सोमवार, 18 अगस्त 2025

कलयुगी पुत्र से परेशान पिता ने SP को लिखा पत्र, बोला – बेटे के अपराधों के लिए परिवार को न ठहराया जाए जिम्मेदार

कटनी। समाज में बेटा हमेशा परिवार की उम्मीद और सहारे का प्रतीक माना जाता है, लेकिन जब वही संतान गलत संगत में पड़कर अपराध की राह पकड़ ले तो वही परिवार के लिए सबसे बड़ा अभिशाप बन जाती है। कटनी के रोशननगर बड़ी मस्जिद के पास रहने वाले 51 वर्षीय गुलशेर अहमद का मामला इसका ज्वलंत उदाहरण है।

गुलशेर अहमद ने पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर साफ कहा है कि उनका पुत्र बाबू उर्फ शेख कासिम (19) घर-परिवार की बात नहीं मानता, हमेशा घर से बाहर रहता है और गलत लड़कों की संगत में पड़कर झगड़े-विवाद करता है। कभी-कभी वह घर में भी विवाद कर परिवार को परेशान करता है। पिता ने बताया कि नाबालिग अवस्था से ही उसे समझाने की कोशिश की गई, लेकिन उसकी आदतें सुधरने के बजाय और बिगड़ती गईं।
गुलशेर का कहना है कि वह मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। उनके दो बेटियां भी हैं—एक 21 वर्ष की और दूसरी 17 वर्ष की—जिनकी शादी की चिंता उन्हें है। लेकिन बेटे की हरकतों से समाज में बदनामी और भय का माहौल बना रहता है।

पत्र में गुलशेर ने स्पष्ट किया है कि वे अपने पुत्र बाबू उर्फ शेख कासिम को परिवार से बेदखल करते हैं। यदि वह आगे किसी विवाद, अपराध या गैरकानूनी गतिविधि में शामिल पाया जाता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी केवल उसी की होगी। उन्होंने गुहार लगाई है कि बेटे की हरकतों के लिए उन्हें और उनके परिवार को किसी भी प्रकार से परेशान न किया जाए।

यह मामला सिर्फ एक परिवार की परेशानी नहीं, बल्कि समाज की सोच पर भी सवाल खड़ा करता है। अक्सर अपराधी संतान की वजह से पूरा परिवार अपमान और आरोप झेलता है, जबकि वास्तविक जिम्मेदारी अपराध करने वाले व्यक्ति की होती है। गुलशेर का कदम एक सामाजिक संदेश है कि अपराधी को उसके परिवार से अलग देखा जाए और उसके अपराध की सजा उसी को दी जाए, परिवार को नहीं।

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