गुरुवार, 4 मार्च 2021

श्री मोहनलाल आर्य होंगे जिले के नए अपर कलेक्टर

कटनी - संयुक्त कलेक्टर रतलाम मोहनलाल आर्य होंगे कटनी जिले के नए अपर कलेक्टर । राज्य शासन ने जारी किया आदेश 

डायल 100 की मदद से सुरक्षित प्राथमिक उपचार केंद्र पहुँची मासूम नवजात ...

कटनी - बरही थाना अंतर्गत शासकीय स्कूल के पास महज दो-तीन दिन की अज्ञात  नवजात बच्ची लावारिस हालत में पड़ी होने की सूचना जैसे डायल 100 को मिली तत्परता से कार्यवाही करते हुए उक्त बच्ची को अपने सुपुर्द लिया एवं उसे प्राथमिक उपचार हेतु चिकित्सालय बरही ले जाया गया ll

खेती-किसानी और किसानों की बेहतरी के पुरोधा शिवराज

भोपाल -: किसान पुत्र होने के नाते खेती-किसानी को बेहतर तरीके से जानने वाले मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के किसानों के लिये जो किया है, वह कृषि क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हो रहा है। एक लंबे समय से उनके द्वारा खेती-किसानी और किसानों की बेहतरी के लिए किए गए प्रयासों और नवाचारों के परिणाम अब न केवल पूरे देश-दुनिया के सामने है बल्कि उन्हें इसका पुरोधा भी माना गया है। 

प्रदेश के किसानों के हित में खेती को लाभप्रद बनाने और किसानों की आय दोगुनी करने के लिये मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अनेक नवाचार भी किये हैं। आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में कृषि क्षेत्र की महत्वपूर्ण भागीदारी है। कृषि उत्पादन को बढ़ाना, उत्पादन की लागत को कम करना, कृषि उपज के उचित दाम दिलाना और प्राकृतिक आपदा या अन्य स्थिति में उपज को हुए नुकसान में किसान को पर्याप्त क्षतिपूर्ति देना, मुख्यमंत्री श्री चौहान के प्रयासों में शामिल हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश के किसानों को जो संबल दिया, उससे किसानों ने प्रमुख रूप से गेहूँ उत्पादन में रिकार्ड कायम किया। मध्यप्रदेश गेहूँ उपार्जन में पूरे देश में अव्वल रहा। किसानों के हित में कृषि उपज मंडी अधिनियम में संशोधन करते हुए ई-ट्रेडिंग का प्रावधान किया गया और किसानों को उपार्जन केन्द्र के साथ ही मंडी के अधिकृत निजी खरीदी केन्द्र और सौदा-पत्रक व्यवस्था के माध्यम से भी फसल बेचने की सुविधा प्रदान की गई। गेहूँ, धान एवं अन्य फसलों के उपार्जन की 33 हजार करोड़ रूपये से अधिक की राशि किसानों के खातों में अंतरित की गई।

प्रदेश के किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में प्रतिवर्ष 6-6 हजार रूपये तो मिल ही रहे हैं। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश के किसानों के लिये मुख्यमंत्री किसान-कल्याण सम्मान निधि योजना की शुरूआत कर किसानों को मध्यप्रदेश शासन की ओर से प्रतिवर्ष 4 हजार रूपये दो बराबर किश्तों में दिये जाना शुरू किया गया। इस प्रकार किसानों को अब कुल 10 हजार रूपये प्रतिवर्ष किसान सम्मान निधि मिल रही है।

