शुक्रवार, 12 दिसंबर 2025

कटनी में करोड़ों की सरकारी जमीन पर कब्जा! वन–राजस्व की मिलीभगत से ‘भूमाफिया’ बेखौफ — लोसपा ने सौंपा ज्ञापन, उच्च स्तरीय जांच की मांग

कटनी में करोड़ों की सरकारी जमीन पर कब्जा! वन–राजस्व की मिलीभगत से ‘भूमाफिया’ बेखौफ — लोसपा ने सौंपा ज्ञापन, उच्च स्तरीय जांच की मांग

कटनी। बड़वारा तहसील के ग्राम अमाड़ी में सरकारी जमीनों पर किए जा रहे बड़े पैमाने के कब्जों का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी (लोसपा) ने आरोप लगाया है कि वन विभाग और राजस्व विभाग के जिम्मेदार कर्मचारियों की शह पर भूमाफिया ने करोड़ों की वन एवं राजस्व भूमि हड़प ली है।

लोसपा ने बताया कि अमाड़ी गांव में आम रास्ता रोके जाने के बाद शासकीय जमीन में अवैध कब्जे का बड़ा खुलासा हुआ है। पार्टी नेताओं के अनुसार पच्चीसों एकड़ जमीन पर भूमाफियाओं द्वारा कब्जा कर शासन को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया है।

शासकीय निशान (चांदा) हटाकर दूसरी जगह बनाए गए ‘फर्जी’ निशान

आरोप है कि वन एवं राजस्व विभाग की सीमा दर्शाने वाले शासकीय ‘चांदा’ को मिटाकर दूसरी जगह मिथ्या निशान तैयार कराए गए, ताकि जमीन को निजी स्वामित्व की तरह दिखाकर तारफेंसिंग, बोरवेल और निर्माण सहित अवैध कब्जा किया जा सके।

7 एकड़ भूमि पर अवैध कब्जा पहले भी पकड़ा जा चुका

कुछ माह पूर्व राजस्व निरीक्षक और हल्का पटवारी ने नाप के दौरान करीब 7 एकड़ सरकारी एवं कोटवार की जमीन पर अवैध कब्जा पाया था।
इनके प्रकरण नायब तहसीलदार बड़वारा की अदालत में ‘कछुआ गति’ से लंबित हैं, जिस पर लोसपा ने आपत्ति जताई है।

किन खसरों में कब्जा?

अमाड़ी (पटवारी हल्का 14)

  • खसरा नंबर: 1, 2, 4, 6, 9

बनहरा (पटवारी हल्का 13)

  • प.ह.न. 14 खसरा नंबर: 433, 389, 390

इन सभी पर अवैध अतिक्रमण होने का आरोप है।

लोसपा प्रदेशाध्यक्ष की मांग – तीन विभागों की संयुक्त टीम बनाए प्रशासन

लोसपा प्रदेशाध्यक्ष विन्देश्वरी पटेल ने मुख्यमंत्री और एसडीएम कटनी को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि—

  • सभी कब्जे तत्काल हटाए जाएं
  • राजस्व, वन और पुलिस विभाग की विशेष संयुक्त टीम बनाकर पुन: नाप कराई जाए
  • जांच टीम पर किसी दबाव, प्रभाव या प्रलोभन का असर न पड़े
  • दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए

लोसपा का कहना है कि राजस्व विभाग की मिलीभगत के बिना इतने बड़े स्तर पर सरकारी जमीन पर कब्जा संभव नहीं, इसलिए उच्च स्तरीय जांच आवश्यक है।

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