कटनी। जनता की सुरक्षा और कानून की रक्षा का दम भरने वाली खाकी एक बार फिर कटघरे में खड़ी है। जिले की पुलिस पर जनता का भरोसा पहले से ही डगमगाया था, अब रही-सही साख भी गर्ग चौक पर घटी घटना ने मिट्टी में मिला दी।
सोमवार-मंगलवार दरमियानी रात को जब पुलिस अधीक्षक अपने पूरे लाव-लश्कर के साथ नवरात्र पर शहर का जायजा ले रहे थे, तभी गर्ग चौक पर बंद शराब दुकान का शटर के नीचे भीतर से खुलेआम बिक्री की जा रही थी। ग्राहक आराम से खरीद रहे थे, कारोबारी बेखौफ कारोबार कर रहा था सामने ही दुकान के दूसरी ओर पुलिसकर्मी खड़े मानो तमाशा देख रहे हों।
यह दृश्य सिर्फ अवैध तरीके से शराब बिक्री का नहीं, बल्कि पुलिस और माफिया की साठगांठ का जीवंत सबूत है। कप्तान की मौजूदगी में अगर माफिया इतने बेपरवाह ढंग से धंधा कर सकता है, तो साफ है कि स्थानीय स्तर पर उसे संरक्षण हासिल है। वरना कौन कारोबारी इतना दुस्साहस करता कि जिले के सबसे बड़े पुलिस अधिकारी के सामने कानून की धज्जियां उड़ा दे?
वीडियो में दर्ज यह नज़ारा पुलिस की छवि को गहरा धक्का पहुंचाता है। सवाल यह है कि कप्तान के मातहत वाकई उनके नियंत्रण में हैं या बेलगाम हो चुके हैं? जनता जानना चाहती है कि जब खाकी की मौजूदगी में ही कानून बेबस नजर आए, तो आम आदमी किससे उम्मीद रखे?
कटनी पुलिस को चाहिए कि इस कलंकित छवि से बाहर निकलने के लिए कठोर कार्रवाई करे, वरना खाकी की साख पूरी तरह से रसातल में समा जाएगी ।

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