किसानों की परेशानियों को भी मुख्यमंत्री श्री चौहान भलीभांति समझते हैं। उन्होंने प्राकृतिक आपदा या किसी अन्य परिस्थिति में किसान की उपज को हुए नुकसान में राहत पहुँचाने वाली प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लंबित प्रीमियम जमा कर किसानों को राहत पहुँचाई। लॉकडाउन की विकट स्थिति में एक करोड़ 29 लाख टन गेहूँ 16 लाख किसानों से खरीद कर उनके खातों में 27 हजार करोड़ से अधिक की राशि अंतरित किया जाना किसानों के लिये बड़ी राहत थी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण योजना को पुन: चालू करते हुए किसानों को राहत पहुँचाई। इसके लिये सहकारी बैंकों को 800 करोड़ रूपये की राशि भी उपलब्ध करवाई गई।  किसानों की आय को बढ़ाने के लिये मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बेहतर प्रबंधन और सिंचाई परियोजनाओं पर प्राथमिकता से कार्य करवाये। इन कार्यों से प्रदेश में अधिक से अधिक क्षेत्र में सिंचाई की उपलब्धता सुनिश्चित की गई। वर्ष 2020 तक लगभग 40 लाख 27 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधाएँ विकसित की गईं। प्रदेश में 19 वृहद, 97 मध्यम और 5344 लघु सिंचाई योजनाओं का कार्य पूर्ण किया गया। इसके साथ ही 27 वृहद, 47 मध्यम और 287 लघु सिंचाई योजनाएँ प्रगति पर हैं। प्रदेश में अगले 5 वर्षों में 65 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। कोरोना काल में पंचायत एवं ग्रामीण विकास की विभिन्न योजनाओं में 57 हजार 653 जल- संरचनाओं का निर्माण किया गया। इन सभी जल संरचनाओं से जहाँ एक ओर स्थानीय लोगों को कोरोना काल में रोजगार मिला, वहीं भू-जल स्तर में बढ़ोत्तरी के साथ किसानों को खेती में सिंचाई के लिये पानी भी मिल रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा विगत कई वर्षों से सिंचाई बजट में निरंतर वृद्धि भी की जा रही है।

हाल ही में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रि-परिषद की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राजस्व पुस्तक परिपत्र में नये प्रावधान जोड़े हैं। इन प्रावधानो में प्राकृतिक प्रकोप, आग लगने तथा वन्य प्राणियों द्वारा मकान नष्ट किये जाने पर आर्थिक सहायता को शामिल किया। किसानों को कृषि कार्य के लिये फ्लैट दरों पर बिजली दी जा रही है, जिसमें 22 लाख कृषि उपभोक्ता लाभान्वित हुए हैं। किसानों को खेती के लिये बिजली कनेक्शनों पर 14 हजार 244 करोड़ रूपये का अनुदान दिया गया।

प्रदेश कृषि अधोसंरचना विकास फंड के उपयोग में मध्यप्रदेश देश में सबसे आगे है। अधोसंरचना विकास के लिये आत्म-निर्भर कृषि मिशन का गठन किया गया है। कृषि विकास एवं किसान-कल्याण के लिये विभिन्न योजनाओं पर 83 हजार करोड़ रूपये से अधिक के हितलाभ दिये गये हैं। किसानों के हित में मंड़ी नियमों में ऐतिहासिक सुधार भी किया गया हैं। मंडी टेक्स 1.50 प्रतिशत से घटाकर 0.50 प्रतिशत किया गया। कृषि की लागत कम करने, उत्पादन बढ़ाने तथा उपज का सही दाम किसानों के दिलाने के लिए कृषि उत्पादक संगठनों (एफ.पी.ओ.) को मजबूत किया जा रहा है। आगामी वर्षों मे एक हजार नये कृषि उत्पादक संगठनों का गठन किया जाएगा।

किसानों के हित में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा फसल नुकसानी पर न्यूनतम मुआवजा राशि 5 हजार रूपये की गई है। इस संबंध में राजस्व पुस्तक परिपत्र में संशोधन भी किया गया है। शिवराज के इन्हीं सब कार्यों का परिणाम है कि मध्यप्रदेश की कृषि विकास दर निरंतर बढ़ रही है। प्रदेश को लगातार सातवीं बार कृषि कर्मण अवार्ड से नवाजा गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान के सफल प्रयासों ने उन्हें खेती-किसानी और किसानों की बेहतरी के पुरोधा के रूप में मान्यता दिलाई है। 

जिनके हर कार्यकाल में मिला है विकास को नया आयाम ‍: शिवराज सिंह चौहान

भोपाल -: शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री के रूप में अलग पहचान स्थापित करने में सफल रहे हैं। उन्होंने इस पद की गरिमा को बढ़ाया है। आज अनेक योजनाओं के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश के अग्रणी रहने का श्रेय उन्हें दिया जा सकता है। वास्तविकता यह है कि मध्यप्रदेश और श्री शिवराज सिंह चौहान एक-दूसरे की पहचान बन गए हैं। मध्यप्रदेश के गठन के बाद जनता के कल्याण के लिए सबसे अधिक अवधि के मुख्यमंत्री ही नहीं जनता के मुख्यमंत्री के तौर पर श्री चौहान की छवि बनी है। उन्होंने हर कार्यकाल में यादगार कार्य किए हैं, जिनसे विकास के नए-नए आयाम सामने आए हैं।

