मंगलवार, 21 अक्टूबर 2025

नासूर बन गई जिले में बढ़ रही चाकूबाजी की घटनाएं — अब श्मशान घाट और अस्पताल की दहलीज तक पहुंचा खूनी खेल, खून के दाग मिटाने में नाकाम खाकी!

नासूर बन गई जिले में बढ़ रही चाकूबाजी की घटनाएं — अब श्मशान घाट और अस्पताल की दहलीज तक पहुंचा खूनी खेल, खून के दाग मिटाने में नाकाम खाकी!

कटनी। जिले में चाकूबाजी की वारदातें अब कानून-व्यवस्था के लिए नासूर बन चुकी हैं। अपराधी खुलेआम धारदार हथियारों से वारदातों को अंजाम दे रहे हैं, जबकि पुलिस तमाशबीन बनी नजर आ रही है। पिछले कुछ दिनों में लगातार हुई घटनाओं ने यह साबित कर दिया है कि खाकी खून के दाग मिटाने में नाकाम साबित हो रही है।

बीते 19 अक्टूबर को कोतवाली थाना क्षेत्र में हुए चाकू हमले में आधा दर्जन लोग घायल हुए थे, जिनमें से तीन की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें जबलपुर रेफर किया गया था। पुलिस ने उस मामले में एफआईआर तो दर्ज कर ली, लेकिन अब तक किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी। आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं, जिससे जनता में पुलिस की निष्क्रियता को लेकर आक्रोश है।


            और अब सोमवार को हालात और भयावह हो गए जब बस स्टैंड चौकी क्षेत्र अंतर्गत श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के दौरान दो पक्षों में पुरानी रंजिश को लेकर विवाद भड़क गया। विवाद इतना बढ़ा कि दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर चाकू से हमला कर दिया।
इस वारदात में दोनों पक्षों के कुल पाँच लोग घायल हुए — एक पक्ष से तीन और दूसरे पक्ष से दो। सभी घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहाँ उनका इलाज जारी है।

बस स्टैंड चौकी प्रभारी सिद्धार्थ राय ने बताया कि दोनों पक्षों में पुराना विवाद था और झगड़े के दौरान धारदार हथियार से कटने के निशान पाए गए हैं। पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।

लगातार बढ़ती चाकूबाजी की घटनाओं ने न सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया है कि कमजोर नेतृत्व और ढुलमुल रवैया जिले के लिए खतरा बन गया है।
अब सवाल यह है कि —
क्या खाकी इन खून के दागों को मिटा पाएगी, या जिले की सड़कों पर लहू यूं ही बहता रहेगा?

कोई टिप्पणी नहीं: