रविवार, 28 दिसंबर 2025

खोखला “ऑपरेशन शिकंजा” बेनकाब अवैध शराब पर दिखावटी कार्रवाई, सड़कों पर उतरा जनआक्रोश—आंदोलनों ने खोली पोल

कटनी। अपराध और अवैध शराब पर नकेल कसने के दावों के बीच एसपी का “ऑपरेशन शिकंजा” अब दिखावटी मुहिम साबित होता नजर आ रहा है। जिले के गांव–गांव में भड़कते जनआंदोलन यह साफ कर रहे हैं कि कार्रवाई ज़मीन पर नहीं, सिर्फ़ काग़ज़ों, फोटो-ऑप्स और प्रेस नोट तक सीमित है। अगर शिकंजा सच में कस रहा होता, तो महिलाएं अपने घर-परिवार बचाने के लिए सड़कों पर उतरने को मजबूर क्यों होतीं?

बरही थाना क्षेत्र के कुंदरेही सहित कई इलाकों में महिलाओं के नेतृत्व में हुए उग्र विरोध ने प्रशासन की निष्क्रियता को कटघरे में खड़ा कर दिया है। नारों की गूंज—“गांव में शराब नहीं बिकेगी”, “नशा नहीं, विकास चाहिए”—इस बात का सबूत है कि दावे और हकीकत के बीच खाई गहरी होती जा रही है। महिलाओं का आरोप है कि अवैध शराब ने घर-घर की शांति उजाड़ दी, घरेलू हिंसा बढ़ी, कमाई शराब में उड़ रही है और बच्चों का भविष्य अंधेरे में धकेला जा रहा है।

ग्रामीणों का सीधा आरोप है कि असली शराब माफिया खुलेआम कारोबार कर रहे हैं, जबकि कार्रवाई खानापूर्ति और चुनिंदा मामलों तक सिमट गई है। बार-बार शिकायतों के बावजूद ठोस कदम न उठना, माफिया के हौसले और बुलंद कर रहा है। यही वजह है कि जनता पूछ रही है—क्या “ऑपरेशन शिकंजा” अपराध खत्म करने की मुहिम है या जनता को गुमराह करने की तकनीक?

प्रदर्शनकारियों ने दो टूक चेतावनी दी है कि यदि अवैध शराब पर तत्काल रोक, दोषियों की गिरफ्तारी और नशामुक्ति की ठोस योजना लागू नहीं हुई, तो थाना-घेराव, सड़क जाम और अनिश्चितकालीन आंदोलन होगा। यह संघर्ष किसी राजनीतिक दल का नहीं, बल्कि अपने गांव और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को बचाने की लड़ाई बताया जा रहा है।

लगातार भड़कते आंदोलन की रणनीति पर गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं। जनता का अल्टीमेटम साफ है—
दिखावटी शिकंजा नहीं, माफिया की कमर तोड़ने वाली ईमानदार कार्रवाई चाहिए।


सत्ता के शोर में शिल्पकार का अपमान! भाजपा के शिल्पकार कुशाभाऊ ठाकरे उपेक्षा के शिकार, पुण्यतिथि पर भी सम्मान नसीब नहीं गंदगी के बीच खड़ा भाजपा का इतिहास पंच से प्रधानमंत्री तक सत्ता, पर संस्कार गायब!

कटनी। 
भारतीय जनता पार्टी को संगठन की मज़बूत रीढ़ देने वाले, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और “भाजपा के शिल्पकार” कहे जाने वाले की प्रतिमा कटनी के जबलपुर बायपास पर भले ही भारी तामझाम के साथ स्थापित कर दी गई हो, लेकिन आज वही प्रतिमा उपेक्षा, गंदगी और राजनीतिक कृतघ्नता का जीता-जागता स्मारक बन चुकी है।

आज कुशाभाऊ ठाकरे की पुण्यतिथि है। वही कुशाभाऊ ठाकरे, जिनके संगठनात्मक परिश्रम, अनुशासन और त्याग के दम पर आज भाजपा पंच से लेकर प्रधानमंत्री तक सत्ता के शिखर पर बैठी है। लेकिन अफ़सोस, आज उसी पार्टी ने अपने ही शिल्पकार को कूड़े-करकट की तरह भुला दिया। प्रतिमा लगाकर औपचारिकता निभा ली गई, पर सम्मान देने की ज़रूरत ही नहीं समझी गई

सबसे ज़्यादा चौंकाने वाला तथ्य यह है कि पुण्यतिथि के दिन प्रदेश के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा जिले में मौजूद थे, इसके बावजूद

  • माल्यार्पण किया गया
  • न प्रतिमा स्थल की साफ-सफाई
  • न नाम मात्र का गार्डन रख-रखाव
  • यहाँ तक कि मूर्ति पर जमी धूल तक नहीं हटाई गई

प्रतिमा स्थल की बदहाली खुद गवाही दे रही है कि सत्ता में बैठी भाजपा आज अपने ही इतिहास और अपने ही स्तंभों को कितनी बेरहमी से नज़रअंदाज़ कर रही है। चारों ओर फैली गंदगी, उजड़ा परिसर और सन्नाटा — यह सब भाजपा की उस संवेदनहीन राजनीति को उजागर करता है, जिसे मंचों से संस्कार और राष्ट्रवाद के भाषण देकर ढका जाता है।

पंच से प्रधानमंत्री तक भाजपा की सरकार है, संसाधनों की कोई कमी नहीं, फिर भी जिन महापुरुषों ने पार्टी को इस मुकाम तक पहुँचाया, उनके साथ यह व्यवहार — यह लापरवाही नहीं, यह खुली राजनीतिक कृतघ्नता है

कटनी में आज जो दृश्य सामने आया, उसने यह साफ कर दिया कि

सत्ता की चमक में भाजपा अपने ही शिल्पकारों को किनारे लगाने से नहीं हिचकती।

कुशाभाऊ ठाकरे की पुण्यतिथि पर यह उपेक्षा न केवल पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए अपमानजनक है, बल्कि भाजपा की कथनी और करनी के बीच की खाई को भी उजागर करती है।

अब सवाल सिर्फ कटनी का नहीं है, सवाल पूरी पार्टी से है—
क्या भाजपा अपने शिल्पकारों का सम्मान सिर्फ पोस्टरों, भाषणों और श्रद्धांजलियों तक ही सीमित रखेगी?

शनिवार, 27 दिसंबर 2025

संगठन को परम वैभव तक ले जाने का संकल्प—हर कार्यकर्ता सजग रहे: राहुल कोठारी, भाजपा की परिचयात्मक बैठक में सख़्त संदेश—दायित्व में ढिलाई नहीं, अभियान में पूरी ताक़त

संगठन को परम वैभव तक ले जाने का संकल्प—हर कार्यकर्ता सजग रहे: राहुल कोठारी,

भाजपा की परिचयात्मक बैठक में सख़्त संदेश—दायित्व में ढिलाई नहीं, अभियान में पूरी ताक़त

कटनी। के प्रदेश महामंत्री एवं संभागीय प्रभारी ने संगठन को लेकर दो टूक संदेश दिया—हर दायित्ववान कार्यकर्ता अपने कर्तव्य का निर्वहन पूरी निष्ठा, सजगता और प्रभावशीलता से करे; लक्ष्य स्पष्ट है—संगठन को परम वैभव तक पहुंचाना।
वे भाजपा जिला कार्यालय में आयोजित जिला पदाधिकारियों की परिचयात्मक बैठक को संबोधित कर रहे थे।

कोठारी ने गहन मतदाता सूची अभियान (SIR) में कार्यकर्ताओं की भूमिका की सराहना करते हुए स्पष्ट किया कि यह राष्ट्रीय अभियान है और आगामी चरणों में भी किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने नव नियुक्त पदाधिकारियों से परिचय प्राप्त कर संगठनात्मक अनुशासन, निरंतरता और परिणामोन्मुखी कार्यशैली पर जोर दिया।

बैठक का शुभारंभ भारत माता, पं. दीनदयाल उपाध्याय और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के तैलचित्र पर दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। स्वागत उद्बोधन में जिला अध्यक्ष दीपक टण्डन ने कहा कि कोठारी का मार्गदर्शन जिले के संगठन को नई धार देगा। विधायक संदीप जायसवाल ने भी उनके अनुभव और संगठनात्मक दक्षता को कटनी के लिए लाभकारी बताया।

