बुधवार, 1 अक्टूबर 2025

मध्यप्रदेश की 10 यूनिवर्सिटी पर यूजीसी की गाज! छात्रों की डिग्री पर मंडराया खतरा, पारदर्शिता में निकली हवा

भोपाल। मध्यप्रदेश की 10 निजी विश्वविद्यालयों की साख पर अब काला धब्बा लग गया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने इन्हें डिफॉल्टर घोषित करते हुए कठोर कार्रवाई की है। वजह है—छात्रों से जुड़ी जरूरी जानकारी छुपाना और अकादमिक गतिविधियों में पारदर्शिता से खिलवाड़।

यूजीसी ने इन विश्वविद्यालयों को बार-बार नोटिस भेजे, मेल किए, चेतावनी दी… लेकिन बेपरवाह प्रबंधन ने कान पर जूं तक नहीं रेंगी। नतीजा—अब हजारों छात्रों की डिग्री पर संकट और अभिभावकों की नींद उड़ गई है।


क्यों गिरी गाज?

  • वेबसाइट पर मान्यता, रैंकिंग और स्वायत्तता की स्थिति गायब
  • पाठ्यक्रम, फीस व प्रवेश नियम अस्पष्ट
  • फैकल्टी प्रोफाइल और रिसर्च प्रोजेक्ट का कोई अता-पता नहीं
  • स्टार्टअप सेल, प्लेसमेंट सेल और शिकायत समिति की जानकारी गायब
  • परीक्षा परिणाम तक सार्वजनिक नहीं किए गए

छात्र न तो पारदर्शिता देख पा रहे हैं, न ही अपने भविष्य को लेकर स्पष्टता मिल रही है।


ये हैं डिफॉल्टर यूनिवर्सिटी

1.आर्यावर्त विश्वविद्यालय, सीहोर
2.एपी विश्वविद्यालय, भोपाल
3.डॉ. प्रीति ग्लोबल यूनिवर्सिटी, शिवपुरी
4.ज्ञानवीर विश्वविद्यालय, सागर
5.जेएनसीटी प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, भोपाल
6.एलएनसीटी विद्यापीठ विश्वविद्यालय, इंदौर
7.महाकौशल विश्वविद्यालय, जबलपुर
8.महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय, जबलपुर
9.मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी, सीहोर
10.शुभम् विश्वविद्यालय, भोपाल


छात्रों में हड़कंप, यूजीसी का अल्टीमेटम

छात्रों में अफरा-तफरी मच गई है। सवाल उठ रहे हैं कि अगर विश्वविद्यालय ने स्थिति नहीं सुधारी तो क्या डिग्री कागज का टुकड़ा बन जाएगी? यूजीसी ने साफ कहा है—पारदर्शिता से समझौता नहीं, वरना मान्यता पर भी कैंची चल सकती है।


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