कटनी। अपराधियों का दुस्साहस और पुलिस की लापरवाही — माधवनगर की ये दो सच्चाइयाँ अब शहर की नींद उड़ा रही हैं। दो दिन पहले दशहरे की रात रॉकी मोटवानी पर हमला करने वाला वही बदमाश अब गगन बजाज की हत्या का आरोपी निकला। सवाल सीधा है — अगर पुलिस ने उस वक्त सख्ती दिखाई होती, तो क्या आज एक घर उजड़ता?
2 अक्टूबर को रॉकी मोटवानी पर हुआ हमला शहर के बीचोंबीच हुआ, पर माधवनगर पुलिस ने इसे मामूली झगड़ा मान लिया। आरोपियों पर हल्की धाराएँ लगाकर केस दर्ज कर दिया गया, और वे दो दिन में फिर सड़कों पर थे।
4 अक्टूबर की रात, वही आरोपी दोबारा निकले। रॉकी नहीं मिला, तो गुस्सा गगन पर उतार दिया — चाकुओं से हमला कर गगन की जान ले ली।
अब पूरा इलाका सन्न है, और लोग पूछ रहे हैं — “क्या अब अपराधियों को जमानत नहीं, जनाज़ा चाहिए कार्रवाई के लिए?”
रॉकी मोटवानी का आरोप है कि इस पूरे खेल में प्रभावशाली सटोरियों और अपराधियों की पैरवी ने पुलिस को पंगु बना दिया। जिन धाराओं में अपराध दर्ज हुआ, वह न केवल कानून का मज़ाक था, बल्कि भविष्य की त्रासदी का निमंत्रण भी।
स्थानीय नागरिकों का कहना है — “यह सिर्फ हत्या नहीं, यह पुलिस की चूक से हुई मौत है।”
अब जनता की मांग है कि माधवनगर थाना पुलिस पर विभागीय जांच हो और कटनी पुलिस प्रशासन जवाब दे कि आखिर कब तक अपराधियों को कानून से ज्यादा भरोसा “सिस्टम की ढिलाई” पर रहेगा।
कटनी अब जवाब मांग रहा है — निगरानीशुदा अपराधियों पर निगरानी कौन रखेगा?

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