन करना आवश्यक होगा।

महाविद्यालयों में 1 सितम्बर से नवीन शिक्षा सत्र

प्रदेश के महाविद्यालयों में 1 सितम्बर से नवीन शिक्षा सत्र आरंभ होगा। वर्तमान में ओपन बुक पद्धति से परीक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप महाविद्यालयों में 50 प्रतिशत क्षमता के साथ ऑफलाइन कक्षाओं का संचालन किया जाएगा।

सभी शिक्षकों एवं कर्मचारियों का टीकाकरण कराये

मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि स्कूलों एवं महाविद्यालयों के सभी शिक्षकों एवं कर्मचारियों का अभियान चलाकर शत-प्रतिशत टीकाकरण कराया जाए। इसी के साथ अधिक से अधिक विद्यार्थियों का टीकाकरण कराया जाये।

पालकों की सहमति आवश्यक

मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि स्कूलों एवं महाविद्यालयों में कक्षाओं में विद्यार्थियों को भिजवाने के लिए उनके पालकों की सहमति आवश्यक होगी।


पेड़ हैं तो हम हैंः- प्रधान जिला न्यायाधीश उपाध्याय

कटनी-:मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार एवं श्यामाचरण उपाध्याय, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश व अध्यक्ष के मार्गदर्शन में तथा दिनेश कुमार नोटिया जिला न्यायाधीश/सचिव एवं मनीष कौशिक, जिला विधिक सहायता अधिकारी, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के दिशा-निर्देशन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं दैनिक भास्कर समूह के संयुक्त तत्वाधान में सोमवार को ‘‘पंच ज‘‘ अभियान अंतर्गत जिला न्यायालय परिसर में विविध प्रकार के फलदार एवं औषधि पौधों का वृक्षारोपण किया गया।


प्रधान जिला एंव सत्र न्यायाधीश द्वारा कोरोना महामारी का स्मरण कराते हुये सभी अधिकारीगण को ऑक्सीजन की आवश्यकता को याद दिलाते हुये सभी से अनुरोध किया कि पर्यावरण संरक्षण हेतु वृक्षारोपण करें एवं रोपित पौधों का लालन-पालन अपने बच्चों की तरह करें।

राज्य प्राधिकरण द्वारा संचालित ‘‘पंच-ज‘‘ अभियान के अंतर्गत जिला न्यायालय परिसर कटनी में कई प्रकार के फलदार, औषधिनुमा, इमारती पौधे लगवाये गए है। इसके साथ ही संपूर्ण कटनी में जिले से लेकर तहसील स्तर तक पौधारोपण हेतु आमजन को इस मुहिम में जनभागीदारी किये जाने हेतु आवाहन किया।

उक्त अवसर पर जिला न्यायालय कटनी के न्यायाधीशगण, पत्रकार बंधुओं के साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कटनी के कर्मचारीगण एवं पैरालीगल वालेंटियर्स की सहभागिता रही।

विभागों में लंबित मामलों का गंभीरता से करें निराकरण - कलेक्टर

कटनी-:सोमवार को कलेक्ट्रेट में समय सीमा की बैठक आयोजित हुई। बैठक में कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने पिछली समय सीमा की बैठक में दिये गये निर्देशों के पालन प्रतिवेदन का रिव्यू किया। साथ ही सीएम हेल्पलाईन, सीएम हाउस, सीएम मॉनिट एवं जन शिकायत निवारण और पीजीआर के प्रकरणों की विस्तार से समीक्षा की। साथ ही कई स्पष्ट और सख्त निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये।

            बैठक में सेन्ट्रल पीजीआर में प्राप्त शिकायतों का निराकरण गंभीरता से करने के लिये कलेक्टर ने निर्देशित किया। अब तक लंबित समस्त पीजीआर के मामलों में संबंधित अधिकारियों को एक-एक वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने संबंधित कारण बताओ सूचना पत्र जारी करने के आदेश भी कलेक्टर ने दिये।