मध्यप्रदेश में पिछले डेढ़ दशक से श्री चौहान सबसे अधिक लोकप्रिय राजनेता के रूप में जाने जाते हैं। इसके पीछे उनका कठोर परिश्रम, स्व-अनुशासन, परोपकार का भाव, करूणा से ओत-प्रोत व्यक्तित्व और राग-द्वेष के बिना हर तबके की भलाई के लिए तेजी से कार्य करने की विशिष्ट शैली प्रमुख है। उनका जन्म सीहोर जिले के ग्राम जैत में 5 मार्च 1959 को हुआ। नर्मदा मैया के किनारे गाँव होने से वे अच्छे तैराक भी बन गए। स्वामी विवेकानंद को आदर्श मानने के कारण खेलों में रूचि और स्वस्थ रहने के प्रति सजगता के कारण ऊर्जा से भरपूर भी रहे। कुछ वर्ष ग्राम में बचपन बिताने के बाद उच्चतर माध्यमिक शिक्षा के लिए भोपाल आ गए थे। यहाँ विद्यालय और महाविद्यालय में छात्र परिषद के पदाधिकारी भी बने। इसके पहले उनकी अपने गांव के मजदूरों को उचित मजदूरी दिलवाने के लिए चार मित्रों के साथ नारेबाजी और रैली से उनके सार्वजनिक जीवन की शुरूआत हो गई थी।

साहित्य अध्ययन

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने गीता, रामायण और धर्म-ग्रंथों के साथ ही राष्ट्र को स्वतंत्र कराने के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले शहीदों की जीवनियाँ पढ़ीं। युवावस्था में इस उत्कृष्ट साहित्य के पठन-पाठन से उनके लेखन और भाषण शैली का विकास हुआ। उन्होंने अपनी मौलिक चिंतन और कार्य-शैली भी विकसित की। आज भी वे प्रतिदिन एक घंटा साहित्य अध्ययन को देते हैं। उन्होंने अपने निवास में एक पुस्तकालय भी बनाया है।

जन-कल्याण और जनता से जुड़ाव

श्री शिवराज चौहान के लिए सामाजिक और राजनैतिक संगठन उपयोगी मंच बने। इन संगठनों को उनकी नेतृत्व क्षमता से बल मिला। प्रत्येक दायित्व को निष्ठा से निभाते हुए वे संगठन और समाज में अलग पहचान बनाने में सफल हुए। इसके फलस्वरूप उन्हें मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए वर्ष 1990 में निर्वाचित होने का अवसर मिला। उन्होंने इसके पश्चात वर्ष दर वर्ष निरंतर जन-कल्याण के अभियान को गति दी। विधायक के रूप में, सांसद के रूप में, मुख्यमंत्री के रूप में हर कार्यकाल में अपनी अमिट छाप छोड़ी। जब वर्ष 1991 के आखिरी महीनों में अटल जी ने विदिशा, रायसेन संसदीय क्षेत्र से त्यागपत्र दिया तो श्री चौहान को सांसद बनने का अवसर मिला। श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रत्येक हैसियत से कार्य करते हुए अभावग्रस्त परिवारों की सहायता, गरीब परिवारों की कन्याओं के विवाह, बच्चों के शिक्षा के प्रबंध, बुर्जुगों की देखभाल और समाज के प्रत्येक वर्ग से सीधा जुड़ाव रखते हुए अपनी लोकप्रियता को निरंतर बढ़ाया है।

राष्ट्रीय फलक पर कार्य से मिला अनुकूल परिवेश

श्री शिवराज सिंह चौहान पाँच बार सांसद निर्वाचित हुए। नई दिल्ली में राष्ट्रीय नेताओं के सम्पर्क के साथ ही प्रमुख समाजशास्त्रियों, वैज्ञानिकों, खिलाड़ियों, विचारकों, चिंतकों, प्रशासनिक अधिकारियों के साथ उनके सम्पर्क और संबंध विकसित हुए। ऐसे सकारात्मक और उत्साही व्यक्तियों के साथ विचार-विमर्श में भी शामिल रहे हैं। इससे उनके व्यक्तित्व को नए आयाम मिले हैं।