मंच पर महापौर प्रीति सूरी, पूर्व विधायक अलका जैन, पूर्व जिलाध्यक्ष रामरतन पायल, पीताम्बर टोपनानी, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य शशांक श्रीवास्तव, राजेश गर्ग सहित प्रमुख पदाधिकारी मौजूद रहे। संचालन जिला महामंत्री मनीषदेव मिश्रा ने किया, जबकि आभार प्रदर्शन जिला महामंत्री सुखदेव चौधरी ने किया।

अटल जी की जन्मशती पर चित्र प्रदर्शनी—प्रेरणा का संदेश

बैठक से पूर्व जिला कार्यालय में की जन्मशती वर्ष के अवसर पर आयोजित छायाचित्र प्रदर्शनी का शुभारंभ राहुल कोठारी ने किया। उन्होंने अटल जी के जीवनवृत्त पर आधारित चित्रों का अवलोकन कर उनके प्रेरक व्यक्तित्व और राष्ट्रसेवा के आदर्शों को कार्यकर्ताओं के लिए मार्गदर्शक बताया।

निष्कर्ष: कटनी से भाजपा ने स्पष्ट कर दिया—अब लक्ष्य साधना है, संगठन को मजबूती देनी है और हर अभियान में निर्णायक बढ़त बनानी है।

15 सूत्रीय मांगों को लेकर लघु वेतन कर्मचारियों का आक्रोश, कटनी कलेक्ट्रेट पर दो घंटे का धरना, सरकार को चेतावनी—अब अनदेखी नहीं चलेगी, सांसद प्रतिनिधि को सौंपा ज्ञापन

15 सूत्रीय मांगों को लेकर लघु वेतन कर्मचारियों का आक्रोश, कटनी कलेक्ट्रेट पर दो घंटे का धरना

सरकार को चेतावनी—अब अनदेखी नहीं चलेगी, सांसद प्रतिनिधि को सौंपा ज्ञापन

कटनी। वर्षों से उपेक्षा और शोषण का दंश झेल रहे लघु वेतन कर्मचारियों का सब्र आखिरकार टूट गया। जिला शाखा कटनी के नेतृत्व में कर्मचारियों ने आंदोलन के चौथे चरण में कलेक्ट्रेट के सामने दो घंटे का सांकेतिक धरना देकर सरकार के खिलाफ खुला मोर्चा खोल दिया।

धरना स्थल पर कर्मचारियों का आक्रोश साफ झलक रहा था। हाथों में तख्तियां, बुलंद नारे और एक स्वर में उठती मांगों ने प्रशासन को यह साफ संदेश दे दिया कि अब सिर्फ आश्वासन नहीं, ठोस और तत्काल निर्णय चाहिए।

संघ के जिलाध्यक्ष पूर्णेश उइके एवं मीडिया प्रभारी अनिल पांडेय ने बताया कि यह आंदोलन प्रांतीय आह्वान पर प्रदेशभर में एक साथ किया जा रहा है। कटनी में दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे तक कलेक्ट्रेट परिसर के सामने कर्मचारियों ने सरकार की नीतियों को कर्मचारी-विरोधी बताते हुए करारा हमला बोला।

मांगें नहीं मानीं तो आंदोलन होगा उग्र

धरना स्थल से कर्मचारियों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि अब भी 15 सूत्रीय मांगों की अनदेखी की गई तो आंदोलन को और तेज एवं व्यापक किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।

प्रदर्शन के बाद माननीय मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव के नाम 15 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सांसद प्रतिनिधि पदमेश गौतम को सौंपा गया।

ये हैं कर्मचारियों की प्रमुख मांगें

  • पदनाम परिवर्तन कर कार्यालय सहायक किया जाए
  • ग्रेड पे ₹1300 के स्थान पर ₹1800 किया जाए
  • रसोईया बहनों को कम से कम ₹10,000 मानदेय दिया जाए
  • पुरानी पेंशन योजना तत्काल लागू की जाए
  • स्थाई कर्मी व दैनिक वेतन भोगियों को नियमित किया जाए
  • अंशकालीन कर्मचारियों को दैनिक वेतन भोगी की श्रेणी में शामिल किया जाए
  • आकस्मिक निधि एवं कार्यभारित कर्मचारियों को 300 दिन के अर्जित अवकाश के नगदीकरण का लाभ मिले
  • आउटसोर्स प्रथा समाप्त कर आयोग का गठन किया जाए
  • रिक्त पदों की शीघ्र पूर्ति की जाए

सरकार की नीतियों पर सीधा हमला

संघ नेताओं ने कहा कि सरकार रोजगार और सम्मान की बातें तो करती है, लेकिन वर्षों से सेवा दे रहे कर्मचारियों को न्यूनतम अधिकारों से भी वंचित रखा जा रहा है। यह स्थिति अन्यायपूर्ण और अमानवीय है।

धरना-प्रदर्शन में अजय गौतम, मनोज श्रीवास, मनोज दहिया, सौरभ सिंह, धर्मेंद्र राज, नीलेश पौराणिक, हरीश बेन, अजीमुद्दीन शाह, सदानंद, बाबूलाल अहिरवार, रामनरेश यादव, तेजभान सिंह, रत्ना ठाकुर, आशीष पटेल, शकुन, महेश अहीरवाल, नकुल यादव, हमीद खान, बलराम सिंह, प्रभु द्विवेदी, राजेश विश्वकर्मा सहित बड़ी संख्या में महिला-पुरुष कर्मचारी मौजूद रहे।

पूंजीवाद–निजीकरण के खिलाफ सड़कों पर उतरी कटनी की जनता

PPP मॉडल का विरोध, शासकीय मेडिकल कॉलेज की मांग को लेकर कचहरी चौक पर उबाल

कटनी। पूंजीवाद और निजीकरण के खिलाफ कटनी में जनआक्रोश खुलकर सड़कों पर नजर आया। शासकीय मेडिकल कॉलेज की मांग को लेकर कचहरी चौक कटनी में आयोजित एकदिवसीय धरना प्रदर्शन ने प्रशासन और सरकार तक साफ संदेश पहुंचा दिया—कटनी को सौदेबाजी नहीं, सरकारी मेडिकल कॉलेज चाहिए

पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत धरना सुबह 11 बजे कचहरी चौक पर शुरू हुआ, जहां बड़ी संख्या में जिले के जागरूक नागरिक जुटे। दोपहर 2 बजे प्रदर्शनकारियों ने कचहरी चौक से कलेक्ट्रेट कार्यालय तक मार्च किया और अतिरिक्त कलेक्टर कटनी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।

“घोषणा से खुशी, PPP से ठगी का एहसास”

धरना स्थल पर वक्ताओं ने तीखे शब्दों में कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा कटनी में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा से जिले की जनता में खुशी की लहर दौड़ गई थी। लोगों को लगा था कि वर्षों पुरानी मांग अब पूरी होने जा रही है।
लेकिन जब समाचार पत्रों के माध्यम से यह जानकारी सामने आई कि मेडिकल कॉलेज PPP मॉडल पर खोला जाएगा, तो जनता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है। वक्ताओं ने कहा कि PPP मॉडल निजीकरण का ही दूसरा नाम है, और जहां-जहां ऐसे प्रयोग हुए हैं वहां आम जनता को भारी आर्थिक और सामाजिक परेशानियां झेलनी पड़ी हैं।

“जनप्रतिनिधि भी असहमत, पर चुप”

धरने में यह भी आरोप लगाया गया कि सत्तारूढ़ दल के कई जनप्रतिनिधि और पदाधिकारी भी PPP मॉडल को उचित नहीं मानते, लेकिन दलीय अनुशासन के नाम पर वे खुलकर विरोध नहीं कर पा रहे हैं।
धरना संयोजकों ने सरकार से दो टूक शब्दों में मांग की कि PPP मॉडल को रद्द कर कटनी में पूर्णतः शासकीय मेडिकल कॉलेज खोला जाए, ताकि आम आदमी को सस्ती और सुलभ चिकित्सा शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।

“जनभावनाओं की अनदेखी नहीं चलेगी”

