नो-एंट्री में मौत: दवा कराने आई महिला को कुचल गया ट्रक, चंद रुपयों में बिके जिम्मेदारों ने छीनी जिंदगी
कटनी। दवा कराने अस्पताल आई एक महिला को व्यवस्था की लापरवाही और जिम्मेदारों की कुंभकर्णी नींद ने मौत की नींद सुला दिया। शहरी क्षेत्र में लागू नो-एंट्री नियम शुक्रवार को एक बार फिर कागज़ों में सिमट कर रह गया और बेलगाम ट्रक ने एक परिवार की दुनिया उजाड़ दी।
12 दिसंबर 2025, दोपहर करीब 1 बजकर 30 मिनट से पहले, मित्तल मॉल के पास यह दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। तेवरी निवासी महिला अपने बेटे के साथ इलाज के लिए अस्पताल आई थी। दवा कराकर जैसे ही मां-बेटा लौट रहे थे, पीछे से आए तेज रफ्तार ट्रक ने महिला को कुचल दिया। टक्कर इतनी भयावह थी कि महिला की मौके पर ही मौत हो गई।
कटनी के शहरी क्षेत्र में जेल मोड़ से नो-एंट्री पॉइंट शुरू हो जाता है, लेकिन अगर जेब में पैसा हो तो किसी भी वक्त भारीभरकम ट्रक आम जनता की छाती पर चढ़ते हुए बेखौफ निकल जाते हैं। यही हाल इस दिन भी रहा। आरोप है कि नो-एंट्री पॉइंट पर तैनात वर्दीधारी या तो अनदेखी करता रहा या फिर चंद रुपयों के लालच में आंखें मूंदे बैठा रहा, और ट्रक शहर के भीतर दाखिल हो गया।
हैरानी की बात यह है कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी जिम्मेदारों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। विभागीय अधिकारी जिले के कप्तान को ईमानदारी का खिताब देते फिरते हैं, लेकिन न कप्तान ने नैतिक जिम्मेदारी ली और न ही किसी थानेदार या ट्रैफिक कर्मी को इस मौत का दोषी ठहराया गया।
नो-एंट्री पॉइंट पर अवैध वसूली की शिकायतें पहले भी कई बार सामने आ चुकी हैं, लेकिन जिम्मेदारों की प्राथमिकता जनता की सुरक्षा नहीं, बल्कि जेब भरना बनी हुई है। जब तक कुंभकर्णी नींद टूटेगी, तब तक न जाने कितनी जानें जाएंगी।
इस हादसे में एक पति ने अपनी पत्नी और एक बेटे ने अपनी मां को खो दिया, लेकिन व्यवस्था के लिए यह मौत भी महज एक आंकड़ा बनकर रह गई है।


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