शुक्रवार, 26 दिसंबर 2025

ओडिशा–एमपी सीमा पर नशे के नेटवर्क पर करारा प्रहार , 599 किलो गांजा जब्त, तस्करों के मंसूबों पर STF जबलपुर का बुलडोज़र

ओडिशा–एमपी सीमा पर नशे के नेटवर्क पर करारा प्रहार 

599 किलो गांजा जब्त, तस्करों के मंसूबों पर STF जबलपुर का बुलडोज़र

जबलपुर - मध्यप्रदेश में नशे के सौदागरों के खिलाफ निर्णायक जंग छेड़ते हुए एसटीएफ इकाई जबलपुर ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। ओडिशा से मध्यप्रदेश में गांजे की खेप खपाने की साजिश को नाकाम करते हुए 599 किलोग्राम गांजा ट्रक सहित जब्त किया गया। यह कार्रवाई न केवल सटीक रही, बल्कि इतनी आक्रामक भी कि तस्कर संभलने तक का मौका नहीं पा सके।

यह पूरी कार्रवाई पुलिस महानिदेशक मध्यप्रदेश के निर्देश में तथा एसटीएफ प्रमुख/विशेष पुलिस महानिदेशक पंकज कुमार श्रीवास्तव के सतत मार्गदर्शन में की गई। गोपनीय सूचना के आधार पर पुलिस अधीक्षक एसटीएफ जबलपुर श्री राजेश सिंह भदौरिया के निर्देशन में दो विशेष टीमों का गठन किया गया।

टीम का नेतृत्व उप पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार तिवारी एवं निरीक्षक गणेश सिंह ठाकुर द्वारा किया गया। एसटीएफ टीम ने ओडिशा से आ रहे ट्रक का अंधेरी रात में अनूपपुर जिले के घने जंगल मार्ग पर करीब 20–25 किलोमीटर तक पीछा कर मध्यप्रदेश सीमा में घेराबंदी करते हुए उसे दबोच लिया।


जांच में सामने आया कि ट्रक में लोहे की चादरों से बना विशेष गुप्त कम्पार्टमेंट तैयार किया गया था, जिसमें गांजे के पैकेट छिपाकर परिवहन किया जा रहा था। जब्त गांजे की अनुमानित बाजार कीमत करीब 1 करोड़ 80 लाख रुपये तथा ट्रक की कीमत लगभग 30 लाख रुपये आंकी गई है।

ट्रक के साथ दो तस्कर गिरफ्तार

  1. अंकित विश्वकर्मा, निवासी जिला सीधी
  2. धनंजय सिंह पटेल, निवासी जिला सतना

आरोपियों से गांजे के स्रोत, अवैध परिवहन और बिक्री नेटवर्क को लेकर गहन पूछताछ जारी है, जिसमें बड़े खुलासों की संभावना है।

इन अधिकारियों–कर्मचारियों की रही सराहनीय भूमिका

इस साहसिक और सफल कार्रवाई में स्थानीय स्तर पर जिन अधिकारियों एवं कर्मचारियों की विशेष भूमिका रही, उनमें—
उप निरीक्षक श्री गोपाल प्रसाद विश्वकर्मा, प्रधान आरक्षक श्री निर्मल सिंह पटेल, श्री अंजनी पाठक, श्री विनय कोरी, श्री संपूर्णानंद, आरक्षक श्री मनीष तिवारी, श्री निलेश दुबे, श्री राहुल रजक, श्री राकेश राय एवं श्री नारायण प्रसाद लोथी शामिल हैं।
            एसटीएफ की इस कार्रवाई ने साफ कर दिया है कि मध्यप्रदेश में नशे के सौदागरों के लिए कोई रास्ता सुरक्षित नहीं। जंगल हो या सीमा—हर मोर्चे पर अब कानून का शिकंजा और सख़्त होगा

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