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह धरना केवल चेतावनी है। यदि जनभावनाओं की अनदेखी की गई तो आंदोलन और तेज होगा। सरकार को तय करना होगा कि वह पूंजीपतियों के साथ खड़ी है या कटनी की जनता के साथ।

इनकी रही गरिमामयी उपस्थिति

धरने में प्रमुख रूप से मनोज निगम, विष्णु बाजपेई, डॉ. सचिन कुशवाहा, मंगल सिंह, सोनू सोनी, विपिन राय, बाल्मिक विश्वकर्मा, सरवन सोनी, प्रभात पांडे, सचिन शर्मा, संतोष पटेल, संतराम पटेल, इंद्रजीत निषाद, शेख असलम, संतोष साहु, महन्तू काछी, दोष मोहम्मद, रामलोचन तिवारी, राहुल, राकेश गुप्ता, श्याम निषाद, जगदीश पटेल, शिवप्रसाद पटेल, रामसेवक, गोपाल चौधरी, केशव सेन, गोपाल साहू, गोरेलाल, सागर राय, शुभम राय, रामदास केवट सहित बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित रहे।

कटनी की आवाज अब साफ है—PPP नहीं, शासकीय मेडिकल कॉलेज चाहिए।

शुक्रवार, 26 दिसंबर 2025

राष्ट्रीय सचिव रुपेश भदौरिया का सरकार पर तीखा हमला, ‘पंचायत चलो अभियान’ से गांव-गांव संघर्ष का बिगुल

राष्ट्रीय सचिव रुपेश भदौरिया का सरकार पर तीखा हमला, ‘पंचायत चलो अभियान’ से गांव-गांव संघर्ष का बिगुल

कटनी। संगठन को जमीनी स्तर पर धार देने और सरकार की नाकामियों के खिलाफ निर्णायक संघर्ष छेड़ने के इरादे से की जिला कार्यकारिणी की अहम बैठक कटनी में सम्पन्न हुई। बैठक में साफ संदेश दिया गया—अब सिर्फ बयान नहीं, पंचायत से संसद तक आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी।

युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव एवं मध्यप्रदेश के सह प्रभारी ने कटनी प्रवास के दौरान जिला, ब्लॉक और बूथ स्तर पर निर्वाचित पदाधिकारियों की बैठक लेकर संगठन को युद्धस्तर पर सक्रिय करने के निर्देश दिए। जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष मोहम्मद इसराइल द्वारा आयोजित बैठक में पदाधिकारियों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष , राष्ट्रीय प्रभारी एवं प्रदेश अध्यक्ष के दिशा-निर्देशों के अनुरूप संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने का संकल्प लिया।

पंचायत चलो अभियान—जनता के बीच उतरी युवा कांग्रेस

बैठक में श्री भदौरिया ने दो टूक कहा कि पंचायत चलो अभियान के जरिए युवा कांग्रेस गांव-गांव जाकर जनता की आवाज़ बनेगी। With IYC ऐप के माध्यम से हर पदाधिकारी के काम का मूल्यांकन होगा—काम नहीं तो पद नहीं। उन्होंने देश में हो रही “वोट चोरी” के आरोपों पर युवाओं को सड़क पर उतरने का आह्वान किया और मध्यप्रदेश सरकार पर सीधा हमला बोला—लाड़ली बहना योजना में ₹3000 का वादा, पर जमीनी हकीकत शून्य; रिक्त पद आज भी खाली, शिक्षित युवा बेरोजगारी की मार झेल रहा है।

घोटालों पर तीखा वार—लड़ाई राष्ट्रीय स्तर तक जाएगी

रुपेश भदौरिया ने आदिवासी जमीन घोटाले, सहारा और एक्सिस माइनिंग जैसे मामलों में कथित मास्टरमाइंड संजय पाठक के खिलाफ संघर्ष कर रहे एवं पूरी युवा कांग्रेस की खुले मंच से सराहना की। उन्होंने ऐलान किया कि जनहित के इन मुद्दों को राष्ट्रीय स्तर तक उठाया जाएगा, ताकि गरीब जनता को न्याय मिल सके।

चौपाल से उठी जनता की आवाज

इसके बाद विधानसभा मुड़वारा अध्यक्ष के नेतृत्व में इमलिया पंचायत में चौपाल लगाई गई। ग्रामीणों ने खुलकर अपनी समस्याएं रखीं। श्री भदौरिया ने स्पष्ट किया—पंचायत चलो के जरिए हर वार्ड और पंचायत तक पहुंचकर जनसमस्याओं को मजबूती से उठाया जाएगा और सत्ता से जवाब लिया जाएगा।

बैठक को प्रदेश सचिव दिव्यांशु मिश्रा अंशु, कटनी प्रभारी प्रिंस नवांगे, सह प्रभारी उदित देव परमार सहित चारों विकासखंडों के विधानसभा अध्यक्ष शैलेश जयसवाल, दीपक यादव और शुभम साहू ने भी संबोधित किया। जिला व ब्लॉक कमेटी के पदाधिकारियों ने संगठन को धारदार बनाने के सुझाव रखे।

इस मौके पर पूर्व ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष कमल पांडेय व आनंद पटेल, पार्षद विनीत जैसवाल, आईटी सेल प्रदेश उपाध्यक्ष शशांक गुप्ता, एनएसयूआई प्रदेश सचिव अजय खटिक, आईटी सेल प्रदेश महासचिव सूर्यकांत कुशवाहा सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।

कटनी से उठा संदेश साफ है—युवा कांग्रेस अब आर-पार के मूड में है; गांव-गांव से सरकार की जवाबदेही तय होगी।

ओडिशा–एमपी सीमा पर नशे के नेटवर्क पर करारा प्रहार , 599 किलो गांजा जब्त, तस्करों के मंसूबों पर STF जबलपुर का बुलडोज़र

ओडिशा–एमपी सीमा पर नशे के नेटवर्क पर करारा प्रहार 

599 किलो गांजा जब्त, तस्करों के मंसूबों पर STF जबलपुर का बुलडोज़र

जबलपुर - मध्यप्रदेश में नशे के सौदागरों के खिलाफ निर्णायक जंग छेड़ते हुए एसटीएफ इकाई जबलपुर ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। ओडिशा से मध्यप्रदेश में गांजे की खेप खपाने की साजिश को नाकाम करते हुए 599 किलोग्राम गांजा ट्रक सहित जब्त किया गया। यह कार्रवाई न केवल सटीक रही, बल्कि इतनी आक्रामक भी कि तस्कर संभलने तक का मौका नहीं पा सके।

यह पूरी कार्रवाई पुलिस महानिदेशक मध्यप्रदेश के निर्देश में तथा एसटीएफ प्रमुख/विशेष पुलिस महानिदेशक पंकज कुमार श्रीवास्तव के सतत मार्गदर्शन में की गई। गोपनीय सूचना के आधार पर पुलिस अधीक्षक एसटीएफ जबलपुर श्री राजेश सिंह भदौरिया के निर्देशन में दो विशेष टीमों का गठन किया गया।

टीम का नेतृत्व उप पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार तिवारी एवं निरीक्षक गणेश सिंह ठाकुर द्वारा किया गया। एसटीएफ टीम ने ओडिशा से आ रहे ट्रक का अंधेरी रात में अनूपपुर जिले के घने जंगल मार्ग पर करीब 20–25 किलोमीटर तक पीछा कर मध्यप्रदेश सीमा में घेराबंदी करते हुए उसे दबोच लिया।


जांच में सामने आया कि ट्रक में लोहे की चादरों से बना विशेष गुप्त कम्पार्टमेंट तैयार किया गया था, जिसमें गांजे के पैकेट छिपाकर परिवहन किया जा रहा था। जब्त गांजे की अनुमानित बाजार कीमत करीब 1 करोड़ 80 लाख रुपये तथा ट्रक की कीमत लगभग 30 लाख रुपये आंकी गई है।

ट्रक के साथ दो तस्कर गिरफ्तार

  1. अंकित विश्वकर्मा, निवासी जिला सीधी
  2. धनंजय सिंह पटेल, निवासी जिला सतना

आरोपियों से गांजे के स्रोत, अवैध परिवहन और बिक्री नेटवर्क को लेकर गहन पूछताछ जारी है, जिसमें बड़े खुलासों की संभावना है।

