बुधवार, 4 अगस्त 2021

बाढ़ में फसे ग्रामीणों की जान बचाने गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने खुद संभाला मोर्चा,लोगों को सुरक्षित एयरलिफ्ट कराने तक खुद जोखिमो के बीच डटे रहे गृहमंत्री

भोपाल। बाढ़ की विभीषिका से जूझ रहे दतिया जिले में ग्रामीणों के बुरी तरह घिर जाने की खबर ने प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को इस कदर परेशान कर दिया, उन्होंने तत्काल प्रशासन को एनडीआरएफ दल को भेजने के निर्देश देते ही मौका स्थल के लिए रवाना हुए ।दतिया जिले के कोटरा गांव में 9 लोगों के बाढ़ से पूरी तरह से घिरने के कारण लगातार बढ़ते खतरे के बाद गृहमंत्री मिश्रा ने एनडीआरएफ दल के साथ खुद मोर्चा संभाला ,यह जानते हुए भी की बाढ़ का पानी तेजी से बढ रहा है उन्होंने खुद की जान की परवाह किये वगैर लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के फर्ज को सबसे ऊपर रखा और बाढ़ में फसी 3 महिला और 6 पुरुषों को एयर लिफ्ट कराकर सुरक्षित स्थान पंहुचाया  कराया।जिसके बाद में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को  हेलीकॉप्टर में एयर लिफ्ट किया इस तरह से 9 लोगो की जान बचाई जा सकी । इस दौरान जहां पीड़ित ग्रामीणजन श्री मिश्रा की हिम्मत और मदद को देखकर भावुक हो गए वहीं रेस्क्यू पूरा होंने पर प्रशासन ने राहत की सांस ली।आज के गम्भीर हालातों में नरोत्तम मिश्रा जो किया है उससे अपने आप ही सिद्ध हो गया कि वे जनता के लिए हर क्षण संकटमोचक की भूमिका में है ।

बुधवार, 28 जुलाई 2021

शासकीय महाविद्यालय बड़वारा में कोविड -19 टीकाकरण महाअभियान अंतर्गत शिविर का आयोजन, स्थानीय लोगो सहित छात्र छात्राओ ने उत्साह पूर्वक कराया वेक्सिनेशन

बड़वारा-:शासकीय महाविद्यालय बड़वारा , कटनी में शासन के निर्देशानुसार कोविड -19 टीकाकरण महाअभियान अंतर्गत दिनांक 28.07.2021 को टीकाकरण शिविर लगाया गया । बड़वारा की स्वास्थ्य विभाग की टीम-रोशनी पटेल ( सी.एच.ओ. ) ,  आरती श्रीवास्तव ( ए.एन.एम. ) एवं  सुदर्शन पाटकर ( सुपर वाइजर ) के द्वारा महाविद्यालय में प्रातः 10:30 बजे से शाम 05:00 बजे तक महाविद्यालय के छात्र / छात्राओं व अन्य स्थानीय लोगों को रजिस्ट्रेशन कर कोविड -19 का टीका लगाया गया । महाविद्यालय में कोविडशील्ड का प्रथम व द्वितीय डोज लगाया गया । टीकाकरण में महाविद्यालय के छात्र / छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया । टीकाकरण के दौरान महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ . रोशनी पाण्डेय , संयोजक  लवकुश सिंह , डॉ . आदित्य गढ़ेवाल , डॉ . शाहीन खान , डॉ . रामनरेश वर्मा , रामकिशोर आर्य , मनीष कुमार पाण्डेय ,  मुकेश झारिया , अनुपमा किरो व अन्य स्टाफ एवं कर्मचारी रविन्द्र कुमार महोबिया , संजय बर्मन , रिंकू उपस्थित रहे ।

रविवार, 25 जुलाई 2021

पॉलीटेक्निक के सात विद्यार्थियों को चेन्नई में मिली नौकरी,कंपनी ने दिया हवाई टिकट,पहली बार हवाई यात्रा से रोमांचित हैं विद्यार्थी

बैतूल-:शासकीय पॉलीटेक्निक महाविद्यालय बैतूल के सात विद्यार्थियों का चयन चेन्नई स्थित महाले आनंद फ़िल्टर सिस्टम्स प्रा लि में हुआ है। कंपनी ने जॉइनिंग के लिए सभी को हवाई  टिकट उपलब्ध करवाया। चयनित विद्यार्थी शिवम मसत्कार, दीपिका पवार, साक्षी, विष्णु साहू, अभिषेक, मो ताल्हा खान और अंकित पवार है। चयनित विद्यार्थी अपने जीवन की पहली हवाई यात्रा से काफी रोमांचित थे। सभी ने उक्त कंपनी में कार्य प्रारंभ कर दिया है।  ये सभी विद्यार्थी पंचम सेमेस्टर में ही चयनित हो गए हैं तथा अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा ऑनलाइन देंगे। 

महाविद्यालय के अन्य पाठ्यक्रमो के विद्यार्थियों में इलेक्ट्रिकल , मैकेनिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांच के सभी विद्यार्थियों का प्रतिष्ठित कंपनियों में चयन हो गया है। यह प्रक्रिया अभी भी जारी है जिस से विद्यार्थी अपनी पसंद की प्रतिष्ठित कंपनी का चयन कर सकें। अधिकांश विद्यार्थियों का चयन दो से अधिक कंपनी में हुआ है।

शनिवार, 24 जुलाई 2021

विधुत विभाग को पत्र लिख कहा शीघ्र बदले जाए खराब ट्रांसफार्मर - पदमेश गौतम सांसद प्रतिनिधि

उमरियापान-: शहडोल सांसद श्रीमति हिमाद्री सिंह के बडवारा विस के प्रतिनिधि पदमेश गौतम ने पूर्व क्षेत्र विधुत वितरण कंपनी के अधीक्षण यंत्री को लिखकर विधानसभा क्षेत्र में खराब पडे ट्रांसफार्मर को शीघ्र बदलने पत्र लिखा है। उन्होंने बताया कि बडवारा विस क्षेत्र के अंतर्गत विधुत वितरण केंद्र उमरियापान, ढीमरखेडा, सिलौडी, बडवारा, खितौली एवं वितरण केंद्र स्लीमनाबाद में व्यापक पैमाने पर ट्रांसफार्मर फेल हैं। जिनकी संख्या 100 से अधिक है। जिसमें केवल ढीमरखेडा क्षेत्र में ही कलीब 50 ट्रांसफार्मर फेल हैं। 

वहीं ढीमरखेडा तहसील के ग्राम खाम्हा, देवरी, अंतर्वेद, सगमा एवं ग्राम इटौली ऐसे गांव हैं, जहां सभी ट्रांसफार्मर खराब होने के कारण शाम ढलते ही पूरा गांव अंधकार में डूब जाता है। जिसके कारण ग्रामीणों को बेहद परेशानियों का सामना करना पड रहा है।

बुधवार, 21 जुलाई 2021

देश में पहली बार मध्यप्रदेश में दूध टैंकरों पर लगेंगे डिजिटल ताले, पशुपालन मंत्री ने की को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन के कार्यों की समीक्षा

मध्यप्रदेश-:दूध के टैंकरों में मिलावट को रोकने के लिये एम.पी. स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन दूध का संकलन करने वाले टैंकरों में डिजिटल लॉक और व्हीकल ट्रेकिंग सिस्टम लगायेगा। पशुपालन एवं डेयरी विकास मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने आज डेयरी फेडरेशन की गतिविधियों की समीक्षा करते हुए बताया कि ऐसा करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा। श्री पटेल ने कहा कि लम्बे समय से दूध के टैंकरों में मिलावट की शिकायतें मिल रही थीं। इससे मिलावट पर प्रभावी अंकुश लगेगा और दूध की गुणवत्ता बरकरार रहेगी। अपर मुख्य सचिव श्री जे.एन. कंसोटिया, प्रबंध संचालक श्री शमशुद्दीन और वरिष्ठ अधिकारी बैठक में मौजूद थे।

