आदिवासी ज़मीन घोटाले पर फूटा गुस्सा — कलेक्ट्रेट घेराव, संजय पाठक के खिलाफ गरजे सैकड़ों आदिवासी
आदिवासी ज़मीन घोटाले पर फूटा गुस्सा — कलेक्ट्रेट घेराव, संजय पाठक के खिलाफ गरजे सैकड़ों आदिवासी
जिला प्रशासन-पुलिस पर उदासीनता का आरोप, एफआईआर की मांग तेज
कटनी। प्रदेशभर में चर्चित आदिवासी ज़मीन घोटाले को लेकर बुधवार को कटनी कलेक्ट्रेट के बाहर सैकड़ों की संख्या में आदिवासी संगठन उबल पड़े। भीषण नारेबाज़ी के बीच प्रदर्शनकारियों ने “संजय पाठक मुर्दाबाद” के नारे लगाते हुए प्रशासन को कड़ा चेतावनी पत्र सौंपा।
विभिन्न आदिवासी संगठनों का आरोप है कि विधायक संजय पाठक ने अपने चार गरीब आदिवासी कर्मचारियों—नत्थू कोल, प्रहलाद कोल, राकेश सिंह गोंड़ और रघुराज सिंह गोंड़—को मोहरा बनाकर कटनी, जबलपुर, उमरिया, सिवनी और डिंडौरी सहित कई ज़िलों में बेनामी संपत्तियों का बड़ा खेल खेला।
मामला इतना गंभीर है कि राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग, दिल्ली ने पाँच कलेक्टरों को नोटिस जारी कर पूछताछ शुरू कर दी है।
इसके बावजूद, प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि जिला प्रशासन और पुलिस पिछले पाँच महीनों से शिकायत को ठंडे बस्ते में डाले हुए है।
“25 साल के बैंक लेनदेन की जाँच दो, तभी सच सामने आएगा”
शिकायतकर्ता दिव्यांशु मिश्रा अंशु ने कहा कि चार महीने पूर्व की गई शिकायत पर पुलिस केवल बयान लेकर बैठ गई—ना खातों की जांच, ना दस्तावेज़ी कार्रवाई। आरोप है कि संजय पाठक की पारिवारिक कंपनियों ने इन गरीब आदिवासियों के खातों में करोड़ों रुपये का लेनदेन कर बेनामी संपत्ति को सफेद करने का जाल बिछाया।
प्रदर्शनकारियों ने चारों आदिवासी कर्मचारियों के 25 वर्षों के बैंक ट्रांजेक्शन की जांच की मांग दोहराई और कहा कि
“खातों की पड़ताल के बिना सच्चाई दफ़न रहेगी, प्रशासन मामले को जानबूझकर दबा रहा है।”
जांच अधिकारी पर दबाव का आरोप
प्रदर्शनकारी संगठनों ने आरोप लगाया कि एसपी द्वारा नियुक्त जांच अधिकारी भी दबाव में आकर कार्रवाई टाल रहे हैं।
गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने कहा कि
“अब वक्त आ गया है—आदिवासी ज़मीन घोटाले के मास्टरमाइंड संजय पाठक पर तत्काल एफआईआर दर्ज की जाए।”
अदालत जाने की चेतावनी
अवसर पर मौजूद कई संगठनों ने चेतावनी दी कि
“अगर प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की, तो समूचा आदिवासी समाज कोर्ट की शरण लेगा, जिसकी पूरी ज़िम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।”
संगठनों की गरज से कांपा कलेक्ट्रेट परिसर
प्रदर्शन में जयस, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, आदिवासी कांग्रेस, गोंडवाना स्टूडेंट यूनियन समेत कई संगठनों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए।
प्रमुख रूप से उपस्थित रहे—
मनोज धुर्वे, रामनारायण कुररिया, मोहम्मद इसराइल, ओंकार सिंह, कमल पांडेय, शुभम मिश्रा, अजय खटिक, शशांक गुप्ता, अजय गोंटिया, विनोद मरावी, पूरण सिंह, दरयाब सिंह, सत्येंद्र परते, राघवेंद्र सिंह, छात्रपाल मरावी, सागर मरावी, शंभु सिंह गौड़, नीलेंद्र परस्ते, गुलजार सिंह, अविराज सिंह, प्रदीप मरकाम, धीरेंद्र सिंह, मेवीलाल सिंह, विनोद सिंह, फग्गू सिंह गोंटिया और बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग।
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