मंगलवार, 30 सितंबर 2025

हीरा ढाबे में आर्मी जवान पर बर्बर हमला , कटनी पुलिस की लापरवाही सवालों के घेरे में, रातभर भटकता रहा FIR करवाने आर्मी जवान


कटनी।
छुट्टी पर अपने घर आए भारतीय सेना के जवान शरद तिवारी और उनके दोस्तों के साथ रविवार रात को हुई घटना ने न केवल जवान की सुरक्षा को चुनौती दी है बल्कि पुलिस की गंभीर लापरवाही को भी उजागर कर दिया है। जवान और उसके मित्र झिंझरी स्थित हीरा ढाबा में खाना खाने पहुंचे थे, जहां पहले से मौजूद 25-30 असामाजिक तत्व शराब के नशे में बर्थडे मना रहे थे। बिना किसी कारण के उन्होंने जवान और उसके दोस्तों के साथ बदसलूकी शुरू कर दी। हाथ में चाकू लहराते हुए इन सामाजिक तत्वों ने मारपीट की, जवान का आईडी कार्ड और पैसे छीने, और गाड़ियों में तोड़फोड़ की। घटना का सीसीटीवी वीडियो भी उपलब्ध है, जो उनके निर्दय हाव-भाव को पूरी तरह दिखाता है।

सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि पीड़ितों ने जब झिंझरी पुलिस चौकी मदद के लिए पहुँचे, तो ताला लगा मिला और कोई पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था। इसके बाद माधवनगर थाना में भी उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। सोमवार सुबह जाकर ही पुलिस ने मामूली धाराओं में FIR दर्ज की। ऐसा लगता है जैसे जवान की सुरक्षा और कानून की रक्षा पुलिस के लिए मामूली मसला हो।


पल्ला झाड़ने की कोशिश

 अब जिम्मेदार कह रहे "डॉक्टरों की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी"। लेकिन इस बात का जवाब नही है कि रात में चौकी पर ताला क्यो था और FIR क्यो नही हुई। पुलिस की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने जैसा प्रतीत होता है। सवाल यह उठता है कि जब घटना सीसीटीवी और प्रत्यक्षदर्शियों के सामने है, तब भी पुलिस ने गंभीर धाराओं में मामला क्यों नहीं दर्ज किया?


पुलिस की उदासीनता और लापरवाही पर सवाल

इस पूरे मामले में न केवल जवान की सुरक्षा को खतरा है, बल्कि पुलिस की उदासीनता और लापरवाही पर भी सवाल खड़ा होता है। उच्च अधिकारियों को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए, दोषियों पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए और झिंझरी पुलिस की कार्रवाई की भी स्वतंत्र जांच होनी चाहिए। यह मामला किसी आम झगड़े का नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और कानून व्यवस्था की अनदेखी का प्रतीक है।

1 टिप्पणी:

  1. कटनी सैनिक संगठन को हस्तक्षेप करना चाहिए। वह खून कहो किस मतलब का बहती जिसमें रसधार नहीं।.....💪💪

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