मंत्री पटेल ने बताया कि अप्रैल-जून, 2021 में प्रदेश के दुग्ध संघों द्वारा 8 लाख 35 हजार 959 लीटर दूध संकलित किया गया। इनमें भोपाल दुग्ध संघ द्वारा 2 लाख 87 हजार 333, इंदौर दुग्ध संघ द्वारा 3 लाख 12 हजार 369, उज्जैन दुग्ध संघ एक लाख 37 हजार 122, ग्वालियर दुग्ध संघ 22 हजार 290, जबलपुर दुग्ध संघ 49 हजार 285 और बुंदेलखण्ड दुग्ध संघ द्वारा 27 हजार 560 लीटर दूध का संकलन किया गया। इस अवधि में दुग्ध संघों द्वारा 5 लाख 99 हजार 810 लीटर दूध का विक्रय किया गया, जिनमें सर्वाधिक विक्रय 2 लाख 82 हजार 299 भोपाल दुग्ध संघ द्वारा और 2 लाख 11 हजार लीटर इंदौर दुग्ध संघ द्वारा किया गया। विक्रय से बचा हुआ 2 लाख 36 हजार 149 लीटर दूध दूसरे राज्यों को भेजा गया।

मंगलवार, 20 जुलाई 2021

चिटफंड कंपनियों के खिलाफ जिला प्रशासन की बड़ी कार्यवाही, कलेक्टर ने 4 चिटफंड कंपनियों की संपत्तियों की कुर्की के दिए आदेश, कंपनियों से 3 करोड़ 61 लाख रुपए की राशि होगी वसूल

होशंगाबाद -: वित्तीय लेनदेन में गड़बड़ी करने वाली चिटफंड कंपनियों के खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा बड़ी कार्रवाई की गई है। कलेक्टर धनजंय सिंह ने पीड़ितो की शिकायतों पर कार्यवाही कर इटारसी शहर में संचालित ऐसी 4 चिटफंड कंपनियों की विभिन्न जिलों एवं प्रदेश में स्थित संपत्तियों की कुर्की करने और कंपनियों के संचालकों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण (एफआईआर) दर्ज करने के आदेश पारित किए है। न्यायालय कलेक्टर होशंगाबाद द्वारा मध्यप्रदेश में निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 के तहत चिटफंड कंपनियों के विरूद्ध कार्रवाई की गई है। इन चिटफंड कंपनियों से कुल 3 करोड़ 61 लाख 14 हजार 921 रुपए की राशि मय ब्याज 12 प्रतिशत से वसूली की जाएगी।

चिटफंड कंपनियों व संचालकों के विरूद्ध की गई कार्यवाही

इटारसी शहर में संचालित चिटफंड कंपनी मालवांचल लिमिटेड नई दिल्ली की विभिन्न जिलों व प्रदेशों में स्थित संपत्तियों की कुर्की करने तथा कंपनी के डायरेक्टर अमित कुमार रत्नाकर, नंदन रत्नाकर, दिलीप सेन के विरुद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। इसी तरह इटारसी शहर में ही संचालित यू एस के इंडिया लिमिटेड इंदौर तथा इनके डायरेक्टर विश्वराम सिंह तोमर, उमेश नरवरिया संजय वर्मा, पप्पू पटेल, कंपनी एम जे लैंड डेवलपर्स लिमिटेड ग्वालियर तथा इनके संचालक संतोष लाल राठौर, कंचन रजावत कुशवाहा, निर्मला राठौर, मधुरा भाई राठौर, गोपाल प्रसाद गुप्ता, दिलीप जैन, सुनील सिंह, सुनील सिंह कुशवाह तथा साईं दीप फ्यूचर स्टेट डेवलपर्स इंडिया लिमिटेड झारखंड वाइन व कंपनी के संचालक सीएमडी भूपेंद्र कुमार साहू, एमडी दिलीप कुमार साहू, जीएम विपुलकुमार, विजय प्रकाश श्रीवास्तव, घनश्याम प्रसाद जोशी, भागीरथ प्रसाद आदि के विरुद्ध के निक्षेपकों हितों के संरक्षण अधिनियम 2000 के तहत कार्रवाई की गई है। प्रत्येक अनावेदक कंपनी पर 1-1 हजार रुपए के जुर्माना के साथ ही प्रत्येक डायरेक्टर को तीन-तीन माह की सजा एवं पूर्व तथा वर्तमान डायरेक्टर के विरुद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए है।

