**वेयरहाउस संचालक कमल साहू पर प्रशासन का ताबड़तोड़ प्रहार ,
कांटी के मारूति वेयरहाउस में 5,070 बोरियों में 2,028 क्विंटल अवैध धान पकड़ा — ढाई लाख का जुर्माना ठोका**
कटनी। जिले में समर्थन मूल्य खरीदी शुरू होने से पहले ही अवैध धान कारोबारियों पर जिला प्रशासन ने लोहे का शिकंजा कस दिया है। कलेक्टर आशीष तिवारी के निर्देश पर गठित संयुक्त जांच दल ने कांटी स्थित मारूति वेयरहाउस में दबिश देकर 5070 बोरियों में भरा 2,028 क्विंटल अवैध धान बरामद कर बड़ा खुलासा किया है। वेयरहाउस संचालक कमल साहू इस पूरे मामले में घिर गए हैं।
यह कार्रवाई इतनी बड़ी है कि इलाके के दलालों और बिचौलियों में भारी दहशत फैल गई है। मंडी अधिनियम के तहत संचालक पर 2 लाख 49 हजार 444 रुपये का जुर्माना ठोका गया है, जिसे 7 दिनों के भीतर जमा करने के निर्देश दिए गए हैं।
निरीक्षण में हड़कंप — संचालक कमल साहू दस्तावेज़ तक नहीं दिखा सके
राजस्व, कृषि, खाद्य विभाग और मंडी बोर्ड की संयुक्त टीम जब मौके पर पहुंची, तो वेयरहाउस में धान का पहाड़ खड़ा मिला।
जांच के दौरान—
👉 संचालक कमल साहू किसान दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके,
👉 केवल पंजीयन की फोटो कॉपी दिखाई गई,
👉 असली बी-1, गिरदावरी, आधार व पट्टा दस्तावेज मौके से नदारद रहे।
स्पष्ट हुआ कि यह धान खरीदी शुरू होने से पहले ही अवैध रूप से भंडारित किया गया था।
कानून का खुला उल्लंघन — फर्जीवाड़े से बड़ा खेल चल रहा था
जांच दल ने पाया कि मारूति वेयरहाउस में—
एमपी गोदाम अधिनियम 1947,
भंडारण विनियमन अधिनियम 2007,
मंडी अधिनियम 1972
तीनों के प्रावधानों की धज्जियां उड़ाई गईं।
किसानों के नाम पर फर्जी भंडारण दिखाकर अवैध धान का पूरा नेटवर्क चलाया जा रहा था।
ढाई लाख का जुर्माना — आदेश: जमा करो या कार्रवाई झेलो
2,028 क्विंटल धान पर—
👉 2,07,870 रुपए मंडी शुल्क,
👉 41,574 रुपए निराश्रित सहायता
लगाकर कुल 2,49,444 रुपए का दंड लगाया गया है।
कलेक्टर ने स्पष्ट चेतावनी दी है—
7 दिन में जुर्माना जमा नहीं हुआ तो राजस्व वसूली की तरह कठोर कार्रवाई होगी, पूरी जवाबदेही वेयरहाउस की होगी।
कलेक्टर तिवारी का संदेश—दस्तावेज नहीं तो धान नहीं!
कलेक्टर तिवारी ने पहले ही जिले के सभी वेयरहाउस संचालकों को निर्देशित किया था कि प्रशासन की मांग पर—
👉 बी-1
👉 गिरदावरी
👉 आधार
👉 सिकमी पट्टा
जैसे दस्तावेज तुरंत उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा।
कांटी वेयरहाउस की कार्रवाई उनकी इस सख्ती की पहली बड़ी मिसाल के रूप में सामने आई है।
यह कार्रवाई साफ बता रही है—कटनी में अवैध धान कारोबारियों की अब खैर नहीं; प्रशासन अब चूक नहीं, सीधे चोट कर रहा है!

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