कटनी। लगभग एक वर्ष पूर्व कुठला थाना क्षेत्र स्थित सिमको कंपनी के चूना भट्ठे में कैशियर की अधजली लाश मिलने से पूरे जिले में सनसनी फैल गई थी। यह अंधा और जघन्य हत्याकांड पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गया था। अब इस मामले में न्याय की जीत हुई है।
दिनांक 16 दिसंबर 2025 को माननीय नवम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कटनी ने इस सनसनीखेज हत्याकांड में आशीष सिंह गोंड, विनोद सिंह गोंड, रंजीत उर्फ गोलू सिंह गोंड, समन सिंह गोंड एवं बृजरानी सिंह गोंड को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास एवं अर्थदंड की सजा सुनाई।
यह पूरा मामला करीब 25 वर्षों से सिमको कंपनी कछगंवा में कैशियर के रूप में कार्यरत समनू प्रसाद विश्वकर्मा (निवासी ग्राम मुडेहरा, थाना बडवारा) की निर्मम हत्या से जुड़ा है। 20 जून 2024 की सुबह उसका अधजला शव कंपनी के चूना भट्ठे में मिला था। जांच में सामने आया कि बदमाशों ने लूटपाट, मारपीट के बाद उसे जिंदा ही भट्ठे में फेंक दिया था।
अंधे हत्याकांड के बाद जहां पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे थे, वहीं तत्कालीन कुठला थाना प्रभारी अभिषेक चौबे एवं उनकी टीम ने सूझबूझ, तकनीकी साक्ष्यों और सटीक जांच के दम पर इस जघन्य अपराध की परतें खोल दीं।
यह फैसला न सिर्फ पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने वाला है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि जघन्य से जघन्य अपराध करने वालों को कानून के शिकंजे से कोई नहीं बचा सकता। कटनी के सबसे चर्चित और चुनौतीपूर्ण हत्याकांडों में से एक में पुलिस और अभियोजन की यह सफलता जिले के लिए एक बड़ी नजीर बनकर सामने आई है।

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