सीएम हेल्पलाईन की समीक्षा भी सोमवार को कलेक्टर ने विभागवार की। जिस पर अच्छा कार्य करने वालों की जहां श्री मिश्रा ने प्रशंसा की। वहीं बॉटम-5 के लोगों को एससीएन जारी करने के लिये निर्देशित किया। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आ रही बिजली की समस्याओं का निराकरण बेहतर ढंग से करने के निर्देश एमपीईबी के अधिकारियों को कलेक्टर ने दिये।

पन्द्रहवे वित्त से कोविड की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर स्वास्थ्य सुविधायें दुरुस्त करने के उद्देश्य से ग्रामीण क्षेत्रों में पीएचसी और सीएचसी में हो रहे कार्यों को तेजी से पूरा करने के आदेश भी कलेक्टर ने दिये। उन्होने कहा कि इस कार्य में ढिलाई ना बरतें। अगर उपयंत्री काम नहीं कर रहे हैं, तो उन्हें नोटिस दें। क्रियान्वयन एजेन्सी के जिला अधिकारी, इसका प्रतिदिन रिव्यू करें। साथ ही मौके पर जाकर निरीक्षण भी करें।

जल जीवन मिशन की समीक्षा के लिये पूर्व तैयारियां सुनिश्चित कर समीक्षा बैठक आयोजित करने के निर्देश टीएल मीटिंग में कलेक्टर ने दिये। उन्होने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग को भी बैठक में बुलायें। शेष सभी एैसे विभाग, जिनकी ग्राम पंचायतों में परिसंपत्तियां हैं, उनकी जानकारी भी पीएचई को उपलब्ध करायें।

एमपी माय गोव के माध्यम से शीघ्र ही जिला खनिज प्रतिष्ठान मद कटनी के लिये लोगो डिजाईन को लेकर प्रतियोगिता आयोजित कराने के निर्देश टाईम लिमिट की बैठक में कलेक्टर ने जनसम्पर्क विभाग को दिये। बैठक में अंकुर अभियान की समीक्षा भी श्री मिश्रा ने की। उन्होने कहा कि सभी संबंधित विभाग इस अभियान से जुड़ें। इस अभियान में जनसहभागिता जरुरी है। हम पौधे लगायें और उनका संरक्षण भी करें।

शासकीय लोक सेवकों की सेवानिवृत्ति के पश्चात उनके स्वायत्तों के भुगतान में विलंब ना हो, यह निर्देश भी टीएल प्रकरणों की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने दिये। उन्होने कहा कि अपर कलेक्टर रेण्डमली एैसे प्रकरणों की जांच भी करते रहें। सभी जिला अधिकारी भी यह सुनिश्चित करें कि उनके विभाग के स्तर पर इस कार्य में विलंब ना हो।

टीएल बैठक में मुख्यमंत्री की घोषणाओं का रिव्यू भी कलेक्टर ने किया। उन्होने सभी अधिकारियों को जिले के विभिन्न विभागों से जारी होने वाले पत्रों को गंभीरता से लेने और मांगी गई जानकारी समय सीमा में उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। संभावित दिशा की बैठक की तैयारियों को पूर्ण करने के लिये निर्देशित किया। जिला अस्पताल में लगाये गये मेडिकल ऑक्सीजन प्लान्ट का पूर्ण प्रशिक्षण ऑक्सीजन टैक्नीशियन को कराने के निर्देश दिये।

स्वामित्व योजना, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के हो रहे कार्यों, मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकंपा नियुक्ति योजना, कोविड वेक्सीनेशन, आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम सहित अन्य विषयों की समीक्षा भी समय सीमा की बैठक में कलेक्टर ने की। साथ ही संबंधितों को आवश्यक निर्देश भी दिये।

इस दौरान सीईओ जिला पंचायत जगदीश चन्द्र गोमे, अपर कलेक्टर रोमोनुस टोप्पो सहित अन्य संबंधित विभागों के जिला अधिकारी भी उपस्थित रहे।

हाइवे पर पड़ने वाली पंचायतों पर जहां मार्ग पर पशु बैठते हैं, उन्हें गौशालाओं में शिफ्ट किया जायें-कलेक्टर

