मंगलवार, 14 अक्टूबर 2025

छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड के बाद मचा हड़कंप — कटनी के डॉ. प्रवीण वैश्य समेत 20 डॉक्टरों पर गिरी गाज, फार्मा–डॉक्टर गठजोड़ पर सरकार की सर्जिकल स्ट्राइक!

छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड के बाद मचा हड़कंप — कटनी के डॉ. प्रवीण वैश्य समेत 20 डॉक्टरों पर गिरी गाज, फार्मा–डॉक्टर गठजोड़ पर सरकार की सर्जिकल स्ट्राइक!

कटनी। छिंदवाड़ा में श्रीसन फार्मा की कफ सिरप “कोल्ड्रिफ” से हुई 25 बच्चों की मौत ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। इस दर्दनाक हादसे ने सरकार को भी हिला दिया — और अब निशाने पर हैं फार्मा कंपनियों और डॉक्टरों के बीच का करोड़ों का गुप्त गठजोड़!

प्रदेशभर में कार्रवाई की शुरुआत हो चुकी है। 20 डॉक्टरों को नोटिस थमाए गए हैं, जिनमें कटनी के चर्चित चिकित्सक डॉ. प्रवीण वैश्य का नाम भी शामिल है।

10 साल पुराना खेल — अब खुला राज़

जांच एजेंसियों के मुताबिक, यह मामला नया नहीं बल्कि 2015 का दफनाया गया सच है।
28 अगस्त 2015 को रायपुर निवासी व्हिसलब्लोअर विकास तिवारी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि कुछ डॉक्टर फार्मा कंपनियों से विदेश यात्राओं का खर्च उठवाकर उनकी दवाएं मरीजों को लिख रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार, यूएसवी लिमिटेड (USV Ltd.) ने वर्ष 2014 में डॉक्टरों और उनके परिवारों को इटली की सपरिवार यात्रा पर भेजा था, जिसका पूरा खर्च कंपनी ने उठाया था।
लेकिन इस गंभीर शिकायत की फाइल 10 साल तक दबाकर रखी गई — अब जाकर 30 सितंबर 2025 को 20 डॉक्टरों को नोटिस जारी किए गए हैं, जिनमें कटनी के डॉ. वैश्य भी शामिल हैं।

कटनी में डॉक्टर–फार्मा नेटवर्क की गहरी जड़ें!

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, कटनी में करीब 80% डॉक्टर किसी न किसी रूप में फार्मा कंपनियों से जुड़े हैं।
सरकारी अस्पतालों से लेकर निजी क्लीनिकों तक कमीशन, गिफ्ट और विदेशी टूर का खेल वर्षों से बेखौफ जारी है।
कई फार्मा एजेंट नियमित रूप से डॉक्टरों को महंगे गिफ्ट और विदेशी टूर के ऑफर देते हैं — और इसके बदले मरीजों को वही दवाएं लिखी जाती हैं जो कंपनी चाहती है।

एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा —

“अगर कटनी में निष्पक्ष जांच हुई तो पूरा नेटवर्क बेनकाब हो जाएगा। यह खेल वर्षों से चल रहा है, बस अब परतें खुलनी शुरू हुई हैं।”

सरकार की नजर अब पूरे प्रदेश पर

स्वास्थ्य विभाग ने संकेत दिए हैं कि यह कार्रवाई सिर्फ शुरुआत है। अब पूरे प्रदेश के डॉक्टरों और फार्मा नेटवर्क की जांच होगी।
दोषी पाए जाने वालों पर मेडिकल काउंसिल से लेकर आपराधिक कार्रवाई तक की तैयारी है।

जनता का सवाल — "क्या अब सचमुच होगा सिस्टम क्लीन?"

छिंदवाड़ा की मासूम मौतों ने सिस्टम की पोल खोल दी है।
लोग पूछ रहे हैं — क्या यह नोटिस दिखावे के लिए हैं या इस बार सच में गिरेगी गाज?

2 टिप्‍पणियां:

  1. वाह रह मेरे देश की सरकार और उस से महान मीडिया जिस सिरप से जान गयी उसके हैडिंग लेकर कुछ और ही छाप रहे .धन्य है आप मीडिया वाले senasalization के लिए कुछ भी करेंगे .

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