कर्मशील होने का लाभ

श्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं अध्ययनशील, मननशील और कर्मशील होने की वजह से अपने संकल्प आसानी से साकार कर लेते हैं। वे जो सोचते हैं, उसे पूर्ण करने के लिए उन्हें बस इतने ही प्रयत्न करने होते हैं कि कार्य की शुरूआत से कार्य के पूर्ण होने के मध्य निरंतर अनुश्रवण का कार्य करना होता है। उदाहरण के तौर पर मध्यप्रदेश में औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिए उन्होंने वर्ष 2005 में मुख्यमंत्री बनते ही प्रयत्न प्रारंभ किए। मध्यप्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में उद्योगों के विकास की व्यापक संभावनाओं को साकार करने के लिए उद्योगपतियों से सतत सम्पर्क आवश्यक था। इसके लिए की गईं इन्वेस्टर्स समिटस बहुत लाभकारी सिद्ध हुईं। मध्यप्रदेश में न सिर्फ नया निवेश आया बल्कि लाखों नौजवानों को रोजगार भी मिला। प्रदेश की प्रतिभा का पलायन भी रूका। उद्योगों के विकास से सम्पूर्ण अधोसंरचना के विकास का कार्य आसान हुआ और प्रदेश की तस्वीर को बदलने में सफलता मिली।

हर कार्यकाल है विशेष

मुख्यमंत्री के रूप में श्री चौहान के विभिन्न कार्यकालों पर नजर डालें तो हम पाते हैं कि प्रथम कार्यकाल उन्होंने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना, विद्यार्थियों को विद्यालय जाने के‍ लिए सायकिल प्रदाय जैसे कल्याणकारी कार्य प्रारंभ किये। बुनियादी क्षेत्रों में सुविधाएँ बढ़ाने की ठोस पहल की गई। श्री चौहान का मुख्यमंत्री पद का पहला कार्यकाल तीन वर्ष का था। द्वितीय और तृतीय कार्यकाल पाँच-पाँच वर्ष के रहे। इन दस वर्षों में मध्यप्रदेश ने विकास के नये आयाम छुए।

सुशासन और सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल में कामयाबी

जहाँ तक वर्ष 2020 के मार्च माह में मध्यप्रदेश के चौथे मुख्यमंत्री के बाद व्यतीत एक वर्ष का प्रश्न है, यह बहुत महत्वपूर्ण वर्ष रहा। न सिर्फ मध्यप्रदेश के लिए बल्कि पूरे देश और विश्व के लिए भी। कोरोना महामारी ने पैर फैलाए। ऐसे संकट के समय नेतृत्व की परीक्षा होती है। बहुत से राजनेता ऐसी विकराल समस्या की कल्पना मात्र से घबरा जाते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जिस साहस से इस महामारी के दौर में आवश्यक फैसले लिए, उसका ही प्रतिरूप श्री शिवराज सिंह चौहान भी बने। महामारी के नियंत्रण, संक्रमित लोगों के उपचार, महामारी से बचने के लिए उपयोगी उपायों पर अमल, भावी कार्ययोजना और मनोवैज्ञानिक रूप से नागरिकों को संबल प्रदान करना बहुत मायने रखता है। सूचना प्रौद्योगिकी के भरपूर इस्तेमाल से नागरिकों का हित संवर्धन सुनिश्चित किया गया। यह बहुत संतोष का विषय है कि श्री चौहान ने स्वयं न घबराते हुए कोरोना संकट को समाधान में बदलने का प्रयास किया। आपदा को अवसर में बदला। अनेक वर्गों के लिए सरकार का खजाना खोल दिया। कई तरह की राहत दी गईं। किसानों, विद्यार्थियों और श्रमिकों को योजनाओं का पैसा ऑनलाइन अंतरित किया गया। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने दृढ़ इरादों का परिचय दिया। उनका संकल्प एक-एक नागरिक की जीवन-रक्षा करने और लड़खड़ाई अर्थ-व्यवस्था को संभालने का था। इन कार्यों के लिए जिस  मजबूत संकल्प की आवश्यता थी, उसका परिचय शिवराज जी ने दिया। जहाँ राशि की व्यवस्था नहीं थी, वहाँ उपायों पर क्रियान्वयन करते हुए रास्ता निकाला। सुशासन की सोच ने इन प्रयासों को सफल बनाया।