इन अधिकारियों–कर्मचारियों की रही सराहनीय भूमिका

इस साहसिक और सफल कार्रवाई में स्थानीय स्तर पर जिन अधिकारियों एवं कर्मचारियों की विशेष भूमिका रही, उनमें—
उप निरीक्षक श्री गोपाल प्रसाद विश्वकर्मा, प्रधान आरक्षक श्री निर्मल सिंह पटेल, श्री अंजनी पाठक, श्री विनय कोरी, श्री संपूर्णानंद, आरक्षक श्री मनीष तिवारी, श्री निलेश दुबे, श्री राहुल रजक, श्री राकेश राय एवं श्री नारायण प्रसाद लोथी शामिल हैं।
            एसटीएफ की इस कार्रवाई ने साफ कर दिया है कि मध्यप्रदेश में नशे के सौदागरों के लिए कोई रास्ता सुरक्षित नहीं। जंगल हो या सीमा—हर मोर्चे पर अब कानून का शिकंजा और सख़्त होगा

हत्या के बाद चला बुलडोज़र: कानून का राज या चुनिंदा कार्रवाई? भाजपा नेता नीलेश रजक हत्याकांड में आरोपी के घर पर प्रशासन की सख़्ती, लेकिन उठे गंभीर सवाल

कटनी। भाजपा नेता नीलेश उर्फ नीलू रजक की सनसनीखेज हत्या के बाद जिला प्रशासन ने अचानक सख़्त रुख अपनाते हुए मुख्य आरोपी अकरम खान के घर पर बुलडोज़र कार्रवाई शुरू कर दी। नगर परिषद, जिला प्रशासन और भारी पुलिस बल की मौजूदगी में अमरेयापार स्थित आरोपी के कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त किया गया। प्रशासन ने इसे कानून के तहत की गई कार्रवाई बताया, लेकिन इस कदम ने जिले में कानून के समान प्रयोग और दोहरे मापदंड को लेकर नई बहस छेड़ दी है।

कार्रवाई के दौरान किसी भी संभावित विरोध को दबाने के लिए कैमोर और विजयाराघवगढ़ क्षेत्र को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया। थाना प्रभारी आशीष शर्मा स्वयं मौके पर डटे रहे। बताया गया कि आरोपी पक्ष ने हाईकोर्ट में रोक लगाने का प्रयास किया, लेकिन राहत न मिलने के बाद प्रशासन ने तय कार्यक्रम के अनुसार बुलडोज़र चला दिया।


गौरतलब है कि 28 अक्टूबर को भाजपा नेता नीलेश रजक की उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वे अपनी बेटी को स्कूल से लेने जा रहे थे। इस निर्मम हत्या ने पूरे जिले को झकझोर दिया था। मामले में अकरम खान और उसका साथी प्रिंस जोसेफ आरोपी हैं। घटना के बाद जिलेभर में आक्रोश फूट पड़ा और आरोपियों पर कठोरतम कार्रवाई की मांग उठी।

हालांकि प्रशासन की यह त्वरित कार्रवाई अब खुद सवालों के कटघरे में खड़ी है। जिले में इसी वर्ष अब तक 20 से अधिक हत्याएं हो चुकी हैं, जिनमें चौपाटी क्षेत्र की एक घटना में तीन लोगों की हत्या जैसी गंभीर वारदातें भी शामिल हैं। लेकिन उन मामलों में न तो बुलडोज़र चला, न ही ऐसी सख़्ती दिखाई दी।

स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों का कहना है कि यदि अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करनी ही है, तो वह सभी मामलों में समान रूप से होनी चाहिए। केवल किसी खास मामले में जनदबाव, पहचान या राजनीतिक कारणों से कार्रवाई करना कानून के राज पर सीधा सवाल खड़ा करता है।

नीलेश रजक की हत्या के बाद चली यह बुलडोज़र कार्रवाई कहीं न्याय का प्रतीक है या फिर चुनिंदा सख़्ती का प्रदर्शन—यह सवाल आज पूरे कटनी जिले में गूंज रहा है।

गुरुवार, 25 दिसंबर 2025

गांव से गगन तक की उड़ान — कटनी का लाल, देश का गौरव अंतरिक्ष विज्ञान में सर्वोच्च योगदान पर अंकुर गर्ग को राष्ट्रपति सम्मान


गांव से गगन तक की उड़ान — कटनी का लाल, देश का गौरव

अंतरिक्ष विज्ञान में सर्वोच्च योगदान पर अंकुर गर्ग को राष्ट्रपति सम्मान

कटनी। देश का हृदय मध्यप्रदेश की माटी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि प्रतिभा किसी महानगर की मोहताज नहीं होती। कटनी जिले की ढीमरखेड़ा तहसील के छोटे से गांव बिछिया से निकलकर अंकुर गर्ग ने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में ऐसा परचम लहराया है, जिसने पूरे देश का सीना चौड़ा कर दिया है। अंतरिक्ष विज्ञान में सर्वोच्च और ऐतिहासिक योगदान के लिए अंकुर गर्ग को देश के राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में आयोजित भव्य और गरिमामय समारोह में देश की राष्ट्रपति ने स्वयं अंकुर गर्ग को यह सम्मान प्रदान किया। यह केवल एक पुरस्कार नहीं, बल्कि उस मेहनत, जिद और वैज्ञानिक साहस की मुहर है, जिसने भारत को अंतरिक्ष महाशक्ति बनाने में निर्णायक भूमिका निभाई है।

ग्राम बिछिया निवासी, स्वर्गीय विनोद गर्ग के सुपुत्र अंकुर गर्ग वर्तमान में (इसरो) में पदस्थ हैं। सीमित संसाधनों, ग्रामीण पृष्ठभूमि और तमाम चुनौतियों के बीच अंतरिक्ष विज्ञान के शिखर तक पहुंचना, सिस्टम पर सवाल उठाने वालों के लिए करारा और ठोस जवाब है—
अगर प्रतिभा को मौका मिले, तो गांव भी गगन चूम सकता है।

अंकुर गर्ग की इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने न केवल कटनी, बल्कि पूरे मध्यप्रदेश को राष्ट्रीय मंच पर गौरवान्वित किया है। गांव बिछिया से लेकर जिला मुख्यालय तक जश्न और गर्व का माहौल है। लोग एक स्वर में कह रहे हैं—
“यह सिर्फ अंकुर की जीत नहीं, यह गांव-गांव में पल रही वैज्ञानिक क्रांति की जीत है।”

जब देश अंतरिक्ष में नए-नए कीर्तिमान रच रहा है, तब कटनी का यह लाल यह साबित करता है कि भारत का भविष्य सुरक्षित, सक्षम और मजबूत हाथों में है।
कटनी बोली—हमें अपने बेटे पर गर्व है।

बुधवार, 24 दिसंबर 2025

“कलेक्टर साहब! मैं सांस ले रहा हूं, फिर भी आपके सिस्टम ने मुझे मार डाला”

कटनी में सिस्टम का क़त्ल—ज़िंदा किसान को सरकारी काग़ज़ों में मृत घोषित किया

कटनी। यह खबर नहीं, सरकारी सिस्टम पर करारा तमाचा है। यह कोई गलती नहीं, बल्कि लापरवाह अफसरशाही की ज़िंदा मिसाल है। जिले में एक किसान आज अपने अस्तित्व को साबित करने के लिए दफ्तरों की सीढ़ियां घिस रहा है, क्योंकि सरकारी रिकॉर्ड में उसे जिंदा नहीं, मृत घोषित कर दिया गया है।

रीठी तहसील के ग्राम गुरजीकला निवासी किसान रामभरण विश्वकर्मा ने समर्थन मूल्य पर 250 क्विंटल धान बेचने के लिए पंजीयन कराया था। लेकिन जैसे ही मोबाइल पर संदेश आया, किसान के पैरों तले ज़मीन खिसक गई—सिस्टम ने उसे कागजो पर “मृत” घोषित कर दिया। समग्र आईडी में भी वही दर्ज। नतीजा साफ—धान खरीदी रद्द, किसान की मेहनत, फसल और पेट पर सीधा प्रहार।

यह लापरवाही नहीं, किसान की हत्या है—काग़ज़ों में ही सही, लेकिन असर ज़मीनी है।
जिस अन्नदाता के दम पर सरकारें भाषण देती हैं, उसी अन्नदाता को सरकारी सिस्टम ने एक क्लिक में खत्म कर दिया।

किसान ने न्याय के लिए कई दफ्तरों में शिकायतें की, लेकिन वहां भी वही पुरानी कहानी—फाइलें चलीं, इंसाफ नहीं आया। खाद विभाग की इस शर्मनाक चूक ने किसान को मानसिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से तोड़ दिया। वह ज़िंदा है, लेकिन सरकारी दुनिया में उसकी कोई हैसियत नहीं।

दस दिनों तक अफसरों के चक्कर काटने के बाद जब कहीं सुनवाई नहीं हुई, तब मजबूर किसान कलेक्टर कार्यालय पहुंचा और फूट-फूटकर बोला—
“साहब, अगर मैं मर चुका हूं तो यहांआपके सामने कौन खड़ा है?”