दमोह-:जिले के सभी पात्र व्यक्तियों के आयुष्मान कार्ड बन जायें। जहां दिक्कत आयें उन प्रकरणों को सीएससी या जिला अस्पताल भेजे। इसी प्रकार पात्रता पर्ची के कार्य में वांछित प्रगति समय-सीमा में लाई जायें। उक्ताशय के निर्देश कलेक्टर एस. कृष्ण चैतन्य ने सीईओ जनपदों को दिये है। उन्होंने जनपदवार जानकारी भी ली। चैतन्य साप्ताहिक समय-सीमा बैठक में दिशा निर्देश दे रहे थे। बैठक में सीईओ जिला पंचायत अजय श्रीवास्तव, एडीशनल कलेक्टर नाथूराम गौड़ विशेष रूप से मौजूद रहे।

            कलेक्टर एस. कृष्ण चैतन्य ने सभी सीईओ जनपदों से कहा स्टेट और नेशनल हाइवें पर पड़ने वाली पंचायतों पर जहां मार्ग पर पशु बैठते हैं, उन्हें गौशालाओं में शिफ्ट किया जायें। इसी तरह नगरपालिका अधिकारियों को भी कार्रवाई के निर्देश दिये गये। उन्होंने राजस्व अधिकारियों से कहा 22 जुलाई के पूर्व डायवर्सन आदि सभी कार्रवाईयां निर्देशानुसार कर ली जायें, साथ ही डायवर्सन की भी इंट्री सुनिश्चित करा ली जायें। कलेक्टर ने राजस्व वसूली के निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा वे इसकी ऑनलाइन प्रगति प्रतिदिन चाहेंगे।

            कलेक्टर एस. कृष्ण चैतन्य ने कहा कोरोना अभी गया नहीं है, केस फिर मिलना शुरू हो गये है। जो भी व्यक्ति मास्क नहीं पहन रहे है, उनके विरूद्ध चालानी कार्रवाई की जायें। उन्होंने कहा कोविड प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करवाया जायें। यह कार्रवाई सभी राजस्व अधिकारी और नगरीय और ग्रामीण निकाय के अधिकारी सुनिश्चित करायें।

            जिला कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से कल एक मरीज सामने आया है, की पूरी जानकारी लेकर कहा मरीज जिला अस्पताल और प्राइमरी कॉन्टेक्ट को कोविड केयर सेंटर में उनकी रिपोर्ट आने तक रखा जायें। डॉ. त्रिवेदी ने बताया कल जो मरीज सामने आया है, वह महिला है, उसके संपर्क में 20 व्यक्ति आये हैं, ट्रेस कर निर्देशानुसार कार्रवाई की जा रही है।

            सी.एम. हेल्पलाइन की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने कहा सभी विभाग प्रतिदिन निराकृत कर इंट्री करें। उन्होंने कहा इस कार्य में कोताही बर्दास्त नहीं की जायगी। साथ ही उन्होंने अन-अटेंडेट प्रकरणों में की गई जुर्माना राशि तत्काल जमा कराये जाने के निर्देश दिये। साथ ही अटल भू-जल के संबंध में कृषि और राजस्व विभाग को आज ही जानकारी मुहैया करानें के लिए कहा गया।

            कलेक्टर एस. कृष्ण चैतन्य ने प्रधानमंत्री स्व-निधि (स्ट्रीट वेंडर योजना) की समीक्षा करते हुए कहा 2874 लक्ष्य है, तदानुसार 31 जुलाई तक लक्ष्य प्राप्त कर लिया जायें। उन्होंने परियोजना अधिकारी शहरी विकास अभिकरण को  प्रतिदिन सभी बैंकों में प्रकरण और हितग्राही भेजने और वांछित कार्रवाई सुनिश्चित करवानें के लिए कहा। चैतन्य ने एलडीएम से कहा वें स्वीकृति और वितरण करवायें। यह भी कहा है विद्युत विभाग पेयजल योजनाओं में देखें बिजली आपूर्ति न होने कारण बंद न रहे। बैठक में व्हीसी के माध्यम से तहसीलों से राजस्व और जनपदों के अधिकारी जुड़े रहे।