किस कार्यकाल में किन क्षेत्रों पर रहा फोकस

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने हर पारी जी जान से खेली है। वे मुख्यमंत्री के पद को  सेवा का माध्यम मानते हैं। श्री चौहान जब विधायक और सांसद थे, उन 15-16 सालों और मुख्यमंत्री के रूप में 14 सालों को जोड़ें तो उनके जन-कल्याणकारी कार्यों की लंबी फेहरिस्त बन जाएगी। यदि सिर्फ मुख्यमंत्री के कार्यकाल की चर्चा करें तो यह बात स्पष्ट तौर पर सामने आती है कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बुनियादी क्षेत्रों के विकास को सदैव केन्द्र में रखा है। जहाँ श्री चौहान ने प्रथम कार्यकाल में सड़क निर्माण को प्राथमिकता दी, वहीं द्वितीय कार्यकाल में सिंचाई बढ़ाने का कार्य प्रमुखता से किया गया। इसके पश्चात तृतीय कार्यकाल में विद्युत उत्पादन बढ़ाने और उसके सुचारु प्रदाय पर ध्यान दिया गया। मार्च 2020 से प्रारंभ कार्यकाल में श्री चौहान ने स्वास्थ्य, शिक्षा और पेयजल की सुविधाएँ तेजी से बढ़ाने का निश्चय किया है। इसके क्रियान्वयन की शुरूआत भी कर दी गई है।

जन्म-दिन सहित अन्य शुभ अवसरों पर पौधा लगायें,अपने जन्म-दिन के पूर्व प्रदेशवासियों से की अपील : मुख्यमंत्री चौहान,

भोपाल :  मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने जन्म-दिन के पूर्व प्रदेश के सभी नागरिक भाईयों, बहनों और प्रिय भांजे-भांजियों को जारी संदेश में पौधा लगाने की अपील की है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि 5 मार्च को मेरा जन्म-दिन है। हमेशा संकल्प यही रहता है कि जीवन का हर क्षण सार्थक हो, अपने लिए नहीं, हम अपनों के काम आयें और अपनी है प्रदेश की जनता।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सरकार के माध्यम से हम सार्थक काम कर ही रहे हैं, लेकिन मन में यह भाव भी आया कि जन्म-दिन के अवसर को भी उद्देश्यपूर्ण बनाया जाये। धरती हमारी माँ है। माँ हमें सब कुछ देती है, लेकिन हमें भी माँ को कुछ देना है। इसी उद्देश्य से मैंने एक साल तक रोज एक पौधा लगाने का संकल्प लिया है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के कारण पर्यावरण बिगड़ रहा है। धरती की सतह का तापमान लगातार बढ़ रहा है और ऐसा अनुमान है कि वर्ष 2050 तक ये 2 डिग्री सेल्सियस बढ़ जायेगा। तब स्थितियाँ भविष्य के लिए ऐसी बनेंगी कि धरती पर मानव और जीव-जंतुओं का अस्तित्व ही एक समय संकट में पड़ जायेगा। हम आने वाले इस संकट को पहचानते हुए आज से ही पर्यावरण बचाने का सार्थक प्रयास करें। पेड़ों से धरती माँ का श्रृंगार करना पर्यावरण बचाने का प्रभावी माध्यम है। मेरी सभी से प्रार्थना है कि आप किसी भी शुभ अवसर पर पेड़ लगाएँ। प्रसन्नता की बात है कि मध्यप्रदेश में वन क्षेत्र लगातार बढ़ा है। वन क्षेत्र को और अधिक बढ़ाने का प्रयास करें। हम पेड़ लगाएंगे तो अपने लिए ही नहीं, बल्कि प्रदेश, देश और दुनिया के लिए भी लगाएंगे। 
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मेरी प्रार्थना है कि मेरे इस जन्म-दिन की खुशी फूलमाला और बुके से स्वागत करके न मनाएँ, इसके बजाय एक पेड़ लगाएँ। ज़रूरी नहीं है कि मेरे जन्म-दिन पर ही लगाएँ। आप अपने जीवन के किसी भी शुभ अवसर पर पेड़ लगाएँ। पेड़ है तो ऑक्सीजन है, ऑक्सीजन है तो जीवन है। इसलिए वृक्ष भी जीवन है। मैं अपना जन्म-दिन पेड़ लगाकर ही मनाऊंगा |

राजस्व, पुलिस और नगर निगम संयुक्त रुप से करें भू-माफिया के विरुद्ध कार्यवाही

कटनी - राजस्व, पुलिस और नगर निगम संयुक्त रुप से भू-माफियाओं के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करें। यह निर्देश कलेक्टर प्रियंक मिश्रा और पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी ने दिये। दोनों ही वरिष्ठ अधिकारी गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिले में कानून व्यवस्था, जघन्य अपराध, मिलावट से मुक्ति, भू-माफिया, कालाबाजारी, एससीएसटी एक्ट के प्रकरणों एवं अब तक की गई कार्यवाही का रिव्यू कर रहे थे। कलेक्टर एवं एसपी ने स्पष्ट तौर पर अधिकारियों को निर्देशित किया कि राशन की कालाबाजारी करने वालों के विरुद्ध, पेट्रोल-डीजल में मिलावट करने वालों के खिलाफ और केरोसिन का अवैध कारोबार में संलिप्त लोगों पर सख्त कार्यवाही की जाये।