किसान की पीड़ा सुनकर कलेक्टर आशीष तिवारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एस डी एम को त्वरित जांच करवाने के निर्देश दिए हैं। लेकिन सवाल यह है—
क्या सिर्फ निर्देश काफी हैं?
क्या दोषी अफसरों पर कार्रवाई होगी या मामला भी फाइलों में दफन हो जाएगा?

आज सवाल सिर्फ रामभरण विश्वकर्मा का नहीं है।
अगर सिस्टम किसी जिंदा किसान को मृत घोषित कर सकता है, तो कल किसी और की बारी तय है।
यह घटना बताती है कि सरकारी तंत्र में किसान की कीमत एक डेटा एंट्री से भी कम हो चुकी है।

अब देखना होगा—
क्या सरकार काग़ज़ों में मारे गए इस किसान को इंसाफ देगी,
या फिर अन्नदाता यूं ही सिस्टम की कब्रगाह में दफन होता रहेगा?

प्रेस नोट बनाम हकीकत: ‘शिकंजा’ ढीला, शराब माफिया बेख़ौफ़ बिना नंबर–काली फ़िल्म वाली बोलेरो में भारी मात्रा में शराब पकड़ी गई, गरीबों पर चालान—माफिया को विशेषाधिकार क्यों?

कटनी। अवैध शराब पर नकेल कसने के नाम पर जारी होने वाली प्रेस विज्ञप्तियों और ज़मीनी हकीकत के बीच का फासला एक बार फिर उजागर हो गया है। “ऑपरेशन शिकंजा” के नाम पर पीठ थपथपाने वाली पुलिस के दावे तब खोखले साबित हो गए, जब ग्रामीणों ने खुद मोर्चा संभालते हुए शराब से भरी बोलेरो वाहन पकड़ ली। साफ़ है—या तो यह अभियान सिर्फ़ काग़ज़ों तक सीमित है, या फिर अधीनस्थ अधिकारी ऊपर तक झूठी कार्रवाई दिखाकर गुमराह कर रहे हैं।

मामला बरही थाना क्षेत्र का है, जहां आज सुबह ग्रामीणों ने बिना नंबर प्लेट और काली फ़िल्म लगी बोलेरो को रोका। वाहन में भारी मात्रा में देशी व विदेशी शराब भरी हुई पाई गई। सूचना के बाद पुलिस को बुलाया गया और वाहन को में खड़ा किए जाने की बात सामने आई है।

यह घटना कई तीखे सवाल छोड़ जाती है। जो पुलिस चालानी कार्रवाई के नाम पर गरीब, दिहाड़ी मजदूर और बाइक सवारों पर कहर बरपाती है, वही पुलिस ऐसे वाहनों को कैसे खुली छूट देती रही? बिना नंबर और काली फ़िल्म जैसे खुले उल्लंघन क्या पुलिस की नज़रों से ओझल थे—या जानबूझकर अनदेखी की जा रही थी? यदि “शिकंजा” सचमुच कस रहा होता, तो शराब माफिया इतने बेख़ौफ़ होकर सड़कों पर कैसे दौड़ रहे थे?


ग्रामीणों का कहना है कि अवैध शराब का नेटवर्क लंबे समय से सक्रिय है, लेकिन कार्रवाई तभी होती है जब गांव खुद जागकर माफिया पकड़ ले। सवाल यह भी है कि अब क्या होगा—क्या पूरे नेटवर्क, सप्लाई चेन और संरक्षण देने वालों पर सख़्त कार्रवाई होगी, या फिर यह मामला भी काग़ज़ी खानापूर्ति और दिखावटी पंचनामों तक सिमट कर रह जाएगा?

अब पुलिस के सामने अग्निपरीक्षा है। जनता देख रही है—या तो माफिया पर निर्णायक वार होगा, या फिर “ऑपरेशन शिकंजा” को इतिहास में एक और खोखला नारा मान लिया जाएगा।

मंगलवार, 23 दिसंबर 2025

महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन जी की जयंती पर गणित का बौद्धिक महासंग्राम, तीन दिन तक मकरोनिया कॉलेज बना गणितीय चेतना का केंद्र

महान गणितज्ञ 
श्रीनिवास रामानुजन जी की जयंती पर गणित का बौद्धिक महासंग्राम, तीन दिन तक मकरोनिया कॉलेज बना गणितीय चेतना का केंद्र

सागर। प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस, शासकीय महाविद्यालय मकरोनिया बुजुर्ग में राष्ट्रीय गणित दिवस के अवसर पर महान भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जयंती को यादगार बनाने के उद्देश्य से 19 से 22 दिसंबर तक तीन दिवसीय अकादमिक गतिविधियों का भव्य और सशक्त आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन सम्माननीय प्राचार्य डॉ. ए.सी. जैन के मार्गदर्शन में भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ एवं रामानुजन क्लब, गणित विभाग के संयुक्त तत्वावधान में हुआ, जिसने पूरे महाविद्यालय परिसर को गणितीय ऊर्जा, तार्किक विमर्श और बौद्धिक चेतना से सराबोर कर दिया।

कार्यक्रम के पहले दिन आयोजित प्रश्न मंच प्रतियोगिता में विद्यार्थियों की गणितीय समझ, तर्कशक्ति और तीव्र निर्णय क्षमता खुलकर सामने आई। इस प्रतियोगिता में अभिषेक रैकवार, प्रदीप चौधरी एवं अरुण दुबे की टीम ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए प्रथम स्थान हासिल किया। वहीं पोस्टर प्रेजेंटेशन प्रतियोगिता में अभिषेक रैकवार ने प्रथम, हर्षिता दुबे ने द्वितीय तथा समीक्षा तिवारी ने तृतीय स्थान प्राप्त कर अपनी बौद्धिक प्रतिभा का प्रभावशाली प्रदर्शन किया।

द्वितीय दिवस पर आयोजित ट्रेजर हंट प्रतियोगिता ने गणित को खेल-खेल में सीखने का जीवंत माध्यम बना दिया। छात्रों ने गणितीय पहेलियों और तार्किक चुनौतियों को सुलझाते हुए उत्साह, प्रतिस्पर्धा और टीमवर्क का परिचय दिया। इस रोमांचक आयोजन में अभिषेक रैकवार, रिया यादव एवं प्रियंका दुबे की टीम विजेता रही।

तीन दिवसीय कार्यक्रम का समापन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर, राजस्थान के गणित विभाग से आमंत्रित विषय विशेषज्ञ डॉ. बृहदीश शंकरनारायण के ऑनलाइन व्याख्यान से हुआ। “काउंटिंग द इन्फिनिटी” विषय पर दिए गए इस प्रभावशाली व्याख्यान में उन्होंने वैदिक काल से भारत में प्रचलित गणना के मूलभूत सिद्धांतों पर प्रकाश डालते हुए हिलबर्ट होटल पैराडॉक्स के माध्यम से अनंत की गणितीय अवधारणाओं, उनके व्यावहारिक प्रयोग और उनसे जुड़ी जटिलताओं को सरल एवं रोचक ढंग से समझाया।

