शनिवार, 27 दिसंबर 2025

15 सूत्रीय मांगों को लेकर लघु वेतन कर्मचारियों का आक्रोश, कटनी कलेक्ट्रेट पर दो घंटे का धरना, सरकार को चेतावनी—अब अनदेखी नहीं चलेगी, सांसद प्रतिनिधि को सौंपा ज्ञापन

15 सूत्रीय मांगों को लेकर लघु वेतन कर्मचारियों का आक्रोश, कटनी कलेक्ट्रेट पर दो घंटे का धरना

सरकार को चेतावनी—अब अनदेखी नहीं चलेगी, सांसद प्रतिनिधि को सौंपा ज्ञापन

कटनी। वर्षों से उपेक्षा और शोषण का दंश झेल रहे लघु वेतन कर्मचारियों का सब्र आखिरकार टूट गया। जिला शाखा कटनी के नेतृत्व में कर्मचारियों ने आंदोलन के चौथे चरण में कलेक्ट्रेट के सामने दो घंटे का सांकेतिक धरना देकर सरकार के खिलाफ खुला मोर्चा खोल दिया।

धरना स्थल पर कर्मचारियों का आक्रोश साफ झलक रहा था। हाथों में तख्तियां, बुलंद नारे और एक स्वर में उठती मांगों ने प्रशासन को यह साफ संदेश दे दिया कि अब सिर्फ आश्वासन नहीं, ठोस और तत्काल निर्णय चाहिए।

संघ के जिलाध्यक्ष पूर्णेश उइके एवं मीडिया प्रभारी अनिल पांडेय ने बताया कि यह आंदोलन प्रांतीय आह्वान पर प्रदेशभर में एक साथ किया जा रहा है। कटनी में दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे तक कलेक्ट्रेट परिसर के सामने कर्मचारियों ने सरकार की नीतियों को कर्मचारी-विरोधी बताते हुए करारा हमला बोला।

मांगें नहीं मानीं तो आंदोलन होगा उग्र

धरना स्थल से कर्मचारियों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि अब भी 15 सूत्रीय मांगों की अनदेखी की गई तो आंदोलन को और तेज एवं व्यापक किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।

प्रदर्शन के बाद माननीय मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव के नाम 15 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सांसद प्रतिनिधि पदमेश गौतम को सौंपा गया।

ये हैं कर्मचारियों की प्रमुख मांगें

  • पदनाम परिवर्तन कर कार्यालय सहायक किया जाए
  • ग्रेड पे ₹1300 के स्थान पर ₹1800 किया जाए
  • रसोईया बहनों को कम से कम ₹10,000 मानदेय दिया जाए
  • पुरानी पेंशन योजना तत्काल लागू की जाए
  • स्थाई कर्मी व दैनिक वेतन भोगियों को नियमित किया जाए
  • अंशकालीन कर्मचारियों को दैनिक वेतन भोगी की श्रेणी में शामिल किया जाए
  • आकस्मिक निधि एवं कार्यभारित कर्मचारियों को 300 दिन के अर्जित अवकाश के नगदीकरण का लाभ मिले
  • आउटसोर्स प्रथा समाप्त कर आयोग का गठन किया जाए
  • रिक्त पदों की शीघ्र पूर्ति की जाए

सरकार की नीतियों पर सीधा हमला

संघ नेताओं ने कहा कि सरकार रोजगार और सम्मान की बातें तो करती है, लेकिन वर्षों से सेवा दे रहे कर्मचारियों को न्यूनतम अधिकारों से भी वंचित रखा जा रहा है। यह स्थिति अन्यायपूर्ण और अमानवीय है।

धरना-प्रदर्शन में अजय गौतम, मनोज श्रीवास, मनोज दहिया, सौरभ सिंह, धर्मेंद्र राज, नीलेश पौराणिक, हरीश बेन, अजीमुद्दीन शाह, सदानंद, बाबूलाल अहिरवार, रामनरेश यादव, तेजभान सिंह, रत्ना ठाकुर, आशीष पटेल, शकुन, महेश अहीरवाल, नकुल यादव, हमीद खान, बलराम सिंह, प्रभु द्विवेदी, राजेश विश्वकर्मा सहित बड़ी संख्या में महिला-पुरुष कर्मचारी मौजूद रहे।

कोई टिप्पणी नहीं: