मंगलवार, 16 दिसंबर 2025

**लूट के बाद निरीक्षण! एटीएम लूट के बाद जागी पुलिस—अब याद आई बैंकों की सुरक्षा! एटीएम उखड़ने के बाद जागी कटनी पुलिस—अब बैंकों की सुरक्षा याद आई**

**लूट के बाद निरीक्षण!

एटीएम लूट के बाद जागी पुलिस—अब याद आई बैंकों की सुरक्षा!

एटीएम उखड़ने के बाद जागी कटनी पुलिस—अब बैंकों की सुरक्षा याद आई**

कटनी। एटीएम मशीन उखाड़कर 11.35 लाख रुपये की लूट के बाद पुलिस की कार्यप्रणाली एक बार फिर सवालों के घेरे में है। लूटकांड के बाद चौतरफा आलोचना झेल रही कटनी पुलिस ने इस माह में दूसरी बार जिलेभर के बैंकों और एटीएम की सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण किया।
सवाल साफ है—अगर यह सतर्कता पहले होती, तो क्या एटीएम लूट जैसी वारदात होती?

पुलिस अधीक्षक अभिनय विश्वकर्मा (भा.पु.से.) के निर्देश पर मंगलवार को सभी थाना प्रभारियों और पुलिस टीमों को बैंकों व एटीएम की जांच के लिए मैदान में उतारा गया। पुलिस ने बैंक प्रबंधकों से सुरक्षा गार्डों की 24×7 तैनाती, सीसीटीवी कैमरों की स्थिति और निगरानी व्यवस्था की जानकारी ली।
निरीक्षण में कई जगह सुरक्षा इंतज़ाम नाकाफी पाए गए—कुछ एटीएम पर गार्ड ही नहीं थे, तो कहीं कैमरे बंद या नाममात्र के मिले।


लूटकांड ने यह पहले ही साबित कर दिया था कि बैंकों और एटीएम की सुरक्षा केवल काग़ज़ों में मजबूत थी। माधवनगर थाना क्षेत्र से चंद कदमों की दूरी पर एटीएम उखाड़ ले जाना और पुलिस को भनक तक न लगना, सुरक्षा दावों की सच्चाई उजागर कर चुका है।

निरीक्षण के दौरान पुलिस ने सुरक्षा गार्डों को सख्त निर्देश दिए कि किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि की तुरंत पुलिस को सूचना दें। चेहरा ढंककर एटीएम में प्रवेश करने वालों को रोकने के निर्देश भी दिए गए।
लेकिन जनता पूछ रही है—ये निर्देश लूट से पहले क्यों नहीं थे?

सीसीटीवी कैमरों की कार्यशीलता, बैंक परिसरों के अंदर–बाहर की सुरक्षा और गार्डों की तैनाती की भी जांच की गई। जहां व्यवस्था कमजोर पाई गई, वहां बैंक प्रबंधन को बेहतर कैमरे लगाने और सुरक्षा मजबूत करने के निर्देश दिए गए। कुछ एटीएम में सुरक्षा गार्ड की अनुपस्थिति पर तत्काल तैनाती के आदेश भी जारी किए गए।

पुलिस ने बैंक उपभोक्ताओं को भी सतर्क रहने की समझाइश दी, लेकिन सवाल यह है कि जब सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस और बैंकों की है, तो बोझ आमजन पर क्यों?

एटीएम लूट के बाद यह निरीक्षण कार्रवाई पुलिस की देर से जागी सक्रियता को उजागर करती है। अब देखना यह होगा कि यह कदम सिर्फ लूट के बाद की औपचारिकता बनकर रह जाता है या सच में ऐसी वारदातों की पुनरावृत्ति रोकने में कारगर साबित होता है।

कटनी की जनता अब निरीक्षण नहीं, परिणाम और जवाबदेही चाहती है।


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