3 करोड़ 61 लाख रुपए की होगी वसूली

चिटफंड कंपनी मालवांचल लिमिटेड नई दिल्ली से 39 लाख 96 हजार 900, यूएस के इंडिया लिमिटेड इंदौर से 1 करोड़ 88 लाख 55 हजार 856 एमजे लैंड डेवलपर्स लिमिटेड ग्वालियर से 1 करोड़ 8 लाख 72 हजार 900, साईं दीप फ्यूचर स्टेट डेवलपर्स इंडिया लिमिटेड झारखंड 23 लाख 89 हजार 265 इस प्रकार कुल 3 करोड़ 61 लाख 14 हजार 921 रुपए की राशि मय ब्याज 12 प्रतिशत से वसूली जाएगी।

सोमवार, 19 जुलाई 2021

वन्य-जीव अधिनियम में 13 आरोपियों को 7-7 वर्ष का कठोर कारावास, विशेष न्यायालय का फैसला

सागर-:विशेष न्यायालय सागर द्वारा वन्य-जीव संरक्षण के तहत 13 आरोपियों को वन्य-जीव संरक्षण अधिनियम-1972 की विभिन्न धाराओं में दोषी मानते हुए 7-7 वर्ष का कठोर कारावास और अधिकतम 5 लाख रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। यह आदेश विशेष न्यायालय सागर द्वारा लम्बी सुनवाई के बाद सोमवार 19 जुलाई को निर्णय सुनाया गया।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य-प्राणी) आलोक कुमार ने बताया कि स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स (एसटीएसएफ) की सागर इकाई द्वारा अंतर्राष्ट्रीय वन्य-प्राणी तस्करी में लिप्त चार राज्य से आरोपियों को वर्ष 2017 में गिरफ्तार किया गया था। इन आरोपियों द्वारा दुर्लभ विलुप्तप्राय वन्य-प्राणी पेंगोलिन एवं तिलकधारी कछुआ और उनके अवयवों की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चीन, थाईलैण्ड, हांगकांग, बांग्लादेश, श्रीलंका, मेडागास्कर आदि देशों में अवैध व्यापार पिछले एक दशक से किया जा रहा था।

आलोक कुमार ने बताया कि STF द्वारा की गई जाँच में यह पाया गया कि इन आरोपियों द्वारा इस अवैध व्यापार से तकरीबन 4 करोड़ की राशि के लेन-देन के साथ ही लगभग 91 हजार प्रतिबंधित प्रजाति के वन्य-प्राणी कछुओं का अवैध व्यापार किया जाना पाया गया।

एसटीएसएफ द्वारा अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए गिरोह के मुख्य सरगना को चैन्नई से जनवरी-2018 में गिरफ्तार किया गया था।

उल्लेखरनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय की सतत निगरानी में पिछले 2 वर्ष से सुनवाई की जा रही है। वन्य-प्राणियों के अवैध व्यापार का देश में पहला मामला है, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय के सतत निगरानी में प्रकरण की सुनवाई की गई। वन्य-प्राणियों की तस्करी में उपयोग किये गये वाहन मर्सडीज बेन्ज (लगभग 50 लाख) महंगे एप्पल कम्पनी के मोबाइल भी जप्त किये गये थे।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य-प्राणी) आलोक कुमार ने इस प्रकरण में विभाग को मिली सफलता में वन विभाग का पक्ष रखने वाले वनाधिकारियों और अभियोजन अधिकारियों को पुरस्कृत किया जायेगा।