सोमवार, 25 अगस्त 2025

कटनी अपराध पर सामाजिक व व्यापारिक संगठनों का फूटा गुस्सा , मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन, बोले – पुलिस और राजनीतिक संरक्षण में पल रहा अपराधियों का गैंग

कटनी। शहर में लगातार बढ़ रहे अपराध और माधवनगर क्षेत्र में सट्टा, अवैध उत्खनन व नशे के कारोबार को लेकर सामाजिक एवं व्यापारिक संगठनों का गुस्सा फूट पड़ा। कटनी प्रवास के दौरान इन संगठनों ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि अपराधियों को नेताओं और पूर्व पुलिस अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है, जिसके चलते अपराधियों में कानून का खौफ खत्म हो गया है।

ज्ञापन सौंपने वालों में मुक्तिधाम विकास समिति, माधवनगर उद्योग संघ, झूलेलाल सेवा मंडल, पूज्य सिंधी सेंट्रल पंचायत और माधवनगर व्यापारी संघ सहित कई संगठन शामिल रहे। इन संगठनों ने मुख्यमंत्री को बताया कि पिछले छह माह से कटनी शहर अपराधों की गिरफ्त में है। महिलाओं के साथ अत्याचार, चाकूबाजी, हत्या, लूट, अवैध शराब-गांजा की बिक्री और ऑनलाइन सट्टे का कारोबार आम नागरिकों के लिए मुसीबत बन गया है।

व्यापारी पहले भी कर चुके विरोध

व्यापारियों ने बताया कि चार माह पहले अपराधियों के आतंक से माधवनगर बाजार बंद कर विरोध दर्ज कराया गया था। उस समय 1000 से अधिक व्यापारी सड़क पर उतरे थे और तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अभिजीत कुमार रंजन को मौके पर बुलाकर समस्याओं से अवगत कराया गया था, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

ज्ञापन में लगाए गए आरोप

  • माधवनगर क्षेत्र अवैध बाक्साइट-मुरुम उत्खनन का गढ़ बन चुका है, जहां रातभर पोकलेन व हाईवा से उत्खनन होता है।
  • दुबई से संचालित ऑनलाइन क्रिकेट सट्टा का प्रमुख केंद्र भी माधवनगर ही बन गया है।
  • अपराधी अपने गैंग में महिलाओं और नाबालिग युवाओं को शामिल कर हथियार चलाने का प्रशिक्षण दे रहे हैं।
  • शहर के खाली प्लॉटों पर कब्जा, खुलेआम कट्टा-तलवार लहराना और गली-मोहल्लों में नशे की खुलेआम बिक्री आम हो गई है।

विधायक भी उठा चुके सवाल

पूर्व पुलिस अधीक्षक अभिजीत कुमार रंजन के कार्यकाल से ही अपराध बढ़ने पर न केवल व्यापारी बल्कि विधायक संदीप जायसवाल सहित कई भाजपा नेताओं ने भी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए आए है। जिसके कुछ दिनों बाद ही बढ़ते विवाद के बाद रंजन का तबादला मुख्यालय कर दिया गया था, मगर हालात आज भी जस के तस बने हुए हैं।

संगठनों ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि कटनी शहर को अपराधियों के कब्जे से मुक्त कराने के लिए राजनीतिक संरक्षण प्राप्त गिरोहों पर कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि नागरिकों और व्यापारियों में सुरक्षा की भावना बहाल हो सके।

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