            कलेक्टर श्री मिश्रा ने कहा कि अधिकारी अपना सूचना तंत्र मजबूत करें। खाद्य सुरक्षा की दृष्टि से भी अमानक और नकली खाद्य सामग्री का निर्माण करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करते हुये एफआईआर दर्ज कराई जाये। कैम्प लगाकर संबंधित दुकानदारों को भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के तहत पंजीयन कराने के निर्देश अधिकारियों को दिये।

            अनुविभागीय स्तर पर एसडीएम और एसडीओपी को संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ मीटिंग आयोजित कर रिव्यू करने के आदेश भी कलेक्टर ने दिये। उन्होने कहा कि किसी भी प्रकार के माफियाओं को छोड़ा नहीं जाये। राज्य शासन के निर्देशों के अनुसार सभी संबंधितों के विरुद्ध सख्त-सख्त कार्यवाही हो।

            विभिन्न आयोगों द्वारा आने वाली शिकायतों का निराकरण करने के निर्देश भी कलेक्टर ने मीटिंग में दिये। उन्होने एससीएसटी मॉनीटरिंग के तहत प्राप्त होने वाले प्रकरणों का भी उचित समय में निराकरण करने के लिये निर्देशित किया। साथ ही ग्राम पंचायतों में संधारित किये जाने वाले माईग्रेशन रजिस्टर को दुरुस्त कराने के निर्देश कलेक्टर ने दिये। उन्होने कहा कि पुलिस से समन्वय कर माईग्रेशन रजिस्टर की एन्ट्रीज को सीसीटीएनएस पोर्टल पर भी दर्ज करायें।

            बैठक में रोड सेफ्टी के मद्धेनजर भी बहुत से महत्वपूर्ण निर्देश कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने एसडीएम और पुलिस के अधिकारियों को दिये। उन्होने कहा आप अपने-अपने क्षेत्रों में डेन्जर्स स्पॉट्स को चिन्हित कर वहां संकेतक लगवायें। मुख्य मार्गों में जिन स्थानों पर भी डिवाईडर को काटा गया हैउन्हें बंद करायें। एनएचएआई के रोड में भी जिले की सीमा तक एैसे कोई भी स्पॉट ना रहेयह भी सुनिश्चित करें। इसके लिये एनएचएआई को आवश्यक कार्यवाही करने के लिये कलेक्टर ने निर्देशित किया।

            बैठक में नगर निगम आयुक्त सतेन्द्र धाकरेएसडीएम बहोरीबंद रोहित सिसोनियाएसडीएम कटनी बलबीर रमनएसडीएम ढीमरखेड़ा सपना त्रिपाठी सहित सीएसपी शशिकांत शुक्ला और अन्य विभागीय अधिकारी भी उपस्थित थे।

गुरुवार को 730 लाभार्थियों को लगाया गया कोविड-19 वैक्सीन

कटनी - गुरुवार को कटनी जिले में कोविड-19 टीकाकरण निर्धारित केन्द्रों पर किया गया। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ0 समीर सिंघई ने बताया कि कटनी जिले में 4 मार्च को कोविड-19 वैक्सीनेशन के तहत 730 लाभार्थियों को कोविड-19 वैक्सीन लगाया गया। इसमें 15 फ्रंटलाईन फ्रंट लाईन वर्कर्स को फर्स्ट डोज और हेल्थकेयर वर्कर्स फर्स्ट डोज 38 लाभार्थियों को लगाया गया है। इसी प्रकार 218 हेल्थकेयर वर्कर्स को सेकेण्ड डोज का टीकाकरण हुआ। 60 वर्ष से अधिक आयु के 411 सीनियर सिटिजन्स और 45 से 59 आयु वर्ष के चिन्हित 48 व्यक्तियों को कोविड-19 का वेक्सीनेशन किया गया है।

            गुरुवार को जिला चिकित्सालय सहित 13 अस्पतालों में कोविड-19 वेक्सीनेशन होगा। जिला टीकाकरण अधिकारी ने बताया कि इनमें चार निजी चिकित्सालय भी शामिल हैं।