बुधवार, 15 अक्टूबर 2025

त्योहार से पहले ‘मिलावट’ की जल्दबाजी! — लैब रिपोर्ट से पहले ही पुलिस ने मिठाई को घोषित कर दिया ‘मिलावटी’, उठे सवाल

त्योहार से पहले ‘मिलावट’ की जल्दबाजी! — लैब रिपोर्ट से पहले ही पुलिस ने मिठाई को घोषित कर दिया ‘मिलावटी’, उठे सवाल

कटनी। त्योहारों के सीजन में बाजारों की निगरानी और “मिलावटखोरी पर नकेल” के नाम पर की गई कोतवाली पुलिस की कार्रवाई अब सवालों के घेरे में है। बुधवार को चांडक चौक क्षेत्र में एक ई-रिक्शा से करीब 1 क्विंटल मिठाई (पेड़ा, बर्फी, सोनपपड़ी आदि) जब्त की गई। मिठाई के सैंपल जांच हेतु फूड इंस्पेक्टर ओ.पी. साहू को सौंपे गए, लेकिन लैब रिपोर्ट आने से पहले ही पुलिस ने प्रेस रिलीज जारी कर मिठाई को ‘मिलावटी’ घोषित कर दिया।

पुलिस की प्रेस रिलीज में न केवल मिठाई को “मिलावटी” बताया गया बल्कि इसमें थाना प्रभारी राखी पांडेय सहित पूरे स्टाफ — सउनि. विजय गिरी, प्र.आर. वीरेन्द्र तिवारी, आर. अजय प्रताप सिंह, अमित सिंह, मंसूर हुसैन, मोहन मण्डलोई और दिनेश सेन — के नाम प्रमुखता से जारी कर “जप्ती कार्यवाही में विशेष भूमिका” का उल्लेख किया गया।

अब बड़ा सवाल यह है कि जब तक लैब की रिपोर्ट नहीं आई, तब तक मिठाई को “मिलावटी” घोषित करने का अधिकार पुलिस को कैसे मिला?

क्या यह खाद्य विभाग के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं माना जाएगा?

नियमों के मुताबिक पुलिस का कार्य केवल संदेहास्पद सामग्री जब्त कर खाद्य विभाग को सौंपने तक सीमित होता है, जबकि जांच और निष्कर्ष निकालने का अधिकार केवल फूड सेफ्टी विभाग का होता है। ऐसे में रिपोर्ट से पहले प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मिठाई को “मिलावटी” बताना न केवल जांच को प्रभावित करता है, बल्कि व्यापारियों के बीच गलत संदेश और आर्थिक नुकसान का कारण भी बन सकता है।

त्योहार के सीजन में पहले से ही बाजार में मंदी और मिलावट की सख्त जांच चल रही है, ऐसे में इस तरह की जल्दबाजी भरी कार्रवाई को लेकर व्यापारी वर्ग में नाराजगी है।

फिलहाल मिठाई के सैंपल फूड लैब भेजे गए हैं, और अब सबकी नजर रिपोर्ट पर है —

👉 क्या मिठाई वास्तव में मिलावटी निकलेगी,

या फिर यह मामला “जल्दबाजी में क्रेडिट लेने” का साबित होगा?

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