फर्जी धान पकड़ा… पेनाल्टी ठोकी… और अब वही वेयरहाउस बने खरीदी केंद्र!
जिला प्रशासन के फैसले ने उड़ाई पारदर्शिता की धज्जियाँ — ‘चोर को ही साहूकारी’ का ठेका?
कटनी। जिले की खरीदी व्यवस्था पर बड़ा धमाका—जिन वेयरहाउसों से पहले अवैध धान की भारी खेप पकड़ी गई, पेनाल्टी लगी, और जिन पर अनाज चोरी व फर्जीवाड़े के गंभीर आरोप पहले से मौजूद हैं…
आज वही लोग प्रत्यक्ष–अप्रत्यक्ष रूप से कई जगहों पर खरीदी केंद्र चला रहे हैं।
यह फैसला किसानों की नाराजगी को आग में घी की तरह भड़का रहा है।
संदिग्धों का विवादित इतिहास—पुराने आरोप फिर चर्चा में!
खरीदी से पहले ही भारी मात्रा में अवैध धान की जब्ती
ओपन वेयरहाउस संचालन के दौरान अनाज चोरी की शिकायतें
पारदर्शिता पर लगातार उठते सवाल
किसानों में अविश्वास और डर की भावना
इन सबके बावजूद इतने संवेदनशील काम की जिम्मेदारी उन्हीं के हाथों सौंप देना—किसी भी रूप में न्यायसंगत नहीं माना जा रहा।
जिले में उठ रही तीखी आवाज—“दोषी को ही जिम्मेदारी क्यों?”
जनता खुलकर बोल रही है—
“जिनके खिलाफ कार्रवाई हुई, वही अब खरीदी केंद्र चला रहे हैं… यह कौन-सी व्यवस्था है?”
कई किसानों ने तंज कसते हुए कहा—
“सिस्टम का ताला उन्हीं को दे दिया जो ताला तोड़ने में पकड़े गए थे!”
कलेक्टर की शुरुआती सख्ती को जनता ने सराहा था—अब फैसले पर उठ रहे गंभीर सवाल
खरीदी शुरू होने से पहले की गई कड़ी कार्रवाई को जनता ने ऐतिहासिक और साहसिक कदम बताया था।
परंतु अब उन्हीं संदिग्धों को खरीदी का जिम्मा सौंपकर प्रशासन ने अपनी ही छवि को कटघरे में ला खड़ा किया है।
किसानों की मांग—“तुरंत जांच, और संदिग्धों को सिस्टम से बाहर किया जाए”
किसान संगठनों ने स्पष्ट कहा है कि खरीदी व्यवस्था को माफिया–मुक्त रखने के लिए
संदिग्ध वेयरहाउसों और उनके संचालन की तुरंत जांच कर कठोर निर्णय आवश्यक है।
सबसे महत्वपूर्ण—यह पूरी जानकारी जिले के मुखिया को भी दे दी गई है।
अब जिला प्रशासन के निर्णय का इंतज़ार है कि
संदिग्धों को संरक्षण मिलेगा… या खरीदी व्यवस्था को न्याय?

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