शनिवार, 11 अक्टूबर 2025

सिवनी हवाला कांड ने हिलाया मध्यप्रदेश पुलिस तंत्र — 10 पुलिसकर्मी सस्पेंड, आयकर विभाग की एंट्री से मचा हड़कंप

सिवनी हवाला कांड ने हिलाया मध्यप्रदेश पुलिस तंत्र — 10 पुलिसकर्मी सस्पेंड, आयकर विभाग की एंट्री से मचा हड़कंप

सिवनी। हवाला के डेढ़ करोड़ रुपये डकारने के आरोप में सिवनी पुलिस पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। करोड़ों के इस काले खेल में पुलिसकर्मियों की मिलीभगत उजागर होने के बाद अब आयकर विभाग ने भी मोर्चा संभाल लिया है। शुक्रवार देर शाम जबलपुर से पहुंची आयकर टीम ने सिवनी में पुलिस द्वारा जब्त की गई रकम की जांच शुरू कर दी, जिससे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया।

सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने कटनी से नागपुर जा रहे हवाला कारोबारी से करीब 3 करोड़ रुपये जब्त किए थे, लेकिन रिपोर्ट में मात्र 1 करोड़ 45 लाख रुपये ही दर्ज दिखाए गए। आरोप है कि बाकी रकम अफसरों ने दबा दी और आरोपी को बिना किसी ठोस कार्रवाई के रिहा कर दिया।

मामले के तूल पकड़ते ही पुलिस विभाग ने 10 पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित कर दिया है। इनमें एसडीओपी पूजा पांडे, थाना प्रभारी अपिर्त भैरम, और कई आरक्षक शामिल हैं।

विपक्ष का तीखा वार — "जब रक्षक ही भक्षक बन जाएं, तो जनता किस पर भरोसा करे?"

मामले पर मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि “सिवनी हवाला कांड पुलिस की कार्यप्रणाली पर काला धब्बा है। जब कानून की रखवाली करने वाले ही लूट में शामिल हों, तो आम जनता की सुरक्षा पर कौन भरोसा करेगा?”
सिंघार ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि दोषियों पर केवल निलंबन नहीं, बल्कि आपराधिक कार्रवाई हो ताकि पुलिस की विश्वसनीयता बहाल की जा सके।

वरिष्ठ अफसरों की आँखों में धूल झोंकने की कोशिश

जांच में खुलासा हुआ है कि घटना के दिन एसपी सिवनी सुनील कुमार मेहता भोपाल में थे। इस बीच निलंबित अधिकारियों ने मामले को छिपाने की कोशिश की और एसपी दीपक मिश्रा को भी पूरी जानकारी नहीं दी।
वरिष्ठ अधिकारियों ने इस लापरवाही को जानबूझकर मामला दबाने की चाल बताया है।

तीन दिन में जांच रिपोर्ट सौंपने के आदेश

जबलपुर रेंज के आईजी प्रमोद वर्मा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
एसपी आयुष गुप्ता को पूरी जांच तीन दिन के भीतर पेश करने का आदेश दिया गया है।
शनिवार को आईजी वर्मा ने स्वयं घटनास्थल का निरीक्षण किया और सभी संबंधित पुलिसकर्मियों व गवाहों से पूछताछ की।

जनता में उबाल — “पुलिस का गिरता भरोसा”

इस कांड ने पूरे प्रदेश में पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा दिए हैं।
जनता का कहना है — “अगर पुलिस ही हवाला कारोबार में हाथ डालने लगे, तो कानून का डर किसे रहेगा?”

कटनी पुलिस पर भी उठे सवाल — “दिन-रात वाहन चेकिंग के नाम पर आखिर कर क्या रही है?”

सिवनी हवाला कांड के बाद अब कटनी पुलिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।
आमजन पूछ रहे हैं — जब पुलिस हर दिन वाहन चेकिंग, नाकाबंदी और रूट पेट्रोलिंग का दावा करती है, तो आखिर इतनी बड़ी रकम कटनी से सिवनी तक कैसे पहुंच गई?

कहां थे कटनी के गुप्तचर, जिनका काम ही सूचना जुटाना है?
क्या यह रकम उनकी आंखों के सामने से नहीं गुजरी, या फिर कहीं न कहीं मिलीभगत का साया है?

जनता में अब यह चर्चा तेज़ है कि कटनी जिले के जिम्मेदार अधिकारी और खुफिया तंत्र आखिर उस वक्त सो रहे थे जब करोड़ों का हवाला कैश खुलेआम जिले की सीमाओं से पार हो गया।

पुलिस की “चौकसी” पर उठ रहे इन सवालों ने कटनी से सिवनी तक पूरे सिस्टम को कठघरे में खड़ा कर दिया है।


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