अतिथि व्याख्यान सत्र की अध्यक्षता प्रशासनिक अधिकारी डॉ. डी.एन. नामदेव ने की, जबकि मंच संचालन भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ के नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश दुबे द्वारा किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ. ए.एस. ठाकुर, डॉ. दिव्या गुरु, डॉ. राजेश चौधरी, आर.सी. प्रजापति, डॉ. श्री नारायण पाण्डेय, डॉ. नीलेश राय, डॉ. तकल्लुम खान, डॉ. सत्या सोनी, डॉ. ऋतु विश्वकर्मा, डॉ. रश्मि यादव, डॉ. दीप्ति तोमर एवं पुस्तकालयाध्यक्ष एस.के. कोरी का सराहनीय योगदान रहा।

कार्यक्रम के समापन अवसर पर गणित विभागाध्यक्ष श्री शुभम नामदेव ने सभी अतिथियों, प्राध्यापकों एवं विद्यार्थियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण, तार्किक सोच तथा भारतीय ज्ञान परंपरा के प्रति सम्मान को और अधिक सुदृढ़ करते हैं।

शनिवार, 20 दिसंबर 2025

दतला नदी में अवैध रेत उत्खनन पर बड़ी कार्रवाई खनिज विभाग सहित ढीमरखेड़ा पुलिस की संयुक्त दबिश, चार ट्रैक्टर जप्त ,

दतला नदी में अवैध रेत उत्खनन पर बड़ी कार्रवाई

खनिज विभाग सहित ढीमरखेड़ा पुलिस की संयुक्त दबिश, चार ट्रैक्टर जप्त ,

छुटभैयों पर कार्रवाई, बड़े रेत माफिया अब भी बेखौफ ,

लंबे अंतराल बाद हरकत में प्रशासन, निष्पक्षता पर उठे सवाल

ढीमरखेड़ा तहसील क्षेत्र अंतर्गत दतला नदी घाटों में लंबे समय से चल रहे अवैध रेत उत्खनन पर आखिरकार प्रशासन ने शिकंजा कसा है। माइनिंग विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने अचानक दबिश देकर अवैध रूप से रेत का उत्खनन व परिवहन कर रहे चार ट्रैक्टर जब्त किए। सभी वाहन सुरक्षार्थ सिलौड़ी चौकी में खड़े कराए गए हैं। इस कार्रवाई से इलाके के रेत कारोबारियों में हड़कंप मचा हुआ है।

हालांकि, कार्रवाई को लेकर बड़ा सवाल भी खड़ा हो रहा है—क्या यह सख्ती सिर्फ छुटभैयों तक सीमित है? क्षेत्र में आम चर्चा है कि बड़े और प्रभावशाली रेत माफियाओं पर जिम्मेदार अब भी आंखें मूंदे बैठे हैं, जबकि छोटे ऑपरेटरों पर ही कार्रवाई का डंडा चल रहा है।


जानकारी के मुताबिक ढीमरखेड़ा तहसील के विभिन्न नदी घाटों से लंबे समय से अवैध रेत निकासी जारी थी, जिससे शासन को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा था। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद प्रशासन ने माइनिंग विभाग और पुलिस को संयुक्त कार्रवाई के निर्देश दिए।

ढीमरखेड़ा थाना प्रभारी के अनुसार, अवैध रेत उत्खनन के खिलाफ पुलिस पहले से दबिश दे रही थी, लेकिन भनक लगते ही माफिया फरार हो जाते थे। बुधवार को माइनिंग विभाग की टीम और पुलिस बल ने दतला नदी घाट पर अचानक छापा मारा। कार्रवाई के दौरान दतला घाट और बम्होरी गांव के पास अवैध उत्खनन करते हुए चार ट्रैक्टर रंगेहाथ पकड़ लिए गए, जिन्हें सिलौड़ी चौकी में जब्त किया गया।

प्रशासन की इस संयुक्त कार्रवाई से आमजन में संतोष जरूर है, लेकिन मांग यह भी तेज है कि कार्रवाई केवल दिखावे तक सीमित न रहे। यदि सच में अवैध रेत उत्खनन पर लगाम लगानी है तो बड़े माफियाओं तक भी हाथ पहुंचाना होगा। अधिकारियों का कहना है कि अभियान आगे भी जारी रहेगा और किसी भी सूरत में माफियाओं को बख्शा नहीं जाएगा—अब देखना यह है कि यह सख्ती सभी पर बराबर लागू होती है या नहीं।

ढीमरखेड़ा पुलिस का नशा तस्करों पर प्रहार , दो अलग-अलग कार्रवाइयों में 5.5 किलो गांजा जब्त, दो तस्कर गिरफ्तार

ढीमरखेड़ा पुलिस का नशा तस्करों पर प्रहार ,

दो अलग-अलग कार्रवाइयों में 5.5 किलो गांजा जब्त, दो तस्कर गिरफ्तार

कटनी। नशे के अवैध कारोबार पर ढीमरखेड़ा पुलिस ने करारा प्रहार करते हुए गांजा तस्करी के दो मामलों का पर्दाफाश किया है। थाना प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस टीम ने त्वरित कार्रवाई कर दो तस्करों को धर दबोचा और कुल 5 किलो 500 ग्राम गांजा जब्त किया।

पहला मामला : बाइक से गांजा ले जा रहा तस्कर पकड़ा
थाना क्षेत्र के ग्राम झिन्नापिपरिया, चंडी माता मंदिर के पास पुलिस ने संदिग्ध युवक को घेराबंदी कर पकड़ा। आरोपी मोटरसाइकिल (होंडा सीडी-100) पर सफेद प्लास्टिक की बोरी रखकर आ रहा था। पुलिस को देखकर भागने की कोशिश की, लेकिन मौके पर दबोच लिया गया। पूछताछ में उसने अपना नाम बृजभान पिता अमर सिंह परस्ते (25) निवासी मखडार, थाना कुंडम, जिला जबलपुर बताया। तलाशी में 2 किलो 400 ग्राम गांजा बरामद हुआ। गांजा व मोटरसाइकिल जब्त कर आरोपी के विरुद्ध धारा 8/20 एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया।


दूसरा मामला : बैग में गांजा लेकर खड़ा तस्कर गिरफ्तार
दूसरे प्रकरण में ग्राम खमतरा बिछुआ मोड़ मेन रोड पर एक व्यक्ति काले रंग का बैग लिए खड़ा मिला। पुलिस को देखकर भागने का प्रयास किया, लेकिन घेराबंदी कर पकड़ लिया गया। आरोपी ने अपना नाम पंचम पिता अमर सिंह (46) निवासी ग्राम जामूनचुआ, थाना ढीमरखेड़ा बताया। बैग की तलाशी में 3 किलो 100 ग्राम गांजा बरामद किया गया। इस मामले में भी धारा 8/20 एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की गई।

मुस्तैदी रंग लाई : टीमवर्क से टूटी तस्करी की कमर
पूरी कार्रवाई में थाना प्रभारी के साथ पुलिस टीम के जवानों की सक्रिय भूमिका रही, जिनकी सतर्कता से तस्करों की साजिश नाकाम हुई।


सांसद खेल महोत्सव 2025 : खेल, संघर्ष और सम्मान का संगम , बड़वारा में छात्र छात्राओं ने मैदान में दिखाया दम

सांसद खेल महोत्सव 2025 : खेल, संघर्ष और सम्मान का संगम , बड़वारा में छात्र छात्राओं ने मैदान में दिखाया दम

कटनी। सांसद खेल महोत्सव 2025 के तहत विधानसभा बड़वारा में शनिवार को खेलों का ऐसा संग्राम देखने को मिला, जिसने क्षेत्र की छात्राओं में जोश और आत्मविश्वास भर दिया। प्रातः 10 बजे से शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बड़वारा के खेल मैदान में आयोजित इस भव्य आयोजन में विद्यालय स्तर की छात्राओं ने अपनी खेल प्रतिभा का खुलकर प्रदर्शन किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ (विधायक, बड़वारा), (भाजपा जिला अध्यक्ष), (जिला प्रभारी), (सांसद प्रतिनिधि), (शहडोल लोकसभा प्रभारी), जनपद उपाध्यक्ष रामसेवक दुबे, मंडल अध्यक्ष अनुराग गुप्ता सहित अन्य अतिथियों ने माँ सरस्वती के तैलचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर किया।

इसके पश्चात मंच से नेताओं ने खिलाड़ियों को कड़ा संदेश दिया—खेल केवल प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि अनुशासन, आत्मबल और भविष्य निर्माण का माध्यम हैं। जिलाध्यक्ष दीपक टंडन, विधायक धीरेन्द्र बहादुर सिंह, सांसद प्रतिनिधि पद्मेश गौतम एवं लोकसभा प्रभारी राकेश त्रिपाठी ने छात्राओं का उत्साह बढ़ाते हुए उन्हें राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचने के लिए प्रेरित किया।

खेल महोत्सव में कबड्डी, वॉलीबॉल, खो-खो, रस्साकशी, 100 मीटर दौड़, टेबल टेनिस सहित कई स्पर्धाएं आयोजित की गईं। मैदान में हर मुकाबला संघर्ष, फुर्ती और जज़्बे की मिसाल बनकर उभरा। छात्राओं ने साबित कर दिया कि अवसर मिले तो वे किसी से कम नहीं।

समापन अवसर पर (पुलिस अधीक्षक, कटनी) एवं विधायक धीरेन्द्र बहादुर सिंह ने विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार प्रदान किए और खेलों को जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने का आह्वान किया। अतिथियों ने कहा कि ऐसे आयोजन ग्रामीण व अर्ध-शहरी क्षेत्रों की प्रतिभाओं को पहचान दिलाने का सशक्त माध्यम हैं।

प्रतियोगिताओं को सफल बनाने में निखिलेश यादव, हिमांशु बल्लभ दास, हिमांशु गोस्वामी, अरविंद तिवारी, सरिता शर्मा, शीला त्रिपाठी, महेंद्र नारायण मिश्रा, लाल बहादुर सोनी, आदित्य गढ़वाल, ज्ञानेंद्र हालदार, करण सिंह ठाकुर, धनंजय यादव, संजय रावत, संजय कुशवाहा, स्नेहल, विभा, अनिल, मनीष, सुशील, निधि सहित अनेक सहयोगियों का उल्लेखनीय योगदान रहा।

कुल मिलाकर, बड़वारा का यह खेल महोत्सव केवल आयोजन नहीं—बल्कि छात्राओं की क्षमता, नेतृत्व और भविष्य की घोषणा बनकर सामने आया।

चेंबर नहीं, चौपाल से चला सिस्टम—एसपी का जनता से सीधा संवाद बना हथियार, चंद घंटों में 6 फरार आरोपी ग्रामीणों ने सौंपे पुलिस के हवाले

चेंबर नहीं, चौपाल से चला सिस्टम—एसपी का जनता से सीधा संवाद बना हथियार, चंद घंटों में 6 फरार आरोपी ग्रामीणों ने सौंपे पुलिस के हवाले

कटनी। एक बात अब बिल्कुल साफ है—चेंबर में बैठकर काग़ज़ों पर आदेश लिखने से सिर्फ खानापूर्ति हो सकती है, लेकिन जनता का विश्वास कभी नहीं बनता। विश्वास पैदा होता है तब, जब पुलिस बिना रोक-टोक जनता के बीच उतरकर बात करे। कटनी में यही मॉडल जब जमीन पर उतरा और नतीजा ऐसा निकला कि अपराधियों की हिम्मत पस्त हो गई।

पुलिस अधीक्षक खुद थाना कुठला क्षेत्र के आदिवासी बाहुल्य बांग्ला टोला पहुंचे, जन चौपाल लगाई और ग्रामीणों से सीधा, दो-टूक और बेबाक संवाद किया। न कोई औपचारिक भाषण, न काग़ज़ी दिखावा—साफ संदेश था: नशा छोड़ो, अपराध छोड़ो, वरना कानून की सख्ती तय है।

वार्ड पार्षद की मौजूदगी में आयोजित इस जन चौपाल में नशे के दुष्परिणामों को बेनकाब करते हुए पुलिस ने बताया कि नशा सिर्फ व्यक्ति नहीं, पूरे परिवार और समाज को तबाह करता है। सौहार्दपूर्ण लेकिन सख्त संवाद ने वह कर दिखाया, जो सालों की फाइलें नहीं कर पाईं—भरोसा कायम हुआ

इसी भरोसे का नतीजा था कि हत्या के प्रयास जैसे संगीन अपराध में फरार 7 नामजद आरोपियों को सामने लाने की अपील के बाद महज 10 घंटे के भीतर 6 आरोपी उनके परिजनों और ग्रामीणों द्वारा खुद पुलिस के हवाले कर दिए गए। यह कार्रवाई नहीं, बल्कि जनता की भागीदारी से कानून की जीत है।

इतना ही नहीं, आरोपियों के परिजनों ने भविष्य में हर प्रकार के नशे से दूरी और पुलिस को पूरा सहयोग देने का सार्वजनिक भरोसा भी दिया।

संदेश एकदम स्पष्ट है:
कटनी में अब पुलिसिंग चेंबर से नहीं, चौपाल से चलेगी। जहां संवाद खुला होगा, वहां अपराध टिक नहीं पाएगा। जब नेतृत्व मैदान में उतरता है, तो जनता साथ आती है—और अपराधियों के लिए छिपने की कोई जगह नहीं बचती।

शुक्रवार, 19 दिसंबर 2025

धान खरीदी में संगठित फर्जीवाड़ा बेनकाब कलेक्टर के आदेश पर कंप्यूटर ऑपरेटर समेत चार पर FIR, करोड़ों के खेल की आशंका

धान खरीदी में संगठित फर्जीवाड़ा बेनकाब

कलेक्टर के आदेश पर कंप्यूटर ऑपरेटर समेत चार पर FIR, करोड़ों के खेल की आशंका

कटनी। खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में रीठी तहसील में धान खरीदी पंजीयन के नाम पर सुनियोजित धोखाधड़ी का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। कलेक्टर के सख्त निर्देश पर कंप्यूटर ऑपरेटर सहित चार लोगों के खिलाफ थाना कुठला में आपराधिक षड्यंत्र, कूटरचना और सरकारी धन की लूट के गंभीर आरोपों में एफआईआर दर्ज की गई है।

कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी प्रियंका सोनी की शिकायत पर कंप्यूटर ऑपरेटर प्रीतम सिंह लोधी, संपत अग्रवाल, रंजना अग्रवाल एवं मीराबाई पति विनोद कुमार को आरोपी बनाया गया है। आरोप है कि इन लोगों ने फर्जी पंजीयन कर शासन को भारी आर्थिक क्षति पहुंचाने की साजिश रची और इस साल भी उसी अपराध को दोहराने की तैयारी थी।

जनसुनवाई से फूटा घोटाला
4 नवंबर की जनसुनवाई में धान पंजीयन में भारी गड़बड़ी की शिकायत सामने आते ही कलेक्टर के निर्देश पर कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी और नायब तहसीलदार बिलहरी ने संयुक्त जांच की। जांच में पंजीयन क्रमांक 226424000047 उजागर हुआ, जिसमें 19.37 हेक्टेयर भूमि दर्शाई गई—पर चौंकाने वाली बात यह कि पंजीयन में जुड़े खसरे मीराबाई के नहीं थे। अन्य किसानों की जमीन बिना सहमति उनके नाम जोड़ दी गई।

दस्तावेज शून्य, जवाब गायब
एमपी भू-अभिलेख पोर्टल पर जांच में साफ हो गया कि पंजीयन में दर्ज एक भी खसरा मीराबाई के नाम का नहीं है। पंजीयनकर्ता कंप्यूटर ऑपरेटर कोई वैध दस्तावेज या अनुबंध पेश करने में पूरी तरह नाकाम रहा—जो सीधे-सीधे अपराध की पुष्टि करता है।

पिछले साल भी खेल, पैसा भी उठा
ई-उपार्जन पोर्टल से खुलासा हुआ कि इसी पंजीयन से खरीफ 2024-25 में भी 412 क्विंटल धान बेचा गया और ₹9,47,599 का भुगतान एक ही बैंक खाते में हुआ। यहीं से ₹1.53 लाख रंजना अग्रवाल के खाते में ट्रांसफर हुए, जबकि 3, 4 और 6 जनवरी 2025 को ₹6 लाख नकद आहरण किया गया। यह पूरा लेन-देन संगठित आर्थिक अपराध की ओर इशारा करता है।

