रविवार, 2 नवंबर 2025

साज़िश की बू या सिस्टम की भूल? कटनी में खड़ी बीएमडब्ल्यू, चंदौली में उसी नंबर की कार से गांजा जब्ती — पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे गंभीर सवाल

साज़िश की बू या सिस्टम की भूल?

कटनी में खड़ी बीएमडब्ल्यू, चंदौली में उसी नंबर की कार से गांजा जब्ती — पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे गंभीर सवाल

ब्यूरो रिपोर्ट : कटनी निवासी पूर्व आर्म्स डीलर नाजिम खान का नाम उत्तर प्रदेश के चंदौली थाना की एक एफआईआर में गांजा तस्करी के मामले में सामने आने के बाद बड़ा बवाल खड़ा हो गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि जिस कार (MP 21 ZF 0001) से चंदौली पुलिस ने गांजा बरामद करने का दावा किया, वह कार तो कटनी में नाजिम के घर पर खड़ी मिली!

यह खुलासा होते ही पूरे प्रकरण ने दो राज्यों की पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालों की झड़ी लगा दी है।

                                  Up में पकड़ाई टाटा की माजा कार

कटनी में खड़ी बीएमडब्ल्यू, यूपी में निकली माजा!

एफआईआर के अनुसार, चंदौली पुलिस ने 27 अक्टूबर को माजा कार से करीब तेरह लाख रुपये मूल्य का गांजा जब्त किया। मगर एफआईआर में दर्ज नंबर MP 21 ZF 0001, दरअसल कटनी की बीएमडब्ल्यू कार का है — जो उस भी दिन कटनी में ही खड़ी हुई थी।

कटनी पुलिस ने मौके पर जाकर बीएमडब्ल्यू की तस्दीक भी कर दी है कि कार न तो कहीं गई और न ही किसी परिवहन में शामिल थी। ऐसे में सवाल उठता है —
👉 क्या यूपी पुलिस ने बिना सत्यापन के फर्जी नंबर लिख दिया?
👉 या फिर यह किसी “नंबर क्लोनिंग गैंग” की बड़ी साजिश है?

नाजिम खान के घर मे खड़ी उसी नम्बर की बीएमडब्ल्यू कार


नाजिम खान बोले — “यह मेरे खिलाफ रची गई गहरी साजिश”

मामले की भनक लगते ही नाजिम खान ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा —

“मैं वैध व्यवसायी हूं। मेरी बीएमडब्ल्यू कार कटनी में खड़ी थी। यूपी पुलिस ने जिस कार का नंबर लिखा है, वह तो मेरी है ही नहीं। यह सब मेरी प्रतिष्ठा को धूमिल करने की चाल है।”

नाजिम ने इस मामले की शिकायत राष्ट्रपति सचिवालय, प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्रालय सहित मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के डीजीपी को भेज दी है। उन्होंने मांग की है कि जांच सीबीआई या किसी उच्चस्तरीय एजेंसी से कराई जाए।

दो राज्यों की पुलिस आमने-सामने

अब मामला न केवल एक व्यक्ति की साख का, बल्कि दो राज्यों की पुलिस की विश्वसनीयता का भी बन चुका है।
कटनी पुलिस ने बताया कि वह इस कार के रजिस्ट्रेशन वेरिफिकेशन की रिपोर्ट तैयार कर चंदौली पुलिस को भेजेगी।
वहीं सूत्रों का कहना है कि यूपी पुलिस की एफआईआर में जो तस्वीरें हैं, वे साफ तौर पर माजा कार की हैं — लेकिन नंबर वही जो नाजिम की बीएमडब्ल्यू कार का है।

यह पूरा मामला अब प्रशासनिक गलती या संगठित फर्जीवाड़े की तरफ इशारा करता है।

“सिस्टम में सेंध या साजिश का सेंटर?”

  • एक ही नंबर की दो कारें – दो राज्यों में!
  • गांजा तस्करी का झूठा आरोप – एक वैध कारोबारी पर!
  • और पुलिस के रिकॉर्ड में भारी विरोधाभास!

इन सबके बीच यह सवाल जोर पकड़ रहा है —
क्या यह मामला केवल एक गलती है या किसी बड़े नेटवर्क की सोची-समझी साजिश?

अब निगाहें जांच एजेंसियों पर

कटनी से लेकर लखनऊ तक यह मामला अब सियासी और प्रशासनिक गलियारों में चर्चा का विषय बन चुका है।
नाजिम खान के वकील ने कहा है कि अगर एफआईआर में संशोधन नहीं किया गया, तो वे मानहानि का मामला दायर करेंगे।

वहीं सूत्रों के मुताबिक, राज्य और केंद्र स्तर पर इस प्रकरण की प्रारंभिक रिपोर्ट तलब की गई है।

“एक कार, दो राज्य, दो कहानियाँ — सच किसका?”
अब यह जांच ही बताएगी कि यह पुलिस की चूक थी या एक सोची-समझी ‘साजिश की बू’

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