शुक्रवार, 16 जुलाई 2021

"मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय, जबलपुर और इंदौर-ग्वालियर स्थित बेंच में अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग"

मध्यप्रदेश -:कोर्ट रूम की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग दुनिया भर में एक बहुत ही बहस का विषय रहा है, लेकिन ज्यादातर देशों में न्यायिक प्रतिष्ठानों के साथ, विशेष रूप से लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के साथ, इसी के पक्ष में फैसला सुनाया गया है। सर्वोच्च न्यायालय ने स्वप्निल त्रिपाठी मामले में निर्णय कार्यवाही का सीधा प्रसारण करके अदालत कक्ष में और अधिक पारदर्शिता की दिशा में एक कदम की मुखर वकालत की है। निर्णय को न केवल इसकी दूरदर्शिता के लिए बल्कि उस शोध और विचार-विमर्श के लिए भी एक मील का पत्थर माना जा सकता है।

मध्यप्रदेश के उच्च न्यायालय, जबलपुर ने उच्च न्यायालय की अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग के लिए पहल की है और लाइव स्ट्रीमिंग का पायलट 21 जून 2021 से मुख्य न्यायाधीश की अदालत में शुरू हुआ एवं 28 जून 2021 से मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री न्यायमूर्ति मोहम्मद रफीक की खंडपीठ-I से उच्च न्यायालय की अदालती कार्यवाही की अंतिम लाइव स्ट्रीमिंग शुरू की गई है। उच्च न्यायालय की वेबसाइट के माध्यम से डिजिटल प्लेटफॉर्म "यूट्यूब" का उपयोग करते हुए और सभी संबंधित हितधारकों को इसका लाभ देते हुए अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग उपलब्ध है। 15 जुलाई 2021 की स्थिति में मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर एवं न्यायपीठ इंदौर और ग्वालियर में कुल 10 न्यायालयों की कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया जा रहा है। साथ ही योजना बनाई गई है कि जुलाई, 2021 माह के अंत तक समस्त न्यायालयों की न्यायालय कार्यवाही मध्यप्रदेश, जबलपुर के उच्च न्यायालय और इंदौर-ग्वालियर स्थित खंडपीठ का सीधा प्रसारण किया जाएगा।

इसी तरह, उच्च न्यायालय ने प्रदेश के 50 जिला और सत्र न्यायालयों एवं 157 तहसील न्यायालयों में एकीकृत वीडियो निगरानी प्रणाली (आईवीएसएस) और कोर्ट रूम लाइव ऑडियो-विजुअल स्ट्रीमिंग सिस्टम (CLASS) को लागू करने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं। इनमें आईवीएसएस कार्यान्वयन में वीडियो प्रबंधन प्रणाली, एक्सेस कंट्रोल सिस्टम, विज़िटर स्क्रीनिंग सिस्टम और वीडियो मॉनिटरिंग सिस्टम, विभिन्न तकनीकों का एकीकरण, स्थानीय और वाइड एरिया नेटवर्क, कोर्ट रूम ऑडियो-विज़ुअल रिकॉर्डिंग सिस्टम, संग्रह और लाइव के साथ ऑन-डिमांड स्ट्रीमिंग सेट-अप, जबलपुर में डेटा सेंटर और कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की स्थापना और इंदौर में डिजास्टर रिकवरी सेट-अप, सुविधा प्रबंधन सेवाएं और 5 साल की अवधि के लिए सिस्टम का संचालन और रखरखाव शामिल है।

यह प्रोजेक्ट एमपीएचसी वेबसाइट के माध्यम से वीडियो-ऑन-डिमांड के आधार पर रिकॉर्डिंग, लाइव-स्ट्रीमिंग, संग्रह, इसकी पुनर्प्राप्ति के लिए एक समाधान की परिकल्पना और जिला न्यायपालिका की अदालती कार्यवाही से जुड़े ऑडियो-विजुअल कंटेंट के एमपीएचसी के सीआईएस (केस इंफॉर्मेशन सिस्टम) के साथ इंटीग्रेशन करता है।