कानून का शिकंजा कस गया
जांच में स्पष्ट हुआ कि आरोपी समूह ने शासन की पंजीयन नीति का खुला उल्लंघन करते हुए कूटरचना से फर्जी पंजीयन कराया। नतीजतन थाना कुठला में भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 318(4), 340(1), 340(2) और 336(3) के तहत मामला दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी गई है।

सवाल बड़ा—और भी नाम?
यह कार्रवाई केवल शुरुआत मानी जा रही है। अफसरों का संकेत साफ है—घोटाले की परतें खुलेंगी तो और चेहरे बेनकाब होंगे। प्रशासन का संदेश स्पष्ट है: धान खरीदी में लूट अब नहीं चलेगी, दोषियों पर कठोरतम कार्रवाई तय है।

गुरुवार, 18 दिसंबर 2025

प्राध्यापक हितों की बुलंद आवाज बने डॉ. कमलेश दुबे मप्र प्रांतीय प्राध्यापक संघ की सागर इकाई को मिला नया और सक्रिय नेतृत्व

प्राध्यापक हितों की बुलंद आवाज बने डॉ. कमलेश दुबे 

मप्र प्रांतीय प्राध्यापक संघ की सागर इकाई को मिला नया और सक्रिय नेतृत्व

सागर। प्राध्यापकों के हक, सम्मान और अधिकारों की लड़ाई को नई ऊर्जा देते हुए डॉ. कमलेश दुबे को की सागर इकाई का सागर जिला उपाध्यक्ष मनोनीत किया गया है। संघ द्वारा घोषित नवीन कार्यकारिणी में उनका चयन प्राध्यापक समुदाय के बीच उनकी सक्रिय भूमिका, संगठनात्मक क्षमता और निरंतर प्रतिबद्धता का प्रमाण माना जा रहा है।

डॉ. कमलेश दुबे वर्तमान में प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस, शासकीय महाविद्यालय मकरोनिया में सहायक प्राध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। उनकी नियुक्ति की खबर मिलते ही महाविद्यालय परिसर में उत्साह और प्रसन्नता का माहौल बन गया। प्राचार्य डॉ. ए. सी. जैन ने पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया, जबकि वरिष्ठ प्राध्यापकों ने माला पहनाकर अभिनंदन किया।

इस अवसर पर अपने उद्बोधन में डॉ. दुबे ने कहा कि यह दायित्व उनके लिए सम्मान के साथ-साथ बड़ी जिम्मेदारी भी है। उन्होंने संघ के प्रदेश नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त करते हुए स्पष्ट किया कि वे प्राध्यापकों की समस्याओं, पदोन्नति, सेवा शर्तों और सम्मानजनक कार्य वातावरण जैसे मुद्दों को पूरी मजबूती और निष्ठा के साथ उठाएंगे। उन्होंने भरोसा दिलाया कि संगठन के वरिष्ठों के मार्गदर्शन और साथियों के सहयोग से प्राध्यापक समुदाय की आवाज को और सशक्त बनाया जाएगा।

डॉ. कमलेश दुबे की नियुक्ति को जिले में प्राध्यापकों की एकजुटता और प्रभावी प्रतिनिधित्व की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। महाविद्यालय परिवार और प्राध्यापक संघ से जुड़े साथियों ने उन्हें नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं देते हुए आशा जताई कि उनके नेतृत्व में संघ की भूमिका और अधिक प्रभावशाली होगी।

इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. ए. सी. जैन सहित डॉ. ए. एस. ठाकुर, डॉ. डी. एन. नामदेव, डॉ. दिव्या गुरु, डॉ. राजेश चौधरी, डॉ. सुनील विश्वकर्मा, डॉ. नीलेश राय, डॉ. एस. एन. पांडे, डॉ. शुभम नामदेव, डॉ. आर. सी. प्रजापति, डॉ. रश्मि यादव, डॉ. संतोष कोरी, डॉ. ऋतु विश्वकर्मा, डॉ. सत्या सोनी, डॉ. तकल्लुम खान, डॉ. दीप्ति तोमर तथा श्री जितेन्द्र राजपूत ने डॉ. कमलेश दुबे को सागर जिला उपाध्यक्ष बनाए जाने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित कीं और उनके उज्ज्वल व सफल कार्यकाल की कामना की।

आवारा कुत्तों के झुंड ने मासूम को घेरा—न्यू हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में प्रशासन की घोर लापरवाही उजागर, सीसीटीवी में कैद भयावह मंजर

आवारा कुत्तों के झुंड ने मासूम को घेरा—न्यू हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में प्रशासन की घोर लापरवाही उजागर, सीसीटीवी में कैद भयावह मंजर

कटनी। जिले के विश्राम बाबा क्षेत्र स्थित न्यू हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी से सामने आई यह घटना किसी चेतावनी से कम नहीं है। कॉलोनी में आवारा कुत्तों का आतंक इस कदर बढ़ चुका है कि एक मासूम बच्ची की जान जाते-जाते बची। पूरी घटना पास में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है, जिसने सिस्टम की संवेदनहीनता को बेनकाब कर दिया है।

वीडियो में साफ दिखता है कि चार–पांच आवारा कुत्ते एक छोटी बच्ची को दौड़ाकर घेर लेते हैं। चीख-पुकार मचती है, तभी कॉलोनी के कुछ सतर्क लोगों ने दौड़कर कुत्तों को भगाया—तब जाकर बच्ची सुरक्षित बच पाई। यदि कुछ सेकंड की भी देरी होती, तो नतीजा भयावह हो सकता था।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि कॉलोनी की एक महिला द्वारा करीब 20 से अधिक आवारा कुत्तों को संरक्षण दिया जा रहा है, जिससे हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। रहवासियों के अनुसार, कुत्ते आए दिन लोगों को दौड़ाते और काटने की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। इसके बावजूद नगर निगम और संबंधित थाने में की गई बार-बार की शिकायतें कागजों में ही दफन होकर रह गईं।

यह घटना साफ संकेत है कि जिम्मेदारों की लापरवाही अब जानलेवा मोड़ पर पहुंच चुकी है। सवाल यह है—क्या प्रशासन किसी बड़ी अनहोनी का इंतजार कर रहा है? क्या मासूमों की जान की कीमत पर ही कार्रवाई होगी?

कॉलोनीवासियों ने प्रशासन से तत्काल सख्त कार्रवाई, संबंधित महिला पर कानूनी कदम, और सभी आवारा कुत्तों को शेल्टर हाउस भेजने की मांग की है। चेतावनी भी साफ है—यदि अब भी गंभीरता नहीं दिखाई गई, तो अगली खबर तक किसी की जान भी जा सकती है।

बुधवार, 17 दिसंबर 2025

हिस्ट्रीशीटर के खिलाफ कार्रवाई — बरही पुलिस ने जिला बदर आदेश कराया लागू

कटनी जिले में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से पुलिस द्वारा असामाजिक तत्वों के विरुद्ध लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में थाना बरही क्षेत्र के एक हिस्ट्रीशीटर के खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा पारित जिला बदर आदेश का प्रभावी क्रियान्वयन किया गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार थाना बरही क्षेत्र अंतर्गत ग्राम गैरतलाई निवासी हिस्ट्रीशीटर पुष्पराज सिंह के विरुद्ध 03 माह का जिला बदर आदेश जारी किया गया था। आदेश के पालन में बरही थाना पुलिस ने आरोपी के निवास क्षेत्र में माइक के माध्यम से सार्वजनिक सूचना प्रसारित की और आमजन को जिला बदर आदेश एवं आरोपी के आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी दी।

पुलिस द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया कि जिला बदर अवधि के दौरान यदि आरोपी कटनी जिले की सीमा में पाया जाता है, तो उसके विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

इसके बाद पुलिस टीम द्वारा आरोपी को जिले की सीमा से बाहर सतना जिले के उचेहरा थाना क्षेत्र में छोड़ा गया, जिससे आदेश का पूर्ण रूप से पालन सुनिश्चित किया जा सके।

ने बताया कि जिले में आगे भी हिस्ट्रीशीटरों, निगरानी बदमाशों एवं अन्य असामाजिक तत्वों के विरुद्ध इसी तरह की कार्रवाई जारी रहेगी, ताकि क्षेत्र में शांति एवं कानून-व्यवस्था बनी रहे।